सविता भाभी का साक्षात्कार

अन्दर जाते ही शालिनी ने बॉस से सविता भाभी का परिचय कराते हुए कहा- सर ये मेरी सहेली है जिसके बारे में मैं आपको बता रही थी।

सर ने सविता भाभी को ऊपर से नीचे तक बेहद कामुकता भरी निगाहों से देखा और मन ही मन में सोचने लगा- क्या गरम चीज है.. इसके ऑफिस में होने से तो मेरा हमेशा खड़ा ही रहेगा।

‘हैलो.. आप सविता हैं न.. मेरा नाम पंकज मिश्रा है।’
‘जी.. मैं सविता ही हूँ!’

सर ने शालिनी से कहा- शालिनी, तुमने स्टाफ को कह दिया है न कि इन्टरव्यू खत्म होने तक हमें कोई भी डिस्टर्ब न करे..

‘जी मिश्रा जी मैंने कह दिया है।’ शालिनी ने कहा और वो देखने लगी कि मिश्रा जी सविता भाभी के मम्मों पर गहरी निगाह गड़ाए हुए हैं।
सविता ने भी इस बात पर गौर किया होगा।

सर ने सविता भाभी से कहा- आप बैठिए प्लीज़.. देखिये हमें अपने बड़े साहब के लिए एक पर्सनल सेक्रेटरी चाहिए.. एक ‘ख़ास’ सेक्रेटरी..!
‘जी..’

‘दरअसल बड़े साहब अक्सर बिजनेस टूर पर जाते रहते हैं। उनको कोई ऐसी सेक्रेटरी चाहिए.. जो उनकी यात्रा के टिकट, होटल बुकिंग करने के अलावा उनके साथ रह भी सके।’
‘उनके साथ रह सके?’

मैनेजर ने सविता भाभी के सवाल पर कोई ध्यान ने देते हुए उनके हुस्न के नशे में डूबते हुए सोचा कि काश ये माल मेरे साथ मेरे बेडरूम में हो तो मजा आ जाए। अगर ये मेरे बिस्तर में नंगी होकर मेरे साथ चुदने को तैयार हो जाए तो मजा आ जाए.. मैं तो इस पर अपना सब कुछ न्यौछावर कर दूँ।

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उसके मन मस्तिष्क में इस वक्त सविता भाभी का नंगा जिस्म घूम रहा था।

तभी मैनेजर ने खामोशी तोड़ते हुए सविता भाभी से पूछा- तो मैं कह रहा था कि क्या तुम इस काम के खुद को योग्य समझती हो? क्या तुम बड़े साहब की सभी ‘जरूरतों’ को पूरा कर पाओगी?
‘जी..’ सविता भाभी कुछ सोचने लगीं।

मैनेजर- तुम्हारी सहेली शालिनी ने इस कम्पनी में एक बहुत ही छोटी सी पोजीशन से काम शुरू किया था। पर ये काफी खुले विचारों की और सहयोग करने वाली है। इसलिए इसने बहुत तरक्की कर ली है। ठीक है न शालिनी?

शालिनी ने मैनेजर से चिपकते हुए बड़ी कामुकता से निकटता जताते हुए कहा- हाँ सविता.. जैसा मैंने तुम्हें बताया था कि अपने खुले विचारों और दोस्ताना रवैए से बॉस को खुश रखना ही सबसे जरूरी है। तुमको बताना चाहती हूँ कि बड़े साहब के बाद मिश्रा जी ही सर्वेसर्वा हैं.. इसी लिए मैं इन्हें खुश रखती हूँ।

सविता भाभी ने देखा कि शालिनी मिश्रा जी से एकदम चिपक कर खड़ी थी। ये देख कर सविता भाभी सोचने लगीं कि शालू कुछ ज्यादा ही चिपक रही है.. ये साली पहले से चुदक्कड़ रही है.. हो न हो इसने मिश्रा जी को अपने हुस्न के जाल में फंसाया हुआ है।

साथ ही सविता भाभी ने देखा कि मैनेजर मिश्रा शालिनी से चिपकते हुए कुछ गर्म से हो रहे हैं।
पर अगले ही पल सविता भाभी ने सोचा कि मुझे बहुत जल्दी किसी नतीजे पर नहीं पहुँचना चाहिए.. हो सकता है मैं गलत होऊँ।

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पर जब शालिनी मैनेजर मिश्रा से चिपकी ही रही और मिश्रा ने भी शालिनी की गाण्ड से अपना हाथ नहीं हटाया तो सविता भाभी समझ गईं कि ये मैनेजर पक्के में शालिनी की गांड सहला रहा है।

इस सीन को देख कर सविता भाभी भी गरम होने लगीं।

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