हेलो दोस्तों, कैसे है आप लोग? आज काफ़ी समय बाद कहानी लिखने का मौका मिला है. तो दोस्तो आज की कहानी थोड़ी अलग है, जो एक-दूं रियल है. इसको पढ़ कर भाभी और गर्ल्स की पनटी गीली हो जाएगी, और बाय्स मूठ ज़रूर मारेंगे. तो दोस्तों मैं स्टोरी पर आता हू.
मेरा नाम सागर है. मैं 30 साल का हू, और मेरा लंड 9 इंच लंबा है, और मैं उप के मोरडाबाद में रहता हू. वैसे तो मैने आज तक काई भाभी और लड़की की चुदाई की है. लेकिन आज की कहानी में जो भाभी है, उनको छोड़ने का मज़ा अलग ही था. तो दोस्तो इस कहानी को ध्यान से पढ़िएगा, आपको बहुत मज़ा आएगा.
आज की कहानी 6 मंत्स पुरानी है. मेरे घर के सामने एक घर है, जिसमे एक भाभी अपने दो बच्चो और अपने पति के साथ रहती है. उसका नाम अंजलि है. क्या बतौ दोस्तों मैने जब-जब उसको देखा, मैने मूठ ज़रूर मारी.
अंजलि भाभी की आगे 32 साल होगी. लेकिन लगती 25 या 26 की है. अंजलि भाभी एक-दूं गोरी, 5 फीट 5 इंच की हाइट, बूब्स 36″ के, कमर 30″ की, और गांद 36″ की है. भाभी का जिस्म एक-दूं कॅसा हुआ है. जब वो सारी पहनती है तो उनका पेट एक-दूं चिकना और उनकी नाभि एक-दूं सेक्सी लगती है.
बड़ी फ़ुर्सत से बनाया है उनको भगवान ने. अंजलि भाभी जब चलती है, तो क्या मस्त गांद हिलती हुई चलती है. उनकी गांद इतनी सेक्सी है, की अंधे का भी लंड खड़ा हो जाए. भाभी के पुर बदन से कामुकता टपकती है, और पता नही कितने लड़कों ने इनकी याद में मूठ मारी होगी.
अंजलि भाभी जब गर्मी में गावन् पहन कर घर के बाहर झाड़ू लगती है, तो उनके गवाँ का गला बड़ा होने से उनके बूब्स एक-दूं सॉफ दिखते है, जिनको देखने के लिए मैं रोज़ सुबह अपने गाते पर खड़ा हो जाता, और मैं बस उनके बूब्स को देखता रहता. गावन् पहनने के कारण जब वो झुकती, तो उनकी गांद का शेप एक-दूं सॉफ दिखती. मेरा मॅन करता की अभी उनकी गांद मार लू.
भाभी मुझे जब भी देखती, तो तुरंत अंदर चली जाती. लेकिन च्छूप कर मुझको देखती. ठंड के दीनो में भाभी च्चत पर लेती थी. आस पड़ोस में कोई नही था. भाभी ने अपना स्वेटर उतरा उसके साथ उनकी कुरती भी उपर उठ गयी. क्या कमर थी उनकी, एक-दूं से चिकनी. बस मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं वही अपने लंड से मूठ मारने लगा. मैने अंजलि भाभी की याद में माल निकाल दिया.
एक दिन सुबह-सुबह वो पेटिकोट और ब्लाउस में च्चत पर आ गयी. मैं भी च्चत पर था. मैं उनको देख कर च्छूप गया, और च्छूप कर उनको देखने लगा. मैने देखा भाभी च्चत पर आ कर एक साइड बैठ गयी थी, और अपना पेटिकोट उपर करके अपनी छूट को सहला रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैने अपने लंड को लोवर से बाहर निकाला, और मूठ मारने लगा.
एक दिन बहुत तेज़ हवा थी, तो भाभी की पनटी उडद कर मेरी च्चत पर आ गयी. मैं किसी काम से च्चत पर गया, तो देखा की भाभी की पनटी पड़ी थी. पहले सोचा उनको वापस कर डू. लेकिन फिर सोचा क्यूँ वापस करना. मैने वो अपने पास रख ली, और रोज़ अपने लंड पर भाभी की पनटी लपेट कर मूठ मारता.
जिस जगह पनटी छूट से छिपकती है वाहा पर मैं अपने लंड का माल निकालता. लेकिन अंजलि भाभी की छूट को बहुत मिस करता. सोचता कब भाभी की छूट मिलेगी छोड़ने के लिए, और कब मैं उनके बूब्स के साथ खेलूँगा, और उनके बूब्स के बीच में अपना लंड रागडूंगा. कब भाभी के मूह में अपना लंड दूँगा.
