रानी की जवानी को लोड़े की जरुरत

हैल्लो दोस्तों, मैंने भी आप सभी लोगों की तरह पर आज तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है वो सभी मुझे बहुत ही अच्छी मस्त मजेदार लगी। उनको पढ़कर में बहुत खुश हुआ और आज में भी आप सभी को मेरे मन की एक सच्ची बात उस घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसके बारे में सिर्फ़ मुझे और रानी को ही पता है। दोस्तों रानी मेरे पड़ोस में रहने वाली बहुत सुंदर अच्छे स्वभाव की लड़की है। दोस्तों जब वो अपने परिवार के साथ यहाँ मेरे पड़ोस में रहने के लिए आई तब में 18 साल का था और में एक कॉलेज में अपनी पहले साल की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन रानी मुझसे उम्र में पांच साल बढ़ी थी और वो एक कॉलेज से अपनी आखरी साल की पढ़ाई पूरी कर रही थी। वो उम्र में 24 साल की थी। दोस्तों आप पड़ोस में रहने की वजह से थोड़े ही दिनों में उसके परिवार वाले सभी लोग मेरे घरवालों के साथ बहुत अच्छी तरह से घुल मिल गए थे और इस वजह से रानी भी हमारे घर हर दिन ही आया करती थी। दोस्तों एक बार मेरे चचेरे भाई और बहन उनकी छुट्टियों के दिनों में हमारे घर आए हुए थे। में, मेरे भाई बहन और रानी रोज ही केरम और पत्ते खेला करते थे और हम सभी बड़े मज़े मस्तियाँ करते थे। हम लोगों में से कोई भी किसी भी बात का बुरा नहीं मानता क्योंकि हम एक दूसरे से मजाक भी हमेशा बहुत किया करते और बड़े खुश रहते थे। एक दिन मेरे घर वाले एक शादी के लिए दूसरे शहर चले गये और उनके चले जाने के बाद मेरा चचेरा भाई हम दोनों ही घर पर रह गए थे और रानी ने मेरी माँ से जाने के पहले ही कहा था कि वो हम दोनों का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखेगी और वो हम दोनों के लिए खाना भी बना देगी, इसलिए मेरे घरवालों को हम दोनों की अकेले रहने पर बिल्कुल भी चिंता नहीं थी।

फिर रानी उसी रात को मेरे घर आ गई और वो मुझसे कहने लगी कि आज में रात में यहाँ पर ही तुम्हारे पास रुकना चाहती हूँ। हम बहुत रात तक बहुत सारी बातें करेंगे और तुम मुझे कंप्यूटर के बारे में थोड़ा सा कुछ बता भी देना, में अपने घरवालों से रात यहीं पर रुकने के बारे में पहले से ही कहकर आई हूँ। फिर मैंने उसकी यह बात सुनकर खुश होकर उससे कहा कि हाँ ठीक है रानी आज हम बहुत सारी बातें करेंगे और बहुत मस्ती भी करेंगे, हमें आज रात को कोई भी रोकने टोकने वाला नहीं होगा, हमें बड़ा मस्त मज़ा आएगा। फिर उसने मुझसे बड़े ही प्यार भरे अंदाज में कहा कि अभी पहले प्लीज तुम मुझे खाना बनाने में थोड़ी सी मदद कर दो और अब में उसके कहने पर हंसी ख़ुशी रसोई में उसकी मदद करने लगा। रानी उस समय एक मेक्सी पहनकर आई थी, वो उस मेक्सी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसके बूब्स का आकार 34-26-34 था, उसके लंबे बाल खुले हुए थे और जब वो आटा लगाने लगी तब रानी के बाल उसके चेहरे पर आ गये और उसी समय उसने मुझसे कहा कि अतुल प्लीज तुम मेरे बालो को सवार दो और फिर मैंने खुश होकर सही मौका देखकर उसके बालों को ठीक करते समय ही उसके गोरे चिकने बदन को छू लिया, लेकिन मेरा बिल्कुल भी विरोध ना करते हुए उसने मेरी तरफ देखते हुए हंस दिया और अब वो मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि तुम तुम्हारी होने वाली पत्नी को हमेशा ही बहुत खुश रखोगे, क्योंकि तुम रसोई के कामो में बहुत अच्छी तरह से मदद करते हो? तो मैंने उससे कहा कि रानी अगर मुझे तुम्हारे जैसी पत्नी मिल गई तो में हर रोज ही पूरा खाना बना दूँगा।

