रंडी बन के बेटी बाप से बार-बार चुदी

ही दोस्तों, मैं प्रकाश. आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ ही ली होगी. आज मैं आप सब रीडर्स के सामने उसी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट को बहुत से लोगों ने पसंद किया. उमीद है, इस पार्ट को भी आप उतना ही प्यार देंगे.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की कैसे मैने अपनी बेटी तनीशा को मेरा नाम लेते हुए फिंगरिंग करते देखा. फिर मैं उसके रूम में चला गया, और हम दोनो ने चुदाई की. अब आयेज चलते है.

मैं अपनी बेटी के मूह में अपना पानी निकाल चुका था, और शांत हो चुका था. अब मैं उसी के बेड पर नंगा लेता हुआ था. हवस का शैतान मेरे सर से उतार चुका था, और मैं सोचने लगा की ये मैने क्या कर दिया.

मुझे बड़ी शरम आने लग गयी अपने आप पर, की मैने अपनी बेटी को छोड़ा था. फिर मैने साथ लेती बेटी को देखा. वो चैन की नींद सो रही थी, और उसके बदन पर एक भी कपड़ा नही था.

फिर मैं उठा, और उसके रूम से बाहर आ गया. अपने रूम में आके मैं अपनी बीवी के साथ सो गया. फिर अगली सुबा जब मैने तनीशा को देखा, तो वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थी. लेकिन उसने ऐसा कुछ नही बोला, जो रात की चुदाई से रिलेटेड हो.

मुझे लगा वो सब बस उस पल तक ही ठीक था, और अब ये दोबारा नही होना चाहिए. लेकिन अब ये कभी ना ख़तम होने वाला सिलसिला शुरू हो चुका था.

सारा दिन नॉर्मल गया. हम सब अपने-अपने काम पर चले गये. फिर शाम को सब घर आए, और साथ बैठ कर छाई पी. फिर रात हो गयी, और सब ने डिन्नर किया. इस सब के दौरान मैं तनीशा को देख नही रहा था.

डिन्नर के बाद सब अपने-अपने रूम में सोने चले गये. अभी मैं अपने बेड पर लेता ही था, की मुझे तनीशा का मेसेज आ गया.

तनीशा: पापा कब आओगे?

मैं: कहा आना है बेटा?

तनीशा: मेरे रूम में.

मैं: रूम में क्यूँ.

तनीशा: जो कल रात हुआ, वही करने.

मैं: बेटा वो एक मोमेंट था जो निकल गया. हम दोनो बाप-बेटी है. अब दोबारा ऐसा नही होना चाहिए.

तनीशा: लेकिन पापा मुझे आपके लंड की ज़रूरत है.

मैं: बस मैने बोल दिया ना नही, तो नही.

और ये मेसेज भेज के मैने अपना फोन बंद कर दिया. फिर मैं थोड़ी देर सोचते-सोचते सो गया. तकरीबन रात के 12 बजे मेरी नींद खुली. जब मैं जागा, तो मैने अपने लंड पर कुछ महसूस किया. जब मैने नीचे देखा, तो तनीशा नीचे बैठी थी, और मेरा लंड उसके मूह में था.

उसको ऐसा करते देख मेरी गांद फटत गयी. मैने उसी वक़्त साथ सोई अपनी बीवी की तरफ देखा. वो गहरी नींद में सोई हुई थी. फिर मैने तनीशा को हटाने की कोशिश की, लेकिन वो नही हॅट रही थी. उसके चूसने की वजह से मेरा लंड खड़ा हुआ पड़ा था. मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या करू.

फिर फाइनली मैने डिसाइड किया, की अगर वो कह ही रही थी, तो उसको छोड़ने में हर्ज ही क्या था. कम से कम बाहर मूह काला तो नही करेगी. ये सोच कर मैने बाप-बेटी के रिश्ते को भुला दिया, और उसके सर पर अपना हाथ रख दिया.

