समधी और संधान की कामुकता की कहानी

अपने पिछले पार्ट में पढ़ा मेरी संधान जी हॉस्पिटल में अड्मिट थी, तो समधी जी मेरे घर पर आराम करने आए. तब मैं घर पर अकेली थी. मेरे समधी जी मेरे जिस्म को देख कर उत्तेजित होने लगे थे. और मैं भी उनके साथ शरारत करने लगी थी. अब आयेज.

मेरी बात सुन कर उनकी आँखें चमक गयी. फिर मैने खाना लगाया. मैने उनको खाना परोसा, और मैं भी उनके सामने खाना खाने बैठ गयी. वो मेरी और देखते तो मैं शर्मा के नज़रें झुका देती. मैं उनको खाने में फोर्स करती तो वो बोले-

समधी जी: सुमन जी आप तो कितना खिला रही हो. मैं फिरसे मोटा हो जौंगा.

मैं: खाना खाने से मोटापा नही आता. ( मैने धीमी आवाज़ में बोला) अपनी दोस्त की बात नही मानोगे?

किशन जी (वो सहम गये): सॅकी, आप मेरी दोस्त बन गयी?

मैं: हा, लेकिन दोस्त ही, उससे आयेज कुछ नही. ठीक है?

किशन जी: जैसा आप कहे मेडम जी.

हम दोनो हासणे लगे, और फिर खाना खा कर मैं फटाफट किचन का काम ख़तम करके सोफा पर दूरी बना कर उनके पास बैठ गयी. वो टीवी देख रहे थे. उन्होने टीवी का वॉल्यूम लो कर दिया, और मेरे से बात करने लगे. मैने अपना एक हाथ सोफा पर सपोर्ट करने लंबा किया. थोड़ी देर बाद उन्होने भी मेरी और हाथ लंबा किया, पर उनका हाथ मेरे हाथ से टच हो गया था. मैने अपना हाथ नही हटाया.

मैं: किशन जी आपको खाना कैसा लगा?

किशन जी: बहुत ही स्वादिष्ट था. आपके हाथो में तो जादू है. मॅन कर रहा था बनाने वाली के हाथ चूम लू (उन्होने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया).

मैं: समधी जी, बस भी करिए. आप तो मुझे बटर लगा रहे हो. मुझे पता है मैं कैसा खाना बनती हू.

किशन जी ( वो मेरी हथेली को अपने हाथ से दबाते हुए): सच कह रहा हू सुमन जी. आप बहुत ही मस्त खाना बनती हो. और आज आप…

मैं (धीमी आवाज़ में शरमाते हुए): आज क्या?

किशन जी (मेरा हाथ उनके हाथ में लेकर मुझसे चिपक कर बैठ गये): आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो (मैं शरमाने लगी तो उन्होने मेरा हाथ चूम लिया).

मैं (मेरा हाथ खीच कर): किशन जी बस भी कीजिए. हमारी क्या बात हुई थी हम सिर्फ़ दोस्त है, उससे आयेज कुछ नही.

किशन जी: क्या दोस्त एक-दूसरे का हाथ नही पकड़ सकते?

मैं ( उनका गाल खींच कर): पकड़ सकते है, लेकिन आप ज़्यादा नटखट हो रहे हो. किसी को पता चला की संधान और समधी ऐसा रिश्ता रखते है, तो कितनी बदनामी होगी. हमारे बच्चो के फ्यूचर पर इसका क्या असर होगा? कभी आपने सोचा है?

किशन जी: हा सुमन जी, सब कुछ सोचा है. दुनिया के सामने हम समधी और संधान है. पर जब हम अकेले है, तो आचे दोस्त बन कर रह सकते है ना. हम किसी को नही बताएँगे की हम दोस्त है, और बात करते है. ( मेरे हाथ को कस्स कर पकड़ कर) आपको मेरे पर भरोसा है ना?

मैं: हा इसीलिए आपको दोस्ती के लिए कहा है. और आप मुझे ऐसी-वैसी मत समझना. मैने शादी से पहले और शादी के बाद आप पहले हो जिसके साथ दोस्ती की है.

