सेक्सी भाभी को लंड का स्वाद देने की कहानी

भाभी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की प्यासी भाभी दीपाली ने मुझे अपनी प्यास बुझाने बुलाया, और फिर हमारा रोमॅन्स शुरू हुआ. हमने एक-दूसरे को खूब चूसा. अब आयेज-

मैने अब अपना मूह उसके ब्लाउस के उपर ही दबा दिया, और दीपाली की काँप रही चेस्ट को चूमने लगा. दीपाली आँखें बंद करके मेरे बालों को सहला रही थी और सिसकियाँ ले रही थी.

दीपाली: उहह आह उ.

उसकी ये सिसकियाँ उसके बेटे तक पहुँच रही थी. उसके बेटे ने हमे चुम्मा-छाती करते हुए देख लिया था. मैं तो उसके बूब्स को ब्लाउस के उपर से चूमने में लगा था.

दीपाली की गरम नज़रें जिसमे काम वासना दिख रही थी, उन आँखों ने अपने बेटे को देख लिया. वो मेरी गोद में लंबी-लंबी साँसे लेते हुए सिसक रही थी. मैं उसे चूमने में लगा था. तभी उसने अपने बेटे से कहा-

दीपाली: कारण बेटा उधर देखो. वरना डॉक्टर अंकल इंजेक्षन लगा देंगे.

कारण: आप ऐसे दर्द में क्यूँ देख रही हो?

दीपाली: वो अंकल ना मेरा इलाज कर रहे है. उसकी वजह से ट्रीटमेंट में दर्द होता है. तू उधर देख चल.

फिर उसका बेटा चुप हो गया. दीपाली मुझे चूमे जेया रही थी. और इस बार वो मेरे कान में हल्के से बोली-

दीपाली: उहह मुझे ऐसे बैठने में दिक्कत हो रही है. बेड पर चलो ना आप, वहाँ सब कर लेना.

मैं: रुक ना मेरी जान. तुझे मैं नंगी करके ले जौंगा.

दीपाली शर्मा के चुप हो गयी. और उसने अपना मूह मेरे कंडे पर रख दिया. 10 मिनिट और चूमने के बाद मैने उसे नीचे उतरा. अब मैने उसका ब्लाउस उतार फेंका. दोस्तों दीपाली ने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी. तभी मैने कहा-

मैं: मेरी जान. अब तू भी मेरे शर्ट निकाल ना. अपने इस नये पति की सेवा नही करेगी?

दीपाली: मुझसे नही होगा. आप ही करो जो करना है. मुझे तो शरम आती है.

इतना कह कर उसने अपना मूह नीचे कर लिया. दीपाली मेरे सामने सारी पहने हुए खड़ी थी. मैने अब अपनी शर्ट झट से निकाल दी. मैं उसके सामने उपर से नंगा था. अपना हाथ उसकी कमर में डाल कर उसे अपनी चेस्ट से चिपका दिया. उसके छ्होटे बूब्स मुझसे चिपक गये.

मैने अब ज़्यादा देर ना करते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी, जिससे उसके नरम बूब्स आज़ाद हो गये. बूब्स छ्होटे और उसके निपल ब्राउन थे. मैने कहा-

मैं: बेबी इसमे अभी भी दूध आता है क्या?

दीपाली: मेरा बेटा तो पीटा है. आप भी देख लो आता है या नही.

मैने अब उसे दीवार से चिपकाया और उसके छ्होटे निपल्स पर टूट पड़ा. एक बूब को पूरा मूह में लेके चूसने लगा, और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा. दीपाली की सिसकियाँ ज़ोर से निकालने लगी.

दीपाली: ऑश आह मा प्लीज़ धीरे आह.

मैं: साली आज तेरे ये बूब्स बड़े कर दूँगा. और तेरे बूब्स का सारा दूध निचोढ़ दूँगा.

वो चुप-छाप सिसकियाँ लेने लगी. उसका बेटा मोबाइल में बिज़ी था. बेटे को पता था मॅमी का इलाज चल रहा था. मैं दीपाली के दोनो बूब्स बारी-बारी से चूसने लगा. थोड़ी देर में ही निपल्स से दूध निकालने लगा. मैं झट से पूरा बूब मूह में लेके दूध पीने लगा.

