ओओओओःह्ह्ह.. भाभी चुदाई की कहानी – 3

भाभी मस्ती से भर कर सिसकारी लेते हुए बोले, “हाई राजा अहह! जीव से चॅटो ना. अब और मत तारपाओ राजा. मेरी बुर को चॅटो. डाल दो अपनी जीव मेरी चूत के अंदर. अंदर डाल कर जीव से चोदो.” अब तक भाभी की नशेली चूत की खुसबू मुझे बुरी तरह से पागल बना दिया था. मैने भाभी की चूत पर से मुँह उठाए बिना उन्हे खींच कर पलंग पर बैठा दिया और खुद ज़मीन पर बैठ गया. भाभी की जाँघो को फैला कर अपने दोनो कंधों पर रख लिया और फिर आगे बढ़ कर भाभी की चूत की होंटो को अपनी जीव से चाटना शुरू कर दिया. भाभी मस्ती से बर्बाराने लगी और अपनी चूतर को और आगे खिसका कर अपनी चूत को मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया. अब भाभी के चूतर पलंग से बाहर हवा मे झूल रहे थे और उनकी मखमली जांघों को पूरा दबाब मेरे कंधों पर था. मैने अपनी जीव उनकी चूत मे थेल दिया और चूत की अन्द्रुनी दीवालों को सहलाने लगा. भाभी मस्ती से तिलमिला उठी और अपने चूतर उठ उठा कर अपनी चूत मेरी जीव पर दबाने लगी. “हाई राजा, क्या मज़ा आ रहा है.

अब अपनी जीव को अंदर-बाहर करो नाआअ! चोदो रजाआअ चोदूऊओ! अपनी जीव से चोदो मुझे मेरे छोटे सैयाँ. हाई राजा तुम ही तो मेरे असली सैयाँ हो. पहले क्यों नही मिले, अब सारी कसर नीकालूंगी. बरा तर्पी पीछले साल भर से. है राजा चोदो मेरी चूत को अपनी जीव से.” मुझे भी पूरा जोश आ गया और भाभी की चूत मे जल्दी जल्दी जीव अंदर-बाहर करते हुए उसे चोदने लगा. भाभी अभी भी ज़ोर-ज़ोर से कमर उठा कर मेरे मुँह को चोद रही थी. मुझे भी इस चुदाई से का मज़ा आने लगा. मैने अपनी जीव करी कर के स्थीर कर ली और सिर आगे पीछे कर के भाभी की चूत को चोदने लगा. भाभी का मज़ा दोगुना हो गया. अपने चूतर को ज़ोर-ज़ोर से उठाती हुए बोली, “और ज़ोर से लाला और ज़ोर से, हाई मेरे प्यारे देवर आज मैं तेरी माशुका हो गयी. जिंदगी भर के लिए चुद्वन्गी तुझसे. आह! उईईइ माआ!” भाभी अब झरने वाली थी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए अपनी चूत मेरे पूरे चहेरे पर रगर रही थी. मैं भी पूरी तेज़ी से जीव लॅप-लपा कर भाभी की चूत पूरी तरह से चट रहा था. अपनी जीव भाभी की चूत मे पूरी तरह अंदर डाल कर मैं हिलने लगा. जब मेरी जीव भाभी की भग्नासा से टकराई तो भाभी की बाँध टूट गया और मेरे चहेरे को अपनी जांघों मे जाकर कर भाभी ने पानी चूत मेरे मुँह से चिपका दिया. भाभी का पानी बहाने लगा और मई भाभी की छूट की दोनो होंतों को अपनी मुँह मे दबा कर जवानी का अमृत पीने लगा. मेरा लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था. मैं उठ कर खरा हो गया और अपने लंड को हाथ से सहलाते हुए भाभी को पलंग पर सीधा लिटा कर उनके उपर चढ़ने लगा. भाभी ने मुझे रोकते हुए कहा, “ऐसे नही मेरे सैयाँ, चूत का मज़ा तुम कल ले चुके हो आज मैं तुम्हे दूसरे छेद का मज़ा दूँगी.” मेरी समझ मे कुछ नही आया. भाभी बोले, “राजा आज तुम अपने शाही लौरे को मेरी गंद मे डालो,” और उठ कर बैठ गयी. मेरे हाथ हटा कर दोनो हाथों से मेरा लंड पाकर लिया और सहलाते हुए अपनी दोनो चुचियो के बीच दबा-दबा कर लंड के सुपरे को चूमने लगी. भाभी की चूंची की गर्माहट पाकर मेरा लॉरा और भी जोश मे जाकड़ गया.

