समधी की संधान पर गंदी नज़र

ही दोस्तों, मैं आपका मूडछंगेरबोय एक नयी कहानी के साथ आया हू, जो मेरे एक रीडर की है. ये कहानी उसकी ज़ुबानी आपके साथ शेर करने वाला हू. ये कहानी भी मेरी बाकी कहानियों की तरह आपको भरपूर एग्ज़ाइट करने वाली है. तो चलिए शुरू करते है-

मेरा नाम सुमन है, और मैं देल्ही से हू. मेरी आगे 48 साल है और मेरी शादी को 27 साल हो चुके है. मैं हाउसवाइफ हू. मेरी फॅमिली में मैं, मेरा बेटा सेटुल (आगे 24) उसकी वाइफ शरुष्टि.(आगे 23) और हज़्बेंड अशोक (आगे 50) रहते गयी. सेटुल हमारी एक लौटी संतान है. उसकी शादी अरेंज मॅरेज हुई थी. उसको इतना जल्दी शादी नही करना था, पर उसकी वाइफ सृष्टि बहुत ही खूबसूरत थी, तो वो उसको रिजेक्ट नही कर पाया.

ग्रॅजुयेशन के बाद उसने 2 साल जॉब की. फिर अपने पापा के बिज़्नेस में जाय्न हो गया. क्यूंकी उनकी की इक्चा थी की उनका बेटा उनका बिज़्नेस टके ओवर करे, और उसको आयेज बढ़ाए. उसका ससुराल हमारे घर से कुछ 90 केयेम की दूरी पर उप में है. उसके ससुराल में उसके ससुर किशन जी (आगे 49) उसकी सास हंसा ( आगे 49), उसका साला शिवम ( आगे 24), और उनकी दादी रहते है.

मैं अपने बारे में बता देती हू. तो मैं 48 की हो गयी हू, पर अभी भी 35-37 साल से उपर नही लगती. मैं अपनी हेल्त का बहुत ख़याल रखती हू और रेग्युलर पार्लर जाती हू. मैं हमेशा सारी ही पहनती हू. जब बाहर घूमने जाती हू तब मॉडर्न कपड़े पहन लेती हू.

मेरी और मेरी बहू शरुष्टि की बहुत बनती है. मेरी हमेशा से इक्चा थी की मेरी एक बेटी भी हो, लेकिन कुछ मेडिकल इश्यूस से मेरी प्रेग्नेन्सी नही रही. मैं बहुत धार्मिक औरत हू. रोज़ मंदिर जाती हू. घर पर भी पूजा पाठ करती हू. और मेरे साथ शरुष्टि भी भक्ति में लग गयी थी.

मैं अपने बारे में तोड़ा डीटेल में बतौ तो मेरा फिगर 36द-32-38 है. और मेरी कमर पर हल्का सा फट है, जो मेरी खूबसूरती को और निखारता है. मैं जब बाहर जाती हू, तो मर्दों की नज़र मुझ पर होती है, और जवान लड़के भी मुझे देख कर कुछ कॉमेंट करते है.

मेरी बहू शरुष्टि की फ्रेंड्स भी मेरी फन है. वो हमेशा कहती है की शरुष्टि तेरी सास बहुत ब्यूटिफुल है. इतनी आगे में भी अपने फिगर को बहुत आचे से मेनटेन किया है.

एक दिन हमारे एक रिश्तेदार के यहा पार्टी थी, और बेटे के ससुराल साइड से भी रिलेटिव थे, तो उसके ससुराल वाले भी वाहा पर आए थे. मैने उस दिन रेड सारी और स्लीव्ले ग्रीन ब्लाउस पहना था. मैं सारी नेवेल के नीचे से बाँधती हू, तो मेरी कमर आचे से दिखाई दे रही थी. शॉर्ट में काहु तो मैं उस दिन बहुत सेक्सी लग रही थी.

