खूबसूरत लड़की की चुदाई करके उसकी अकड़ तोड़ी

हेलो दोस्तों और सहेलियो. मेरी सेक्स कहानी बिल्कुल सॅकी है. मेरा नाम हिमांशु है, और सब मुझे हीमू बुलाते है. मैं सालों का काम सीख रहा था, और मुझे लगभग 2 महीने हो गये थे. लड़के अलग सीखते थे, और लड़कियाँ अलग.

वहाँ बहुत लड़कियाँ थी, पर उनमे कुछ ख़ास बात नही थी. फिर एक दिन एक नयी लड़की आई, सिम्मी. गोरा रंग, पतला शरीर और खूबसूरती टूट-टूट के निखार रही थी. हर एक लड़का पागल था उसके लिए. सब ने कोशिश की उसको पाटने की. मैने भी कोशिश की, मगर उसने सब को रिजेक्ट कर दिया, और मुझे भी.

सिम्मी में बहुत ज़्यादा अकड़ थी, और मैने तान लिया की मैं उसकी अकड़ तोड़ दूँगा. सिम्मी का ब्फ था दूसरे शहर में रहता था. वो एक-दूसरे से बहुत कमिटेड थे, लेकिन मुझे कोई परवाह नही थी. मुझे बस सिम्मी को पाना था.

जैसे मैने बताया की सालों में लड़के अलग और लड़कियाँ अलग सीखती थी. वॉशरूम और बाहर जाने के लिए, एक छ्होटी गली से निकलना पड़ता था, और मुश्किल से 2 लोग निकलते थे.

एक दिन सिम्मी वॉशरूम से निकली, और मैं बाहर से आ रहा था. हम दोनो गली में टकरा गये. सिम्मी ने दीवार की तरफ मूह करके मुझे रास्ता दिया. मैं उसके पीछे से निकला, और मेरे लंड ने उसकी गांद को चू लिया. शायद उसे पता नही लगा की क्या हुआ.

कुछ दिन बाद हम फिर गली में सामने आ गये, और लाइट नही चल रही थी. लेकिन तोड़ा दिखता था. इस बार मैने उसे दीवार की तरफ नही घूमने दिया. मैं जल्दी आयेज आया उसके सामने, और मेरा हाथ उसकी फुददी की लेवेल पे था. फिर मैं जान-बूझ के उसके साथ ज़ोर से अपना हाथ और शरीर दबा के निकला.

सिम्मी: अया, हरामी!

मे: क्या हुआ सिम्मी?

सिम्मी: तुम्हे पता है क्या हुआ.

सिम्मी गुस्से में थी. मैं तोड़ा दर्र गया की ये सिर को ना बता दे. लेकिन उसने नही बताया, और मुझसे डोर रहने लगी. हर महीने एक दिन के लिए सिर 2 लोगों को शाम को सालों पूरा सॉफ करने के लिए चाबी दे देते थे. वो काग़ज़ के टुकड़ों पे नाम लिख के फिर 2 नाम निकालते थे.

उस दिन पहले मेरा नाम निकला, और जब दूसरा नाम निकला, मेरे अंदर एक आग जलने लगी. वो नाम सिम्मी का था. मैने सिम्मी की तरफ देखा, और वो गुस्से में थी. शायद उसे अछा नही लगा. अब शाम हो गयी थी, और सब निकल रहे थे घर के लिए.

सब चले गये और मैने पीछ से दरवाज़ा लॉक कर दिया. सिम्मी ने घुटनो तक ड्रेस पहनी थी, और नीचे लेगैंग्स.

वो बोली: मैं नीचे का सॉफ कर लेती हू, और तुम पंखे, आईना सब सॉफ कर लो.

फिर वो अपना काम करने लगी, और मैं अपना. अब हम ख़तम करने वाले थे जब सिम्मी ने मुझे बुलाया और कहा-

सिम्मी: सोफा उठा दो, नीचे सॉफ करना है.

मैने सोफा उठाया. फिर जब वो नीचे गयी, उसकी ड्रेस में उसके गोरे-चीतते बूब्स नज़र आ रहे थे, और मेरे अंदर आग लग रही थी. फिर अचानक लाइट चली गयी, और बिल्कुल अंधेरा था. मेरे एक हाथ में सालों की चाबी थी, जो गिर गयी. मैने सिम्मी को बताया, और हम ढूँढने लग गये.

एक-दो बार हमारे हाथ एक-दूसरे से लगे, और फिर चाबी मिल गयी. सिम्मी खड़ी हो गयी, और जब उठने लगी, मेरा हाथ उसके पैरों पे लग गया. फिर उठते वक़्त उसकी टाँगों को हाथ लगते-लगते उसकी फुददी तक पहुँच गया.

सिम्मी: ओये, ये क्या कर रहे हो?