मैं तो हैरान था. इतनी छोटी सी गंद के छेद मे मेरा लंड कैसे जाएगा. मैं बोला, “भाभी गंद मे कैसे?” भाभी बोले, “हाँ मेरे राजा, गंद मे ही. पर देवर राजा, पीछे से चोदना इतना आसान नही है. तुम्हे पूरा ज़ोर लगाना होगा.” इतना कह कर भाभी ढेर सारा थूक मेरे लंड पर उरेल दिया और पूरे लंड की मालीश करने लगी. “पर भाभी गंद मे लंड घुसने के लिए ज़यादा ज़ोर क्यों लगाना परेगा?” वो इसलिए राजा कि जब औरत गर्म होती है तो उसकी चूत पानी छोड़ती है, जिससे लौरा आने-जाने मे आसानी होती है. पर गंद तो पानी नही छोड़ती इसीलिए घर्षण जायदा होता है और लंड को जायदा ताक़त लगानी पड़ती है. गंद मारने वाले को भी बहुत तकलीफ़ होती है. पर राजा मज़ा बहुत है मरवाने वाले को भी और मारने वाले को भी. इसीलिए गंद मारने के पहले पूरी तायारी करनी पड़ती है.” “क्या तायारी करनी पड़ती है?” भाभी मुस्कुरा कर पलंग से उतरी और अपने चूतर को लहराते हुए ड्रेसिंग टेबल से वस्सेलीन की शीशी उठा लाई. ढक्कन खोल कर ढेर सारा वस्सलिन अपने हाथो मे ले ली और मेरे लौरे की मालीश करने लगी. अब मेरा लौरा रोशनी मे चमकने लगा. फिर मुझे डिब्बी दे दी और बोली, “अब मैं झुकती हूँ और तुम मेरे गंद मे ठीकसे वस्सेलिन्स लगा दो.”भाभी पलंग पर पेट के बल लेट गयी और अपने घुटनो के बल होकर अपने चूतर हवा मे उठा दिए. देखने लायक नज़ारा था. भाभी के गोल मटोल गोरे गोरे चूतर मेरी आँखों के सामने लहरा रहे थी. मुझसे रहा नही गया और झुक कर चूतर को मुँह मे भर कर कस कर काट लिया. भाभी की चीख निकल गयी. फिर मैने ढेर सारा वासल्लीं लेकर भाभी के चूतर की दरार मे लगा दिया. भाभी बोले, “आरी मेरे भोले सैयाँ, उपर से लगाने से नही होगा. उंगली से लेकर अंदर भी लगाओ और अपनी उंगली पेल पेल कर पहले छेद को ढीला करो.” मैने अपनी बीच वाली उंगली पर वसल्लिन लगा कर भाभी के गंद मे घुसाने की कोशिश की. पहली बार जब नही घुसी तो दूसरे हाथ से छेद फैला कर दोबारा कोशिश की तो मेरा उंगली थोरी सी उंगली घुस गयी. मैने थोरा बाहर निकाल कर फिर झटका दे कर डाला तो घपक से पूरी उंगली धँस गयी. भाभी ने एकद्ूम से अपने चूतर सिकोर लिया जिससे की उंगली फिर बाहर निकल गयी. भाभी बोले, “इसी तरह उंगली अंदर-बाहर करते रहो कुछ देर तक. मैं भाभी के कहे मुताबिक उंगली जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा. मुझे इसमे बरा मज़ा आ रहा था. भाभी भी कमर हिला-हिला कर मज़ा ले रही थी. कुछ देर उन्ही मज़ा लेने के बाद भाभी बोले, “चलो राजा आ जाओ मोर्चे पर और मारो गंद अपनी भाभी की.” मैं उठ कर घुटने का बल बैठ गया और लंड को पकर कर भाभी की गंद के छेद पर रख दिया. भाभी ने थोरा पीछे होकर लंड को निशाने पर रखा. फिर मैने भाभी की चूतर को दोनो हाथों से पकर कर धक्का लगाया. भाभी की गंद की छेद बहुत टाइट था. मैं बोला, “भाभी नही घुस रहा है.” भाभी ने तब अपने दोनो हाथों अपने चूतर को खींच कर गंद की छेद को चौरा किया और दोबारा ज़ोर लगाने को कहा.

इसबार मैने थोरा और ज़ोर लगाया और मेरा सुपरा भाभी की गंद की छेद मे चला गया. भाभी की कसी गंद ने मेरे सुपरे को जकर लिया. मुझे बरा मज़ा आया. मैने दोबारा धक्का दिया और भाभी की गंद को चीरता हुआ मेरा आधा लंड भाभी की गंद मे दाखिल हो गया. भाभी ज़ोर से चीख उठी, “उ मा, दुख़्ता है मेरे राजा.” पर मैने भाभी की चीख पर कोई ध्यान नही दिया और लंड थोर पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगाया. मेरा 10” का लॉरा भाभी की गंद को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर दाखिल हो गया. भाभी फिर चीख उठी. वो बार बार अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी. मैने आगे को झुक कर भाभी की चूंची को पकर लिया और उन्हे सहलाने लगा. लंड अभी भी पूरा का पूरा भाभी की गंद के अंदर था. कुछ देर बाद भाभी की गंद मे लंड डाले डाले उनकी चूंची को सहलाता रहा.

अभी कुछ नॉर्मल हुई तो अपने चूतर हिला कर बोली, “चलो राजा अब ठीक है.” भाभी का सिग्नल पाकर मैने दोबारा सीधे होकर भाभी के चूतर पाकर कर धीरे-धीरे कमर हिला कर लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. भाभी की गंद बहुत ही टाइट थी. इसे चोदने मे बरा मज़ा आ रहा था. अब भाभी भी अपना दर्द भूल कर सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी. उन्होने अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल कर कमर हिलाना शुरू कर दिया. भाभी की मस्ती देख कर मैं भी जोश मे आ गया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. मेरा लंड अब पूरी तेज़ी से भाभी की गंद मे अंदर-बाहर हो रहा था. भाभी भी पूरी तेज़ी से कमर आगे पीछे करके मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. लंड आईएसए अंदर-बाहर हो रहा था मानो एंजिन का पिस्टन. पूरे कमरे मे चुदाई का ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थी. जब भाभी के थिरकते हुए चूतर से मेरी जंघे टकराती थी तो लगता कोई तबलची तबले पर ठप दे रहा हो. भाभी पूरे जोश मे पूरी तेज़ी से चूत मे उंगली अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थी. हम दोनो ही पसीने पसीने हो गयी थे पर कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था.