मैं: स्लॉप स्लॉप स्लॉप उम्म्म बेबी.

दीपाली: आह बाबा उहह श.

मैं तो उसके बूब्स से निकल रहे गाढ़े दूध को पीने में लगा हुआ था. जैसे काउ का दूध उसके तान्न खींच-खींच कर निकालते है. वैसे ही मैं भी दीपाली के निपल्स को खींच के दूध निकाल रहा था. उसके बूब्स और निपल्स मेरे दांतो के निशान से लाल हो गये थे.

मैने लगभग 20 मिनिट्स तक खड़े-खड़े उसके बूब्स को निचोढ़ कर दूध पिया. उसकी गरम और दर्द भारी सिसकियाँ पुर रूम में गूँज रही थी. उसका बेटा उसकी आवाज़ सुन कर तोड़ा दर्र भी रहा था. दीपाली दर्द में मुझसे बोली-

दीपाली: उहह सुनो ना. शायद कारण को दर्र लग रहा है.

मैं: साली तू इतना ज़ोर-ज़ोर से क्यूँ चिल्ला रही है?

दीपाली: आपकी वजह से. आप इतना ज़ोर से दूध पी रहे थे. मेरी तो दर्द से हालत खराब हो गयी थी. अब भी मेरे बूब्स दर्द कर रहे है. आपने सारा दूध ख़तम कर दिया.

अब बेटे को कैसे शांत करू? वो परेशन हो रहा है.

मैं: एक काम कर टीवी चालू कर दे. और उसकी आवाज़ बढ़ा देना. जिससे तेरी सिसकियाँ उसे सुनाई नही देंगी.

दीपाली: मैं ऐसे आधी नंगी उसके सामने कैसे जौ? मुझे तो शरम आ रही है.

मैं: अर्रे मेरे जान. अपनी सारी के पल्लू से दूध धक ले और बेटे को शांत कर. मैं टीवी चालू करता हू.

मैं भी आधा नंगा ही था. लेकिन वो अभी बच्चा था, तो उससे कुछ समझ नही आया. मैने झट से टीवी चालू कर दिया, और उसमे बच्चे के लिए कार्टून चालू कर दिए. आवाज़ भी तेज़ कर दी, जिससे वो हमारी बातें ना सुने.

दीपाली ने उसे टीवी के सामने चेर पर बिता दिया, और उसे सब समझा दिया. उसका बेटा उसकी हा में हा मिला रहा था. मैं समझ गया की अब वो ठीक था. लेकिन सारी के पल्लू में उसके बूब्स देख कर मुझे मज़ा आ रहा था.

मैने उसे इशारे में उसके बूब्स की तरफ देख कर एक आँख मार दी. इससे दीपाली शर्मा के स्माइल करते हुए अपनी गर्दन नीचे कर ली. दीपाली की आँखों में सेक्स की भूख नज़र आ रही थी. उसे अब चूड़ना था, लेकिन शरम से कुछ कह नही रही थी. वो मेरे फोरप्ले से बहुत गरम हो गयी थी. अब वो वहाँ से मेरे पास आई.

मैने झट से उसे गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया. दीपाली शरमाते हुए अपनी आँखें बंद करने लगी. मैने उसकी सारी का पल्लू हटा दिया. जिससे उसके लाल दाग लगे बूब्स आज़ाद हो गये.

फिर मैं दीपाली की नेवेल को चूमने लगा, जिससे वो अपनी कमर को उपर-नीचे कर रही थी. मैने देखा की उसका पेट गरम हो रहा था. उसका पूरा बदन सेक्स की आग में ताप रहा था. मैं तो उसकी नाभि को ज़ुबान से चाट रहा था.

दीपाली: ष्ह आह उहह मा.

मैं नाभि से लेके उसके गले तक ज़ुबान से चाटने लगा. उसका गोरा बदन और मेरी गरम ज़ुबान से उसे और गीला कर रहा था. इससे वो गरम और काम वासना में सिसकियाँ लेने लगी.

