एक तीखी धार मेरे मुख में निकल पड़ी… फिर एक के बाद एक लगातार पिचकारी… फ़ुहारें… मेरे मुख में भरने लगी।
मैंने रोशन का सारा वीर्य स्वाद ले ले कर पी लिया… और अब उसके लंड को मुँह से खींच खींच कर सारा दूध निकाल रही थी।
कुछ ही देर में वो मेरे साथ खड़ा गहरी सांसें ले रहा था। मैंने भी अपने आप को संयत किया और उठ कर बैठ गई, वह भी उठ कर बैठ गया था।
उसने पूछा- मैम मजा आया?
तो मैंने कहा- बहुत… लेकिन थोड़ा कम्फ़र्टेबल नहीं था बाथरूम में॥!
उसने मेरे गाल पर ज़ोरदार किस किया, मैंने अपनी भीगी हुई पेंटी ऊपर खींची, सलवार को ठीक करते हुए बाँधा।
रोशन भी अपनी पैंट और बेल्ट बांधने लगा।
कहानी जारी रहेगी।