मुझे देख कर अंकल लोग तो ठीक, पर जवान लड़के भी मेरी खूबसूरती को निहार रहे थे. मेरे हज़्बेंड का नेचर स्ट्रेट फॉर्वर्ड है. उनको ज़्यादा बातें करना पसंद नही है. और बेटे के ससुर जी को बातें करने की आदत है, तो हज़्बेंड दूसरे रिश्तेदार से बातें कर रहे थे.

मैं शरुष्टि के साथ उसके माइके वालो के पास बैठ गयी. मैने देखा की उसके पापा की नज़र मुझ पर थी, और वो मुझे उपर से नीचे तक देख रहे थे. मैं आपको बता देती हू, की मेरी संधान बहुत ही दुबली पतली है. और दिखने में भी बेकार है. उसकी ना गांद है, ना सीना. पर मेरे सेक्सी कर्व किसी भी इंसान को पागल बना सकते है.

मैने नोटीस किया की वो मुझे लगातार घूर रहे थे. जैसे अभी कुछ कर देंगे. मुझे वो बहुत अजीब लग रहा था. ऐसा नही था की मुझे कोई गैर मर्द पहली बार ऐसे देख रहा था, पर वो मेरे समधी जी थे.

उनके बारे में बता डू. तो किशन जी थोड़े मोटे थे, पर दिखने में काफ़ी हॅंडसम है. उनकी पर्सनॅलिटी काफ़ी अची है. हमेशा प्रॉपर ड्रेसिंग में रहते है. वो काफ़ी मोर्दन विचारो वाले है. और अपने आप को इसी तरह मेनटेन किया था.

लेकिन मेरी संधान इतनी ही ओल्ड फॅशन थी. तो मेरे जैसी रसमलाई को देख कर अट्रॅक्षन होना आम बात थी. पर रिश्तेदारी में मैं उनकी संधान थी, तो उनका ऐसा बर्ताव मुझे ठीक नही लगा.

एक दिन किशन जी का मुझे कॉल आया, और उनकी बातें मुझे थोड़ी अजीब लगी. बात ऐसी थी की उनको फास्ट (उपवास) रखना था. तो उनको ये पूछना था की वो कब रखे. मैने सोचा इतनी छ्होटी सी बात के लिए मुझे क्यूँ पूच रहे थे. पर मैने ज़्यादा कुछ सोचा नही, और उनको मुझे जितना पता था वो सब बता दिया.

एक बार मैं थोड़ी बीमार हो गयी. तो किशन जी और हंसा जी मुझसे मिलने के लिए आए थे. मैने सोचा मैं इतनी भी बीमार नही हुई थी, नॉर्मल फीवर था, और विराल इन्फेक्षन हुआ था. उसमे इतना लंबा चले आने की क्या ज़रूरत थी. वो साथ में मेरे लिए फ्रूट्स भी लाए थे. मैने कहा-

मैं: अर्रे ये घर आपकी बेटी का ही है. आपका जब मॅन करे आया करो, पर मेरी इतनी भी तबीयत खराब नही हुई है. आप स्पेशल भाग कर क्यूँ आए?

समधी जी: आप कैसी बात कर रही है. आपको देखने के लिए स्पेशल आना पड़े तो भी आएँगे. आप घर की है. ऐसे टाइम पर तो मिलने आना ज़रूरी है.

शरुष्टि: अछा किया पापा आप इस बहाने आए तो सही. कितने दीनो से कह रही थी मिलने नही आते.

मैं (हेस्ट हुए): तो अब आपको बुलाने के लिए मुझे बीमार होना पड़ेगा (मुझे पता था उनके दिमाग़ में कुछ और चल रहा था).

मुझे हस्ता हुआ देख कर किशन जी खुश हो रहे थे. मुझे उनका बर्ताव अजीब लग रहा था. पर मैने ये सब पर ध्यान नही दिया. शरुष्टि हर रोज़ अपनी मम्मी से कॉल पर बात करती, और जब समधी जी से बात करती, तो वो हमएसा मेरे बारे में पूछते (शरुष्टि का कॉल हमेशा स्पीकर पर होता, तो मुझे उनकी बातें सुनाई देती थी. )

एक दिन ऐसा हुआ की मैं मोबाइल पर फ़ेसबुक चला रही थी, और मुझे समधी जी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, जो मैने आक्सेप्ट कर ली. मैं दोपहर में तोड़ा टाइम मोबाइल उसे करती हू. मुझे और शरुष्टि को पिक्चर्स लेने का शौंक है. मेरे अकाउंट पर मेरी काफ़ी फोटोस है. मैं पोस्ट करती रहती हू. नेक्स्ट दे मैने देखा तो किशन जी ने मेरी सारी फोटोस को लीके किया हुआ था.

ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. एक दिन उनका फ़ेसबुक पर मेसेज आया. मैने 2-3 दिन तक रिप्लाइ नही किया, तो उनका फिरसे मेसेज आया. अब मुझे लगा समधी जी है, और इग्नोर करूँगी तो अछा भी नही लगेगा. तो मैने रिप्लाइ कर दिया, पर कुछ बात नही की.

कुछ 2-3 मंत्स निकल गये, और शरुष्टि भी उसके माइके गयी हुई थी. एक दिन किशन जी ने मुझे व्हातसपप पर गुड मॉर्निंग वाली भगवान की फोटो भेजी. तो मुझे लगा की उन्होने शरुष्टि से या अपनी बीवी के मोबाइल से मेरा नंबर निकाला होगा. दोपहर को उनका मुझे कॉल आया. उनको पता था की उनकी बेटी वाहा पर थी, तो मैं घर पर अकेली होंगी. मेरे पति और बेटा उनके ऑफीस पर होते है. तो घर पर मैं अकेली ही होंगी.

मुझे इस बात से टेन्षन भी होती थी. मैने सोचा अब मुझे समधी जी से तोड़ा संभाल कर रहना होगा. कही मेरे इतने पॉज़िटिव रेस्पॉन्स से वो कुछ ऐसा ना काम कर बैठे की मेरी और फॅमिली की रेप्युटेशन खराब हो. मुझे गुस्सा भी आ रहा था समधी जी पर, की कोई अपनी बेटी की सास के साथ ऐसा सोच कैसे सकता है. वो मुझे व्हातसपप पर भी मेसेज करते तो मुझे दर्र भी लगता की कही मेरे हज़्बेंड बेटे या बहू ने वो देख लिया तो क्या सोचेगा.

अब समधी जी है, तो ब्लॉक भी नही कर सकती थी, और उनका अब वीक में 1-2 बार कॉल भी आने लगा. मैने सोचा अब मुझे उनको समझना पड़ेगा.

पहले तो कॉल्स पर नॉर्मल बातें हो रही थी. पर मुझे मालूम पड़ा की समधी जी मुझसे धीरे-धीरे नज़दीकियाँ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. लीके आप बहुत आचे है. आपका स्वाभाव बहुत अछा है.

मुझसे छ्होटी-छ्होटी बातें पूच रहे थे. मेरे से हेल्त के रिगार्डिंग टिप्स लेते. मैं भी उनको अछा सल्यूशन बताती. वो मुझे बहुत इंपॉर्टेन्स देने लगे थे. और मुझे इस बात से टेन्षन भी होती थी. ऐसे ही कुछ दिन निकल गये.

एक दिन समधी जी ने उनके घर में पूजा रखी थी, तो उन्होने हमे इन्वाइट किया था. समधी जी ने घर पर मेरे पति अशोक जी के मोबाइल पर कॉल किया की आप सब को आना है और उनके मूह से निकल गया की हमारी सुमन जी को भी लेकर आना. मुझे इतना गुस्सा आया की क्या काहु.

मैने मेरी बहू शरुष्टि से कहा: तुम चली जाना, इतनी छ्होटी सी पूजा के लिए हम नही आ सकते.

तो उसने कहा: इतने प्यार से बुलाया है, तो आपको आना तो पड़ेगा.

