ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अर्जुन है. मैं 21 साल का हू, और कॉलेज में पढ़ता हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और जिम जाके मैने बॉडी अची बनाई हुई है. मेरा लंड 6.5 इंचस का है. ये कहानी मेरी और मेरी पुरानी स्कूल टीचर की चुदाई की है, जो पिछले महीने हुई. तो चलिए शुरू करते है.
जब मैं 12त में था, तो मैं कॉमर्स स्ट्रीम में थे. हमारी बिज़्नेस स्टडीस की मेडम का नाम निधि था. ओह निधि मेडम! आज भी याद करता हू तो लंड खड़ा हो जाता है. निधि मेडम बहुत सेक्सी थी, और क्लास के सब लड़के उन पर मरते थे.
उनकी हाइट 5’6″ थी, और फिगर 36-30-38 होगा. उनके हेवी बूब्स और गांद की वजह से हर लड़का रात को उनको इमॅजिन करके मूठ मारता था. वो अभी अनमॅरीड थी. उनको आचे से पढ़ना नही आता था, लेकिन उनकी ह्टनेस की वजह से कोई लड़का उनके अगेन्स्ट नही जाता था. मेडम का रंग तोड़ा सावला था, जो उन्हे और भी सेक्सी बनता था.
अगर आपको मैं पर्फेक्ट एग्ज़ॅंपल डू, तो आप बिपाशा बसु को इमॅजिन कर लीजिए. मैने भी उनके बारे में सोच कर बहुत मूठ मारी. क्लास में हमारा ध्यान स्टडी पर कम, और उनकी सेक्सी क्लीवेज पर ज़्यादा होता था. लेकिन मैं एक स्टूडेंट था, और मैं उनको अपनी फीलिंग्स बता नही सकता था.
फिर स्कूल ख़तम हो गया, और धीरे-धीरे निधि मेडम दिमाग़ से निकल गयी. कॉलेज में बहुत सारी सेक्सी लड़कियाँ मिली, जिनके बारे में इमॅजिन करके मूठ मार सकते थे. लेकिन कहते है ना जो छूट आपकी किस्मत में लिखी होती है, वो आपको मिल ही जाती है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ.
मैं पिछले महीने अपने पेरेंट्स के साथ एक शादी पर गया. मम्मी-पापा जाके उन लोगों से मिलने स्टेज पर गये, और मैं इधर-उधर घूम रहा था. मैं लड़कियाँ ताड़ रहा था, की तभी मेरी नज़र एक साइड पर खड़ी एक लड़की पर गयी. मैं देख कर हैरान हो गया, क्यूंकी वो लड़की और कोई नही, बल्कि निधि मेडम थी.
उनको देखते ही मेरी रूह खुश हो गयी, और मेरे मूह में पानी आ गया. मेडम ने लहंगा चोली पहना हुआ था, और उनके फिगर पर वो कितना सेक्सी लग रहा था ये आप खुद हो इमॅजिन कर लीजिए. उनका लहंगा-चोली पिंक कलर का था.
उनकी चोली में से उनकी डीप क्लीवेज नज़र आ रही थी, जिसमे कोई भी लड़का डूब जाना चाहेगा. चोली और लहँगे के बीच में उनकी कमर थी, जो बिल्कुल फिट थी. उनकी सेक्सी नाभि देख कर उसको चाटने का मॅन कर रहा था. लहँगे में उनकी उभरी हुई गांद लड़कों लंड को दावत दे रही थी. फिर मैं उनके पास गया, और बोला-
मैं: गुड ईव्निंग माँ.
निधि माँ: अर्जुन, इस तट योउ? बहुत हॅंडसम लग रहे हो तुम.
मैं: आप भी हमेशा की तरह बहुत ब्यूटिफुल लग रहे हो माँ.
निधि माँ: थॅंक्स अर्जुन. और, क्या कर रहे हो आज कल?
मैं: वही कॉलेज, फाइनल एअर.
निधि माँ: गुड.
मैं: माँ आप यहा अकेले खड़े हो. कोई साथ नही आया आपके?
निधि माँ: पेरेंट्स आए है. वो स्टेज पर गये है, तो मैने सोचा मैं यही रुक जौ. उपर जाके मैं क्या करूँगी.