फिर मैं उसके मूह में धक्के देने लग गया. मैं ज़ोर से पूरा लंड उसके गले तक घुसा रहा था. जब लंड मूह में जाने से उसकी साँस रुकती, तो मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही करते-करते 10 मिनिट हो गये. फिर मैने अपना सारा पानी उसके मूह में निकाल दिया.

वो बेड के नीचे बैठी थी, और उसने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. फिर मैं भी बेड के नीचे आ गया. अब हम दोनो पालती मार कर नीचे बैठे थे. पहले मैने अपने होंठ उसके होंठो से मिला दिए, और हम दोनो वाइल्ड किस करने लग गये. फिर मैने उसको वही पर लिटा दिया, और उसकी शॉर्ट्स और पनटी उतार दी.

अब उसकी प्यासी छूट मेरे सामने थी. मैने उसकी छूट पर अपना मूह लगाया, और उसको चूसना शुरू कर दिया. अब वो मेरा सर अपनी छूट में दबा रही थी, जिससे मुझे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी.

उसकी छूट का स्वाद मनमोहक था. बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उसकी छूट का मूह खोल-खोल कर अंदर जीभ डाल रहा था. उसकी छूट के दाने को मैं अपने होंठो में लेके चूस रहा था. वो तड़प रही थी, और अपनी गांद हिला-हिला कर मज़ा ले रही थी. फिर उसने भी हल्की आहह आ करके अपना पानी छ्चोढ़ दिया.

अब मैं खड़ा हुआ, और उसको हाथ पकड़ के उठाया. फिर हम धीरे से मेरे रूम के बाहर आए, और उसके रूम में चले गये. जैसे ही हम उसके रूम में गये, हमने दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर हम दोनो ने अपने कपड़े उतार दिए, और पुर नंगे हो गये.

तनीशा बहुत वाइल्ड हो गयी थी. उसने मुझे बेड पर धक्का दिया, और मेरे उपर आके बैठ गयी. अब वो अपनी नंगी छूट मेरे लंड पर रग़ाद रही थी. बड़ा मज़ा आ रहा था जब उसकी छूट के बाल लंड से रग़ाद खा रहे थे.

कुछ देर वो ऐसे ही करती रही. फिर उसने लंड को अपने हाथ में लिया, और उसको अपनी छूट पे सेट कर लिया. उसके बाद वो आराम से मेरे लंड को अंदर लेते हुए उपर बैठने लगी. वो धीरे-धीरे नीचे हो रही थी, लेकिन मैने नीचे से ज़ोर का झटका लगा कर पूरा लंड उसकी छूट में उतार दिया.

उसकी चीख निकल गयी, और मैने उसके बूब्स पकड़ कर उसको अपने उपर खींच लिया. फिर मैने उसके होंठ चूसने शुरू किए, और नीचे से ज़ोर-ज़ोर के धक्के लगा कर उसको छोड़ने लगा.

उसके बूब्स मेरी छाती के साथ दबे हुए थे, और नीचे से उसकी गरम छूट मेरे लोड को मज़ा दे रही थी. कुछ देर मैने उसकी ऐसे ही चुदाई की. फिर वो सीधी होके बैठ गयी, और मेरे लंड पर उछालने लग गयी.

मैं उसके चूतड़ पकड़ कर उसको अपने उपर उछाल रहा था. उसके बूब्स हवा में उछाल रहे थे. कितना कामुक नज़ारा था, मैं बता नही सकता दोस्तों.

15 मिनिट तक वो ऐसे ही मेरे लंड पर उछालती रही. फिर उसका शरीर काँपने लगा, और वो आहह आ करते हुए झाड़ गयी. मैं भी उसके साथ ही झाड़ गया. अब हम दोनो नंगे साथ में लेते हुए थे.

दोस्तों आप सब को ये कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताए. अगर किसी को कोई अड्वाइज़ देनी हो, तो युवर मोस्ट वेलकम.

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