मे: ग़लती से लग गया.

सिम्मी: ये अची बात नही है.

जैसे सिम्मी ने बोलना बंद किया, मैने उसको पकड़ा और ढूनडते-ढूनडते अपने होंठ उसके होंठो पे धार दिए. मैं उसे किस करने लगा, और वो मुझसे अपने आप को डोर करने की कोशिश कर रही थी. मैं और ज़ोर से किस करने लगा और उसको सोफा पे लिटा दिया.

मैने उसके हाथ मैने पकड़ लिए, और उसके होंठ चूसने लगा. सिम्मी भी मुझे वापस किस करने लगी. मैने उसकी ड्रेस उतार दी, और उसकी ब्रा उपर करके उसके चोतते बूब्स चाटने लगा. फिर उसके निपल चूसने लगा. उसके छ्होटे निपल्स ज़ुबान पे खुजली दे रहे थे. आहिस्ता-आहिस्ता मैं उसकी फुददी तक पहुँचा और उसकी लेगैंग्स और पनटी उतार दी. मैं उसकी टाँगें खोल के उसकी फुददी चाटने लगा. वो आ आ कर रही थी.

सिम्मी: आ आ श आ, हीमू आह, बस करो ना.

वो सच में चाहती थी की मैं बस करू, पर उसे इतना मज़ा आ रहा था की वो खुद रोक नही पा रही थी. मैं फिर उसकी टाँगें और उठा के उसकी गांद चाटने लगा, और अपनी ज़ुबान अंदर डालने लगा. वो मस्ती में चिल्लाने लग गयी

सिम्मी: ओह हीमू, अया अया.

अब मैं उसकी फुददी में ज़ुबान डालने लग गया, और उसने मेरा सर पकड़ लिया और अपनी फुददी पे दबाने लग गयी. उसकी कमर उपर-नीचे हिलने लग गयी. अब सिम्मी पुर नशे में थी. मेरा लंड अब पूरी तरह सख़्त था.

फिर सिम्मी ने मुझे धक्का दिया, और मेरे उपर आ गयी. वो मेरा लंड पकड़ के मसालने लग गयी और फिर चाटने लग गयी. आहिस्ता-आहिस्ता उसने लंड मूह में लिया और चूसने लग गयी. मुझसे अब और सबर नही हो रहा था. फिर मैने सिम्मी को लिटा दिया, और उसकी टाँगें उपर उठा ली. इतने में लाइट आ गयी.

जो मेरी आँखों के सामने था, मुझे यकीन नही हो रहा था. उसका गोरा-चितता बदन और उसका हुस्न मुझे चीख-चीख के पुकार रहा था. मैने उसके पैरों की उंगलियाँ चूसनी शुरू कर दी. वो मस्ती में काँपने लग गयी. मैं उसके पैरों को चाटने लगा और वो अपने बूब्स दबाने लग गयी.

सिम्मी: हीमू मुझे अपना बना ले आज. मुझे छोड़, ज़ोर-ज़ोर से छोड़.

मे: सिम्मी मैं तुझे ज़ोर से छोड़ूँगा.

मैने अपना लंड सिम्मी की गरम गीली फुददी पे रख दिया. वो मचलने लग गयी. फिर मैने अपना लंड सिम्मी की फुददी में डालना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में मेरा लंड पूरा सिम्मी के अंदर था. अब मैने छोड़ना शुरू कर दिया.

सिम्मी: हीमू छोड़ मुझे. बहुत मज़ा आ रहा है.

मे: तुम बहुत खूबसूरत हो सिम्मी.

मैने ज़ोर से झटके लगाना शुरू कर दिया. सिम्मी के नाख़ून मेरी पीठ में लग रहे थे. मैं और तेज़ हो गया, और ज़ोर से छोड़ने लग गया. सिम्मी के पैर हवा में उछालने लग गये.

सिम्मी: आ आह अया, हीमू मैं छूटने वाली हू.

मैं और तेज़ हो गया, और ज़ोर से छोड़ने लग गया. हम दोनो एक-दूसरे के नशे में खोए थे. मैं भी छ्छूटने वाला था. सिम्मी ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लग गयी. उसका पानी छ्छूट रहा था, और मेरा भी. हम एक-दूसरे में खो गये थे.

अब हमारी आग बुझ गयी, और हम एक-दूसरे को पकड़ के लेते रहे 10 मिनिट के लिए. फिर हमने अपने कपड़े पहने, सालों लॉक किया, और वहाँ से निकल गये.

ये सब के बाद सिम्मी ने मुझसे बात नही की. वो मुझसे डोर-डोर रहती थी, और एक महीने के बाद उसने सालों छ्चोढ़ दिया.

उमीद है आपको मेरी सेक्स कहानी पसंद आई.

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