ही दोस्तों मैं निखिल (निकू क्रोस्स्द्रेससेर). मेरी बेहन की चुदाई स्टोरी में आपका वेलकम.
आज मैं आपको बताने वाली हू मेरी एक दोस्त रश्मि की कहानी. कैसे उसकी मजबूरी का फ़ायदा उठाते हुए उसके मामा के लड़के ने उसे अपनी रखैल बना कर रखा, और फिर अपने बिज़्नेस में हर डील के लिए रश्मि को अपने क्लाइंट्स के साथ सोने बोलता था. तो चलिए आयेज की स्टोरी सुनते है रश्मि की ज़ुबानी.
ही दोस्तों मैं रश्मि. वैसे तो मैं पढ़ी लिखी हू, और अपने मम्मी-पापा के साथ मुंबई में रहती हू. मेरे घर में सिर्फ़ मैं, मम्मी, और पापा हम तीनो ही थे. मेरे पापा और मम्मी की रोड आक्सिडेंट में अचानक डेत हो गयी. तब मैं 1स्ट्रीट एअर कॉलेज में थी.
मम्मी-पापा के गुज़र जाने के बाद मैं गाओं मेरे मामा के घर पर रहने के लिए चली गयी. मामा मेरा बहुत ख़याल रखते थे. उनको भी 2 लड़के थे. बड़े भैया का नाम था सूरज, और छ्होटे बेटे का नाम था धीरज. उनमे से बड़ा लड़का मुझे बहुत पसंद करता था.
काई बार उसने मुझे पूछा था रीलेशन के लिए. बुत मेरी मामी का बिहेवियर मेरे लिए कुछ अछा नही था. उनको मैं बोझ लगती थी, इसलिए मैं हमेशा उसको माना करती ये कह कर की तुम्हारी मम्मी हमारी शादी नही होने देगी.
मेरे मामा की गाओं में डेरी थी, और उनके बड़े बेटे का अलग बिज़्नेस था. उसने अभी-अभी चालू किया था बिल्डिंग मेटीरियल सप्लाइ करने का. 1स्ट्रीट एअर के बाद मामा ने मुझे वही गाओं के कॉलेज में अड्मिशन दिलवाया, जहाँ से मैं ग्रॅजुयेशन करने वाली थी.
2 साल तो सब ठीक था. 3र्ड एअर में मुझे एक लड़के ने प्रपोज़ किया था, जो दिखने में अछा था, और पढ़ाई में भी मेरी हेल्प करता था. मैने उसको हा कह दी, और ऐसे ही हमारा 2 महीनो तक चलता रहा. एक दिन मैं उसके साथ कॉलेज से घर आ रही थी, तो बड़े भाई ने हमे देख लिया.
मुझे नही पता था की भाई ने मुझे देख लिया था, और हम घर आ गये. शाम को जब भैया आए तो वो थोड़े गुस्से में ही थे. बुत मुझे कहाँ पता था की गुस्सा मेरे उपर थे. मैने उनको खाना खिलाया, और फिर अपने घर के काम निपटा कर सोने चली गयी.
बुत ब्फ के मेसेजस आ रहे थे, तो उसको रिप्लाइ करने लगी. उसने मुझसे न्यूड पिक्स माँगी थी. मैं देना नही चाहती थी, बुत फिर एक बूब्स का विदाउट फेस पिक क्लिक करके भेज दिया, और गुड नाइट बोल कर सो गयी. सुबा उठने के बाद सारे काम निपटा कर मैं 10 बजे कॉलेज के लिए निकली. बुत कॉलेज 12 को था, तो भैया ने पूछा-
भैया: इतनी जल्दी कहाँ हा रही हो.
मैने कहा: आज वो एक्सट्रा लेक्चर है, उसके लिए. इतने में सूरज भैया भी बाहर आ गये, और मेरी तरफ देखने लगे गुस्से में. मैं उनको एक स्माइल देकर अपने रास्ते निकल पड़ी. उस दिन मुझे अपने ब्फ से मिलने खेतों में जाना था, और मैं वैसे ही खेत में चली गयी.
मुझे कहा पता था की भैया मेरा पीछा कर रहे थे. जब मैं ब्फ के खेत में पहुँची, तो वो मुझे वहाँ एक झोपड़ी जैसे रूम में ले गया, और दरवाज़ा धकेल दिया. हम अंदर बातें कर रहे थे, और उसको मस्ती सूझ रही थी. वो मुझे किस करने और छोड़ने के मूड में था, और मैं उसको माना कर रही थी.
