सेक्स की भूखी टीचर की चुदाई कहानी

ही, ई आम फ्रॉम हयदेराबाद सिंध. मैं अपना इंट्रोडक्षन दे डू. मेरा लंड 6 इंच का है, और 2 इंच मोटा है. किसी भी लेडी या लड़की को खुश कर सकता हू. अब बिना टाइम पास के स्टोरी पर चलते है.

अब लड़के अपना लंड हाथ में लेके हिलने के लिए तैयार हो जाए, और लड़कियाँ अपनी छूट में उंगली करने के लिए रेडी हो जाए.

कोई भी लेडी या लड़की इंटरेसटेड हो तो नीचे मैल पर कॉंटॅक्ट लाज़मी करे. जैसा की आपने पिछली स्टोरी में पढ़ा की कैसे मैने अपनी माँ को छोड़ कर उनको शांत किया. अब आते है इस स्टोरी पर.

अब मैं हयद से अपने गाओं आया था अपने फादर के पास. हमारे उनी. सेमेस्टर कंप्लीट हुए थे, तो एक मंत ऑफ था. अब मैं दुकान पर बैठने लगा. हमारे पास ऑनलाइन ऑर्डर भी लेते थे, और उनको डेलिवर भी करते थे.

फिर एक दिन मैं बैठा था, तभी एक ऑनलाइन ऑर्डर आया. मैने देखा उसमे कॉनडम्स और सेक्स एमर्जेन्सी टॅब्लेट्स का ऑर्डर था. और डेलिवरी की लोकेशन हमारे घर के करीब शो हो रही थी. मैने सोचा मैं जब खाना खाने जौंगा तो डेलिवर कर दूँगा.

अब मैं घर आया तो आयेज एक लेडी ने फोन अटेंड किया. मैने बात की तो उन्होने अड्रेस समझाया. वो अड्रेस हमारे घर से कुछ घर छ्चोढ़ मेरी बचपन वाली टुटीओन टीचर का घर था. अब मैने डोर नॉक किया, तो माँ ने डोर खोला और हमने ग्रीटिंग्स एक्सचेंज किए.

माँ क्या क़यामत लग रही थी सलवार कुर्ते में. उनके उभरे हुए बूब्स और गांद देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और वो माँ ने देख लिया और स्माइल दी. तभी माँ ने शॉप ली, और पैसे दे दिए. मैं वापस घर आया, और हिला कर वापस शॉप पर चला गया.

फिर खुच दिन बाद पता चला माँ का हज़्बेंड तो इधर था नही, तो माँ ने वो चीज़े किसके लिए मँगवाई थी. अब कुछ दिन बाद मुझे एक अननोन नंबर से मेसेज आता है-

मेस्सहे: हेलो.

मैं: जी कों?

मेसेज: आपकी माँ जिसका आप पार्सल लेकर आए थे.

मैं: जी माँ बोले, कैसे याद किया हमे?

उन्होने डाइरेक्ट बोल दिया: उस दिन वो एरेक्षन पार्सल की वजह से हुआ था, या मेरी वजह से?

मैं शॉक हो गया, की अब क्या बोलू.

फिर मैने मेसेज किया: माँ ये सोच के एरेक्षन हो गया था, की आपके हज़्बेंड तो यहा है नही. तो ये सब किसके लिए?

आयेज से माँ का मेसेज आया: समझा करो. अगर तुम फ्री हो तो कल घर पर आ जाना, सब समझा दूँगी.

मेरी फटत गयी, लेकिन मैं रेडी हो गया. फिर कल के लिए शॉप से कॉनडम्स उठाए और अगली दोपहर मैं माँ के घर पहुँच गया. फिर उन्होने अपने पति के बारे में बताया-

माँ: वो ज़्यादा से ज़्यादा एक शॉट तक टिक पाते है, और मुझे सॅटिस्फाइ नही करते हमेशा. बस सुहग्रात पर पता नही कैसे उन्होने मुझे निचोढ़ कर रख दिया था. पर उस दिन के बाद कोई हाल नही. मुझे हमेशा क्यूकमबर पर कॉंडम लगा के अपने आप को सॅटिस्फाइ करना पड़ता है.

