सहकर्मी से प्यार और चूत चुदाई

हेल्लो दोस्तों, मै आप सभी का में स्वागत करता हूँ। मेरा नाम विमल प्रताप सिंह है, मै झाँसी का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र अभी 18 साल है। आज मै आप को अपने टीचर की चुदाई का महागाथा सुनाने जा रहा हूँ। मै अपने पापा का इकलौता लड़का हूँ , इसलिए मेरे पापा मेरी हर ख्वाहिश पूरी करते है। मेरे पापा एक बिजनेसमैन वो काफी आमिर है। मै झाँसी के एक प्राइवेट कॉलेज में पढता हूँ। वहां की टीचर्स बहुत ही जवान और हॉट है. मै तो उनको देखते ही उनको चोदने का सपना देखने लगाता हूँ। अगर मेरी बात करे तो मै देखने में स्मार्ट और जवान हूँ मैंने अपने जिंदगी में केवल अयासी ही किया है। मेरा तो एक ही मकसद है लडकियो को किसी तरह से पटाओ और फिर उनकी चुदाई करो। लेकिन कॉलेज में मुझे सब लोग बहुत ही सीधा और समझदार समझते थे क्योकि अभी तक मैंने कॉलेज कुछ ऐसा काम नही किया था कि कोई मुझ पर उंगली भी उठा सके। मैंने कॉलेज में भी कुछ लडकियो को चोदा है लेकिन मै पूरा ध्यान रखता था कि किसी को भी कुछ पता ना चले। एक बार तो मैने 9 क्लास की एक लडकी को चोद डाला था कॉलेज में। वो मुझे बहुत लाइन दे रही थी मैंने उसको पटा के उसकी जम कर खूब ठुकाई की। लेकिन किसी को मेरे बारे में कुछ भी पता नही था।
कुछ दिन पहले की बात है, मेरे कॉलेज में एक अमृता मैम है जो हमें इंग्लिश पढ़ाती थी। उनका क्लास सबसे लास्ट में आता था। वो देखने में बहुत ही हॉट है, वो हमेसा साडी पहन के आती है। मेरी इंग्लिश काफी अच्छी थी जिससे उनका फोकस हमेसा मेरे ऊपर रहता है। जब मै उनको देखता हूँ तो यही सोचता हूँ की मुझको कब इनकी जैसी लड़की को चोदने का मौका मिलेगे। उनकी आँखों को देखने के बाद उनमे ही खो जाने को मन करता है, उनकी होठो को देखकर लगता है जैसे किसी ने अभी अभी इसको किसी रसीली चीज में से निकली है क्योकि देखने में वो बहुत ही रसीली और लाल लाल जोकि बहुत ही मस्त लगती है। और उनकी चूचे तो बहुत ही मस्त है, साडी के ब्लाउस में छुपे हुए लेकिन ब्लाउस पर उनकी छाप जान पड़ती है। उनकी चूची तो बिल्कुल टाइट और काफी सुडोल है। उनको देखने से लगता है, अभी किसी ने ज्यादा नही दबाया है। जब वो चलती थी तो उनकी कमर दिखने लगती थी, वो बहुत ही गोरी और चिकनी लगती थी और साथ साथ उनकी गांड भी ऊपर नीचे हुआ करती थी जिसको देख कर मै तो पागल होने लगता था। मैंने तो कभी सोचा नही था की मुझे उनकी चूत को चोदने का मौका मिलेगा।
