ही दोस्तों, मैं विजय, 24 साल का, देल्ही से हू. चलिए अब बिना देरी किए सीधे कहानी की तरफ चलते है.
मेरी मों ने एक साल पहले दोबारा शादी कर ली, और हम एक बड़े घर में शिफ्ट हो गये, जो मेरे स्टेप-दाद का था. ये काफ़ी बड़ा घर था, और अब मेरी एक सौतेली बेहन भी थी. वो काफ़ी चालाक थी, जो उसकी शकल से पता चल रहा था, और वो बहुत हॉट भी थी.
वो मेरे और मेरी मों के उनकी ज़िंदगी में आने से खुश नही थी. हमारा अग्रीमेंट ये था की मैं उसकी लाइफ में इंटर्फियर ना करू, और वो मेरी लाइफ में इंटर्फियर नही करेगी. उसका नाम कविता था.
कविता का नाक गुणता हुआ था. वो गोरी थी, और घर में शॉर्ट्स और स्लीव्ले टांक टॉप पहनना पसंद करती थी. लेकिन इससे मुझे उस घर में रहने में दिक्कत होने लगी. उसके गोल बूब्स उसकी बॉडी पर पूरी तरह से जचते थे. उसकी स्किन सॉफ्ट थी, बिल्कुल सिल्क की तरह. उसके छ्होटे बाल आकर्षक थे, और उसको और खूबौरत बनाते थे.
कुछ महीने पहले, मैं कविता के रूम में घुस रहा था. क्यूंकी मैं उसकी खुश्बू लेते हुए मूठ मारना चाहता था. फिर जब मैं उसके उसेड कपड़ों के पास पहुँचा, तो वाहा मुझे पॉर्न मॅगज़ीन च्छुपाई हुई मिली.
वो मॅगज़ीन लेज़्बीयन पॉर्न से भारी हुई थी, और मुझे उसी वक़्त पता चल गया, की मेरे हाथ सोने की ख़ान लग गयी थी. तो मैने अपनी स्टेप-सिस्टर को रंगे हाथ पकड़ने और छोड़ने का प्लान बनाया.
फिर अगले दिन मैने एक अंजान एमाइल ईद से अपनी बेहन को एक पॉपुलर इंडियन कॅम गर्ल साइट का ले भेजा, जो थी- “ववव.डस्क्गिर्ल्स.लिव”.
मैं बस ये जानना चाहता था की वो क्या करेगी. ये एमाइल भेजने से पहले ही मैने उसके रूम में हिडन कॅमरा लगा दिया था, ताकि उसको रंगे हाथ पकड़ा जेया सके.
मैने उसको लिंक भेजा, और कॅमरा को अपने फोन से कनेक्ट कर लिया, ताकि मैं रेग्युलर्ली उस पर नज़र रख साकु. कुछ दिन गुज़र गये, लेकिन कुछ नही हुआ. फाइनली सनडे के एक दिन, मेरे मम्मी-पापा घर से कही डोर चले गये. उसके कुछ ही मिंटो बाद मैने उसको वीडियो लिंक पर क्लिक करते देखा.
कविता वेबसाइट पर पहुँच गयी, और उसने स्क्रोल करके किसी प्रोफाइल पर क्लिक किया. शायद उसको वो प्रोफाइल पसंद आई थी, क्यूंकी उसने वाहा अकाउंट बनाया उस डेबिट कार्ड की हेल्प से जो उसको मेरे स्टेप-दाद ने दिया था. उसके बाद उसने कुछ क्रेडित्सस खरीदे. मैं समझ गया की अब ये शुरू हो चुका था.
जल्दी ही मैने कॅमरा में कुछ आवाज़े सुनी. मैने देखा कविता ने अपनी टांक टॉप उठाई, और अपने निपल्स मसालते हुए लॅपटॉप में देख कर खिखलने लगी. मेरी सौतेली बेहन ने अपनी उंगलियाँ छाती, और फिर उनको अपनी नाभि से होते हुए अपनी शॉर्ट्स में ले गयी.