जब च्चत पर वो कपड़े डालती, तो मैने एक बात नोटीस की. वो अपनी पनटी और ब्रा हमारी साइड डालती. उनकी पनटी और ब्रा देख कर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो जाता. बस मैं तो अंजलि भाभी को छोड़ने की फिराक में रहता, और सोचता की वो दिन कब आएगा जब अंजलि भाभी की छूट के दर्शन होंगे.
भाभी के हज़्बेंड पोलीस में थे, तो उनकी नाइट ड्यूटी भी लगती थी. एक दिन भाभी च्चत पर कपड़े फैला रही थी. उनकी पनटी उनके हाथ में थी. जैसे ही उन्होने उसको तार पर डाला, मैं उपर आ गया, और मुझे देख कर वो शर्मा कर नीचे चली गयी.
दोस्तों क्या बतौ कितना बेचैन था मैं अंजलि भाभी की छूट में अपना लंड डालने को. एक दिन हमारे यहा बहुत बारिश हो रही थी. मेरे घर पर भी कोई नही था. मेरे घर की डोरबेल बाजी. मैने गाते खोला तो देखा की अंजलि भाभी गाते पर थी.
वो अंदर आई और मुझसे बोली: सागर मुझे तुमसे एक काम है.
उस समय भाभी ने रेड स्लेक्ष और वाइट कुरती पहन रखी थी, जिसमे से उनकी ब्लॅक ब्रा बिल्कुल सॉफ दिख रही थी. जिसमे से उनके बूब्स बाहर आने को तैयार थे, और नीचे उनकी छूट एक-दूं टाइट थी. मेरा तो मॅन कर रहा था, की अभी भाभी को पकड़ कर छोड़ डू. लेकिन मैने खुद पर कंट्रोल किया.
भाभी बोली: सागर मेरे फोन में लॉक लग गया है. क्या तुम इसको खोल सकते हो?
मैने कहा: भाभी आप बैठो, मैं खोल देता हू.
मैने उनके फोन का लॉक खोला और उनके फोन की गॅलरी चेक करने लगा. उसमे भाभी की काफ़ी न्यूड्स थी. मैने सब अपने फोन में ले ली, और भाभी का फोन उनको दे दिया. थोड़ी देर हमने बातें की. बातों-बातों में मैने भाभी से बोल दिया-
मैं: भाभी तुम बहुत सेक्सी हो. अगर एक बार मुझे मिल जाओ, तो कसम से तुमको खुश कर दूँगा.
अंजलि भाभी वाहा से शर्मा कर चली गयी, और मैं उनकी न्यूड्स देख कर मूठ मारने लगा. उनकी न्यूड्स में उनकी छूट एक-दूं से गुलाबी और चिकनी थी, और काई न्यूड्स में वो अपनी छूट में उंगली डाल रही थी. मैने मॅन में सोचा वैसे कितनी शरीफ बनती है, और फोन में एक से एक उनकी न्यूड्स फोटो थी. उनके निपल्स भी एक-दूं गुलाबी थे उनके लिप्स की तरह.
मैने भाभी से बात ज़्यादा करना शुरू किया, जिससे मैं उनके करीब जेया साकु. लेकिन अंजलि भाभी ने कोई भाव नही दिया. मेरा हर प्रयोग फैल हो गया. मेरी उनसे फोन पर बात होती थी. मैने काई बार भाभी को बोला-
मैं: भाभी ई लीके योउ, भाभी तुम मुझे अची लगती हो.
लेकिन भाभी ने सॉफ बोल दिया की वो ऐसी नही थी. मैं भाभी की छूट किसी भी कीमत पर चाहता था. लेकिन बिना ज़बरदस्ती किए. मेरे दिमाग़ में कुछ आइडिया नही आ रहा था, की मैं कैसे अंजलि भाभी की छूट में अपना लंड डालु, और भाभी की छूट और उनके मस्त बदन के मज़े लू.
एक दिन मैं मूठ मारने के लिए उनकी न्यूड फोटो देख रहा था. तभी मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया, और उस आइडिया ने मेरी लाइफ बदल दी, और अंजलि भाभी को मेरे लंड का गुलाम बना दिया. फिर वो मेरे लंड से चूड़ने के लिए तड़पति थी.
कैसे मैने कमसिन अंजलि भाभी को छोड़ा, और उसकी गांद भी मारी, नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा. अगर कोई नेक्स्ट पार्ट आने से पहले ये बताएगा की मैने कों सा प्लान बना कर अंजलि भाभी को छोड़ा, ख़ास कर भाभी और गर्ल्स, तो उनको एक गिफ्ट मिलेगा मेरी तरफ से. तो फास्ट कॉमेंट करे, और ये स्टोरी कैसी लगी उसका फीडबॅक दीजिए मेरी मैल ईद पर.
मैं आप सब के कॉमेंट और फीडबॅक्स का इंतेज़ार करूँगा. जो आंटी भाभी मेरे लंड से चूड़ना चाहे, वो मुझे मैल करे