फिर उसने मेरी बात को सुनकर मेरी तरफ घूरकर देखा उस समय मैंने देखा कि उसकी आखों में एक अलग की नज़ाकत बहुत प्यार था। अब उसने हंसते हुए मुझसे पूछा कि क्यों मुझ में ऐसी कौन सी खास बात है जो तुम इतना सब करने के लिए तैयार हो? तो मैंने हिम्मत करके उससे कहा कि तुम बहुत सेक्सी और सुंदर लड़की हो, तभी वो थोड़ा सा गुस्से में मुझसे बोली कि चलो बातें बस बहुत हो गई चलो अब बाहर चलते है और खाना खाते है। तो में उस समय बिल्कुल चुप रह गया और कुछ देर के बाद हम सभी ने जब खाना खा लिया उसके बाद में, मेरा कज़िन और रानी इधर उधर की बातें करने बैठ गए। फिर मैंने कुछ दिनों पहले मेरे कॉलेज के झगड़े के बारे में उन्हे बताया और मैंने अपने कॉलेज के एक लड़के को कैसे पीटा उसके बारे में बताया। तो मेरे भाई ने मुझसे कहा कि भैया क्या आप में इतनी ताकत है तो आप मुझे दिखाओ और क्या आप मुझे एक हाथ से उठा सकते है? तब मैंने उससे कहा कि हाँ क्यों नहीं, में अभी तुम्हे अपनी ताकत दिखा देता हूँ और यह बात कहकर मैंने उसको एक ही हाथ में उठाकर दिखा दिया, तब रानी यह सब देखकर मेरी तरफ हंसकर मुझसे बोली कि अतुल वो तो एक छोटा बच्चा है अगर तुम मुझे तुम्हारे दोनों हाथों में उठा सकते हो तो में सच में तुम्हारी ताकत को मान सकती हूँ। अब में उसकी तरफ से उस चुनोती को स्वीकार करते हुए मन ही मन में बड़ा ही खुश होते हुए आगे बढ़ा और मैंने उसको सामने ने अपनी बाहों में तुरंत ही एक झटके के साथ उठा लिया तब उसके मुहं से आवाज़ निकली आह्ह्ह्ह स्सीईईइ अतुल बस रहने दो वरना में नीचे गिर जाउंगी। अब मेरा चेहरा उसके बूब्स में दबा था आज पहली बार मुझे किसी लड़की के शरीर के इतने पास जाने का मौका मिला था, वो मेरे बदन से एकदम चिपकी हुई थी। फिर मैंने जोश में आकर उसको और भी तेज कसकर पकड़ लिया और उसके बड़े ही मुलायम और बड़े आकार के बूब्स का मैंने मस्त मज़ा लिया, लेकिन कुछ देर बाद एकदम से अचानक मेरा संतुलन बिगड़ गया, जिसकी वजह से हम दोनों सोफे पर जाकर गिर पड़े।

अब में रानी के ऊपर गिरा पड़ा था, इसलिए मेरा पूरा वजन उसके ऊपर था उसी समय अचानक से गिरने की वजह से उसकी मेक्सी के बटन मेरी शर्ट में उलझ गये थे। फिर करीब एक मिनट तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे और रानी भी बहुत जोश में हो गयी थी, इसलिए उसकी छाती ज़ोर से धड़क रही थी उसकी गरम सांसे में बहुत आराम से महसूस कर सकता था। अब मैंने अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर तुरंत ही खड़ा हो चुका था और उस बात का रानी को भी बहुत अच्छी तरह से अहसास हो गया था, लेकिन कुछ देर बाद जब उसको मेरे भाई का ध्यान आया तो वो झूठा नाटक करती हुई मुझसे कहने लगी कि अतुल में मर जाउंगी प्लीज जल्दी से तुम मेरे ऊपर से उठ जाओ और अब वो अपनी मेक्सी के बटन छुड़ाने की कोशिश करने लगी थी। उसी समय अचानक से उसके तीन बटन खुल गये और मैंने उसके 34 इंच के गोरे गोलमटोल बड़े ही आकर्षक बूब्स को देख लिया और में पहली बार बूब्स के दर्शन करके अपने होश पूरी तरह से खो बैठा में बड़ा चकित था और कुछ देर बाद हम दोनों वहां से उठ गए एक दूसरे के चेहरे को मुस्कुराते हुए देखने लगे थे। में उसकी आखों में आखें डालकर देख रहा था।