किशन जी: मुझे पता है मेरी प्यारी संधान (उन्होने मेरे गाल पर किस कर दिया).

मैं (शॉक्ड हो कर उनको आँखें दिखाते हुए): किशन जी, मैं आपसे फ्री माइंड से बात कर रही हू. आप इसका ग़लत मतलब निकाल रहे हो, रुकने का नाम ही नही ले रहे.

किशन जी (तोड़ा डरते हुए): सॉरी-सॉरी सुमन जी. आप इतनी प्यारी लग रही हो की मेरे से कंट्रोल नही हुआ.

मैं: आप ऐसा करोगे तो मैं कभी आपसे बात नही करूँगी (सच काहु तो उनका ऐसा करना मुझे अंदर से अछा लगा था).

किशन जी (मेरा हाथ उनकी चेस्ट पर रख कर): आप महसूस कर रहे है मुझे क्या फील हो रहा है (मैने देखा की उनकी धड़कने फास्ट ट्रेन की तरह चल रही थी)?

मैं: किशन जी… प्लीज़ आप समझ क्यूँ नही रहे? हमारा रिश्ता नही बन सकता. आपकी बेटी की सास हू मैं. दोस्ती तक ठीक है, और आपके समधी जी को इसका भी पता चला तो वो मुझे जान से मार देंगे.

किशन जी: सुमन जी आप चिंता मत करिए. अब हमारी दोस्ती की प्राइवसी रहे, उसकी रेस्पॉन्सिबिलिटी मेरी है. मेरी और से आपको कोई परेशानी नही होगी. पर मेरी एक स्माल रिक्वेस्ट है. प्लीज़ आप माना मत करना.

मैं: क्या है अब? कुछ उल्टी सीधी डिमॅंड मत करना. प्लीज़.

किशन जी: मैं आप से गले मिलना चाहता हू. बस एक दोस्त की तरह और कुछ नही (मैं हैरानी से उनकी और देखने लगी. और सोचा की ये कुछ ज़्यादा तो नही हो रहा है हमारे बीच में. लेकिन सोचा अब मॉर्डन युग में इतना तो चलता है).

मैं: ठीक है. पर बार-बार इसके लिए ज़िद मत करना.

मैं उनकी तरफ झुक कर उनको हग किया. उन्होने मुझे अपनी और तोड़ा खींच लिया, और मुझे ऐसे ही 1 मिनिट तक पकड़े रखा. मुझे वो 1 मिनिट आज भी याद है. किसी गैर मर्द से ये मेरा पहला ऐसा हग हुआ था. उनको हग करके मेरा अकेलापन डोर हो रहा था. इतना सुकून तो मुझे लाइफ में कभी नही मिला था.

मैं: किशन जी. चलो अब मुझे छ्चोढो, और आप आराम करो (उन्होने फिरसे मेरे गाल पर किस किया, मैने उनको धक्का दिया). किशन जी अब बस भी कीजिए. आप तो रुकने का नाम ही नही ले रहे. चलिए अब बेडरूम में जेया कर सो जाइए. रात को अची नींद नही मिल रही है. आराम नही करोगे तो आप भी बीमार होंगे. फिर आपका ख़याल कों रखेगा?

समधी जी: आप हो ना मेरा ख़याल रखने वाली (उनकी ऐसी बातों से मुझे दर्र लगता था).

मैं: हंसा जी हम दोनो को मारेगी. चलिए अब सो जाइए.

किशन जी मेरे से हुई क्लोज़ फ्रेंडशिप से बहुत खुश लग रहे थे. उनकी खुशी देख कर मुझे भी अछा लग रहा था. मॅन तो कर रहा था उनके साथ बैठी राहु और बातें करती राहु. किशन जी से दोस्ती होने के बाद मेरी लाइफ कंप्लीट हो गयी ऐसा लग रहा था. मैने उनको बेटे और बहू के बेडरूम में सोने की व्यवस्था कर दी, और मैं मेरे बेडरूम में आ कर सोने लगी.