इतने में झोपड़ी का दरवाज़ा खुला और भैया अंदर आ गये. उनको देख कर मैं बहुत दर्र गयी. मेरी टाँगें काँपने लगी थी, और मैं रोने लगी. तभी भैया आयेज आए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे वहाँ से ले गये. मेरा ब्फ कुछ नही कर पाया.
मुझे लगा अब तो मैं मॅर गयी. मैं भैया से बात करना चाहती थी. पर भैया मेरी बात सुनने के लिए तैयार ही नही थे. वो सीधा मुझे ऑफीस ले गये अपने साथ, और शाम को साथ घर लाए. उसके बाद मैं बहुत दररी हुई थी, की क्या होगा अब किसी को पता चल तो.
जैसे-तैसे रात हो गयी. भैया ने किसी को कुछ नही बताया था. ये जान कर मेरी जान में थोड़ी सी जान आई. दूसरे दिन मैं कॉलेज गयी. देखा तो मेरा ब्फ नही दिख रहा था. मैने ज़्यादा नही सोचा और कॉलेज के बाद घर आ गयी. फिर उसको कॉल किया 1-2 बार, बुत फोन स्विच ऑफ था.
मुझे लगा उसके घर जेया कर देखु, बुत दर्र था उसके घरवालो ने बवाल मचा दिया तो. इसलिए मैं घर नही गयी. ऐसे ही हफ़्ता बीट गया. भैया मेरे उपर अभी भी गुस्सा थे. बात नही करते थे. तभी मुझे मौका मिला भैया से बात करने का.
क्यूंकी उस दिन जब मैं घर गयी, और देखा की लॉक लगा हुआ था, तो मैने मामा को कॉल की और पूछा.
तो मामा ने बताया: मामी के पिता जी की तबीयत ठीक नही है, इसलिए हमे वहाँ जाना पड़ा. घर में कोई नही है, इसलिए अपने पास वाली चाबी से लॉक खोलो और खाना बना लो. हम तीनो कल आएँगे घर पर. आज की रात भैया को खाना खिला देना.
मैने कहा: ठीक है
और मुझे आज अछा मौका था इसलिए मैने भैया का फॅवुरेट फ्राइड चिकन, करी, और रोटियाँ बनाई, जो भैया को बहुत पसंद थी. फिर रात को अची सी ड्रेस पहन कर रेडी भी थी. मैने आज तान लिया था, चाहे जो हो जाए, आज गार भैया मुझे छोड़ेंगे भी तो मैं ना नही बोलूँगी. बस मुझे उनको खुश देखना था.
फिर मैं सब तैयारी करके भैया के आने का वेट कर रही थी. जैसे ही भैया आए और फ्रेश हुए, मैने भैया के लिए खाना परोस दिया. उनका होने के बाद मैने भी खाना खा लिया, और मैं बर्तन ढोने ले गयी. सब काम होने के बाद भैया हॉल में टीवी देख रहे.
मैं उनकी साइड में जेया कर बैठ गयी. भैया आज भी बहुत गुस्से में थे. मैने उनका मूह अपनी तरफ किया, और अपने कान पकड़ कर उनको सॉरी कहा. मैं उनसे माफी माँगने लगी उस सब के लिए. वो और गुस्सा हो गये और उन्होने मेरे बाल पकड़ लिए, और मुझे धक्का देते हुए कहा-
भैया: चली जेया रांड़ साली. मैं इतने दीनो से तुझे प्यार करता हू. तुम्हे अपना बनाना चाहता हू. तब नखरे कर रही थी. और वेहॅब उस छूतिए के साथ खेतों में छुड़वा रही थी. शरम नही आई तुझे?
मैने भैया के पैर पकड़ लिए, और उनसे माफी माँगने लगी. बुत भैया बहुत गुस्से में थे. उन्होने मुझे धक्का दिया और अंदर बेडरूम की तरफ चले गये. मैं भी उनके पीछे गयी.
फिर आयेज बेडरूम में क्या हुआ, जिसके बाद मैं उनकी रखैल बनी, वो मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. सॉरी इस स्टोरी में सेक्स इन्सिडेंट्स नही है. बुत अगली स्टोरी में आपको पक्का मज़ा आएगा. दोस्तों मेरी सेक्स स्टोरी अची लगी तो रिप्लाइ करना-