रंडी बहन ने की पैसों से मदद

तो पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा था कैसे शिखा ने अपनी छूट की कीमत ली, और फिर कैसे मैने उस रंडी की रंडियों वाली चुदाई की थी. अब ये हर रोज़ का हो गया था शिखा और मेरा. उसके मों दाद जैसे ही ऑफीस निकलते, वैसे ही वो मुझे कॉल कर देती थी.

शिखा: आ जाओ मेरे छोड़ू राजा, पहरेदार चले गये है. आओ और लूट लो मुझे.

और मैं उसके फ्लॅट पर जेया कर बस चुदाई और चुदाई करता था. हमारा डेली रुटीन हो गया था की उसके फ्लॅट पर जेया कर मैं उसे पहला रौंद मिशनरी में छोड़ता था आराम-आराम से, और लंड को छूट में रास्ता बनाने देता था. फिर दूसरे रौंद में उसे फुल स्पीड में पेलता था डॉगी पोज़ में, और साइड पोज़ में.

उसके बाद हम साथ नहाने जाते थे. वाहा नहाते-नहाते या तो एक रौंद पेल देता था, या फिर रोमॅंटिक शवर लेकर बाहर आ कर उसे गोद में उठाए हुए और दीवार से सत्ता कर पेलता था.

उसके बाद हम लंच ऑर्डर करते थे, और फिर आराम से सो जाते थे 2-3 अवर्स के लिए. फिर शाम में 4 बजे के अराउंड उठ कर फिरसे चूड़म-चुदाई शुरू कर देते थे. उसके रूम से जाने से पहले वो साली मेरी जेब को खाली कर देती थी हर दिन.

शिखा: अर्रे-अर्रे साहब ऐसे कैसे जेया रहे हो बिना हिसाब किए? पूरा दिन मज़ा दिया है मेरी छूट ने. कीमत चुका कर जाओ बाबू.

साली फुल कोठे वाली बन जाती थी हिसाब के टाइम पर. मैं भी मजबूर था यार. अब उसकी छूट की ना आदत लग गयी थी. मुझे हर दिन उसकी छूट चाहिए होती थी. जब कभी कॉलेज जाता था, तो वाहा मॅन ही नही लगता था. बस सोचता था की अभी शिखा की छूट में लंड अंदर-बाहर हो रहा होता तो मज़ा आता.

कॉलेज में एक-दो लड़कियों की छूट पेली, पर वो मज़ा ही नही आया जो शिखा की टाइट और मुलायम छूट पेलने में आता था. ऐसा लगता था जैसे हर दिन उसकी छूट की सील तोड़ता हू और वो साली भी 4-4 रौंद चूड़ने के बाद भी हर दिन ऐसे चुड्ती थी, जैसे आज पहली बार छोड़ रहा हो कोई. पर उसकी छूट के चक्कर में मेरा बजेट बहुत डाउन होने लग गया था, और कॉलेज में अटेंडेन्स भी कम हो रही थी.

मेरे एग्ज़ॅम्स आ गये, बुत अटेंडेन्स शॉर्ट होने की वजह से मेरा अड्मिट कार्ड रोक लिया, और कॉंपेन्सेशन के 15क जमा करने को बोला गया. पर मेरे पास 5क भी नही बचे थे, और मंत्ली पैसे आने के लिए टाइम था. सो बहुत परेशानी में था की कैसे एग्ज़ॅम दूँगा. इसी परेशानी मैं एक दिन शिखा की छूट पेल रहा था.

शिखा: आहह आअहह भैया, क्या हुआ. आज आप कुछ अपसेट लग रहे हो, और छोड़ भी नही रहे हो ढंग से? वरना 3र्ड रौंद में तो आप दीवार पर चिपका कर छूट से लंड दीवार के पार करने पर उतारू होते हो. और आज आप बेड पर भी सही मज़े नही दे रहे हो. क्या हुआ भैया बताओ मुझे?

विवेक: कुछ नही मेरी रंडी. बस कुछ पैसों की ज़रूरत थी. अड्मिट कार्ड रिलीस करवाना है. पर छ्चोढ़ तुझे क्या? तुझे तो मज़े चाहिए ना. रुक अभी तेरी मा छोड़ता हू साली.