पर इतना कुछ होने के बाद नींद कहा आने वाली थी. मैं तो किशन जी ने जो हग और किस किया, वो याद करके मॅन ही मॅन खुश हो रही थी. और दर्र भी लग रहा था की हमने जो शुरुआत की है उसका आयेज जेया कर अंजाम क्या होगा. लेकिन मैने तान लिया था की मैं इसके आयेज नही बढ़ूंगी. हग और गाल पर किस तक ठीक था. उसके आयेज कुछ नही.

ऐसे ही सोचते-सोचते मेरी आँख लग गयी, और जब मेरी नींद खुली, तो दोपहर के 3:30 बाज गये थे. तभी मुझे याद आया की किशन जी को 4 बजे तक हॉस्पिटल जाना था. मैने फटाफट सारी ठीक की, और बाल बना कर बेटे के बेडरूम का डोर खटखटाया और कहा-

मैं: किशन जी फ्रेश हो जाइए, मैं छाई बनती हू.

थोड़ी देर के बाद समधी जी सीधा किचन में आए और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया. मैने पीछे मूड कर देखा तो वो थे. मैने स्माइल किया. उन्होने मुझे हग किया, और गाल पर किस किया.

मैं (उनको डोर करते हुए): मैने आपको इसके लिए नही जगाया. हॉस्पिटल जाना है आपको, टाइम देखिए कितना हुआ है.

किशन जी: हा मुझे पता है. पर आज के बाद ऐसा मौका मिले ना मिले इसीलिए सुमन जी.

वो मेरे पास ही खड़े रहे, और हम बातें करने लगे. और वही किचन में खड़े-खड़े दोनो ने छाई पी. किशन जी थोड़े एमोशनल हो गये थे. शायद उनको पता था की ऐसा मौका अब दोबारा नही मिलेगा. वो जेया रहे थे उस बात का दुख मुझे भी हो रहा था.

किशन जी: सुमन जी अब ऐसे हम कब मिलेंगे?

मैं (उनके गले में मेरी दोनो बाहें डाल कर उनकी आँखों में देखते हुए): हम ज़रूर मिलेंगे. हमारे नसीब में हुआ तो बार-बार मिलेंगे.

हम दोनो ने एक-दूसरे को बहुत टाइट हग किया. इस बार मैं भी उनको छ्चोढना नही चाहती थी. हमारे गाल एक-दूसरे से चिपक गये. मेरे बूब्स उनकी छ्चाटी में डब गये, और उनका हाथ मेरी गांद पर चला गया. वो मेरे जिस्म का पूरा मज़ा ले रहे थे.

मुझे उनकी पंत में हुई हरकत के बारे में पता चल गया. अब किशन जी ने अपना कंट्रोल खो दिया, और वो मुझे लिप्स किस करने की कोशिश करने लगे. मैने अपने हाथ से उनके मूह पर धक्का मारने लगी. उन्होने दो बार मुझे लिप्स किस करने की कोशिश की. पर मैने उनको डोर कर दिया.

किशन जी मुझे इशारों से एक बार लीप किस करने देने की रिक्वेस्ट कर रहे थे. मैने भी उनको इशारो से माना कर दिया. वो मुझे बार-बार माना रहे थे, पर मैने उनको लीप किस करने से माना कर दिया. किशन जी का मूह लटक गया. वो उदास हो कर मुझे इशारे से कह रहे थे की मैं उनको गाल पर किस करू.

मैने उनको गले लगाया, और उनके दोनो गाल पर किस किया. उन्होने मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरे को कस्स कर पकड़ लिया, और मेरे हेड पर किस किया. मैं उनकी पीठ सहलाने लगी. मेरे लिए वो लम्हा बहुत ख़ास था. एक मोमेंट के लिए मैं बहक गयी थी.

किशन जी: सुमन जी मुझे आपकी बहुत याद आएगी.

मैं: मुझे भी आपकी बहुत याद आएगी.

