अशरफ: ये हुई ना बात मेरी रांड़. अब आजा तुझे सैर करऔ जन्नत की.
अशरफ ने झट से कॉंडम लंड में लगा लिया. मा बेड पर आते ही गिर पड़ी. अशरफ मा के उपर आ गया, और मा की दोनो टाँगो को उठा कर अपने लंड को मा की छूट में फिक्स करने लगा. उसके लंड के जाते ही मा की चीख से मा का दर्द मालूम चल रहा था.
वो मा की छूट में तेज़ी बढ़ा, और ज़ोर-ज़ोर से मारने लगा. इससे मा की छूट और उसके लंड से ठप-ठप की आवाज़ो से पूरा घर मा की चीखों के साथ गूँज रहा था. मा की छूट में उसका लंड घोड़े की तरह दौड़े जेया रहा था. अचानक उसने अपना लंड मा की छूट से निकाला.
उसके लंड के सारे वीरया से भर कर कॉंडम का पॅकेट लटक गया था. मा की छूट में एक बड़ा च्छेद हो गया था. उसने कॉंडम निकाला, और सारा माल मा के उपर डाल दिया. फिर मा के बालों को पकड़ कर, उसे बेड पर बिता कर, अपने लंड को उसके मूह में लगाने लगा, और बचे हुए वीरया को चटवाने लगा.
मा पूरी टूट गयी थी. वो बेजान सी लग रही थी. इस चुदाई के दर्द में वो अभी भी सिसकियाँ भर रही थी. उसके लंड के नीचे नंगी, गोरे बदन में मंगलसूत्रा पहने एक-दूं पोर्नस्तर लग रही थी. उसे देख हमारा लंड बेकाबू हो रहा था. मा अब बेड पर गिर गयी, और अशरफ भी मा के नंगी बदन को पकड़ कर सोने लगा था.
तभी अचानक मैने देखा रेहान मेरा पास नही था. वो वाहा पहुँच चुका था. उसने एक कॉंडम उठाया, और अपने लंड में लगाया. मा की गांद का च्छेद उपर-नीचे हो रहा था, जिसमे अशरफ ने बुरी चुदाई की थी. रेहान बेड पर घुटनो को रख उस च्छेद में अपना लंड डालने लगा.
लंड घुसते ही मा आयेज की तरफ उछाल कर अशरफ को पकड़ ली. उनके मूह से उन्होने चिल्लाया पर आवाज़ नही निकली. ये देख रेहान ने च्छेद में अपना लंड दौड़ना शुरू कर दिया. इससे मा अपने हाथो को इधर-उधर मार कर अपने दर्द को बता रही थी. तभी उसने मा को अपनी तरफ घुमाया. मा हाँफ रही थी.
रेहान: मेरी जान, तेरी छूट तो कितनी भी मारु, मेरा लंड नही मानता.
मा ( दर्द में): तुमने कों सी वीडियो दी है?
ये सुनते ही रेहान मा की एक टाँग को उठा कर उसकी छूट में अपना लंड डाल दौड़ने लगा. मा का पूरा बदन फिर कूदने लगा, और उसकी छूट से थापा-ठप की आवाज़ से मालूम चल रहा था की रेहान कितने ज़ोर से और तेज़ी से मा की छूट में अपने लंड को मार रहा था. मा भी धीमी सिसकियाँ और चीखों से अब उसके लंड को अपनी गहराई में ले रही थी.
तभी उसका लंड भी पानी दे बैठा, जिसे निकाल कर उसने भी कॉंडम से सारा माल मा के उपर डाल दिया. अब मा पूरा तक चुकी थी. वो अब हिलने की हालत में भी नही थी. वो उन दोनो नंगे लंड के बीच में अपना नंगा गोरा बदन लेकर बेहोश की तरह सो गयी थी.
शाम के 6 बजे जब मा की नींद खुली वो दो गैर मर्दों के लंड के बीच में चुड कर नंगी थी. ये देख वो शरम-सार हो गयी. वो अपने आप को खुद थप्पड़ मार रही थी. तभी अशरफ की नींद खुली. उसने मा को अपनी तरफ खींचा.
अशरफ: मत गुस्सा हो मेरी जान. तेरे इस मासूम चेहरे और बदन पर ये अछा नही लगता.
मा: छ्चोढ़ दो मुझे. तुम लोगों ने मुझे कही का नही छ्चोढा है. मेरा एक बेटा है.
अशरफ: तेरा बेटा ही तुझे छुड़वा रहा है, क्यूंकी उसने बाकी सब की मा की छूट छोड़ी है. ये देख पिक्स.
