सीनियर्स ने ग्रूप सेक्स करके रंडी बनाया

ही एवेरिवन, मेरा नाम ज़ेनिशा है. मैं नॉर्तीस्ट इंडिया से हू, तो बाकी इंडियन्स से अलग दिखती हू. मेरी आगे अभी 25 साल की है, और ये कहानी तब की है जब मैं 23 साल की थी. मेरी हाइट 5’1″ है और दिखने में गोरी हू, आंड मेरा फेस स्लुटती टाइप की है. मतलब मेरे फेस पे चुदाई की भूख सॉफ दिखती है.

मेरे बूब्स मीडियम है, और मेरी गांद बड़ी और बहुत हॉट दिखती है. अब तक तो मैं बहुत सारे लंड ले चुकी हू, और पूरी रंडी ही बन चुकी हू. मैं 2 दिन से ज़्यादा बिना चुडवाए नही रह सकती.

तो अब कहानी पे आते है. ये बात तब की जब मैं इंडिया छ्चोढ़ के जॉब करने के लिए सौदी अरब चली गयी थी. मैं एक केफे आंड बेकरी में काम करने गयी थी. तो मेरी जॉब एक अची ख़ासी केफे में लग गयी थी, जिसकी पुर सौदी में बहुत ब्रॅंचस थी. मैं उधर आस आ सेल्सवाय्मयन गयी थी. तो कंपनी ने मुझे रियाध सिटी की ही एक ब्रांच में डाल दिया था.

मैं फिर फर्स्ट दिन अपनी ड्यूटी पर गयी. उस ब्रांच में सिर्फ़ मैं ही लड़की थी. उधर मेरी नाइट शिफ्ट थी. मैं उधर गयी, और सब के साथ इंट्रोडक्षन करने लगी. वो कंपनी ज़्यादातर लोग ईजिप्षियन्स थे, और कुछ फिलीपिनो और बिंगाली भी थे. उधर के मॅनेजर का नाम वएल था, जो बहुत टॉल था. वो ईजिप्षियन था.

दे शिफ्ट सूपरवाइज़र का नाम आमरी था. वो भी ईजिप्षियन था, और वो भी टॉल था, और जिम वाला था, जिसकी बॉडी बहुत बड़ी थी. नाइट सूपरवाइज़र का नामे अशौर था ईजिप्षियन. बारिसता का नाम अली था, वो भी ईजिप्षियन और उधर एक पेपर मान था जावेद जो बिंगाली था, और वो भी टॉल था. और कुछ फिलीपिनो थे.

वो सब मुझे छोड़ना चाह रहे थे, और मुझसे बहुत फ्लर्ट करते थे. मुझे भी छुड़वाने का मॅन था, पर दर्र लग रहा था, क्यूंकी सौदी बहुत स्ट्रिक्ट कंट्री है. उधर दूसरे ब्रॅंचस के मॅनेजर्स और सूपरवाइज़र्स का भी आना-जाना चलता रहता था, और मैं दूसरे ब्रॅंचस के सूपरवाइज़र्स को भी पहचानने लगी थी.

ऐसे ही काम करते-करते 1 महीना चला गया. मेरी ड्यूटी शाम को 5 बजे से रात के 3 बजे तक होती थी. और वो बारिसता और अली का भी पास की ब्रांच में ट्रान्स्फर हो चुका था.

तो उस दिन पे आते है अब. उस दिन पता नही क्यूँ सेल्स ही नही हो रही थी, और कस्टमर भी कोई नही आ रहा था. इसलिए मॅनेजर वएल 11 बजे ही जाने की बात कर रहा था. उसने जावेद को पेपरवर्क जल्दी ख़तम करने को बोला, और मुझे कहा-

वएल: आज सेल्स नही है, तुम चलो मेरे साथ. मैं तुम्हे ड्रॉप कर देता हू.