डॅम! ये बहुत मज़ेदार था. मैं वाहा जाके अपना हाथ उसकी शॉर्ट्स में डाल कर उसकी गीली छूट को चूना चाहता था. पर मैने खुद पर कंट्रोल रखा. मैने अपनी सौतेली बेहन को एक रंडी की तरह मोन करते हुए सुना. तभी मैने देखा की वो अपना टॉप उतार कर अपने निपल्स को कॅमरा के आयेज करके मसालने लग गयी.
कविता: श! तुम्हे ये अछा लगा बेबी, जब मैं अपनी बॉडी को इस तरह से टच कर रही हू!
जैसे ही उसने ये कहा, मैं जानता था की मुझे उसको रंगे हाथ पकड़ लेना चाहिए. फिर उसने अपनी शॉर्ट्स भी उतार दी, और कॅमरा में देख कर रंडियों जैसी बातें कर रही थी.
मैं फिर बिना कुछ और सोचे उसके रूम के दरवाज़े के बाहर जाके खड़ा हो गया. फिर मैने 2 सेकेंड्स के लिए वायर की, और फिर मैने उसके रूम में धदाम करके एंट्री मारी. अब मेरी सौतेली बेहन मेरे सामने नंगी थी, और उसकी उंगलियाँ उसकी गीली छूट में घुसी हुई थी.
कविता (मोन करते हुए, लेकिन हैरान नही थी): आह… आ जाओ, और दरवाज़ा बंद कर दो, ईडियट!
मे: मैने अभी-अभी तुम्हे ऑनलाइन फिंगरिंग करते पकड़ा है. तुम क्या कहना चाहोगी इस बारे में?
कविता (फिंगरिंग करते हुए): मोनिका, मेरे सौतेले भाई को ही बोलो.
वेबकाम पर एक मोनिका नाम की सूपर हॉट लड़की थी. उसकी प्रोफाइल का लिंक मैने ही कविता की मैल पर भेजा था. मैने उसकी नंगी बॉडी देख कर हाथ हिलाया, और उसने खिखलते हुए अपनी टांगे खोल दी.
मोनिका: हम तुम्हारी ही वेट कर रहे थे.
मे: क्या मतलब!
कविता ने फिंगरिंग रोकी, और मुझे पकड़ लिया. फिर उसने मुझे चेर पर धक्का दिया, और अपनी उठी हुई टॉप के साथ मेरी गोद में आके बैठ गयी. उसकी सॉफ्ट स्किन मेरी स्किन से टच हुई, और उसकी खुसबु मेरी नाक में भर गयी. उसके निपल्स मेरे गालों पर टच हुए, और मेरा उसी वक़्त खड़ा हो गया.
कविता (खिखलते हुए): ऐसा लगता है आख़िर-कार तुम्हारा लंड पार्टी जाय्न करने के लिए तैयार है.
मे: ये क्या हो रहा है?
कविता: मैं काफ़ी वक़्त से तुम्हे मेरी गांद घूरते देख रही हू. तुम मेरे रूम में चुपके से आते हो, मुझे ये भी पता है. तो वो लेज़्बीयन मॅगज़ीन्स मैने जान-बूझ कर ही रखी थी.
मे: रूको… तो तुम लेज़्बीयन नही हो?!
कविता (हेस्ट हुए): नो बेबी, मैं बाइसेक्षुयल हू. मुझे दोनो पसंद है. तुम्हे मेरी गांद पसंद है ना?
मे: वो… मुझे शायद जाना चाहिए.
कविता (हेस्ट हुए): शायद तुम्हे अपनी सौतेली बेहन को उसी के बेड पर छोड़ना चाहिए, जब हमारी दोस्त मोनिका देख रही है.
मोनिका (अपनी छूट रगड़ते हुए): मुझे लगता है की तुम लोगों को ये करना चाहिए. नये दोस्त बनाने का ये मेरा मॅन-पसंद तरीका है.
अब मैने कविता की स्माइल देखते हुए उसके बूब को पकड़ लिया. उसने हल्की सिसकी ली, और मैने उसकी गांद पर हाथ रख कर उसको अपनी तरफ खींच लिया. उसने मेरी शर्ट उतार दी, और डीप किस करने लगी. मैने उसकी शॉर्ट्स उतार दी.