मैने बहुत बहाने बनाए, और मेरा शरुष्टि से झगड़ा भी हो गया. पर मुझे लगा की मेरा गुस्सा समधी जी पर था, और मैं फालतू में शरुष्टि को परेशन कर रही थी. तो मैने शरुष्टि को मनाया और पूजा में चलने के लिए हा कहा. ऑफीस में बहुत काम थे, तो मेरे पति नही आ सके, क्यूंकी दोनो में से किसी एक का रुकना ज़रूरी था. नेक्स्ट दे मुझे समधी जी का कॉल आया.

समधी जी: सुमन जी आप बुरा ना मानो तो एक बात काहु?

मैं: ऐसी क्या बात है जो सुन कर मैं बुरा मान जौंगी? आप कहना क्या चाहते हो?

समधी जी: अर्रे ऐसी कोई बात नही है. पर आप उसका कुछ ग़लत मतलब ना निकालो तो मैं कहना चाहता हू.

मैं: हा बताइए.

समधी जी: अर्रे कैसे काहु. मुझे दर्र है की आप मुझे ग़लत ना समझे.

मैं: अब आपको बताना होगा क्या बात है. मैं नही बुरा मानूँगी.

समधी जी: अर्रे बात ये है की उस दिन आप ने पार्टी में जो सारी पहनी थी ना.

मैं: हा वो रेड वाली.

समधी जी: हा वही. वो सारी आप पर बहुत सूट करती है. आप बहुत खूबसूरत लग रही थी.

मैं: किशन जी, आप कैसी बातें कर रहे हो? मैं आपकी संधान हू.

समधी जी: माफ़ करना सुमन जी. पर आप बहुत सुंदर हो. तो मैने आप से दोस्त की तरह कह दिया.

मैं: हमारा रिश्ता दोस्ती का नही हो सकता. आप मेरे बेटे के ससुर जी हो. आपको मेरे बारे में ऐसा सोचना नही चाहिए (मैं तोड़ा गुस्सा कर रही थी).

समधी जी: सुमन जी, मैने पहले ही कहा था आप गुस्सा करोगे. पर आपने कहा गुस्सा नही करूँगी, तब मैने कहा. अब आप गुस्सा कर रहे हो.

मैं (शांत हो कर): किशन जी मैं गुस्सा नही कर रही हू. पर आप मेरे बारे में जो सच रहे हो वो ग़लत है. हम दोस्त नही बन सकते.

समधी जी: ठीक है सुमन जी. मैने आपको हमेशा अपना माना है. इसीलिए आपसे हर एक काम पूच कर करता हू. मैने सोचा मेरे मॅन में आपके लिए जो भावना है वो मैं आपको बता देता हू. पर आप तो बुरा मान गये. मेरी ही ग़लती है. मुझे माफ़ करना सुमन जी.

मैने फोन कट कर दिया था. मुझे लगा चलो अछा हुआ अब से वो मुझे कॉल और मेसेज करके परेशन नही करेंगे. उस टाइम पर तो उनके घर पूजा में भी नही जाना था. पर जब मेरा गुस्सा ख़तम हुआ तब मेरा टेन्षन और बढ़ गया था.

मैने सोचा कही किशन जी का मेरी और ऐसा ग़लत इनटेन्स नही हो, और मैने उनको ग़लत समझ लिया हो. कोई और होता तो बात अलग थी, पर समधी जी थे वो हमारे. शायद अब हम दोनो एक-दूसरे के सामने जाने से भी कटरा सकते थे. मैने सोच लिया की अब मुझे सब कुछ नॉर्मल करना पड़ेगा.

2 दिन बाद उनके घर पर पूजा थी, तो मैने उस दिन पिंक ट्रॅन्स्परेंट सारी और साथ में माचिंग ब्लाउस पहना. तोड़ा मेकप टच उप किया. मैने सारी टाइट बँधी थी, तो उसमे मेरे बूब्स और गांद की गोलाई आचे से दिख रही थी. सारी ट्रॅन्स्परेंट थी तो मेरी नाभि की गोलाई आचे से दिख रही थी.

अब उसके आयेज क्या हुआ वो मैं आपको अगले पार्ट में बतौँगी. आपको स्टोरी कैसी लग रही है, वो प्लीज़ कॉमेंट करे.

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