भाभी मुझे बार बार ललकार रही थी, “चोद लो मेरे राजा चोद लो अपनी भाभी की गंद. आज फार डालो इससे. शाबाश मेरे शेर, और ज़ोर से राज्ज्जा और ज़ोर से. फार डाली तुमने मेरी तो.” मैं भी हुमच हुमच कर शॉट लगा रहा था. पूरा का पूरा लंड बाहर कींच कर झटके से अंदर डालता तो भाभी की चीख निकल जाती. मेरा लावा अब निकलने वाला था. उधेर भाभी भी अपनी मंज़िल के पास थी. तभी मैने एक झटके से लंड निकाला और भाभी की चूत मे जर तक धंसा दिया. भाभी इसके लिए तैयार नही थी, ईस्सईलिए उनकी उंगली भी चूत मे ही रहा गयी थी जिससे उनकी चूत टाइट लग रहा था. मैं भाभी के बदन को पूरी तरह अपनी बाहों मे समेट कर दनादन शॉट लगाने लगा. भाभी भी सम्हल कर ज़ोर ज़ोर से आह उहह करती हुई चूतर आगे-पीछे करके अपनी चूत मे मेरा लंड लेने लगी. हम दोनो की सांस फूल रही थी.

आख़िर मेरा ज्वालामुखी फुट परा और मैं भाभी की पीठ से चिपक कर भाभी की चूत मे झार गया. भाभी का भी चूत झरने को था और भाभी भी चीख़्ती हुई झार गयी. हम दोनो उसी तरह से चिपके हुए पलंग पर लेट गये और थकान की वजह से सो गये.

जब मेरी आँख खुली तो अंधेरा हो गया था. हम दोनो नंग धारंग एक दूसरे से चिपके सो रहे थे. मैने धीरे से भाभी का हाथ अपने उपर से हटाया और टेबल लॅंप ऑन कर दिया ताकि भाभी की नींद मे खलल ना परे. फिर वापस पलंग पर भाभी के पास आकर बैठ गया. भाभी अब हाथ फैला कर चित परी सो रही थी. मैं उनके खूबसूरत बदन को निहारने लगा. भाभी की मस्त चूंची अभी भी तनी हुई थी. उनमे ज़रा सा भी ढलान नही था, चिकना चिकना बदन. पतली कमर. फैले हुए चूतर. केले के तने जैसा चिकनी जंघे और अपना पूरा जलवा दीखाती हुए भाभी की रसीली चूत. मुझसे रहा नही गया. मैने झुक कर भाभी की प्यारी चूत का चुम्मा ले लिया. फिर उठ कर भाभी की गदराई जाँघो के बीच आ गया. हौले से भाभी की जांघों को और फैला और जीव से धीरे धीरे से भाभी की चूत सहलाने लगा.

भाभी ने नींद मे ही अपने आप अपनी जंघे और फैला दिया. अब उनकी गुलाबी चूत का मुँह पूरा का पूरा खुल गया. मैने एक उंगली उनकी चूत मे घुसा कर अंदर-बाहर करते हुए जीव से चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया. भाभी सोते सोते ही कमर हिलाने लगी.भाभी की मस्ती देख कर मुझ से रहा नही गया. मेरा लंड अबतक तन कर फंफनाने लगा था. मैं घुटने के बल झुक गया और अपना सुपरा भाभी की चूत के दरवाजे पर रख कर हल्का सा धक्का दिया. भाभी की चूत तो अपना रस छोर ही रही थी. चॅप से मेरा सुपरा अंदर दाखिल हो गया. फिर मैं भाभी के उपर सीद्धे लेट गया और उनकी एक चूंची को मुँह मे ले कर चूस्ते हुए कस कर कमर का धक्का लगाया. मेरा पूरा का पूरा लंड दनदनाता हुआ भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. भाभी चौंक कर उठ गयी और बोले, “कौन है?” मैने भाभी के होंटो को चूस्ते हुए कहा, “तुम्हारा दीवाना देवर. तुम किसी और का इन्तिजर कर रही थी क्या?” भाभी ने मुस्कुराते हुए मुझे बाहों मे जकर कर लिया और बोले, “एरी वाह मेरे चुड़दकर राजा, एक ही दिन मे पूरे एक्सपर्ट हो गये. मुझे सोते सोते ही चोदना शुरू कर दिया. कल तक तो एह भी नही मालूम था कि अपने लंड का क्या करना है.” मैने भाभी के गाल्लो को काटते हुए जवाब दिया, “एह तो तुम्हारी मेहेरबानी है, वरना जवानी उन्ही निकल जाती. क्या करूँ भाभी तुम्हारी मस्त नंगी जवानी को देख कर रहा नही गया. तुम्हे बुरा तो नही लगा?”