फिर माँ ने सारा सीन समझाया की उन्होने मेरा खड़ा देख कर मुझे बुलाया था. अब स्टार्ट कों करे पहले दोनो इस वेट में थे. फिर माँ ने मुझे खींच कर किस करना स्टार्ट कर दिया, और मैं भी उनका साथ देने लगा. फिर माँ ने मेरी त-शर्ट उतार के फेंक दी, और अब मैने भी माँ का कुर्ता उतार दिया, और माँ की रेड ब्रा देखने लगा.

अब हम किस करते जेया रहे थे, और अब मैने माँ का ट्राउज़र उतार दिया. फिर मैने उनकी पनटी उतरी, और छूट चाटने लग गया. उनकी छूट पर हल्के से बाल थे. अब उनकी छूट 5 मिनिट चाटने के बाद पानी छ्चोढने वाली थी.

मैं उनका सारा पानी पी गया. क्या नमकीन पानी था. अब माँ मेरा लंड मूह में लेके चूसने लगी, और अब रूम में घू घू घू की आवाज़े आ रही थी. फिर मैने माँ को नीचे लिया, और उनकी छूट पर लंड रगड़ने लगा.

मैने माँ से पूछा: कॉंडम पहनु?

माँ ने बोला: नही-नही.

ये बोलते ही सारा लंड मैने उनकी छूट में उतार दिया, और माँ ज़ोर से चिल्ला पड़ी. माँ की छूट थोड़ी सी टाइट थी. अछा हुआ घर पर कोई नही था. अब मैं माँ को ज़ोर से छोड़ने लगा.

माँ की आ आ निकल रही थी, और वो ज़ोर से करने को बोली. अब हमने पोज़िशन चेंज की, और मैं उनको डॉगी स्टाइल में छोड़ रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था उनको.

मैं अब माँ को अलग-अलग पोज़िशन में छोड़ने लगा, और अब मेरे 3 शॉट हो चुके थे, और माँ 4 बार झाड़ चुकी थी. ऐसे सेक्स चलते-चलते पता ही नही चला एक घंटा कहा गया. अब हम नंगे लेते हुए थे. तभी माँ ने बताया की उनकी दूसरी बेहन भी शादी-शुदा थी.

माँ: क्या तुम उनको सॅटिस्फाइ कर दोगे?

फिर माँ ने अपनी सुहग्रात की कहानी बताई. की कैसे उन्होने और उनकी बेहन ने एक ही बेड पर बीच में पोर्षन लगा के चुडवाया. वो बता रही थी की उनकी शादी के बाद घर पहुँचे तो उनकी दूसरी बेहन के रूम की च्चत गिर गयी. तो उन्हे अपनी बेहन के साथ ही सुहग्रात करनी पड़ी एक ही बेड पर.

वो बता रही थी की

उनकी बेहन और उन्होने एक ही बेड पर चुडवाया. इधर से उनकी बेहन की आ आ कर रही थी, और उधर से उनकी आ. दोनो भाई दोनो बहनो को रग़ाद-रग़ाद के छोड़ रहे थे. सिर्फ़ शादी वाले दिन ही रग़ाद के छोड़ा. उसके बाद दोनो कुछ नही कर पाते.

अब दोनो बहने और दोनो भाई नंगे लेते हुए थे एक बेड पर ही. दोनो बहने शर्मा रही थी, और थोड़ी देर बाद ही दोनो भाइयों के फिरसे खड़े हो गये. फिर हम दोनो को घोड़ी बना कर छोड़ा और दोनो भाइयों ने हमे छोड़-छोड़ कर बुरा हाल कर दिया था.

उसके बाद लंड दे दिया की लो मूह में और चूसो अची तरीके से. अब रूम में सिर्फ़ घुप-घुप को आवाज़े थी, और दोनो भाई साथ ही झाड़ गये, और सारा पानी हम दोनो को पीला दिया.

मैने बोला: ओक, मैं आपकी बेहन को छोड़ने के लिए तैयार हू.

मेरे लिए तो एक लॉटरी थी. अब वो स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. उमीद करता हू आपको कहानी पसंद आई होगी, और खुद को सॅटिस्फाइ करने के लिए दी गयी मैल पर कॉंटॅक्ट करे.

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