नमस्कार मेरे प्यारे प्यारे दोस्तो. आशा रखता हू की आप सब मज़े कर रहे होंगे. और मेरी प्यारी प्यारी छूटो को मोटे मोटे लंड और बड़े बड़े लुंडो को चिकनी चिकनी छूटे मिलती होगी.
आप सब ने मेरी पिछली कहानी बराबर से पढ़ी और खूब लाइक्स दिए. इसलिए मे आपका आभारी हू और एक नयी कहानी के साथ हाजिर हू.
ये कहानी मेरी और मेरी बड़ी साली शीतल की है जिसकी शादी नही हुई है. वो 35 यियर्ज़ की है लेकिन उसने शादी नही करने का फ़ैसला किया है. क्यूकी उसका एक जगह चक्कर चल रहा था और उस लड़के ने कही और शादी कर ली.
अब मई आपको शीतल का परिचय करवा डू. शीतल एक नंबर माल है. उसका रंग गोरा और फिगर 34-28-32 है. मतलब उसकी कमर पतली और बोबे बड़े और गांद ना मोटी ना कम. कुल मिलके है तो एक नंबर माल.
मैने जब पहली बार उसे देखा तभी मेरा उसपे दिल आ गया था. बाद मे मुझे जब पता चला की उसने शादी नही करने की ठनी है. तो मेरा दिल और मचलने लगा की इसको मोका मिले तो छोड़ भी सकते है.
वो मेरे साथ काफ़ी फ्रॅंक थी. हम जब भी मिलते तब एक हग ज़रूर करते थे. जब वो गले मिलती तब उसके बड़े बड़े बोबे मेरी च्चती मे डब जाते थे. उसके मॅन मे तो शायद ऐसा नही होगा लेकिन मेरा लोड्ा टाइट हो जाता था. अब मे ज़्यादा वक्त ना लेते हुए कहानी पे आता हू.
बात तब की है जब मेरी वाइफ प्रेग्नेंट थी और उसका 8 वा मंत चल रहा था. मतलब मैने 8 महीने से चुदाई नही की थी सिर्फ़ मूठ ही मार पा रहा था. लेकिन जो मज़ा छूट मे है वो मूठ मे कहा.
अब एक दिन हुआ ऐसा की हुमारे एक रिस्त्ेदार के यहा शादी थी. तो मेरी वाइफ जा नही सकती थी तो मुझे जाना था. जो शादी थी वो मेरी बीवी के मयके से नज़दीक थी. तो तैयार होके डाइरेक्ट वाहा पर ही गया. वाहा सब लोग मोजूद थे.
तभी मेरी नज़र शीतल पे पड़ी और मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वो एक पिंक कलर की घाघरा चोली मे साज थी. उसकी चोली स्लीवलेशस और बॅकलेस था और छोटा भी था, उसका पूरा पेट नंगा था. घाघरा भी उसने अपनी नाभि से काफ़ी नीचे पहना था. वो काफ़ी सुंदर लग रही थी. वो दौड़ के मेरे पास आई और मेरे गले लग गयी.
शीतल: हेलो जीजू, कितनी देर करदी आने मे काब्से वेट कर रही थी.
मई: क्यू? मेरी साली मेरी वेट क्यू कर रही थी?
शीतल: तो यहा कोई नही है मेरी पहचान का. मम्मी पापा दूसरे रिलेटिव के पास है और मई अकेली बोर हो रही थी.
मई: अरे रे, कोई नही अब मई आ गया हू तो बोर नही होगी तुम.
शीतल: वैसे जीजू आज आप हीरो लग रहे हो.
मई: तुम भी कोई हेरोयिन से कम नही लग रही हो, इनफॅक्ट मई तो आज तुमको देखता ही रह गया इतनी सुंदर लग रही हो.
शीतल शरमाते हुए: बस जीजू इतनी तारीफ मत करो.
मई: सच्ची..
और ऐसा कहते ही मैने और ज़ोर से मेरी बहो मे भर लिया. उसके बूब्स ऑलरेडी मुझे टच कर रहे थे अब तो मैने पूरे दबा ही दिए. वो भी मुझे पकड़ कर खड़ी रही.
अब शादी तो शुरू हो गयी थी और डॅन्स भी चालू हो गया था. शीतल ने मुझे डॅन्स करने को बोला और मैने भी हा बोल दिया. अब हम दोनो साथ मे डॅन्स कर रहे थे. ड्ज के म्यूज़िक पे सब लोग नाच रहे थे.
मई भी शीतल के साथ डॅन्स करने लगा. डॅन्स करते करते काई बार मैने उसके बूब्स, गांद और उसके नंगे पेट को टच कर लिया. लेकिन उसको कोई फ़र्क नही पड़ा वो तो खुलके डॅन्स कर रही थी.
लास्ट मे कपल डॅन्स था तो शीतल ने मुझे उसके साथ डॅन्स करने को बोला. लाइट एकदम मंद मंद चालू थी और रोमेंटिक सॉंग चालू हुए. उसने मेरे दोनो हाथ पकड़के उसकी नंगी कमर पे रख दिए. और उसके दोनो हाथ मेरे कंधे पे रख के डॅन्स करने लगे.
