कॉलेज के लड़के के लड़की पर प्यार बरसाने की कहानी

हेलो दोस्तों, मैं आपकी हवस की प्यास बुझाने वाली विन्नी. मुझे अपनी पहली कहानी पर आप सभी के मेरी एमाइल और साइट पर रेस्पॉन्स देने के लिए शुक्रिया. आयेज से सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए बेहतर कहानी कथन करने का प्रयास करूँगी.

तो दोस्तों चलते है अपने सीन की तरफ. अक्षय और मैं दोनो नागन-अवस्था में टेंट में लेते हुए थे जब सूरज की पहली किरण निकली.

यू तो रात में भी काई बार आँख खुली, और दोनो में जकदम-जकड़ी हुई. पर बिना ज़्यादा मेहनत किए चिपक कर सोते रहे.

सुबा आँख खुली तो मौसम बिल्कुल सॉफ था. यू तो काई मूवीस में मैने स्विट्ज़र्लॅंड देखा था, पर कुछ नज़ारे बयान से बाहर होते है. मैं उठ कर टेंट से बाहर आई, और वादियों को अपने अंदर सामने की कोशिश करते हुए बाहें खोल कर खड़ी हो गयी.

आँखें बंद करके मैं वाहा खड़ी ही थी, की अक्षय ने मुझे पीछे से आ कर फिर पकड़ लिया. उसने अपने दोनो हाथो से मेरे चूचे अपने अंदर समा लिए, और उन्हे धीरे-धीरे सहलाने लगा. मैने अपने दोनो हाथ उसके हाथो पर रखे थे.

उसने धीरे से अपने होंठो से एक चुंबन मेरे बाए कंधे पर रख दिया, और देखते ही देखते मेरी खाल को अपने दांतो से काटने लगा. मैने अपने होंठो को अपने दांतो में दबा लिया और सहन किया. पर सुबा-सुबा मेरा भी मूड बना हुआ था.

मॉर्निंग सेक्स की उत्तेजना या एहमियत वही लोग जान सकते है, जिन्होने अनुभव किया है.

मैने अपने आप को च्चूधया, और उसको वही घास में धक्का दे कर गिरा दिया. फिर शेरनी की तरह चार कदमो से चल कर मैं उसकी तरफ बढ़ने लगी. उसके उपर पहुँच कर मैने अपने बालों को अपने सीधे हाथ से दाहिनी तरफ किया. और उल्टे हाथ से उसके कबूतर को पकड़ लिया.

तोड़ा खड़ा तो मेरी झप्पी ने ही उसे कर दिया था, पर मेरे हाथ लगते ही समझो वो एक बिजली के खंबे की तरह तंन गया. मैने अपनी जीभ निकली, और उसको चाट-ते हुए अपने मूह में भर लिया. अक्षय अपने हाथ पीछे रख कर सेट हो गया, और आनंद लेने लगा.

मैने उसके आंटेन्ना को ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. लगभग 10 मिनिट मैं उसके लॉड को चूस्टी रही. मूह से निकालती, फिर मूह में लेती. ऐसे करते-करते मेरा मूह थूक से भर गया था. वो जैसे झड़ने वाला ही था. उसने अपने उल्टे हाथ से मेरे बाल पकड़े, और मुझे अपनी तरफ खींच लिया.

फिर उसने झट से मुझे पलटी देकर अपने नीचे कर लिया. मेरे नीचे आते ही उसने अपने दाँत मेरी गर्दन में गद्दा दिए, और अपना टोपा मेरी छूट पर टीका कर धूपक से अंदर डाल दिया. मेरी छूट जो रात की चुदाई के बाद थोड़ी फैली हुई सी थी, उसके लंड की गर्मी को महसूस करके मज़े लेने लगी.

उसने धक्का-पेल मेरी छूट की पेलाइ चालू कर दी. मेरी दोनो बाहे पकड़ कर उसने, उनको मेरे सिर के उपर ले जेया रखा, और अपने दोनो हाथो से पकड़े रखा. फिर उसने अपना मूह मेरे लेफ्ट बुबबे में गद्दा कर और भी ज़्यादा उत्तेजना से मुझे पेलना चालू कर दिया.

