हेलो दोस्तों, मेरा नाम रीना है, और मेरी उमर 21 है. मेरे बारे में और बतौ तो मेरा फिगर 32-30-34 है. मेरे बूब्स पर कितने लड़कों की नज़र होती है जब मैं बाहर निकलती हू तो. और मैं आमेडबॅड से हू.
अगर कोई लेज़्बीयन है, और अगर लेज़्बीयन सेक्स में इंट्रेस्टेड हो, तो मैल या फीडबॅक ज़रूर देना. और लेज़्बीयन गर्ल्स बेफिकर होके मेसेज कर सकती है. पिछली स्टोरी पर कोई फीडबॅक ही नही मिला है, तो इस कहानी पर फीडबॅक ज़रूर देना. मेरी एमाइल ईद है क्राज़्ीबल्ल893@गमाल.कॉम.
(नेक्स्ट कों सी स्टोरी का पार्ट उपलोआड करू, उसका फीडबॅक ज़रूर देना मी लव्ली रीडर्स)
पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा की कैसे जब मैं जिया के साथ उसके घर गयी थी कॉलेज ख़तम करके. तभी मैने देखा था की जिया की मम्मी यानी ममता आंटी उदास लग रही थी. जिया तो घर पहुँच कर नहाने के लिए चली गयी थी. पर मैं वाहा ही बैठी थी.
उसके बाद मैं ममता आंटी के पास जेया कर बैठी. मैने उनसे पूछा की आप उदास क्यूँ हो, और फिर हमारी बातें हुई. फिर मैने ममता आंटी को शांत किया. तभी मैने ममता आंटी को किस किया, और फिर ममता आंटी भी अपने आप पर काबू ना रख सकी और मुझे किस पर किस करने लगी.
उसके बाद मैं ममता आंटी को डॉमिनेट करने लगी. ये सब आप पिछली स्टोरी में पढ़ सकते है. अब हम सब आयेज की स्टोरी पर चलते है.
हमने जैसे ही दरवाज़े की आवाज़ सुनी हमने हमारे कपड़े ठीक किए, और अलग-अलग हो कर बैठी गयी. ताकि जिया को कोई शक ना हो, की हम क्या कर रहे थे. फिर ममता आंटी ने जिया को बोला-
आंटी: चलो खाना बन गया है, खा लो.
फिर हम सब खाने बैठ गये, और खाना वाकाई बहुत अछा बनाया था ममता आंटी ने. उसके बाद मैने जिया से कहा की में घर जेया रही थी, और मैं ममता आंटी को एक आँख मार के, और बाइ बोल के घर के लिए निकल गयी.
मुझे पता था की जिया कंप्यूटर कोचैंग जाती है, तो वो लगभग 3:30 तक कोचैंग के लिए निकल जाएगी. इसलिए मैं भी घर गयी और तोड़ा आराम करने के बाद नहाने चली गयी. फिर आचे से नहा के और मेरी छूट के बाल मैने बहुत दीनो से सॉफ नही किए थे, वो सॉफ करके बाहर आ गयी.
उसके बाद मैने ममता आंटी को मेसेज किया: मैं जिया जाएगी तब अवँगी. फिर आपकी छूट में से खून निकाल दूँगी आह, और रंडी की तरह किस करूँगी मेरी रंडी आंटी.
फिर आंटी का रिप्लाइ आया: अहह ऑश. हेलो, मुझे इंतेज़ार रहेगा उस पल का. मेरी रानी बेटी, मुझे आज संतुष्ट कर देना. जैसा चाहो वैसा इस्तेमाल करना. ई आम वेटिंग, आह श आह.
फिर मैने हा कहा, और मैं वेट करने लगी 3:30 बजने का. और जब 3:30 हो गये, फिर मैं घर पर बोल के निकली-
मैं: कुछ काम है मुझे. मैं आई कुछ देर में.
फिर मैं आंटी के वाहा पहुँची. जाते हुए मुझे रास्ते में ही जिया मिली.
उसने मुझसे पूछा: कहा जेया रही हो?
तो मैने ऐसे ही झूठ-मूठ का बोल दिया: मैं घर के काम से बाहर आई हू. और तुम कहा जेया रही हो?
उसने कहा: मैं कोचैंग क्लास जेया रही हो.