मई धीरे धीरे दोनो हाथ नीचे लेकर उसकी गांद पे रख दिए. लेकिन शीतल ने कोई विरोध नही किया तो मेरा हौसला और बढ़ गया. अब मई धीरे धीरे उसकी गांद को दबा रहा था. लेकिन वो तो फिर भी डॅन्स करती ही रही.
अब उसने उसका एक हाथ मेरे बालो मे फसके मेरे सर को पकड़ लिया. मई समाज गया था की वो गरम हो चुकी है. मुझे उसकी आँखो मे अब वासना दिख रही थी. अब मैने उसको घुमा के उल्टा कर लिया और मेरा खड़ा लंड उसकी गांद मे चुभ रहा था.
मैने मेरे दोनो हाथ उसके नंगे पेट पे रख दिए थे. उसने भी उसका एक हाथ उपर करके मेरे सर को पकड़ के फेस के नज़दीक खींचा और दूसरा हाथ मेरे एक हाथ के उपर था.
तभी वाहा पूरी लाइट बंद कर दी और एक मस्त रोमेंटिक सॉंग प्ले किया. अब वो मेरे सर को खींच के उसके फेस के नज़दीक ला रही थी. तभी मैने मेरे दोनो हाथ को नंगे पेट से हटा के उपर की और ले गया और दोनो बूब्स पे रख दिए और हल्का सा दबा दिए.
शीतल: आआआहह…
उसके मूह से हल्की सी शीशरी निकल गयी और मुझे सुनाई दी. क्यूकी उसने मेरा सर पकड़ कर फेस के नज़दीक ले गयी थी. अब तो मेरा हौसला बिल्कुल बाद गया था. उसके बूब्स सच मे बहोट ही बड़े और सॉफ्ट थे. मैने अब उसको दबाना और मसलना चालू कर दिया था.
शीतल: आआआआआहह.. जीजू.. आआआहह…
मैने अब उसके गले पे किस करना चालू कर दिया. वो आआआआहह की सिसकारिया लेने लगी. मई कभी उसके कान को बीते कर लेता कभी उसकी गर्दन पे किस करता. तो कभी उसके कंधे को चूम चूम के काट लेता था और साथ मे बूब्स को तो दबा ही रहा था.
शीतल: उम्म्म्ममनमममम आआआआआआआआआआ जीिइईईिजुउुुुुुुुुउउ…
काफ़ी टाइम ऐसे ही चलने के बाद मैने उसको सीधा किया और उसके होत पे होत रख दिए. वो भी मेरे सर को खींच खींच के किस कर रही थी. मई भी उसके नंगी पीठ पे हाथ फेर रहा था और दूसरे हाथ से गांद दबा रहा था.
क्या मजा आ रहा था उसको चूमने का.
तभी ड्ज ने पार्टी ख़तम होने का अनाउन्स्मेंट किया और लाइट चालू ही करने वाला था तो हम एक दूसरे से अलग हो गये. अब लाइट चालू होते ही मैने शीतल की आँखो मे आँखे डाल के देखा वो सारमा गयी और जाने लगी.
मई: शीतल रूको एक बात बोलनी थी.
शीतल: क्या?
मई: ई लोवे योउ शीतल.
इस बात पे शीतल ने स्माइल दी और बिना कुछ बोले वाहा से चली गयी. मई समाज गया की वो भी खुश है लेकीब शर्मा रही है.
मैने अब मेरे ससुर के साथ खाना खाया और उनके साथ बाते करने लगा. तभी मेरी सास और शीतल वाहा पर आए. मैने शीतल के सामने देखा तो उसने मेरे सामने कातिल स्माइल दी. तभी मेरी सास मेरे ससुर से बोली-
सास: अजी सुनो मई क्या बोल रही हू की अभी हमारे वाहा चोरी बहोट हो रही है तो घर को पूरी रात ऐसे ही रखना ठीक नही है. तो किसी को वाहा भेज देते है.
ससुर: हा तुम्हारी बात तो सही है, तो कों मई चला जौ?
शीतल: नही पापा आप नही मई चली जाती हू. आप यहा पर सब रिलेटिव के साथ गप्पे मारो. मुझे तो वैसे भी कोई नही जानता तो मई बोर ही हो रही हू. तो घर पे जाके सो जौंगी और कल सुबा को तैयार होके आ जौंगी.
ससुर: हा बात तो सही है तुम्हारी लेकिन तुमको घर पे छ्चोड़ने भी तो आना पड़ेगा ना.
सास: अरे आप टेन्षन क्यू लेते हो, जमाई राजा है तो वो छ्चोड़ के वापस आ जाएँगे.
तभी शीतल बोली-
शीतल: वापस आना ही क्यू वही सो जाएँगे अगर उनको कोई प्राब्लम ना हो तो.
और उसने मेरे सामने आँख मारी और कातिल सेक्सी स्माइल भी दी.