ये कह कर अशरफ ने मा को Wहत्साप्प ग्रूप पर माओं की चुदाई के पिक्स दिखाई. मैं समझ गया अब मुझे अंदर जाना चाहिए. मैं मा के पास गया. मुझे देख वो चौंक गयी, और गुस्से से लाल हो गयी. मा ने एक थप्पड़ मुझे मारा.
मा: तेरी हिम्मत कैसे हुई ये सब करने की!
तभी उसकी नंगी चुचि को अशरफ पीछे से मसालने लगा. मा की आँखें बंद हो गयी. उसके मूह से सिसकियाँ निकल रही थी. ये देख मेरा लंड खड़ा हो गया. मा ने उसका काला लंड हाथ में पकड़ लिया.
मा: तुझे चूड़ते देखने में मज़ा आता है ना? देख अब अपनी मा को. अशरफ बेबी मैं बस आज से तुम्हारी हू. इन दोनो को मेरे पास भी मत आने देना.
अशरफ: हा मेरी जान.
ये कहते ही उसने मा की चिकनी गांद को गोद में उठा कर अपना लंड उसकी छूट में फ़ससा दिया, जिससे मा की आँखें बंद हो गयी. मा की एक ज़ोर की चीख निकल पड़ी.
मा: उफफफ्फ़, मैं तो मॅर गयी.
अशरफ: इतना ब्डा नही देखा तूने?
मा: किसका देखूँगी मैं?
अशरफ: चल आज से मैं तुझे दिखौँगा.
ये कह कर उसने मेरे सामने मा के छूतदों को हवा में उठा-उठा के छोड़ा. चुदाई की थापा-ठप की आवाज़ से पूरा घर गूँज रहा था. मा की हालत भी दर्द भारी थी, और उनकी चीखों से पूरा घर गूँज रहा था. तभी उसने मा की एक टाँग को ज़मीन पर उतरा, और दूसरी टाँग उठाई.
अशरफ: शुक्रिया मेरे दोस्त, ऐसी माल मा से पैदा हुआ तू.
मा: ह्म्म्म्म.
अशरफ: आजा मेरी जान.
कह कर उसने फिर छूट में लंड डाल दिया.
मा: उम्म्म उफ़फ्फ़ बस.
कह कर उसके बालों को पकड़ सहलाने लगी. वो भी उसके चुचे को दांतो से पकड़ कर, खींच कर, उसकी छूट में लंड मार-मार कर आवाज़ कर रहा था. अचानक उसने मा की चीख सिसकियों में बदल दी. मैने देखा उसने लंड बाहर निकाला जिसके ठीक बाद मा की टाँगो पर उसकी छूट से उसका सारा माल निकल गया.
मैं मा से बात करने गया. लेकिन वो उसकी गोद में चढ़ कर उसके लिप्स पे किस करने लग गयी. अशरफ ने भी उन्हे उठा कर, मेरे रूम में ले-जेया कर, रूम बंद कर दिया. मैने देखा तो रेहान भी ये सब देख रहा था.
रेहान: अब भूल जेया की उसकी छूट मिलेगी. अशरफ अब अकेला उसे छोड़ेगा.
मे: लेकिन, ह्म.
फिर रात 9 बजे मा निकल कर बातरूम में आई, और गाते खुला रख कर नहाने लगी. तभी अशरफ अपने लंड को नंगा हिलता बातरूम में आ गया. फिर मा को अपने हाथो में पकड़ उनके साथ शवर लेने लगा. उसी बीच उनका बदन मसालते हुए उसने अपना लंड फिर डाल दिया मा की छूट में. अब बातरूम मा की चीखों से भर गया.
मा खाना खाने 11 बजे आई. मैं और रेहान खा रहे थे. तभी पीछे से अशरफ आ गया. उसने फिर मा की टांगे उठा कर कर उसको छोड़ा. इस तरह वो लगातार मा की चुदाई करने लगा.
इस रोज़-रोज़ की चुदाई से मा के शरीर में अब चेंज आ रहा था. उसके चुचे पहले से बड़े हो गये थे, और उसकी गांद भी फैल गयी थी. वो अब और भी चमक रही थी. उसकी खूबसूरती और बढ़ गयी थी. ऐसे ही जाने का समय हो गया, जाने के एक दिन पहले अशरफ ने रात भर मा को ज़बरदस्त छोड़ा, जिससे पूरा घर जाग गया.
लेकिन अब वो दोनो दुखी हो कर एक-दूसरे से बिदाई ले रहे थे. अशरफ हमारे साथ फिर पुणे कॉलेज के लिए आ गया.
तो बे कंटिन्यूड…