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भाभी ने मुझे और कस कर जकर लिया और नीचे से चूतर उछलते हुए जवाब दिया, “नही मेरे राजा, बुरा कहे मनूगी? मेरी जवानी तुम्हाए नाम हो गयी है. जब चाहो और जहाँ चाहो डिब्की लगा लो.” भाभी का जवाब पाकर मैं बहुत खुश हुआ और कमर हिला हिला कर चोदना शुरू कर दिया. भाभी भी पूरे जोश के साथ मेरे हर शॉट का जवाब कमर उठा उठा कर दे रही थी. पूरे कमरे मे एक बार फिर से फ़चा-फ़च का मधुर संगीत गूंजने लगी. भाभी ज़ोर ज़ोर से चूतर उछाल रही थी. मैं भी पागलो की तरह चूंची का रस चूस्ता हुआ कमर हिला हिला कर भाभी को चोदे जा रहा था. तभी भाभी ने अपनी टाँगो को उपर कर के मेरी कमर पर कस लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतर उछाल उछाल कर कर चुद्वने लगी. मैने भी भाभी के रसीले होन्ट को चूमते हुए अपनी चोदने का स्पीड बढ़ा दिया. भाभी अब मुझको कस कर जाकारे हुए थी. उनकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया जिससे फ़च-फ़च की आवाज़ और तेज हो गयी. भाभी हानफते हुए मेरी गर्दन मे बाहें डाल कर अपने से चिपकाते हुए बोली, “मैं तो गइई. तुम्हारी रानी गयी. उईईइ माआ क्या जालिम लौरा है तुम्हारा. चोद डाला तुमने मुझे. मैं गइईईई” और भाभी मुझसे चिपक कर शांत हो गयी.

मैं भी और रुक नही पाया और भाभी को चूमते हुए उनकी चूत मे झार गया. कुछ देर तक हम उन्ही परे रहे. फिर भाभी मुझे उपर से हटा कर पलंग से उतर कर खरी हो गयी. झुक कर अपनी चूत को देखी तो आह सी निकल गयी. मुझे अपनी चूत दिखाती हुई बोली, “देखो मेरे राजा क्या हाल किया है तुमने मेरा. कितनी सूज गयी है मेरी चूत.“ मैने देखा सुचमुच भाभी की चूत डबल रोटी जैसे सूज गयी थी. मैने लेते लेते भाभी की चूतर को पकर कर उन्हे अपने पास खिचा और चूत का चुम्मा लेलिया. भाभी मुझे दूर करते हुए बोले, “अब छोड़ो मुझे, रात भर भूखे ही रहना है क्या? मुझे अब खाना बनाना है. कुछ खाओगे नही तो कमजोर हो जाओगे. मालूम है जी भर चुदाई करने के बाद भरपूर खाना खाना चाहिए. तभी जवानी का असली मज़ा आता है.” मैं बोला, “तुम क्यों कास्ट करती हो, अभी बाज़ार से हम दोनो के लिए खाना लेकर आता हूँ. तुम बस आराम करो और रात भर की चुदाई की तायारी करो.”भाभी बोले, “अगर बाज़ार जा रहे हो तो एक ब्लू फिल्म का कॅसेट भी लेते आना. पिक्चर देखते हुए चुदाई करने मे और भी मज़ा आता है.” मैं कपारे पहन कर बाज़ार चल दिया और भाभी भी अपनी नाइटी पहन कर बिस्तेर ठीक करने लग गयी. जब बाज़ार कर लौटा तो देखा भाभी ने पूरी तायारी कर ली थी. टी.वी. बेडरूम मे ही ले आई थी. और कमरे मे मे रूम स्प्रे भी कर दिया था. हल्की रोशनी मे पूरा महॉल सेक्सी लग रहा था. भाभी ने झटपट खाना परोसा और हम दोनो ने एक दूसरे को खाना खिलाया. बीच बीच मे भाभी अपने होंटो मे कौर दबा कर मुझे चुंबन के साथ खिला रही थी. खाना ख़तम होते होते हम दोनो नाइट शो के लिए तैयार हो गये थे.

खाना खा कर मैने कापरे बदले और लूँगी पहन ली. भाभी तो पहले से ही अपनी झीनी सी नाइटी पहने हुई थी जिसमे से उनका पूरा बदन नज़र आ रहा था. मैने भाभी को पीछे से पकर कर अपन लंड उनकी गंद के दरार मे दबाते हुए अपनी बाहों मे जकर लिया और कस कर गाल्लों को चूमने लगा. भाभी ने अपने मुँह हटाते हुए कहा, “गाल पर नही, निशान पर जाएगा तो सारी दुनिया देखेगी. चलो अब पिक्चर लगाओ.” मैने भी भाभी को छोर कर कसॉट वी.सी.आर. मे लगा कर ऑन कर दिया. फिर हम दोनो पलंग पर बैठ कर देखने लगे. शुरुआत मे लेज़्बीयन सीन थे. दो लरकिया एक दूसरे से लिपटा लपती कर रही थी. फिर उन्होने एक दूसरे को नंगा करके लिपट गयी. भाभी बरी तन्मयता से एह देख रही थी और अपनी नाइटी के उपर से चूत दबा रही थी. मैने भाभी के कमर मे हाथ डाल कर अपनी ओर खिचा तो उन्होने अपना बदन ढीला छोर कर मेरी गोद मे अढ़लेटी हो गयी. मैं भाभी की नाइटी को खोल कर उनकी चूंची से खेलने लगा. भाभी भी अब नाइटी हटा कर अपनी चूत मे उंगली करते हुए पिक्चर देख रही थी. टी.वी. पर दोनो लड़किया अब 69 पोज़िशन मे थी और एक दूसरे की चूत चॅट रही थी. मेरा लंड भाभी के कंधो के नीचे दबा हुआ था और निकलने को बेताब हो रहा था. भाभी ने थोरी पोज़िशन बदली और मेरा लंड अपनी कांख मे दबा लिया और धीरे धीरे आगे-पीछे करने लगी. तभी टी.वी. पर एक मर्द आया. दोनो लरकीओं को इस हालत मे देख कर उसने झट-पट अपने कापरे उतारे और एक लर्की की चूत मे अपना लंड धँसा दिया. बरा जबरदस्त लंड था उसका. भाभी ने कस कर अपनी कांख मेरा लंड दबा लिया और बोले, “हाई क्या लंड है, आदमी है कि घोरा.”