मई: हा हा मुझे कोई प्राब्लम नही है. इनफॅक्ट मुझे भी यहा कोई नही पहचानता तो मई भी बोर ही होऊँगा. तो अक्चा है घर पे आराम करूँगा.
और मैने शीतल के सामने देखके आँख मारी.
सास: हा तो ठीक है निकलो तुम दोनो काफ़ी रात होने को आई है.
मई: हा चलो चलो.
और इस तरह मई और शीतल मेरी कार मे घर की और निकल गये. हुँने रास्ते मे खूब बाते की और घर पोछ गये और शीतल ने दरवाजा खोला.
मई अंदर जाते ही शीतल को बहो मे भर लिया और किस करने का ट्राइ करने लगा.
शीतल: अरे धीरे धीरे मेरे जीजू अभी पूरी रात बाकी है.
मई: हा लेकिन मेरी साली साहेबा अब रहा नही जा रहा है.
मैने शीतल को गोदी मे उठा लिया और उसके बेड रूम मे ले गया. वाहा उसको नीचे उतारते ही डाइरेक्ट उसके होत पे टूट पड़ा. उसने भी मुझे खींच खिच के किस मे साथ दे रही थी.
मई किस करते करते मेरा एक हाथ उसकी नंगी पीठ पे फेर रहा था और एक हाथ उसकी गांद पे सहला रहा था.
तभी मैने उसकी चोली की डोरी पीछे से खोल दी. अब उसकी पीठ बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. मई धीरे धीरे हाथ फेर रहा था और शीतल मीठी मीठी सिसकारी ले रही थी आआआआआआहह ओह…
अब मैने उसकी उल्टा का दिया और उसकी पीठ पे किस करना चालू कर दिया. वो अपने मूह से मादक आवाज़ निकल रही थी आआहह जिज़्ज़ुउुउ…
मैने उसकी पूरी पीठ को जीभ से छाता और किस किया. उसके दोनो हाथो को उठाया और उसकी क्लीन बगल (आर्म्पाइट) मे किस किया जिसमे से पसीने की मीठी मीठी खुसबु आ रही थी.
मुझे बगल मे किस करने मे और चाटने मे बहोट मज़ा आ रहा था. फिर मैने धीरे से उसके कंधो से चोली नीचे उतार दी. तभी उसने अपने हाथो से उसके दोनो बूब्स को च्छूपा दिया.
मई: अरे शीतल ये क्या तुमने क्यू च्छूपा दिए अपने खूबसूरत बूब्स को.
शीतल: साबरा का फल मीठा होता है. ऐसा कुछ करो की मई खुद ही हाथ हटा डू.
मई साँझ गया की वो मुझे तड़पाना चाहती है. लेकिन मई भी खुच कम नही था. मई उसको ड्रेसिंग टेबल के सामने लेके गया जहा बड़े से आईने मे पूरी शीतल दिख रही थी.
मैने एक कातिल स्माइल दी जो उसको आईने मे दिखाई दी. अब मैने अपना हाथ उसके पेट से नीचे नाभि तक लेके गया. अब मैने शीतल के घाघरे का नडा खींचके खोल दिया लेकिन पकड़ के रखा.
मई: शीतल मुझे पता है तुमने अंदर कुछ नही पहना है. अब मई जैसे ही ये नडा छ्चोड़ूँगा तुरंत तुम्हारी छूट और गांद के दर्शन हो जाएँगे.
शीतल: नू.. ये चीटिंग है, आप ऐसा नही कर सकते.
मई: मई तो करूँगा, ये लो!
ऐसा कह कर मैने अपने हाथ से घाघरा छ्चोड़ दिया. तभी उसने अपने दोनो हाथ से घाघरा पकड़ा. तो उससे हुआ यू की उसके दोनो बूब्स आज़ाद हो गये और मुझे आईने मे दिख गये.
क्या मस्त बूब्स थे, गूरे, बड़े और गोल गोल. उसपे पिंक कलर की निपल सोने पे सुहागा लग रही थी. मैने जात से दोनो बूब्स को दबोच लिया और हासणे लगा. शीतल के मूह से एक तिककी सिसकारी निकल गयी आआआहह…
मई: देखा शीतल मैने पकड़ ही लिए ना दोनो को, अब मुझे दबड़े दो… वाहह क्या सॉफ्ट सॉफ्ट दूध है तुम्हारे!
अब मई दोनो बूब्स को मसल रहा था. मेरा लंड अब रॉकेट बन गया था और शीतल ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया ले रही थी. उम्म्म्मम्मूऊऊुुुउउम्म्म्ममममम आआआहह…
मैने अब एक हाथ से मेरा अंडरवेर उतार फेंका जिससे मेरा 10 इंच का लंड बाहर आ गया. मैने अब फिरसे उसके दोनो बूब्स पकड़ लिए.
मई: क्या तुम मेरा लंड देखना चाहोगी?
शीतल ने हा मे सर हिलाया.
आयेज की कहानी अगले पार्ट मे कॉन्ठीनूरे होगी.