सेक्स चैट से चूत चुदाई जयपुर में

मैं- आह.. प्लीज… सीई.. आ उम्मह.. उम्म्म आ…!

इन्डियन गर्ल की चूत चुसाई
वो मेरे पेट को चूमता हुआ नीचे आ गया और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया।
मेरी चूत जो अब तक पैंटी के अन्दर थी, उसे खाने क़ी पूरी कोशिश कर रहा था वो!

फिर उसने अपना हाथ पेंटी के अन्दर डाल दिया और चूत क़ी फाकों पर अंगुली चलाने लगा।
मेरी आह अब सेक्सी सिसकारियों में बदल गई थी।
उसने मेरी पेंटी को भी चूत से अलग कर दी।

उसने मेरी नंगी चूत को अपने मुँह में ले लिया और फाकों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
अब उसने मेरी टाँगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया।
उसकी जीभ मेरी चूत क़ी फाकों को चीरती हुई अन्दर जा घुसी।

मैं- आआ उफ्फ़… क्या कर रहे हो राहुल आ..ह.. आ..ह… मज़ा आ गया उफ़ प्लीज़ आह… चूसो ना!

वो मेरी चूत चूसे जा रहा था और मेरे हाथ उसके सर को मेरी चूत क़ी ओर धकेल रहे थे।
राहुल ने मेरी चूत को चूस कर इतना गर्म कर दिया कि मैं अपनी टाँगों को भींच कर मदहोश होने लगी।

मेरी चूत का रस
मैं- आ..ह.. उफ़.. सीसी…. आ..ह.. आ..ह… उफ़.. मेरा पानी निकलने वाला है आ..ह.. प्लीज़ जोर से… आ..ह.. आह…
और इस चुसाई से मेरी चूत ने अपना कामरस बहा दिया… जिसे राहुल पी गया।

राहुल- मजा आ गया प्रिया… काश तुम्हारी चूत यह रस मैं सारी जिंदगी पीता रहूँ!
मैं- जानू, यह रस तुम्हें जिन्दगी भर याद रहेगा।

राहुल- जानेमन मेरा लौड़ा तेरी चूत में जाने के लिए कब से बेकरार है..
मैं- जो भी करना है कर लो मेरे राजा, आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ।

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उसने मेरी जांघों को हाथों से पकड़ कर मेरी टाँगों को फैला दिया और अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था।
वो लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा.. मैं सुपारे की गर्मी को चूत के मुँह पर पाकर तड़पने लगी।

मैं- उ उफ़फ्फ़ आ..ह.. प्लीज़ अब मत तड़पाओ, आह डाल दो आ..ह.. अब बर्दाश्त नहीं होता आह!

उसने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरा हाथ मेरी कमर पे रख दिया, और धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू किया।
मेरी चूत पानी छोड़ चुकी थी.. तो चूत गीली थी।

तभी उसने चूत पर जोरदार झटका मार दिया.. और उसका मोटा लण्ड 3 इंच चूत को फाड़ता चला गया।

मेरे मुँह से चीख निकली- अयाया… उफफ्फ़… मर गई उह अई… ऑश आ अई आआ… अई अहहह!

वो रुक गया.. मेरी चूत से खून निकल रहा था और आँखों से आँसू।
मैं झटपटाने लगी।

पर वो मेरी ओर ध्यान दिए बिना मेरे मम्मों को दबाने लगा और चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैं अपने चूतड़ उछालने लगी।

राहुल समझ गया कि मेरी चूत का दर्द कम हो गया है तो उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा। उसका लंड पूरा मेरी चूत में घुसते हुए मेरी बच्चेदानी से जा टकराया।

मेरी आँखों से पानी निकल आया, मुख से चीख नहीं निकल पाई.. वो अपने मुँह से मेरा मुंह बंद किए हुए था।
उसने चोदना चालू कर दिया, मैं भी दर्द भूलकर चुदने लगी।

थोड़ी देर बाद…
मुझे मजा आने लगा..

मैं- आ फक मी आ… फक मी आ फक हार्ड… आ आउऊ उईईई… ह अयाया अई आआ…

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वो मेरी चूत को धकापेल चोद रहा था और मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर राहुल के लौड़े से चुदवा रही थी।

मैं- अई..आह आह ऊउ उउह उई मर गई आआ आह आ आ… बहुत द..द..दर्द कर दिया उउउ उउउ आ प्लीज़ निकाल लो आ मैं दर्द से आह मर जाऊँगी आ.ह..!

राहुल- जान, बस थोड़ी देर की बात है..

मैं- अईए इ उफ्फ़ सस्स कककक आह आ प्लीज़ आह ओ बहुत आह दर्द आ हो रहा है..!

काफ़ी देर की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ने वाले थे।
मैं- अई.. आह ज़ोर से करो आ या या फक मी.. आ फक हार्ड ओफफ्फ़.. फू..ओ आ फास्ट आ फास्ट स्वीट-हार्ट.. आह आ.ह..!

राहुल- उह ये लो आ एया आआ आआ अई…!

मैं- आ उफ़ फास्ट और फास्ट आह मैं गई आ फक मी आ… फक मी आ फक हार्ड… आ आ मैं गई उउउ उईईई… ह अयाया अई आआ… अहाह आहा हः आहह..!
मेरी चूत ने अपना लावा उदास दिया।

राहुल ने लौड़ा बाहर निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया और झटके मारने लगा।
तभी एक बहुत तेज़ पिचकारी निकली जो सीधे मेरे गले में गई और उसका वीर्य मेरे मुँह में भर गया। मैं पूरा पानी पी गई। लौड़े को जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिया और बेड पर निढाल होकर पसर गई।
और वो भी लेट गया्।

उस दिन उसने मुझे दो बार ओर चोदा।
फिर हम साथ में नहाये।

वो शाम को दिल्ली चला गया और मैं अपने घर आ गई।

अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि मुझे दिल्ली बुलाकर राहुल और अरुण ने मेरी कैसे चुदाई की।

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