दूसरी लर्की अभी भी पहली लर्की के नीचे ही थी और उस आदमी के आंडो को जीव से चट रही थी. वो आदमी तेज़ी से पहली लर्की को चोद रहा था. जब वो झार गयी तो उसने दूसरी लर्की के मुँह मे लंड डाल कर चोदने लगा. जब वो झरने के करीब हुआ तो लंड निकाल कर लर्की के पूरे बदन पर पिचकारी छोर दी. पहली लर्की ने जीव से चॅट चॅट कर दूसरी लर्की का बदन साफ किया.भाभी बोले, “आओ लेट कर पिक्चर देखते है,” और करीब मे लेट गयी. मैं भी भाभी के पीछे उनकी गंद मे लंड दबाकर लेट गया. एक हाथ से मैं भाभी की चूंचिया दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत सहला रहा था. भाभी एक हाथ पीछे करके मेरा लंड सहलाने लगी. पिक्चर मे दोनो लर्कीअँ उस आदमी को सॅंडविच बना कर लेटी थी और उसका लौरे को खरा करने की कोशिश कर रही थी.

फिर एक लर्की उसका लंड चूसने लगी और दूसरी ने खरे हो कर उस आदमी के मुँह पर अपनी चूत रख दी. वो आदमी दोनो का मज़ा ले रहा था. अब उसका लंड खरा हो गया तो लंड चूसने वाली लर्की उल्टी हो कर लंड पर बैठ गयी और उछल उछल कर चोदने लगी. मुझे बरा ही अक्च्छा लगा और भाभी के कान मे बोला, “आओ भाभी इस आसन मे चोदते है.” भाभी तो पहले से ही तायर थी. मैं पलंग के नीचे पैर करके बैठ गया और भाभी अपनी टांग दोनो तरह फैला कर मेरे कुतुबमीनार पर बैठ गयी. मैं भाभी की चूंची को दबाते हुए नीचे से चूतर उछालने लगा. भाभी भी पिक्चर वाली लर्की की तरह उछल उछल कर चुडाने लगी. अब हम दोनो अहिश्ता-अहिश्ता चुदाई करते हुए पिक्चर का मज़ा ले रहे थी. मैं बोला, “भाभी अगर एक चूत चाटने को भी होती तो कितना मज़ा आता.” वो बोली, “अभी तो एक से ही काम चलाओ राज्ज्जा, दूसरी का देखती हूँ कोई इंतईज़ाम होता है कि नही.”जबतक पिक्चर चलती रही हम इसी तरह लंड चूत का मज़ा लेते रहे. जब पिक्चर ख़तम हुए तो मैं बोला, “तो भाभी हो जाए?” भाभी बोले, “देर किस बात की?” भाभी पलट कर फिर गोदी मे बैठ गयी. अब भाबी का मुँह मेरी तरफ था. मैने भाभी के चूतर पकर कर चूंचियो को मुँह मे भर लिया और नीचे से जोरदार शॉट लगाने लगा. भाभी भी मेरे लंड पर कूद-कूद कर मज़े लेने लगी. भाबी की दोनो चूंचिया मस्ती से उछल रही थी. थोरी देर तक इस आसान हम दोनो चुदाई करते रहे. फिर भाभी ने धक्का देकर मुझे पलंग पर लिटा दिया और उपर से चोदना शुरू किया. भाभी की रसीली चूंचिया मेरे मुँह के पास झूल रही थी. मैं बार बार उन्हे मुँह मे लेता और छोड़ता. आख़िर भाभी झारकर मेरे उपर लेट गयी. मैं भी भाभी को जकर कर चूमते हुए परा रहा. कुछ देर बाद भाभी बोली, “क्यों राजा, बस करें या अभी और जान बाकी है.” मैं बोला, “भाभी आपकी चूत के लिए मेरा लंड हमेशा तायर है.” भाभी बोले, “पहले 69 पोज़िशन करते है,” और घूम कर मेरे मुँह मे अपनी चूत टीका कर मेरे लंड को प्यार करने लगी. मैने भी दोनो हाथों से भाभी की चूतर पकर कर चूत मे जीव अंदर-बाहर करनी शुरू कर दी. जब मैने अपनी जीव भाभी की गंद के छेद पर लगाई तो भाभी ने मस्ती मे आकर मेरा लंड पूरा मुँह मे ले लिया और अपनी एक उंगली मेरी गंद मे पेल दिया. इस अचानक हुमले के लिए मैं तायर नही था और मैं एक झटके से कमर उठा दी जिससे मेरा लंड पूरा का पूरा भाभी के मुँह मे चला गया.

फिर तो भाभी मेरी गंद मे घपा-घाप उंगली अंदर-बाहर करने लगी. साथ ही साथ वो अपना मुँह उपर नीचे करके लंड को चोद रही थी. सच बताता हूँ भाभी की उंगली से बरा मज़ा आ रहा था. मैं भी भाभी की गंद मे उंगली धंसा कर अंदर-बाहर करते हुए जीव से उनकी चूत को चोदने लगे. हम काफ़ी देर तक 69 पोज़िशन मे मज़ा लेते रहे. फिर सीधे लेट कर चुदाई का खेल दुबारा शुरू कर दिया. उस रात मैने भाभी की चूत कम से कम तीन बार और ली. हम तभी सोए जब सुबह की रोशनी नज़र आई.

