जब भी मैं ससुराल जाता हूँ या वे हमारे घर आते हैं तब रूचि की माँ यानि मेरी सास रूचि से अधिक मेरा बहुत ध्यान रखती है और अपना पूरा प्यार मुझ पर न्यौछावर करती है।
हमारी शादी के लगभग छह माह बाद यानि दो वर्ष पहले जब मेरी सास, पूरे वर्ष का राशन आदि अपने साथ ही लेकर, अकेले ही हमारे घर आई तब हमें थोड़ा आश्चर्य हुआ।
जब रूचि ने माँ से पापा के नहीं आने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि आजकल मंडी में अनाज की फसल आई हुई है इसलिए वे उसी में व्यस्त हैं और कुछ दिनों में आ जायेगें।
सासू माँ के आने के दो दिन बाद जब मैंने ससुर जी को फोन कर के हमारे घर आने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि काम की वजह उन्हें आने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं।
हमारे घर सिर्फ दो या तीन दिन रहने वाली मेरी सास जब डेढ़ माह तक वापिस अपने घर जाने का नाम नहीं लिया तब हमारे सुखमय तरीके से चल रहे जीवन में उथल पुथल मच गई थी।
रूचि की माँ के आने से मुझे थोड़ी दिक्कत महसूस होने लगी थी क्योंकि मेरा रूचि को प्यार करने के लिए उचित जगह और समय मिलना बहुत मुश्किल हो गया था।
सासू माँ के आस पास होने के कारण रूचि हमेशा मेरे से थोड़ी दूरी बना कर रखती थी और रात को जब सासू माँ बैठक में सो जाती थी तभी वह मेरे आलिंगन में आती थी।
अगर मैं कभी ज़बरदस्ती उसका चुम्बन लेने की चेष्टा भी करता था तो वह माँ के आ जाने के डर से वह तुरंत अलग हो जाती थी।
यौन सम्बन्ध के अभाव के कारण मैं मानसिक तनाव में था और इस कारण मेरा स्वभाव भी कुछ चिड़चिड़ा हो गया था इसलिए एक दिन एक छोटी सी बात पर सासू माँ के सामने ही मेरा रूचि से मतभेद भी हो गया।
शायद अपने अनुभव के बल पर सासू माँ ने मेरा ऐसा व्यवाहर देख कर मतभेद का कारण जान लिया होगा इसलिए उन्होंने उसी रात रूचि को बैडरूम का दरवाज़ा बंद करके सोने के लिए कह दिया।
उस रात रूचि ने अंदर से चिटकनी लगा कर निर्भीक हो कर हमेशा की तरह बिलकुल नग्न हो कर मुझसे संसर्ग किया और रात भर नग्न ही सोई।
अगली सुबह जब रूचि नहाने के लिए गई तब मेरे बदले मिजाज़ को देख कर सासू माँ ने मुस्कराते हुए कहा– बेटा, पति पत्नी को आपस में कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। अगर तुम्हे किसी समस्या का हल चाहिए हो तो मुझसे पूछ लिया करना।
एक सप्ताह तो हम रात को सोने के समय दरवाज़ा बंद कर के सोते रहे लेकिन फिर थोड़ा लापरवाह हो गए और कई बार बंद नहीं करते थे।
सासू माँ को हमारे घर आये दो माह ही हुए थे जब एक रात मैं और रूचि रात को सम्भोग कर रहे थे तब मैंने कुछ आहट सुन कर बैड-स्विच दबा कर लाईट जला दी।
रोशनी होते ही हमने देखा कि सासू माँ दरवाज़े के पास खड़ी हुई थी और वह नाइटी ऊंची कर के अपनी योनि में उंगली कर रही थी।
रूचि ने जब वह दृश्य देख कर चीख कर अपनी माँ से उनकी उस हरकत का उद्देश्य पूछा तब सासू माँ ने नाइटी को नीचे किया और सिर को झुका कर वहीं खड़ी होकर रोने लगी।
क्योंकि उस समय हम दोनों बिलकुल नग्न थे इसलिए जल्दी में हमें जो भी कपड़ा मिला उससे अपना बदन ढांप कर भाग के सासू माँ के पास पहुंचे।