ऐसा लग रहा था की अब चुदाई का कोई अंत नही था. वो अपने टोपे को धीरे से बाहर तक ले जाता, और गरम औज़ार की तरह मेरी जांघों के बीच से मेरी छूट में पेल देता. उसकी उत्तेजना उस पर भारी थी. मैं भी पुर जोश में थी.

वो मेरे बदन को जगह-जगह काट रहा था. धीरे-धीरे छ्होटी-छ्होटी दांतियाँ घुसा कर मेरे शरीर को नोच लेता. कुछ देर मुझे इसी तरह पेलने के बाद वो उपर उठा, और मेरी डाई टाँग को अपने हाथो में लेके सीधा खड़ा कर दिया. और अपना लॉडा मेरे छूट में फिर पेल दिया.

अब वो मेरी जांघें अपने दांतो से नोचने लगा और मेरी धमा-धाम पिलाई करने लगा. लगभग 15 मिनिट सूखी पिलाई के बाद उसने अपना लॉडा निकाल कर मेरी च्चती पर रख दिया. मैने अपने दोनो दूध साइड से उठा कर उसके टोपे को जाकड़ लिया. मानो की आज ही उसकी साँसे बंद कर दूँगी.

उसने अपने लॉडा मेरी च्चती में रगड़ना चालू कर दिया. वो मेरी बनाई हुई दूध की सुरंग में उसको आयेज पीछे करने लगा. उसने गति बढ़ा दी, और मेरा गोरा सीना लाली में बदल दिया. रग़ाद से लाल हो कर और हवस की अंतिम पराकाष्ठा पर आ कर, उसने पिचाक से अपने लॉड का रस्स छ्चोढ़ दिया, जो की मेरी ठुड्डी की नीचे आ चिपका.

अपनी ललचाती जीभ से मैने भी तोड़ा से मूह में ले लिया. दोस्तों ये मैने फ़िल्मो में देखा था, और ऐसा करने का कभी से मॅन था.

ऐसे करने के बाद हम दोनो वाहा से उठ कर टेंट में गये, और बाकी कॅंप से मिलने के लिए तैयार हो गये.

हम दोनो ने सलाह की इसके बारे में मेरी दोस्त अंजलि या बाकी किसी और ग्रूप मेंबर को नही बताएँगे. पर मेरी चूड़ी हुई चाल कहा कुछ च्छूपने देने वाली थी.

ढूँढते-ढूंढते हम लोग बाकी कॅंप से जेया मिले और हाल-चाल लेने लगे. अंजलि ने मेरी चाल देख कर मुझे आँख मारी और नटखट सी हस्सी दे कर मुझे च्छेदने लगी.

दोस्तों मेरी दोस्त अंजलि भी कम माल नही थी. उसके भी कॉलेज में काफ़ी चक्कर चलते रहते थे. मैने उसकी इतराती नटखट हस्सी देख कर तुरंत ही मॅन में प्लान बना लिया की इसकी छूट में भी यही लॉडा डलवा कर एक थ्रीसम करूँगी.

उस युरोप ट्रिप में हम दोनो ने मिल कर काई लड़के फाँसे, और काई लंड लिए.

लेकिन ये थ्रीसम कैसे हुआ. ये जानने के लिए पढ़िए हमारा अगला भाग.

दोस्तों ये कहानी के आयेज की घटनाए और भी काफ़ी रोचक है. कैसे सुबा हमने फिरसे जाम कर चुदाई की, कैसे बाकी ग्रूप से जेया कर मिले, और कैसे अक्षय को फिरसे भाव कम करने के बाद उसने क्या-क्या पापद बेले मेरी छूट का रस्स चाटने के लिए. उन्हे जानने के लिए जुड़े रहिए. आपकी प्यारी, खूबसूरत, चुड़क्कड़ विनी के साथ.

आयेज के भाग जल्द ही उपलोआड करूँगी. कहानी कैसी लगी इसके बारे में विन्निसेन0@गमाल.कॉम पर मैल करके बताना मत भूलिएगा.

आपके जवाबो का इंतेज़ार रहेगा. ये कहानियाँ मेरी पर्सनल है, और इनका किसी और व्यक्तिविशेष से तालमेल खाना महेज़ इत्तेफ़ाक़ होगा.

आपकी हवासी विन्नी.

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