जब भाभी ने मुझे उठा कर चाइ दी तो आठ बाज चुके थे. भाबी बोली “जल्दी से उठ कर कपड़े पहन लो, आशा आती होगी.” मैने भाभी को पकर कर अपने पास लिटा लिया और एक गरमा-गरम चुम्मा ले लिया. भाबी बोली, “आने दो उसे, तुम तो बस मेरे पास ही रहो. देखो ना सपने मे भी तुम ही आती रही और लंड देवता फिर से फर-फारा रहें है.” भाभी किसी तरह अपने को छुरा कर खरी हो गयी और जाते हुए बोले, “लगता है कि तुम्हारे लिए पर्मनेंट चूत का बंदोबस्त जल्दी ही करना होगा. खैर वो भी कर दूँगी. पर अभी तो छोड़ो मुझे. वादा करती हूँ कि आशा के जाते ही तुम्हारी प्यास बुझा दूँगी.”“भाभी आशा को भी पटा लो ना? फिर साथ साथ मज़े लेंगे, वो भी कितनी मस्त है. कल रत की पिक्चर की बात याद है ना? तुम भी मज़े लेना आशा के साथ.” “शैतान कहीं के, एक चूत का मज़ा क्या मिल गया चारो तरफ नज़र डालने लगे. वैसे तुम्हारे बात मे दम है, वो लगती है चालू और आसानी से पट सकती है. मौका देख कर कोशिश करूँगी. पर आज तो बस हम और तुम दूसरा कोई नही,” कहते हुए भाभी बाहर चली गयी. भाभी के जाने के बाद मैं उठ कर बाथरूम मे घुस गया. नहा कर तौलिया लप्पेट कर बाहर निकला कि देखा कि आशा बिस्तेर ठीक कर रही है. चादर पर परे मेरे लंड और भाभी की चूत के पानी के धब्बे रात की कहानी सुना रही है.आशा झुक कर निशान वाली जगह को सूंघ रही थी. मेरी तो उपर की सांस उपर और नीचे की सांस नीचे रहा गयी. मेरे कदमो की आहट सुन कर आशा उठ गयी और मेरी तरफ देखती हुई अदा से मुस्कुरा दी. फिर इठलाते हुए मेरे पास आई और आँख मार कर बोले, “लगता है रात देवर भाभी ने जम कर खाट कब्बड़ी खेली है.” मैं हिम्मत कर के बोला, “क्या मतलब?” वो मुझसे सॅट-ती हुई बोली, “इतने भोले मत बनो. सब समझ रहे हो और चादर भी रात की सारी कहानी सुना रही है. अब इसकी कहानी मैं सुनौन्गी सबको.” मैं बौखला गया, एह तो हमे बदनाम कर देगी. फिर मैने गौर्से देखा उसको. मस्त लौंडिया थी. स्वामली सा रंग, छरहरा बदन. उठी हुई मस्त चूंचिया. उसने अपना पल्लू सामने से लेकर कमर मे दबाया हुआ था, जिससे उसकी चूंची और उभर कर सामने आ गयी थी. वो बात करते करते मुझसे एक दम सॅट गयी और उसकी तनी तनी चूंची मेरी नंगी छाती से छूने लगा. जब वो बोलते तो उसकी साँसे मेरी सांस से टकरा जाता.

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मेरा लंड जोश मे फरफारा उठा. मुझे सुबह भाभी की बात याद आ गयी और मैने सोचा कि इससे ज़्यादा अक्च्छा मौका फिर नही मिलने वाला. साली खुद ही तो मेरे आई हुई है. मैने हिम्मत कर के उसे कमर से पकर लिया और अपनी पास खीच कर अपने से चिपका लिया और बोला, “चल रानी एक पकड़ तेरे साथ भी हो गये, फिर तू सुनाना कहानी सबको.” वो एकद्ूम से घबरा गयी और अपने को छुराने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसे कस कर पकड़ते हुए चूमने की कोशिश करने लगा. वो मुझ से दूर हटने की कोशिश करती जा रही थी पर मेरी मज़बूत पकड़ के सामने वो बेबस थी. उसके गालों को चूम ही लिया मैने और उसे लिए हुए बिस्तेर गिर परा. उसे बिस्तेर पर पटक कर मैं उसेके उपर चढ़ गया और उसकी दोनो हाथ फैला कर मज़बूती से से जाकड़ लिया. फिर नीचे झुक कर उसके होटो को चूमने की कोशिश करने लगा. वो अपना चहेरा इधर उधर घुमा रही थी पर मैने उसके होठों को चूमने मे कामवाब् हो गया. लेकिन तुरंत उसने अपना चहेरा घुमा लिया जिससे चुंबन अधूरा रहा गया. मैने उसके हाथ छोर दिए और चहेरा को दोनो हाथों से पकर कर होठों के रस पीने लगा. कुछ देर को वो शांत हुए मानो थक गये हो और फिर मेरे बालों को पकर कर मुझे दूर करने की कोशिश करने लगी. वो किसी तरह से मेरे नीचे से निकलने मे कामवाब् हो गयी और बिस्तेर से उठ कर खरी होने लगी. पर मैने फिर से उसे पीछे कमर मे हाथ डाल कर बिस्तेर पर लेटा लिया. हम दोनो की हाथापाई मे मेरा तौलिया खुल गया और मेरा 10” का फंफनता हुआ लाउडा आज़ाद हो गया. उसे बिस्तेर पर लिटा कर अपना लंड उसकी गंद मे दबाते हुए मैने अपनी एक टांग उसकी टांग पर चढ़ा दिया और उसे दबोच लिया.