इतना कह कर मैने फुल जोश में शिखा को छोड़ना शुरू कर दिया.

शिखा: अया मेरे राजा, एस, एस. अब लग रहा है की भैया से चुड रही हू. एस फक मे भैया.

और शिखा ऐसे ही चिल्लाते हुए झाड़ गयी. पर मैं धक्के पेलता रहा, और उसकी छूट में पच पच पच की आवाज़ आने लगी. मैं शिखा की गर्दन को पकड़ कर उसके होंठो को चूसने लगा, और फुल स्पीड में तबाद-तोड़ शॉट्स मारने लगा. शिखा ने भी मुझे टाइट्ली जाकड़ लिया अपनी बाहों में. उसकी यही बात तो मुझे सबसे ज़्यादा पसंद थी.

उसे वाइल्ड छोड़ो तो भी मज़ा आता था, और सॉफ्ट्ली रोमॅंटिक छोड़ो तो भी मज़ा आता था. वो दोनो में फुल साथ देती थी

शिखा: म्‍म्म्मम उम्म्म एम्म्म उूुुुउउंम्म आअहह फाड़ दो छूट मेरी. आपकी वाइफ की छूट धनिया हो गयी है, जो आपके जैसा लंड इसे छोड़ता है.

विवेक: एस शिखा, मैं भी झड़ने वाला हू मेरी रंडी. कम फॉर मे एस.

और हम दोनो ही झाड़ गये. फिर मैं हानफते हुए बेड पर साइड में गिर गया. लगभग 5 मिनिट तक सांसो को कंट्रोल में किया, और फिर उसके बाद शिखा मेरे सीने पर आ कर सो गयी. मैने भी उसे कड्ड्ल किया और आँखें बंद कर ली. जब शाम का अलार्म बजा और आँखें खुली, तो हम वैसे ही सो रहे थे.

शिखा ने आँख खोल कर मुझे गालों पर किस किया, और अपनी छूट को उठा कर मेरे सोए हुए लंड पर घुमाया. छूट की गर्मी मिली तो लंड राजा खड़े होने लगे.

विवेक: शिखा यार कितने दिन हो गये तुझसे मिन्नटे करते हुए. तेरी गांद मारने दे ना यार आज प्लीज़.

शिखा: सबर करो मेरे दूल्हे राजा. मिल जाएगी गांद भी. आख़िर आपकी बीवी की ही तो है. आप नही बज़ाओगे तो और कों बजाएगा?

विवेक: फिर देरी किस बात की है शिखा? मुझे क्यूँ नही मिल रही है मेरी बीवी की गांद? कितना तडपा रही है तू गांद के लिए. और याद रखना जितना तडपाएगी उतना ही चिल्लाएगी.

शिखा: मुझे मालूम है मेरे भैया आप जब छोड़ो गांद तो पहले दिन ही फाड़ दोगे उसे. और मुझे ढंग से चलने लायक भी नही छ्चोढोगे. पर क्या करू भैया, आपके लंड से अभी मेरी छूट का ही मॅन नही भरा. गांद दे दूँगी तो फिर लंड छूट और गांद में बाँट जाएगा. इसलिए अभी सिर्फ़ छूट छुड़वा कर छूट में फुल मज़े ले रही हू.

उसकी बात से मैं फुल गरम हो गया था, और छूट बार-बार लंड को टच हो रही थी. फिर मैने शिखा को तोड़ा उठाया और लंड को उसकी छूट में सेट करके एक झटका मारा तो लंड अपनी गुफा में समा गया.

शिखा: आअहह भैया.

विवेक: मेरी रंडी तेरी छूट कमाल है. इतनी चुड गयी फिर भी एक पर्सेंट लूस नही हुई. वही टाइटनेस है आज भी.

शिखा: तो फिर रुके क्यूँ हो भैया? अब तो आदत हो गयी 4-5 रौंद किए बिना मुझे नींद ही नही आती है यार. पेल दो अपना लंड, और इतना मज़ा दो की कल सुबह तक मुझे मज़े आते रहे आपके आने तक.