दीपाली: ह्म उहह आह मा उहह एस हा ऑश याअ ऑश.

15 से 20 मिनिट मैने उसके बदन को चूम और चाट कर खूब गीला किया. दीपाली का पेट तो मैने चूस-चूस कर गीला कर दिया. अब मैने हल्के से उसकी सारी निकली. सारी निकालते ही दीपाली मेरे सामने रेड कॉटन की पनटी में थी. मैं उसकी तरफ देखने लगा क्यूंकी पनटी पूरी गीली हो चुकी थी. मैने कहा-

मैं: वाह मेरे रानी. तूने तो अभी से पनटी गीली कर दी.

उसने मेरी बात सुनते ही शर्मा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया. फिर आँखें बंद करके मुस्कुराने लगी. मैं अब उसकी टाँगें डोर करने लगा. उसने अपने पैरों को कस्स लिया. मैने झट से दोनो पैर डोर किए. इससे पनटी की रब्बर कमर के साथ फैल गयी. फिर मैने झट से अब अपना मूह छूट में लगा दिया. पनटी के उपर से ही मैने छूट को चाटना शुरू कर दिया. दोस्तों मेरी ज़ुबान लगते ही दीपाली बेड पर ज़ोर-ज़ोर से सिसकियों के साथ मचल रही थी.

दीपाली: उहह आह आ उहह ऑश उफ़फ्फ़ बाबा श मॅर गयी.

मैं बिना रुके छूट के रस्स को चाटने लगा. 10 मिनिट तक छूट को ऐसे चाटने के बाद मैने एक-दूं से पनटी निकाल दी, और अब दीपाली बेड पर पूरी तरह से नंगी थी.

मैने उसकी दोनो टाँगें चौड़ी की, और क्लीन शेव्ड छूट में मूह दबा दिया. दीपाली ने एक हाथ मेरे सिर पर रखा, और मेरे मूह छूट में दबाने लगी. वो भी सेक्स की आग में जल रही थी. उसकी छूट मेरी ज़ुबान लगते ही झड़ने लगी थी.

छूट से काम रस्स बह रहा था. मैं ज़ुबान घुमा-घुमा कर छूट से सारा रस्स पीने लगा. छूट के छ्होटे से च्छेद में अपनी ज़ुबान दबाने लगा, और दोनो हाथ से बूब्स भी दबा रहा था. दीपाली की हालत मछली की तरह हो रही थी.

वो कभी मेरा मूह छूट में दबाती तो कभी एक हाथ से बेडशीट को खींच लेती. उसकी गरम दर्द भारी आवाज़ मुझे सुनाई दे रही थी. मैं छूट के दाने को मूह में लेके चूस रहा था. दीपाली तो छूट का रस्स बहाने में लगी थी.

अगर टीवी बंद होती तो उसका बेटा आज अपनी मा की गरम आवाज़ सुन कर दर्र जाता. उसका बेटा कार्टून देखने में बिज़ी था, और हम दोनो बदन की आग बुझाने में लगे थे. मैं उसकी नाज़ुक छूट में उंगली डालने लगा, और दाने को चूमने लगा. दीपाली उछाल पड़ी और दर्द से चीखने लगे. मैने उसकी छूट का रस्स 20 मिनिट तक खूब चूसा. अब मैं उठा और उसे बोला-

मैं: बेबी अब तेरी बारी है मेरे लंड को प्यार करने की.

दीपाली फिर से शरमाने लगी और बोली-

दीपाली: नही मुझसे नही होगा. मैने पहले कभी नही लिया है.

उससे बात करते हुए और उसके होंठो को चूस्टे हुए मैने अपनी जीन्स उतार दी. साथ में अपनी अंडरवेर भी निकाल दी. मैं भी अब उसके सामने पूरा नंगा हो गया था. मेरा 7 इंच लंड दीपाली को देख कर सलामी दे रहा था.

दीपाली मेरे लंड को देख कर चौंक गयी थी. उसकी आँखों में मुझे तोड़ा दर्र भी दिख रहा था. लेकिन अभी उसकी छूट गरम और पूरा बदन सेक्स की आग में ताप रहा था. जिस वजह से वो लंड को शरमाते हुए देखने लगी, और मुस्कुराने भी रही थी.

मैने उसे लंड चूसने का इशारा किया. तो वो हल्की स्माइल के साथ अपनी गर्दन ना में हिलने लगी. फिर मैं उसके होंठो के करीब गया, और उसके लिप्स चूस्टे हुए बोला-

मैं: बेबी क्या हुआ मेरे जान? ले ना मूह में यार. क्यूँ इतना दर्र रही है?

दीपिका: नही प्लीज़ मैने पहले कभी नही किया है. और आपका तो मेरे पति से बड़ा भी है.

मैं: कोई बात नही बेबी. जितना मूह में जाए उतना लेना. लेकिन एक बार ट्राइ तो कर. सेक्स का पूरा आनंद तो ले. तू इतना सब मेहनत करके मेरे पास आई है, और सेक्स का मज़ा भी नही ले रही.

साथ-साथ में मैं उसके बूब्स को हल्के से दबा भी रहा था. फिर उसके गालों को चूमने भी लगा था. दूसरी तरफ मैने उसका एक हाथ मेरे गरम लंड पर रख दिया. दीपाली ने शरमाते हुए मेरे लोड को पकड़ लिया.

उसका हाथ हल्का-हल्का काँप भी रहा था. तभी मैने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा, और लंड को हिलने लगा. उपर से उसके होंठो को चूमने भी लगा था, जिससे वो सिसकियाँ लेने लगी.

दीपाली: उम्म्म आह उः-हा.

मैं: बेबी तोड़ा मूह में लेके देखो ना. कुछ नही होगा, प्यार से करेंगे ना.

दीपाली ने अपनी गर्दन हल्के से हा में हिलाई. मैने उसे झट से उठाया, और मैं बेड पर लेट गया. दीपाली मेरे सामने लंड के पास आई. लंड 7 इंच का पूरा कड़क हो चुका था.

वो लंड देख कर शरमाने लगी. दोस्तों उसके खुले बाल नंगी कमर पर फैल रहे थे, और आधे बाल बूब्स पर आ रहे थे. दीपाली बालों की आध में मूह च्छूपा रही थी.

उसने अब अपना मूह लंड के टोपे के उपर रखा. लंड की गर्मी उसे फील हो रही थी. दीपिका ने अपनी ज़ुबान बाहर निकली और लंड के टोपे पर घूमने लगी. मेरे मूह से श निकल गयी. मैं अपने एक हाथ से उसकी नंगी गांद को मसल रहा था.

उधर उसका बेटा कार्टून देखने में बिज़ी था. शायद वो बीच-बीच में हमे देख भी रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था, लेकिन वो अभी बच्चा था. इसलिए उसे कुछ पता नही चल पा रहा था.

दीपाली ने लंड को ज़ुबान से उपर से नीचे तक खूब छाता. वो अपनी आँखें बंद करके एक हाथ से लंड को पकड़ कर पुर लंड को चाट रही थी. साथ में अब वो मेरी बॉल्स को भी सहला रही थी. मुझे गुदगुदी होने लगी थी.

दीपाली ने लंड 10 मिनिट तक खूब छाता था. अब उसने अपना मूह खोला और लंड को मूह में लेने लगी. उसके गरम और मुलायम मूह में लंड जेया रहा था. वो सिर्फ़ 2 इंच लंड ही मूह में ले रही थी.

जब वो मेरे लंड को मूह में लेके चूस रही थी, तो उसके मूह से सिसकियाँ भी निकल रही थी, जो मुझे मदहोश कर रही थी.

दीपाली: उम्म्म उम्म्म उहह ह्म्‍म्म्म एम्म्म ऑश.

दोस्तों अभी कहानी यहीं तक है. अब नेक्स्ट पार्ट में चुदाई पढ़ने को मिलेगी. अगर किसी को मुझसे रियल और सेक्यूर सेक्स चाहिए तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल करे.

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थॅंक्स ड्के.

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