दोनो हाथों से चूंचियो को पकर कर मसालते हुए बोला, “नखरे क्यों दिखती है? खुदा ने हुस्न दिया है क्या मार ही डालॉगी, अरे हमे नही दोगी तो क्या आचार डालॉगी? चल आजा और प्यार से अपनी मस्त जवानी का का मज़ा ले और कुछ अपने यारों को भी दे.” “नही नही मुझे छोर दो नही तो अभी भाभी को बुलाती हूँ.” “बुला ले जिसे बुलाना है पर आज मैं तो बिना चोदे नही छोड़ने वाला,” कहते हुए उसके ब्लाउस को खींच कर खोल दिया. फिर एक हाथ को नीचे ले जाकर उसके पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और उसकी चिकनी चिकनी जाँघो को सहलाने लगा. धीरे धीरे हाथ उसकी चूत पर ले गया. पर वो तो दोनो जांघों को कस कर दबाई हुए थी. मैं उसकी चूत को उपर से कस कस कर मसल्ने लगा और उंगली को किसी तरह चूत के अंदर डाल दिया. उंगली अंदर होते ही वो कस कर छटपताई और बाहर निकालने के लिए कमर हिलाने लगी. इससे उसका पेटिकोट उपर उठ गया. मैने कमर पीछे लंड को नंगे चूतर की दरार मे लगा दिया. क्या फूले फूले चूतर था. अपना दूसरा हाथ भी उसकी चूंची पर से हटा कर उसके चूतर को पकर लिया और अपना लंड से उसकी गंद की दरार मे ही तेज़ी शॉट लगाने लगा.अब उसकी चूत को मैं उंगली से चोद्ते हुए गंद की दरार मे लंड धंसा रहा था. कुछ ही देर मे वो ढीली पर गयी और जांघों को ढीला कर के कमर हिला हिला कर आगे और पीछे की चुदाई का मज़ा लेने लगी. “क्यों रानी मज़ा आ रहा है?” मैने धक्का लगाते हुए पूछा. “हाँ बाबू मज़ा आ रहा.” उसने जंघे फैला दी जिससे की मेरी उंगली आसानी से अडर-बाहर होने लगी. फिर उसने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकर लिया और उसकी मोटाई को नाप कर बोले, “हाई इतना मोटा लंड. कोन इससे चुडाने को इनकार करेगा. चलो मुझे सीधा होने दो,” कहते हुए वो चित लेट गयी. अब हम दोनो अगाल बगल लेते हुए थे. मैने अपनी टांग उसकी टांग पर चढ़ा लिया और लंड को उसकी जाँघ पर रगड़ते हुए चुन्चिओ को चूसने लगा. पठार जैसा सख़्त थी उसकी चूंची. एक हाथ से उसकी चूंची मसल रहा था और दूसरे हाथ की उंगली से उसकी चूत चोद रहा था. वो भी लगातार मेरे लंड को पकर कर अपनी जांघों पर घिस रही थी. जब हम दोनो पूरी जोश मे आगये तब आशा बोले, “अब मत तर्पाओ राज्ज्ज्जा. चोद दो मुझे अब.”मैने झटपट उसकी सारी और पेटिकोट को कमर से उपर उठा कर उसकी चूत को पूरा नंगा कर दिया.

वो बोली, “पहले कपारे तो उतारो.” मैं बोला, “नही तुझे आध नंगी देख कर जोश और डबल हो गया है, ईस्सईलिए पहेली पकड़ तो कपरो के साथ होगी.” फिर मैने उसकी टाँगे अपनी कंधों पर रखी और उसने मेरा लंड पकर कर अपनी चूत के मुँह पर रख लिया और बोले, “आओ राजा, शुरू हो जाओ.” मैने कमर आगे कर के ज़ोर दर धक्का दिया और मेरा आधा लंड दनदनाता हुआ उसकी चूत मे धँस गया. वो बोली, “हाई राज जिओ, क्या शॉट लगाया है.” मैने उसकी सख़्त चूंची को पकर कर मसलते हुए दूसरा शॉट लगाया और मेरा बचा हुआ लॉरा भी जड़ तक उसकी चूत मे धँस गया. मारे दर्द के उसकी आह निकल गयी और बोले, “बरा जालिम है तुम्हारा लॉरा. किसी कुमारी छोकरी को चोदोगे तो वो मर जाएगी. संभाल कर चोदना.”मैं उसकी चुन्चिओ को पकर कर मसल्ते हुए धीरे-धीरे लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगा. चूत तो इसकी भी टाइट लग रही थी. जैसे भाभी ने सिखाया था, वैसे ही लंड को पूरा बाहर निकाल लेता और दोबारा झटके से अंदर डाल देता. जैसे जैसे उसकी मस्ती बढ़ने लगी वो भी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवब देने लगी. मैने धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार तेज़ किया और वो भी उसी हिसाब से चूतर उछाल उछाल कर जवाब देने लगी. कंधे पर टांग रखी होने से उसकी चूत पूरी तरह से फैल गयी थी और मेरा लंड सटा-सॅट उसकी चूत मे पूरा का पूरा अंदर-बाहर हो रहा था. लुंबी चुदाई से उसकी चूत पानी छोर रही थी और ढीली सी लग रही थी. ईस्सईलिए थोरी देर तक इस आसान मे चोदने के बाद मैने आशा की टाँगे नीचे कर दी और उसके उपर लूंबा होकर चोदने लगा. अब उसकी चूत थोरी कस गयी और मेरा लंड घर्षण के साथ अंदर-बाहर होने लगा जिससे मज़ा दोगुना हो गया. अब आशा ने मेरी गर्दन मे बाहें डाल कर मेरा सिर नीचे किया और अपनी चूंची को मेरे मुँह मे देकर चूसाने लगी. सच आशा की चूंची तो भाभी से भी ज़्यादा रसीले और मजेदार थी. आशा साथ साथ मुझे बढ़ावा दे रही थी, “चोद लो मेरे राज्ज्जा, चोद लो. चार दिन की जवानी है. मेरा सारा बदन तुम्हारे हवाले है. जी भर कर मज़े ले लो.