साली बातें ऐसी जोश दिलाने वाली करती थी. अब बताओ कोई कैसे ही कंट्रोल कर सकता है? मैने उसे अपने से चिपकाया, और नीचे से छोड़ने लग गया

शिखा: उफ़फ्फ़ भैया, मेरे सैयाँ छोड़ो यार. मेरे भी कॉलेज शुरू होने को है. फिर हमारे पास ऐसा टाइम नही रहा करेगा. आप से गांद फदवा कर ही जौंगी कॉलेज. भैया प्लीज़ छोड़ो.

मैं गांद के लालच में शिखा की छूट पेलता रहा, और लगभग 10-15 मिनिट बाद हम दोनो ही झाड़ गये.

मैं फ्लॅट से जाने लगा तो हमेशा की तरह उसने हिसाब के लिए बोला. मैने सोचा साली रंडी थी बिल्कुल. आज बताया उसे की फाइनान्षियल प्राब्लम थी. फिर भी पैसे लेना नही भूली. मैने उसको पैसे दिए 1500 और अपने फ्लॅट पर चला आया.

रात को लगभग 8 बजे मेरे फ्लॅट की डोरबेल बाजी. मैने डोर ओपन किया तो शिखा थी. मैं शॉक्ड था, क्यूंकी वो मेरे फ्लॅट पर कभी नही आई थी, जब से उसे छोड़ना शुरू किया था. वो अंदर आई और मैने डोर लॉक किया. फिर उसने एक पॅकेट मेरे हाथ में रखा और बोली-

शिखा: इसमे पुर 25 थाउज़ंड है भैया. आप अपना अड्मिट कार्ड ले लेना और बाकी के आप जो भी इंपॉर्टेंट काम हो उसमे उसे कर लेना.

मैं एक-दूं स्पीचलेस था यार. थोड़े टाइम ऐसे ही खड़ा उसे देखता रहा. वो स्माइल कर रही थी.

विवेक: पर तेरे पास इतने पैसे आए कहा से?

शिखा: अर्रे आए कहा से क्या मतलब?

आपने ही तो दिए थे हर दिन मेरी छूट पेलने के बदले. और कुछ मों दाद की पॉकेट मनी से सवे किए थे. अब आपकी बीवी हू तो हज़्बेंड को फाइनान्षियल सपोर्ट भी तो देना पड़ेगा ना छूट और गांद के साथ. मैने पॅकेट वही टेबल पर रखा, और उसे गोद में उठा कर हग किया.

मैं यार सोचता था की साली मस्त माल थी. जितना छोड़ना है छोड़ लेता हू. फिर एक दिन साली कॉलेज चली जाएगी, तो वैसे ही पीछा छ्छूट जाएगा उससे. पर यार ये तो सच में बहुत मस्त माल निकली. मुझे आज ऐसा रीयलाइज़ हुआ की आज मेरे इस मोमेंट में सारी हवस प्यार में कॉनवर्ट हो गयी. मैं उसे ज़ोर से हग किए हुए था, और वो भी मुझे हग किए थी.

लगभग 5 मिनिट बाद उसने मुझे खुद को नीचे उतारने को बोला. मैने उसे होंठो पर किस किया, और वो जब जाने लगी तो हाथ पकड़ कर वापस खींच लिया. मेरा मॅन नही हो रहा था, की अब वो कही भी जाए

शिखा: अर्रे जाने दो भैया, मों दाद से झूठ बोल कर आई हू की फ्रेंड के साथ वॉक पर जेया रही हू. लाते हो गयी तो मार पड़ेगी. और आपका कोई भरोसा नही है. ज़्यादा देर रुकी तो छोड़ कर ही भेजोगे आप तो.

वो हाथ च्चूधा कर चली गयी, और मैं बेड पर लेट कर उसकी फोटोस देखने लगा. मुझे सच में उससे प्यार हो गया यार फक क्यूंकी मेरे पास उसके न्यूड्स थे. पर मैं उसकी सूट वाली फोटोस देख रहा था, और स्माइल कर रहा था.

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