कुछ महीने पहले की बात है, हमारा इग्जाम करीब आने वाले थे, इसलिए वो हमको कुछ ज्यादा ही देर तक पढ़ाती थी। वो हमेसा मुझे अपने सामने वाली सीट पर बैठती थी और मुझसे कुछ ना कुछ पूछा करती थी जिससे मेरी इंगलिश और भी तेज होने लगी थी। जब कॉलेज चल रहा था तो बीच में मै बीमार हो गया था इसलिए कॉलेज नही आ रहा था जिससे ,मेरा कुछ पार्ट छूटा हुआ था। एक दिन मैंने उनसे कहा – “मैम मेरा कुछ टोपिक छूटा हुआ है अगर पेपर में आ गया तो मेरा छूट जायेगा, अगर आप मुझे थोडा एक्स्ट्रा क्लास पढ़ा दे अच्छा रहता”। मै उनका फेवरेट स्टूडेंट था, इसलिए उन्होंने मुझे मना नही किया। लेकिन मुझसे कहा – “मै तुम्हे यहाँ तो नही पढ़ा सकती हूँ ,लेकिन अगर तुम घर आ जाओ तो मो पढ़ा सकती हूँ”। मैने उनसे कहा – “कब से आन है पढ़ने के लिये। तो उन्होंने कहा – “आज से शाम को 6 बजे आ जाना”। मैंने कहा ठीक है मै आ जाऊंगा।
मुझे क्या पता था की मेरे पढाई के बहाने से मै उनकी भी कर लूऊंगा। जब मै शाम को उनके बताए हुए पते पर पहुंचा, तो मैंने देखा अमृता मैम का एक छोटा सा कमरा था जिसमे वो अकेली रहती रही थी। उनकी शादी हो चुकी है लेकिन उनके पति बाहर ही रहते है। उनका कमरा देखने में छोटा है लेकिन उन्होंने अपने कमरे को सजा के रखा है। मैंने उनसे नमस्ते किया। और मै सोफे पर ही बैठ गया। कुछ देर बाद मैम आई, वो घर पर तो और भी गजब की माल लग रही थी। उनको देख कर मेरा पारा बढ़ने लगा था। उन्होने ऊपर केवल एक हाफ सूट पहना था और नीचे चुभा हुआ लोवर। वो आज वो क्या गजब लग रही थी। मेरा मन तो उनको चोदने का कर रहा था।
वो मुझे पढाने लगी, मै उनकी तरफ देखते हुए पढाई कर रहा था। बहुत देर तक पढाई कर के बाद मैंने मैम से कहा – एक बात कहूँ ?? तो उन्होंने कहा – हाँ कहो मैंने कहा – “आज आप बहुत ही अच्छी लग रही है”। मेरी इस बात पर वो हसने लगी। मैंने कहा सच में आप बहुत अच्छी लग रही है। उन्होंने मुझसे कहा – हाँ वो तो मै बचपन से हूँ।
धीरे धीरे समय बीता, मै रोज उनसे पढ़ने के लिये घर जाता था, अब तो वो मुझसे हर बात बताने लगी थी। अब तो उनसे मेरी दोस्ती हो गई थी। मै भी रोज उनके लिये कुछ ना कुछ ले जाने लगा। जिससे वो मुझसे और भी खुश रहती थी। एक दिन मै उनके घर जल्दी आ गया, वो अपने कमरे में लेटी हुई थी और उन्होंने ऊपर केवल ब्रा ही पहना था और नीचे लोवर पहन था। दरवाज़ा बंद था मैंने दरवाजा खटखटाया, उनको दरवाजा खोलने में देर लग रही थी मैंने सोचा छेद से देखता हूँ क्या हो रहा है। जैसे ही मैंने अपनी आंखे लगाई ,तो वो केवल ब्रा में अपना ऊपर का टॉप ढूढ रही थी। मै तो उनकी चूची को देख कर बेकाबू होने लगा था। कुछ देर बाद उन्होंने दरवाज़ा खोला।
मुझको देख कर उन्होंने कहा – तुम हो मुझे लगा कोई और आया है। वो मुझे पढाने लगी, लेकिन आ मेरा मूड पढ़ने को नही था। मै उनकी चूची के बारे मे सोच रहा था। कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा – तुम क्या सोच रहें हो?? तभी से देख रही हूँ मैंने कहा कुछ नही बस यूँ ही। उन्होंने फिर पूछा – अच्छा बातों तो। मैंने उनसे कहा – सच बताऊँ या झूठ। तो उन्होंने कहा – सच ही बताओ। मैंने कहा – आप बुरा तो नही मनेगी?? उन्होंने कहा – “नही मै जरा भी बुरा नही मानूगी तुम बताओ तो सही”।

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