हाई! राज्ज्जा क्या मस्त लॉरा है तुम्हारा. पहेला पता होता तो कबकि चुदवा चुकी होती.”मेरी साँसे फूल रही थी, पर पीछले दो रातों की चुदाई की वजह से लंड झरने का नाम नही ले रहा था. आशा अबतक तीन बार झार चुकी थी पर मेरा लंड की ताक़त देख कर अभिभि मैदान मे डटी हुई थी और मस्ती के साथ चूतर उछाल उछाल कर लंड अपने चूत मे निगल रही थी. मैने सुसताने की ख़याल से अपनी रफ़्तार थोरी धीमी कर दी और उसके सिने पर सिर रख कर आराम करने लगा. आशा ने प्यार से मेरे माथे पर से पसीना पोंचा और मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे होंटो को चूमने लगी. कुछ देर तक यूँही परे रहने के बाद आशा बोली, “आओ राजा अब मैं तुम्हे दूसरा मज़ा दूँगी.” आशा ने मुझे अपने उपर से उठा कर घुटनो और कोहनी के बल झुक कर लेटने को कहा. मैं बिस्तेर पर चौपाया बन गया. फिर आशा मेरे पीछे आई और मेरे चूतर को फैला कर अपनी चूत मेरी गंद के छेद पर लगा दी. फिर दोनो हाथों मेरे बगल से नीचे ले जाकर मेरे लौरे को पकर कर हिलाते हुए कमर चलानी शुरू कर दी. मैं तो मस्ती से झूम उठा. गंद पर आशा की चूत की रगर मुझे पागल बना रही थी. वो मेरी पीठ से कस कर चिपकी हुई थी जिससे की उसकी खरी खरी चूंचिया मेरी पीठ पर रगर रही थी. वो मेरे कान पर फूस-फूसा कर बोले, “क्यों राजा मज़ा आ रहा है चूत से गंद मारने मे?”मैं मस्ती के आलम मे था. उसकी गीली गीली चूत से रस मेरी गंद मे लग रहा था.

एब ही तरह की सनसनी पूरे बदन पर दौर रही थी. मैं अपनी गंद जायदा से जायदा फैला कर उसकी चूत की नोक अपनी गंद मे लेने की कोशिश कर रहा था. आशा एक साधे हुए चिड़ू की तरह से सतसट धक्के लगा रही थी. मैं भी कमर हिला हिला कर एक चुदस औरत की तरह मज़े ले रहा था. ऐसा लगता था मानो आशा एक मर्द हो जोकि अपने माशुका की चुदाई कर रहा हो. मेरा लंड आशा के हाथों मे तना जा रहा था. लगता था कि अब झारा की तब. कुछ देर तक इसी तरह मेरी गंद मारने के बाद आशा उठ कर मेरे बगल मे ही चौपाया बन गयी और बोले, “आऊ राजा अब पीछे से ले लो मेरी.” मैं उठ कर आशा के पीछे आया और लंड पाकर कर उसकी चूत पर रगार्ने लगा. उसके उभरे उभरे चूतर को देख कर मेरा इरादा बदल गया. मैने पहले अपने हाथो की चारो उंगलेआ उसकी चूत मे डाल कर निकाल ली. उसका लसलसा पानी मेरे हाथों मे लग गया. अब इससे उसकी गंद पर रगर्ते हुए अपना लंड भी जड़ तक आशा की चूत मे पेल दिया. दो-चार बार अंदर-बाहर करने के बाद लंड बाहर निकाला तो देखा कि लंड उसकी चूत के पानी से पूरी तरह चिकना हो गया है. अब दोनो हाथों से उसकी गंद को चौरा करके सुपरा आशा की गंद पर रखा और जब तक आशा कुछ समझे, सटाक से धक्का लगा कर लंड का सुपरा गंद के अंदर दाखिल कर दिया. सुपरा गंद मे घुसते ही आशा ज़ोर से चीखी और बोली, “हाई! जालिम, मेरी गंद फार दी.” आशा कमर आगे करके मेरा लंड निकालने की कोशिश करने लगी पर मैं मजबूती से उसकी रसीली चूतर को दनादन शॉट मारने लगा. अब मेरा लंड पूरा का पूरा आशा की गंद मे घुस गया था. गंद मारने मे आशा को बहुत दर्द हुआ और बार बार बिन्ती करने लगी की मैं अपना लौरा उसकी गंद से बाहर निकाल लूँ. पर मैने एक ना सुनी. मैं अपनी उंगलेआ उसकी चूत मे अंदर-बाहर करते हुए तान तान कर शॉट मारने लगा. थोरी देर मे आशा को भी मज़ा आने लगा और वो भी कमर हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी. उसकी गंद मारने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फूले फूले चूतर, मखमली गद्दो जैसा लग रहा था.

उसकी गंद मे लंड डाल चोद्ते चोद्ते मेरी मंज़िल आ गयी और मैने पूरा रस उसकी गंद मे उरेल दिया. मेरी उंगलिओ से चुद्व कर आशा भी झार गयी. जब मैने उसकी गंद से अपना लौरा बाहर खींचा तो ‘पाक’ की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया मानो बोतल से काक निकली हो.

~~~ समाप्त ~~~



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