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फिर कुछ देर के बाद अब मेरा भाई सोने के लिए चला गया और उसके चले जाने के बाद अब में और रानी मेरे रूम में कंप्यूटर को चालू करके उसके सामने बैठ गये, कुछ देर तक हम दोनों बिल्कुल चुप थे। मैंने महसूस किया कि वो मेरी तरफ एक अलग ही नज़र से देख रही थी और में अब उससे आखें नहीं मिला पा रहा था। फिर रानी मेरे बिल्कुल पास सरककर बैठ गई और वो मुझसे पूछने लगी अतुल क्या तुम किसी लड़की को दिल से चाहते हो? मैंने उससे कहा कि नहीं, तभी यह बात सुनकर उसने उसके दोनों हाथो को मेरे हाथ पर रखते हुए मुझसे पूछा क्या मुझे भी नहीं अतुल? अब मैंने उससे कहा कि हाँ रानी में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ, लेकिन तुम मुझसे उम्र में बड़ी हो इसलिए हम दोनों शादी नहीं कर सकते। अब उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर झट से मुझे अपनी बाहों में भर लिया और उसके लाल और गरम होंठो को उसने मेरे होंठो पर रख दिया। उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अरे पागल में मानती हूँ कि हम एक दूसरे से किसी वजह से शादी नहीं कर सकते तो क्या हुआ हम वो सब तो बड़े आराम से एक दूसरे के साथ कर सकते है जो एक पति, पत्नी शादी के बाद हर कभी रात दिन सुबह शाम जब भी उनकी इच्छा होती है वो यह सब करते है? अब मैंने बिल्कुल चकित होकर उससे पूछा रानी क्या यह सब करना अच्छी बात है? तब उसने मुझसे कहा कि इसमे कोई बुरी बात नहीं है, ऐसा तो हर एक लड़का लड़की हर कभी करते है और वैसे भी वो काम जिसकी वजह से किसी को सुख संतुष्टि की प्राप्ति होती है वो काम मेरी नजर में कभी भी गलत नहीं हो सकता, यह तो दो जिस्म का एक मिलन है जो उनकी मर्जी से हो रहा है, इसमें कोई ज़ोर जबरदस्ती नहीं है।
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अब में उसके मुहं से वो पूरी बात सुनकर थोड़ा सा शरमा रहा था। फिर वो मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली वाह मज़ा आ गया, मुझे तुम्हारा शरमाना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन हम दोनों को यह सारी रात क्या ऐसे ही गुजारनी है या हमे इसके आगे भी कुछ करना है? अब उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उठकर सबसे पहले दरवाजा अच्छे से बंद किया और उसके बाद रानी के पास आकर उसको मैंने अपनी बाहों में भर लिया और फिर मैंने उसके पूरे बदन को लगातार किस करना शुरू कर दिया। उसके बाद में उसके दोनों बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही मसल रहा था, तो रानी के मुहं से आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ अतुल प्लीज धीरे करो ना यह शब्द निकले, लेकिन में फिर भी ज़ोर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा कुछ देर बाद मैंने उसकी मेक्सी के बटन खोल दिए जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी। मैंने अपनी चकित नजरों से देखा कि उसने काले रंग की जालीदार पेंटी, ब्रा पहनी हुई थी, जो उसके गोरे बदन को और भी कामुक बड़ा ही सेक्सी दिखा रही थी और उसकी सुंदरता को बढ़ा रही थी।

अब मैंने जोश में आकर बिना देर किए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, उसके बाद जो हुआ में उसके बारे में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता कि उस समय जैसे ही मैंने ब्रा का हुक खोला उसके बूब्स जो बड़े आकार के होने के बाद भी ना जाने कैसे उसकी ब्रा की केद में थे, वो एकदम से उछलकर मेरे सामने आकर मुझे अपना पूरा बड़ा ही आकर्षक रूप दिखाने लगे और में बड़ा चकित था, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि कपड़ो के पीछे छुपे हुए उसके बूब्स का आकार इतना भी बड़ा हो सकता है वो झट से मेरे सामने आकर लटक गए। अब उसने भी बिना देर किए मेरी शर्ट और पेंट को भी अपने हाथों से उतार दिया और उसके बाद मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा कुछ देर बाद मैंने उसका हल्का भूरे रंग का उठा हुआ निप्पल अपनी होंठो में पकड़ लिया और में बूब्स को चूसने लगा। मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, इसलिए कुछ देर बाद मैंने जोश में आकर उसके निप्पल को अपने दांत से हल्का सा काट लिया और दर्द की वजह से उसके मुहं से एक सिसकी की आवाज निकली आहह आईईईई अतुल मेरी जान प्लीज ऐसे मत करो, मुझे बहुत दर्द होता है प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो, मुझे वैसे मज़ा आ रहा था। क्या आज तुम मेरे दोनों बूब्स को खा ही जाओगे? फिर वो इतना कहकर मेरे ऊपर आ गयी और मेरी छाती पर किस करने लगी। वो उसके हाथ को मेरी छाती पर बड़े ही प्यार से घुमा रही थी और में मेरे हाथ को उसकी गोरी नंगी चिकनी कमर पर और उसके सेक्सी गोलमटोल कूल्हों पर भी घुमा रहा था।

फिर वो मेरे कान में बहुत धीमी आवाज में मुझसे बोली कि अतुल अब में पूरी तरह से तुम में समा जाना चाहती हूँ और तुम अब मुझे वो मज़े उस सुख का आनंद दो जिसको पाकर एक पत्नी अपने पति के साथ बिताए उस हर एक पल को अपनी पूरी जिन्दगी याद रखती है, में तुमसे भी आज वही सब पाने की उम्मीद रखकर ही तुम्हे मेरे साथ यह सब करने के लिए आज तैयार हुई हूँ और में चाहती हूँ कि तुम आज मेरी इस कुंवारी चूत को जमकर चुदाई करके एक पूरी तरह से संतुष्ट औरत बना दो, चलो अब देखना बंद करो और आगे का काम करना शुरू करो और अब में बड़ा खुश होकर चुदाई के सपने को पूरा करने के लिए उसके ऊपर चड़ गया और उसके बाद मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत के होंठो को फैलाकर खोल दिया और उसके बाद लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक ही जोरदार धक्के की मदद से चूत में अपने लंड को पूरा अंदर डाल दिया। फिर उसने अचानक और पहली बार हुई अपनी चुदाई के दर्द मज़े जोश की वजह से मुझे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देते हुए अपने कूल्हों को आगे पीछे करते हुए लंड को अंदर बाहर करता हुआ लगातार हिला रहा था और वो भी नीचे लेटी हुई अपने कूल्हों को ज़ोर से हिलाकर अपनी चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थी, जिसकी वजह से उसके मुहं से एक बड़ी ही सेक्सी आवाज़ आ रही थी। वो ऊऊईईईईइई माँ आह्ह्ह्ह में मर गई ऊफ्फ्फ्फ़ अतुल तुम कितने ज़ोर से धक्के दे रहे हो प्लीज थोड़ा प्यार से करो, यह सब में पहली बार कर रही हूँ और इस बात का भी ध्यान रखो, मुझे दर्द हो रहा है। अब मैंने उसके दर्द को देखते हुए अपनी स्पीड को पहले से कम कर दिया और धक्के देने के साथ साथ में उसके नरम मुलायम बूब्स को भी दबा सहला रहा था, जिसकी वजह से कुछ देर बाद रानी को पहले से ज्यादा मज़ा आने लगा था और कुछ देर वैसे ही हल्के धक्के देने के बाद जब रानी का दर्द कम होता चला गया। वो मुझसे कहने लगी कि अतुल अब थोड़ा ज़ोर से करो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है हाँ और भी ज़ोर से तेज गती से दो, तुम अब मुझे तेज धक्के मारो, मेरा दर्द अब मज़े में बदल चुका है, तुम्हे अब डरने और किसी भी बात की चिंता करने की कोई भी जरूरत नहीं है।

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दोस्तों मेरे लंड को अब उसकी चूत की दीवारों का अहसास हो रहा था। मैंने महसूस किया कि उसके चूत बहुत ही फिट एकदम टाईट थी, क्योंकि वो अब तक बिना चुदी थी और अब में उसके कहने पर अपने लंड को ज़ोर से धक्के देकर आगे पीछे कर रहा था और लंड उसकी चूत की चमड़ी से रगड़ा जा रहा था, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इसलिए में जोश में आकर वैसे ही लगातार धक्के कुछ देर देता रहा। फिर तभी अचानक से उसने मेरे मुहं को अपने बूब्स पर दबा लिया तो में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसते हुए दूसरे बूब्स की निप्पल को दबाते निचोड़ते हुए अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा था और रानी उस समय मेरे बालों को कसकर पकड़े हुए थी, क्योंकि अब हम दोनों ही चरम सीमा पर थे और कुछ दो चार हल्के धक्के देने के बाद ही एकदम से मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में खाली कर दिया। मैंने झड़ते हुए अपने धक्को से वीर्य को रानी की चूत की गहराईयों में पहुंचा दिया, जिसको वो महसूस करके अचानक से खुश हो गई और उसके चेहरे की चमक को देखकर मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा।

फिर हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे की बाहों में चिपके हुए पड़े रहे। दोस्तों उस समय मैंने पूरी तरह से अपने आप को एक छोटे बच्चे की तरह रानी के हवाले कर दिया था और उस समय वो भी मेरे काम से बहुत खुश होकर मुझे बड़े प्यार से चूम रही थी और मेरे बदन को सहला भी रही थी। फिर मैंने अब उससे कहा कि रानी तुमने मुझे आज अपनी मर्जी से पूरा साथ देते हुए चुदाई का बड़ा मस्त मज़ा दिया है, रानी तुम बहुत अच्छी हो और में तुमसे प्यार करता हूँ, वो अपने हाथ की उँगलियाँ मेरे बालो में फिराते हुए मुझसे कहने लगी कि अतुल तुम गलत बोल रहे हो, मैंने नहीं तुमने मुझे आज चोदकर पूरी संतुष्टि और मेरी पहली चुदाई का वो मज़ा दिया है, इस चुदाई के स्वाद को में अपने पूरे जीवन में कभी भी नहीं भुला सकती और वैसे में तुम्हे हमेशा से ही बहुत पसंद करती हूँ और प्यार भी तुम्हे में बहुत करती हूँ, इसलिए तुम आज से जब भी चाहो मुझे मौका देखकर चुदाई के मज़े देना, में तुम्हे कभी भी मना नहीं करूंगी, क्योंकि तुम इस काम में बड़े अनुभवी निकले। मज़ा आ गया तुम्हारे साथ चुदाई करके, तुमने मेरा मन जीत लिया है और आज से तुम मेरे दिल पर राज करोगे।

दोस्तों उस रात को हम दोनों ऐसे ही पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों में एक दूसरे को प्यार करते हुए चिपककर पड़े रहे उसके बाद जल्दी सुबह उठकर रानी ने मुझे नींद से जगाया और कपड़े पहनने के लिए कहा। फिर मैंने सामने गली घड़ी में समय देखा तो उस समय सुबह के पांच ही बजे थे। उसी समय मैंने उसके एक हाथ को पकड़कर एक झटका देते हुए उसको दोबारा अपने ऊपर गिरा लिया और उसके गोरे सेक्सी बदन को चूमने लगा तो वो कहने लगी कि छोड़ो और चुपचाप कपड़े पहनकर मुझे बाहर जाने दो, वरना दूसरे कमरे में सो रहे तुम्हारे भाई को हम दोनों के ऊपर शक हो जाएगा। फिर मैंने उससे कहा कि मेरी जान वो सुबह नो बजे से पहले कभी भी सोकर नहीं उठता और हमेशा उसको नींद से जबरदस्ती उठाना पड़ता है, क्योंकि वो बहुत गहरी नींद से सोता है, इसलिए अब मेरी एक बार फिर से वही सब करने की बहुत इच्छा हो रही है, पता नहीं दोबारा हमे ऐसा मौका कब मिले और आज मिला है तो क्यों ना हम इसका पूरा पूरा फायदा उठा लें।

फिर उसने कुछ देर सोचकर अचानक से मेरे लंड को अपनी मुठ्ठी में दबा लिया और फिर उसके बाद क्या होना था? आप सभी खुद ही बहुत समझदार है। दोस्तों मैंने उसको दोबारा से जमकर चुदाई के मज़े दिए और मैंने इस बार उसको अपने सामने घोड़ी बनाकर पूरे तीस मिनट तक लगातार कभी तेज तो कभी हल्के धक्कों से पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया। उस चुदाई में उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और में उसकी कमर को पकड़कर अपने लंड को चूत में अंदर बाहर करते हुए ना जाने कब झड़ गया, लेकिन वो तो मुझसे पहले ही एक बार झड़ चुकी थी, इसलिए उसकी गीली चिकनी चूत में लंड को डालने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड वीर्य से चिकनी चूत में फिसलता हुआ उसकी बच्चेदानी को छू रहा था। फिर में अपने जोश के ठंडे हो जाने के बाद उसके ऊपर से हट गया और मेरी हटते ही वो बिल्कुल बेजान होकर वैसे उल्टी ही लेट गई, मैंने तब उस समय देखा कि उसकी चूत के खुले हुए मुहं से हम दोनों का वो चिकना गरम प्रदार्थ बाहर निकलने लगा। दोस्तों कुछ देर लेटे रहने के बाद वो उठकर कपड़े पहनकर सीधा बाथरूम में चली गई और में भी कपड़े पहनकर लेटे हुए ना जाने कब सो गया। दोस्तों यह थी मेरी वो पहली चुदाई एक वर्जिन चूत के साथ जिसने मेरा अपनी चुदाई में साथ देने के साथ साथ मुझे चुदाई को मज़ा दिया, जिसको में आज भी याद रखे हुए था ।।



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