फिर उसने मेरी स्वेआतपंतस में हाथ डाला, और वो आसानी से ही निकल गयी. कविता ने सब उतार दिया, सिवाए अपनी लेस वाली पनटी के. वो पनटी बहुत अची थी, और उसकी छूट पनटी में से लंड पर रग़ाद खाती हुई बहुत अची लग रही थी.
मैने सिसकी ली, और उसने स्माइल करते हुए मुझे फिरसे किस किया. फिर मैने स्क्रीन की तरफ देखा, और मोनिका अपनी छूट में टीन उंगलिया डाल कर फिंगरिंग करने लगी. ये सब बहुत मज़ेदार था. कविता ने लॅपटॉप बेड की साइड में रखा, और मुझे सीधा लिटा दिया. फिर वो मेरे उपर आ गयी, और पनटी के अंदर से छूट को मेरा लंड पर रगड़ने लग गयी.
कविता: तुम बहुत स्वीट और इनोसेंट हो. इतने दीनो से मेरे लिए प्यासे हो. तुम्हे सिर्फ़ मुझे बोलना था की मैं तुम्हारे फेस पर बैठ जौ.
मे: मेरे फेस पर?!
कविता (नॉटी स्माइल करते हुए): ठीक है!
फिर मेरी सौतेली बेहन ने अपनी छूट मेरे चेहरे पर रख दी. मी गोद! उसमे एक नशा था. उसने अपनी लेस पनटी को साइड किया, और मेरी जीभ सीधे उसकी छूट को टेस्ट करने लगी. कविता की छूट गीली थी, और मैं गर्दन उठा कर उसकी छूट में जीभ डालने लगा. वो उत्तेजित होके मोन करने लगी, क्यूंकी मैं बेस्ट तरीके से उसकी छूट चाट रहा था.
फिर उसने अपने बूब्स पकड़े, और अपना सर पीछे करके मेरी ठुड्डी पर बैठ गयी. उसके बाद उसने मेरा सर पकड़ा, और अपनी कोमल जांघों में दबाने लग गयी. ये बिल्कुल जन्नत जैसा था. उसने मेरा चेहरा पकड़ लिया, और मैं उसकी छूट में अपना फेस घुसने लगा, और उसके कम का स्वाद लेने लगा.
मोनिका (फिंगरिंग करते हुए): शीत! काश कोई मुझे भी ऐसे ही खाता! क्या लड़का है!
मे: तुम भी मेरे फेस पर बैठना चाहती हो?
वो अपनी छूट को कॅमरा के पास ले आई, और मैं आयेज होके उसको चाटने की आक्टिंग करने लगा. मोनिका छूट तेज़ी से रगड़ने लगी, और मोन करने लगी. तभी कविता ने मेरा लंड पकड़ कर मुझे सर्प्राइज़ कर दिया. मैने नीचे जब देखा, तो वो मेरी टाँगो के बीच आके मेरा लंड चूसने लगी. ये बहुत एग्ज़ाइटिंग था. मोनिका मोन करने लगी ज़ोर-ज़ोर से.
मोनिका: श एस! चूसो उसका लंड! तुम बहुत नॉटी हो! मेरा निकालने वाला है आहह!
कविता ने रंडी जैसे मोन किया, और लंड चाट-ती रही. मैने मज़े में आ भारी, जब वो मेरा टोपा चूस रही थी. मोनिका को करेंट लग रहा था, जब उसने देखा कविता के मूह से थूक निकल कर मेरे लंड पर बह रही थी.
मैने अपना लंड कविता के मूह में और तूस दिया, और मोनिका फूली हुई सांसो के साथ पीछे होके लंड चुसाई देखती रही.
मे: ऑश फक! चूस कुटिया चूस!
तभी हमने डोरबेल की आवाज़ सुनी, और हमारी पार्टी वही पर रुक गयी. फिर हमने एक-दूसरे को किस देते हुए वेबसाइट से लोग ऑफ कर दिया, और कपड़े पहन कर नीचे चले गये. हमारे पेरेंट्स ने उनका ट्रिप कॅन्सल कर दिया था.
मैं सेकेंड पार्ट के साथ वापस अवँगा, लेकिन ये आपके रेस्पॉन्स पर निर्भर करेगा. उतने में अगर आप भी इंडियन सेक्सी लड़कियों के साथ मज़ा करना चाहते है, तो यहा क्लिक करे.