मैं: मैं भी यही सोच के नीचे रुका हू. मेरे मम्मी-डॅडी भी स्टेज पर ही गये है.
निधि माँ: ओक.
मैं: माँ आपने शादी नही की अभी तक?
निधि माँ: तुम्हे नही पता?
मैं: क्या माँ?
निधि माँ: मैने शादी की थी, लेकिन 3 मंत्स के बाद डाइवोर्स हो गया.
मैं: ओह, ई आम सो सॉरी तो हियर तट. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है?
निधि माँ: क्या?
मैं: आपका डाइवोर्स कैसे हो सकता है?
निधि माँ: मतलब?
मैं: मतलब आप जैसी इतनी खूबसूरत लड़की के लिए तो कोई भी जान देदे. ये डाइवोर्स देने वाला कों पैदा हो गया?
निधि माँ: क्या तुम, कुछ भी बोल रहे हो.
मैं: अर्रे नही माँ. कुछ भी नही बोल रहा. मैं एक लड़का हू, और मुझसे पूछिए आप हम लड़कों में कितनी फेमस थी स्कूल टाइम में. हर लड़का आपके बारे में सोच कर…
और मैं यही पर रुक गया. मैने सोचा की मैं एग्ज़ाइट्मेंट में कुछ ज़्यादा बोल गया. फिर मैने माँ के फेस की तरफ देखा. माँ स्माइल करते हुए मुझे ही देख रही थी. फिर वो बोली-
निधि माँ: चुप क्यूँ हो गये? आयेज बोलो ना. मुझे इमॅजिन करके क्या?
मैं: कुछ नही, मतलब आपको पसंद करते थे.
निधि माँ: मैं जानती हू क्या करते थे. सब पता है मुझे.
मैं: रियली माँ.
निधि माँ: ह्म.
मैं: तो आपका डाइवोर्स कैसे हो गया.
निधि माँ: आक्च्युयली वो लड़का इंपोटेंट था.
मैं: श. तभी मैं सोचु, की डाइवोर्स देने वाला तो कोई पागल ही हो सकता है.
निधि माँ: अछा तूने कहा की लड़के मुझे इमॅजिन करके… क्या तुम भी करते थे (उन्होने क्यूरीयासिटी से पूछा)?
मैं: माँ आप हो ही इतनी हॉट, की मेरा खुद पे कंट्रोल ही नही रहता था.
निधि माँ: मैं तुझे हॉट लगती हू?
मैं: बहुत माँ.
निधि माँ: क्या अछा लगता है मुझमे?
मैं: सब कुछ माँ. उपर से लेके नीचे तक आपकी हर एक चीज़ अची लगती है.
निधि माँ: फिर भी, क्या अछा लगता है?
मैने माँ की आँखों में आँखें डाल कर देखा, तो उनकी आँखों में मुझे कामुकता दिखी. फिर मैने कहा-
मैं: माँ आप बुरा तो नही मानेंगी ना?
निधि माँ: मैं अब तेरी माँ नही हू. अब हम दोस्त है.
मैं: मुझे आपकी आँखें और हस्सी बहुत अची लगती है. आपकी क्लीवेज बहुत सेक्सी है, इसको देखते ही…
मैं फिर रुक गया.
निधि माँ: इसको देखते ही क्या?
मैं: इसको देखते ही (मैने अपने खड़े हुए लंड की तरफ देखते हुए कहा) ये हो जाता है.
वो शर्मा गयी और बोली: और क्या अछा लगता है?
मैं: आपकी चोली में जो आपने च्छुपाया है, मुझे वो बहुत आचे लगते है. आपकी कमर देख कर दिल करता है…
निधि माँ: क्या दिल करता है?
मैं (मैने उनसे नज़रे मिला कर कहा): दिल करता है की इसमे मूह डाल लू, और आचे से चातु. फिर आपका लहंगा उतार डू, और आपको वो सारा मज़ा डू, जो एक मर्द एक औरत को दे सकता है.
अब निधि माँ मेरी तरफ देख रही थी. उनके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था. तभी उन्होने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे खींच कर कही ले-जाने लगी. मैं बहुत दर्र गया.
वो मुझे कहा लेके गयी, और इसके आयेज क्या हुआ वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे.