सेक्सी मम्मी निकली रांड़

मम्मी सेक्स कहानी के अगले पार्ट की तरफ आपको ले चलते है-

मम्मी मुझे बड़ी कातिल नज़र से देख रही थी. मेरी मम्मी को देख कर लग रहा था, की वो अब चूड़ने को तड़प रही थी. मैने उनके लिप्स पर लिप्स रख दिए, और स्मूच करने लगा. मम्मी आज कुछ ज़्यादा ही अछा रेस्पॉन्स दे रही थी. और मैने भी पहले से सेक्स में पवर रहे इसलिए वियाग्रा की गोली खा ली थी.

मैं: क्या बात है मुम्मा. आज कुछ ज़्यादा ही हॉर्नी हो गये हो?

मम्मी: तुमने मेरे सारे पुराने यारों की याद दिला दी. कितनी चुदाई होती थी मेरी.

मैं: तो आज ना आपके सारे यारों की कमी मुझे पूरी करनी पड़ेगी.

मम्मी (अंडरवेर के उपर से मेरा लंड मसल कर): आज तेरा लोड्‍ा कुछ ज़्यादा बड़ा लग रहा है. सेक्स की गोली खाया है क्या?

मैं: आपको कैसे पता चला?

मम्मी (हेस्ट हुए): तेरी मम्मी को तेरे पापा ने नही छोड़ा, उतना तो बाहर के लोगों ने छोड़ा है. मुझे तो ठीक से याद भी नही है मैं कितनो से चुड चुकी हू.

मैं: श, सच में मुम्मा?

मम्मी: हा बेटा. मैं और तेरी सुधा मौसी बहुत लोगों से चुड चुकी है. हम दोनो इतनी प्यासी थी, की जब छुड़वाने जाती तो कौन छोड़ता उससे हमे फराक नही पद रहा था. बस हम दोनो की खुजली मिटने से मतलब था.

मैं ये सुन कर डांग रह गया, की मेरी मम्मी उसके टाइम की बहुत बड़ी रंडी थी. उसको खुद पता नही था उसकी छूट ने कितने लंड खाए थे. मैने मम्मी के होंठो को और ज़ोर से चूसना चालू कर दिया. मैं साथ में उनके गले और कान तो भी चाट रहा था. मैने उनकी ब्रा की स्ट्रॅप को शोल्डर से उतार दिया, और उनका एक बूब्स मूह में लेकर चूसने लगा. मैं उनकी बॉडी पर किस करते हुए बातें कर रहा था.

मैं: वाउ मुम्मा. तो आपने एक साथ 2 लंड भी लिए होगे ना?

मम्मी: नही. मैं और सुधा गेस्ट हाउस जाते तो हम अलग-अलग कमरे में होते. एक-एक करके हमारे यार हमे छोड़ कर जाते. कभी-कभी तो मैं शकल भी नही देखती थी. सीधा छूट में लोड्‍ा ले लेती थी.

मैं: एक ही टाइम पर ऐसे कितने लोगों से चूड़ी हो?

मम्मी: कभी गिने नही, पर एक बार कुछ 6-7 लड़कों ने छोड़ा था. मेरी 3 घंटे लगातार चुदाई हुई थी. बहुत मज़ा आया था उस दिन.

मैं: वाउ, सो इंट्रेस्टिंग.

मैने मम्मी की पनटी और ब्रा निकाल कर नंगा कर दिया, और उनको सोफा पर लिटा कर घुटनो पर बैठ कर उनकी छूट चाटने लगा.

मम्मी: ह्म अभी. तेरे जैसा मज़ा आज तक किसी ने नही दिया. तुम ओरल सेक्स के मास्टर हो. तेरे से बिना चुड़े ही सॅटिस्फाइ हो जाती हू.

मेरी मम्मी की छूट बहुत मस्त है. एक-दूं मक्खन की तरह. जितनी भी चाट लो पर मॅन ना भरे. उसको छोड़ने में भी बहुत मज़ा आता है. मम्मी मेरे बालों पर हाथ घुमा रही थी. मैने अब उनको घोड़ी बना दिया, और पीछे से जो सेक्सी नज़ारा दिखता है, वो देख कर उनकी छूट चाटने लगा.

आज मैने उनकी गांद में भी जीभ लगा दिया था. और जीभ के टॉप पॉइंट से गांद का च्छेद चाट रहा था. मैं उस दिन पहली बार किसी औरत की गांद चाट रहा था. बहुत गंदा फील हो रहा था, पर करने में भी मज़ा आ रहा था.

मम्मी: बेटा क्या कर रहा है? ये गंदी चीज़ है, उस पर मूह नही लगते, और तुम चाट रहे हो.

मैं: वो सब छ्चोढो. आपको मज़ा आ रहा है के नही वो बताओ?

मम्मी: ह्म, आ, बहुत मज़ा आ रहा है. पहली बार कोई मेरी गांद चाट रहा है. तुम पहले हो जो मेरी गांद के साथ खेल रहे हो.

मैं: आपके इतने यार थे तो किसी ने आपकी गांद मारने की ज़िद नही की?

मम्मी: सुधा गांद मरवती थी. मैने तो बोला हुआ था की पीछे के अलावा कहीं भी लोड्‍ा घुसा सकते हो.

मैं: आप दोनो पैसे भी लेती थी क्या?

मम्मी (तोड़ा गुस्सा करके): हम रंडियन थोड़ी थी. ये सब तो हमारे यार थे.

मैं: फिर तो आपके कॉलेज में सब को पता होगा ना, की आप बहुत सारो से चूड़ी थी?

मम्मी: नही बेटा. ये सब तो हमारे दूसरे दोस्त थे. कलाज और घर के पास तो सब को हम बहुत शरीफ लग रही थी.

मैने मम्मी की गांद में एक उंगली घुसा दी. मम्मी की हल्की आ निकल गयी. मैं अब उंगली अंदर-बाहर कर रहा था. मम्मी की गांद बहुत टाइट थी. वो दर्द से तड़प रही थी.

मम्मी: प्लीज़ निकाल बेटा, दर्द होता है.

मैं: कहाँ दर्द होता है? अभी तो एक उंगली डाली है. अभी तो मेरा पूरा लंड जाएगा.

मम्मी (दर्द से): नही बेटा. मैने कभी गांद नही मरवाई. ये नही हो सकता.

मैं: आज तो आपकी गांद मार कर रहूँगा. आपके सारे च्छेद सब छोड़ चुके है. बस एक यही बचा है सील पॅक.

मम्मी (गुस्से में): एक बार ना बोला ना. कहीं भी छोड़ ले, गांद को भूल जेया.

मैं: आपकी गांद मेरा रिटर्न गिफ्ट है. अब आप माना नही कर सकते.

मम्मी (डरते हुए): ये नही हो सकता. तुम कुछ और चीज़ माँग लो.

मैं: आपने वादा किया था आप मुझे माना नही करेंगे. तो अब मुझे आपकी गांद लेनी है.

बहुत नखरे करने के बाद मम्मी बोली: ठीक है बेटा. लेकिन तोड़ा संभाल कर. पहली बार का है.

मैं तो ये सुन कर बहुत ज़्यादा खुश हो गया. मैने उनको सीधा किया और उनके लिप्स चूसने लगा. साथ में मैं उनके बूब्स को पकड़ कर निपल चूस रहा था. मम्मी मेरे लून को पकड़ कर आयेज-पीछे कर रही थी. मेरे लंड के उपर वियाग्रा का असर हो गया था. मुझे वहाँ दर्द होने लगा.

मम्मी मेरे कड़क लंड को देख कर मुस्कुरा रही थी. हम दोनो चुदाई की आग में जल रहे थे. अब मम्मी ने मुझे सोफा पर बिता दिया, और मेरे दोनो पैरो के बीच बैठ गयी.

मम्मी: तेरा लंड तो आज मेरी सारी गर्मी निकाल देगा. कितना सख़्त हो गया है. लंड है की लोहा समझ नही आ रहा (मम्मी मेरा लंड चूसने लगी).

मैं: वाह मम्मी, क्या लंड चूस्टी हो आप. आपने तो जिनके लंड चूज़ होंगे, सब आपको बहुत मिस करते होंगे.

मम्मी (लंड निकाल कर): मुझे छोड़ने वाले सब पहले मुझसे लंड चुस्वते, बाद में मेरी चुदाई करते थे.

मैं: क्या बात है. आपको छोड़ने के टाइम गालियाँ देते थे क्या?

मम्मी: मुझे कोई-कोई गालियाँ देते थे. मुझे गाली सुन कर चूड़ने में बहुत मज़ा आता था. तेरे अमित मौसा तो जब अकेले में होते तो मुझे रंडी ही कहते थे. वो हमेशा कहते के भावना तू मेरी छिनाल है, रंडी है तू मेरी. और ये सुन कर मैं बहुत खुश होती थी.

मैं: ओह मुम्मा. मैं तो आपको कितनी भोली समझ रहा था. आप तो रंडी निकली (मम्मी हेस्ट हुए मेरा लंड चूस रही थी).

मम्मी: तू भी इस रंडी का बेटा है. और तू भी मेरे जैसा है.

मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया, पर वो बोल भी सच रही थी. मेरी मम्मी ने ना-जाने किस-किस के लंड लिए थे. और मैने भी कितनी औरतों और लड़कियों को छोड़ा था. अब मैं मम्मी का मूह पकड़ कर छोड़ने लगा. आज मुझे वो मेरी मॅमी नही पर एक सड़क छाप रंडी लग रही थी. मम्मी की सकचाई ने मुझे अंदर से हिला डाला था. मैं भी उसका मूह बुरी तरह से छोड़ने लगा. वो भी मज़े से लंड चूस रही थी. अब मैने उसको सीधा किया, और छूट में लंड घुसा दिया.

मम्मी: अर्रे बेटा धीरे से. ऐसे अचानक से लंड घुसा देता है तो दर्द होता है.

मैं: मम्मी आज आपकी बहुत तगड़ी चुदाई करनी है. और बर्तडे का रिटर्न गिफ्ट भी पुर मज़े से लूँगा.

मम्मी: हा तो आज तो तेरे लिए कुछ भी करूँगी बेटा. तू मेरा प्यारा बेटा है. तेरी लिए नही करूँगी, तो किसी और के लिए करूँगी.

मैं अब मम्मी के उपर चढ़ कर उनको छोड़ने लगा. उनकी छूट की गर्माहट मुझे बहुत पसंद है. मम्मी अब बहुत ही सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी. पता नही उनको इतना मज़ा आता था, या वो सामने वाले को ऐसी आवाज़ निकाल कर उकसा रही थी.

मम्मी: ह्म… आह. बेटा आज तुम्हे एक नयी पोज़िशन सिखाती हू. चल बैठ जेया.

मैने लंड बाहर निकाला, और सोफा पर बैठ गया. वो मेरे आयेज उनकी बॅक करके मेरे लंड पर बैठ गयी. ये पोज़िशन मैने पॉर्न में बहुत देखी थी, पर कभी किसी के साथ मौका नही मिला था, की उसको सोफा पर ऐसे छोड़ू. मम्मी मेरी विश पूरी कर रही थी. वो अब छूट में लंड लेकर उछालने लगी. मम्मी को चुदाई का काफ़ी एक्सपीरियेन्स था, वो मुझे पता चल गया था. वो ऐसे ही कुछ 4-5 मिनिट तक मेरे लंड पर उछालती रही. अब वो सीधी हो कर मेरी साइड मूह करके मेरे लंड पर बैठ गयी.

मम्मी मुझे किस भी कर रही थी, और साथ में मैं उनके बूब्स भी चूस रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी मम्मी किसी पोर्नस्तर से कम नही है. वो पर्फेक्ट सेक्स पार्ट्नर है. मैं बहुत लकी था की मुझे मेरी मम्मी मिलफ की तरह मिली थी. मम्मी ने उनके दोनो हाथ मेरे गले में फ़ससा दिए, और मुझे टाइट पकड़ लिया.

मम्मी:चल बेटा अब खड़ा हो जेया, और मेरी खड़े-खड़े चुदाई कर.