और मैने उनको बाइ कहा, और घर के गाते के पास छ्चोढा. उसके बाद मेरे हज़्बेंड अशोक जी का कॉल आया तो मैं उनसे बात कर रही थी. तब किशन जी वापस आए और मेरे पास आने लगे. मैं उनसे डोर भागी और उनको घड़ी में टाइम दिखाया की आपको लाते हो रहा है. वो फिर भी मेरे पास आ रहे थे.

मैने इशारे से कहा कॉल पर बात कर रही हू, आप प्लीज़ जाइए. वो फिर हॉस्पिटल के लिए निकल गये. उनके जाने के बाद मेरा हाथ मेरे सीने पर चला गया. मैं भी बहुत बेचैन होने लगी. सोचने लगी मैं ना चाहते हुए भी समधी जी के और करीब जाने लगी थी.

रात को जब मेरे पति घर पर आए, तब मैं उनको देख कर तोड़ा गिल्टी फील करने लगी. मैने इतने सालों तक उनके अलावा किसी और पर्सन को महसूस नही किया था. पर सोचा आज कल सब के ऐसे फ्रेंड्स तो होते ही है. लेकिन तान लिया की इसके आयेज कुछ भी फिज़िकल नही करना था. रात को समधी जी का फ़ेसबुक पर मेसेज आया.

किशन जी: कैसे हो आप?

मैं: मैं ठीक हू. हंसा जी अब कैसी है? डॉक्टर क्या कह रहे है?

किशन जी: हंसा अब ठीक है, बस 1-2 दिन में डिसचार्ज कर देंगे. एक बात काहु?

मैं: हा बोलिए ना.

किशन जी: आज का दिन मेरे लिए यादगार रहेगा. आज आप कितनी मस्त लग रही थी. मॅन तो कर रहा था आपके साथ ही राहु, और आपको प्यार करता राहु.

मैं: मुझे तो आपसे बात ही नही करनी है. आप पर बहुत गुस्सा आ रहा है. आज आप जो कर रहे थे, वो ठीक नही था.

किशन जी: क्या हुआ?

मैं: मैने कहा था ना कभी मेरे साथ ज़बरदस्ती मत करना. आपने दो बार मेरे से आज ज़बरदस्ती की.

किशन जी: अर्रे नही, वो तो मैं मस्ती कर रहा था. आपको लीप किस नही करने वाला था.

मैं: रहने दीजिए, मुझे सब पता चल रहा है. ये ग़लती आपकी आखरी बार होनी चाहिए. और मुझे लीप किस गंदा लगता है, मुझे वो पसंद नही है. आयेज से ऐसा हुआ तो बात ही नही करूँगी.

उस दिन के बाद कभी मेरे से कभी किस और हग का ज़िकार नही किया. हम डेली मेसेज से बात करते. दोपहर को मैं अपने बेडरूम में आराम करने जाती तो कभी-कभी उनसे कॉल पर बात भी होने लगी. वो मुझसे उनकी कोई बात नही च्छूपा रहे थे.

मैं भी उनको मेरा सब कुछ बताने लगी. कोई नयी सारी लेती तो उनको पहन कर फोटो भेजती. वो भी मेरी चाय्स से रहने लगे. कभी-कभी हम बहुत पर्सनल बात भी शेर करते. मैं पीरियड में होती वो भी उनको पता रहता था. समधी जी मुझे उनकी सेक्स लाइफ के बारे में भी शेर करते.

उनकी जवानी कैसी कटी, क्या-क्या किया सब कुछ. हम दोनो एक-दूसरे से मिलने की प्लॅनिंग बनाते. कभी-कभार कोई फंक्षन में मिलते तो बहुत डीसेंट रहते. कोई हम दोनो को देख कर बोल भी नही सकता था की हम इतने क्लोज़ होंगे.

मेरी लाइफ में आयेज क्या हुआ वो मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. आप आपका मेसेज मुझे कॉमेंट कर सकते है और मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर आडमिन को मैल कर सकते है.

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