फिर वो कोचैंग क्लास के लिए निकल गयी, और मैं उसके घर के जाने के लिए चल पड़ी. जैसे ही मैं उसके घर पहुँची दरवाज़ा अटकाया हुआ था, पर कड़ी नही लगी हुई थी. मुझे आंटी कही नही दिखी. फिर मुझे कुछ आवाज़े आई तो मैने देखा की आंटी बातरूम से बाहर निकल रही थी.
उपर सिर्फ़ टवल लिपटा हुआ था, और सर पर भी टवल बँधा हुआ था. आंटी क्या ग़ज़ब लग रही थी क्या बतौ. एक-दूं हॉट लग रही थी, सच में दोस्तों. मेरी छूट धीरे-धीरे गीली होनी शुरू हो गयी अहह ओह्ा अहह.
फिर मुझसे रहा नही गया. मैं सीधा गयी और आंटी को पीछे से पकड़ लिया आह ऑश बहनचोड़ क्या सीन था दोस्तों. आह ऑश आप सोच नही सकते. आंटी एक-दूं से शॉक हो गयी, और जैसे ही पीछे मूडी, मैने वैसे ही किस कर दिया आंटी के होंठो पर.
आ श आ बहनचोड़ कितने रसीले होंठ थे. मैं पहले दोनो लिप्स को किस करती रही. फिर कुछ देर बाद उपर लिप्स को चूसने लगी, और फिर नीचे वाले लिप्स को चूसने लगी आ ऑश. आंटी को पता लग ही गया था की मैं थी. फिर आंटी ने पूछा-
ममता: तुम कब आई यहा पर? मुझे बताया भी नही. बताना तो था आने से पहले. कोई देख लेगा तो?
मैं: अर्रे कोई नही देखेगा. अब सिर्फ़ तुम और मैं ही है मेरी रंडी छिनाल. आज तुझे रंडी बनौँगी. तेरी छूट पर मेरा पानी निकालूंगी आह ऑश.
ममता: ले बहनचोड़ ले, और ले, आचे से चूस, रुक मत, चूस्टी रह साली रॅंड. साली बहुत सेक्स चढ़ा है ना तुझे. आज मैं तेरी सारी आग निकालती हू. ले बहनचोड़, चूस मेरे बूब्स. निपल्स भी चूस, चाट मेरे निपल्स को.
ममता: बहुत ही अची और बड़ी चुचिया है तेरी, मज़ा ही आ गया. ह ऑश उफफफ्फ़ हाए क्या चूस्टी है. बचपन में अपनी मा के भी ऐसे ही चूस्टी थी क्या आह ऑश उफ़फ्फ़?
मैं: हा बचपन में भी ऐसे ही चूस्टी थी, और अब तो उससे भी आचे तरीके से चूसूंगई. सारा दूध पी जौंगी तेरा, मदारचोड़. आज के दिन के लिए तू मेरी पर्सनल स्लट है. स्लट मतलब गुलाम है. आज मैं जैसा बोलुगी वैसे तू करेगी. बोल करेगी ना मदारचोड़ बोल आह हह.
ममता: हा मेरी डार्लिंग करूँगी. आज के लिए मैं तेरी गुलाम हो. तू जैसा बोलेगी वैसा करूँगी. जैसे चाहो वैसे प्यार करो मुझे. बस आज के लिए मुझे मत छ्चोढना. बहुत आग भारी है कितने महीनो से. आज शांत कर ही दो इस आग को. मत रुकना, बहुत मज़ा आ रहा है यार, क्या चूस्टी हो आह ऑश.
मैं: ले साली छिनाल मूह खोल.
फिर मैने आंटी के मूह में थूका और उनकी जीभ चाटने लगी, और चूसने लगी. आंटी को इतना अछा लगा की उनके पावं काँपने लगे. क्यूंकी मैं एक हाथ से बूब्स तो कभी निपल्स मसल रही थी, और दूसरे हाथ से आंटी का गला दबा के डॉमिनेट कर रही थी.
आंटी ने मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था, और अपनी तरफ खींच रही थी. दोस्तों सोचो क्या सीन होगा आ ऑश बहनचोड़ अहह.
अभी के लिए इतना ही, आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. दोस्तों अगली कहानी के लिए फीडबॅक ज़रूर देना. बाइ, गुड नाइट.