मैने ओक कर दी क्यूंकी ये मौका था छुड़वाने का. तो फिर वएल ने फिलीपिनो लोगों को कहा-

वएल: आज स्टोर बंद करके चले जाओ, और मुझे, जावेद, और अशौर को लेके चला गया.

फिर वएल ने आमरी, जो दे सूपरवाइज़र था उसको भी पिक कर लिया और दूसरी ब्रांच से बारिसता अली और सूपरवाइज़र मगदी को भी पिक कर लिया. मैं समझ चुकी थी ये सब मुझे छोड़ने वाले थे. पर मुझे भी लंड चाहिए था, तो मैं कुछ नही बोली. गाड़ी वएल ड्राइव कर रहा था, और आयेज के सीट में मगदी भी बैठा था, और मैं पीछे की सीट में अली, जावेद, अशौर और आमरी के बीच में बैठी थी.

ये देख कर वो लोग मुझे टच करने लगे. मैं ये क्या कर रहे हो बोली, तो अली बोला-

अली: शूट उप योउ बिच. हमे पता है तुझे लंड चाहिए.

वो सब मुझे किस करने लगे, और मेरे बूब्स और गांद पकड़ने लगे. कुछ देर बाद हम वएल के घर में पहुँच गये, और अली मुझे कंधे पे उठा कर ही रूम के अंदर ले गया. फिर मुझे सोफा पे पटक दिया. मैं एक बार तो दर्र गयी, की 6 फुट से ज़्यादा टॉल और मस्क्युलर 6 लोग मेरे सामने थे.

पर मैं खुद को रोक नही पा रही थी. वो लोगों ने मेरी यूनिफॉर्म फाड़ दी, और मेरे बूब्स और छूट चाटने लगे. अब मैं बहुत गरम हो चुकी थी. फिर वो सब सोफा पे बैठ गये, और वएल बोला की सब का लंड बारी-बारी से चूस साली रंडी.

फिर मैने फर्स्ट वाले की पंत से उसका लंड निकाला. वो सब इतने टॉल थे की मैं उनकी सिर्फ़ चेस्ट तक ही आ रही थी. वएल का लंड निकली तो वो बहुत बड़ा था. वो लोगों ने कुछ दवाई भी ली थी लंबे टाइम तक छोड़ने के लिए.

वएल का लंड 9.5 इंचस का था और मोटा भी था. उसका लंड आधा ही मेरे मूह पे जेया रहा था. फिर भी मैं उसे थूक लगा के गले के अंदर तक लेके चूस रही थी. मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है.

करीब 10 मिनिट वएल का लंड चूसने के बाद मैं आमरी की पंत से उसका लंड निकली. उसका भी 9 इंच का था, और उसका लंड भी मैं बहुत आचे तरीके से चूसी. मैं उसके अंडे भी चूस रही थी. फिर मैं अली की पंत से उसका लंड निकली. वो भी 9 इंचस का था, और उसका भी आचे से चूसी.

फिर मैं मगदी का लंड निकली, जो 8.5 इंचस था, और वो भी जी भर के चूसी. उसके बाद मैं जावेद का लंड निकली, जो 8 इंच का था, और वो भी चूसी. फिर अशौर का लंड भी चूसी, जो 9 इंचस का था.

मैने उनसे पूछी: क्यूँ तुम लोगो का लंड इतना बड़ा-बड़ा है?

तो वो बोले: ईजिप्षियन लंड ऐसे ही होते है.

फिर उन्होने मुझे सोफा पे लिटा दिया, और उपर चढ़ के मेरी मूह को बेरेहमी से छोड़ने लगे. कुछ देर बाद वएल ने मेरी छूट में अपना लंड डाल दी. उसका बड़ा लंड पूरा अंदर नही जेया रहा था, तो उसने ज़ोर से झटका लगाया, और पूरा अंदर चला गया.

मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई, पर उपर से अली ने मेरे मूह में लंड डाल दिया और मूह को छोड़ने लगा. कुछ देर दर्द हुआ, पर फिर मुझे मज़ा आने लगा. वएल बहुत ज़ोर्से छोड़ रहा था. फिर उसके बाद उसी पोज़िशन में आमरी मुझे छोड़ने लगा. मैं बहुत आवाज़ कर रही थी, इसलिए वो लोग मेरे मूह को भी छोड़ रहे थे. सब ने मुझे बारी-बारी उसी पोज़िशन में छोड़ा.

फिर उन्होने मुझे डॉगी पोज़िशन में बिताया, और मेरी गांद में आमरी ने लंड डाल दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ, और मैं कहने लगी-

मैं: गंद में मत छोड़ो.

पर वो लोग सुनने वाले नही थे, और ज़ोर-ज़ोर से झटके देके पूरा लंड डाल दिए. मेरी छूट और गांद दोनो फटत गयी. पर कुछ देर बाद बहुत मज़ा आने लगा. सब ने बारी-बारी मेरी गांद मारी.

फिर उसके बाद सब सर्कल में खड़े हो गये, और मैं सब लंड चूसने लगी. जावेद ने मुझे कोबाय पोज़िशन में छोड़ा, और उपर से अशौर ने गांद में लंड डाल दिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो लोग पोज़िशन चेंज कर-कर के मुझे छूट और गांद में एक साथ छोड़ रहे थे.

मैं फिर से सब का लंड चूसने लगी. तभी अली को पेशाब आ गया, और उसने मेरे उपर ही पेशाब कर दिया. उसके बाद सब ने मेरे उपर पेशाब करा. कुछ तो पी भी लिया मैने. वो लोग मुझे बहुत ह्युमिलियेट कर रहे थे, और गालियाँ भी बहुत दे रहे थे.

उन्होने मेरे माथे पे पर्मनेंट मार्कर से स्लट लिख दिया था, और मेरी बूब्स के उपर ई’म टाय्लेट लिख दिया था. फिर अशौर मुझे हवा में उठा के छोड़ने लगा. उनके सामने मैं बहुत छ्होटी थी और वो लोग बहुत ईज़िली मुझे उठा के छोड़ रहे थे, जैसे मैं कोई सेक्स डॉल थी.

वो लोग बहुत स्ट्रॉंग थे, और सब ने बारी-बारी मुझे हवा में उठा कर छोड़ा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब वो लोग सब झड़ने लगे, और सब ने मेरे मूह के अंदर माल गिरा दिया, और मैं सब पी गयी. फिर कुछ देर बाद मैने फिर से चूस के सब के लंड खड़े कर दिए, और वो लोग बारी-बारी करके मुझे छोड़ने लगे.

इस बार सब ने छूट के अंदर ही माल गिरा दी. फिर नेक्स्ट रौंद में गांद में गिरा दिया. उन सब ने मुझे 4-4 रौंद छोड़ा, और मैं अब चल भी नही पा रही थी, और दूसरे दिन पूरा सो गयी.

उस दिन के बाद वो लोग मुझे रोज़ छोड़ने लगे थे, और मेरी छूट और गांद पूरी फटत गयी थी. वो केफे के जीतने ब्रॅंचस है, उन सब के मॅनेजर और सूपरवाइज़र्स ने मुझे छोड़ा है. और बहुत सारे क्लीनर्स ने भी छोड़ा है.

उस दिन मेरी प्रेग्नेन्सी पॉज़िटिव आ गयी थी, जो फिर मैने मेडिसिन ली. अब मैं पैसा लेके छुड़वाने लगी थी, मॅनेजर और सूपरवाइज़र्स से, पर क्लीनर्स को फ्री में देती थी. सब लोग मुझे रंडी कह के बुलाने लगे थे.

आयेज की चुदाई अगली कहानी में लिखूँगी. ऑश ई’म आ होर, आ स्लट.

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