मैं जैसे ही खड़ा हुआ मम्मी ने दोनो पैर मेरी कमर में फ़ससा दिए. अब वो धीरे-धीरे मेरे लंड पर उछालने लगी. मैने तो कभी सपने में भी नही सोचा था, की मैं किसी को ऐसे छोड़ूँगा. मैं खुद अपनी स्ट्रेंत देख कर खुश हो गया.

मम्मी: ह्म.. आ.. बहुत बढ़िया बेटा. तुम सच में बहुत स्ट्रॉंग हो. तुमने तो मुझे मेरे एक यार की याद दिला दी. वो बहुत लंबा और चौड़ा था. वो मुझे खड़े-खड़े छोड़ता था. बहुत साल बाद ये सुख मिल रहा है.

मैं उनकी बातों से और जोश में आ गया. कुछ 2 मिनिट तक मैं उनको ऐसे ही छोड़ता रहा. फिर मैं थकने लगा, तो वो नीचे उतार गयी. अब मम्मी घुटनो पर बैठ गयी, और मेरा लंड चूसने लगी. वो मेरी बॉल्स से लेकर पूरा लंड एक बार में चाट रही थी. और उसको देख कर आयेज-पीछे कर रही थी, और बहुत मुस्कुरा रही थी.

मैं: मम्मी आप बहुत मस्त लंड चूस्टे हो. सब को ऐसे ही मज़ा देती थी क्या?

मम्मी (मेरे लंड पर किस करके): वो तो जिसका ऐसा सख़्त लंड होता था, उसको ही. मुझे सख़्त लंड बहुत पसंद है. इसके लिए तो किसी से भी चुड सकती हू.

मैं: . सच बताओ ना, आप अभी तक कितने लोगों से चूड़ी हो?

मम्मी (मेरी और बहुत कातिल नज़र से देख रही थी): तू जान कर क्या करेगा?

मैं: मुझे आपकी सेक्स . बहुत मस्त . है. आपने जो मज़ा किया है, वो सुन कर मेरे में और जोश बढ़ रहा है.

मम्मी: श ऐसा है? तेरी मम्मी की सकचाई सुन पाएगा?

मैं: हा अब तो आप पर और प्यार आ रहा है.

मम्मी: अभी मैने कभी गिनती नही की. पर होंगे कुछ 25-30 लोग.

मैं: श इतने सारी! आप तो बोल रहे थे कुछ 7-8.

मम्मी: बेटा मुझे दर था की कहीं तुम मेरी सकचाई जान कर मुझसे नफ़रत ना करो.

मैं: तो आपको और किस ने छोड़ा है?

मम्मी: तेरे मामा के बहुत से दोस्तों से चूड़ी हू. गाओं में भी जवान लड़कों से लेकर बुद्धो तक सब ने मेरी छूट का मज़ा लिया है. एक बात काहु बेटा?

मैं: हा अब बता ही दो.

मम्मी: मेरी चुदाई इतनी बढ़ गयी थी, की मेरा रिश्ता कहीं हो नही रहा था. इसीलिए इतनी डोर मेरा शादी की.

मैं आपको बता देता हू की मेरी मम्मी एंपी की है, और हम गुजरात से है. मेरे पापा के नसीब पर मुझे दुख हो रहा था. वो तो बेचारे जानते भी नही थे, की उन्होने जिससे शादी की थी, वो कितनी बड़ी चुड़क्कड़ औरत थी. अब जिसको पुर गाओं ने छोड़ा हो, उसको छोड़ने में क्या शरम?

मम्मी अब खड़ी हुई, और मुझे उसके पीछे आने का इशारा किया. मैं भी उनके पीछे चलने लगा. उनकी मटकती हुई गांद देख कर मेरा लंड काबू से बाहर हो गया. वो मेरे बेडरूम में चली गयी और बेड पर सो गयी.

मम्मी: आज तो जाम कर चुदाई का मज़ा लेना है. आज की चुदाई मेरे पुराने यारों के नाम.
तो बे कंटिन्यूड…

ही दोस्तो मैं आपका मूडछंगेरबोय, आपको मेरी लिखी अभी और उसकी मम्मी भावना की स्टोरी कैसी लग रही है, वो मुझे मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर मैल करे.

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