राजस्थानी वैध की बीवी साथ के साथ हॉट चुदाई

हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी antarvasnahd.com पर सेक्सी कहानियों को पढ़ने वालों को इस वेबसाइट के ज़रिए से में मेरे साथ हुए एक हादसे के बारे में बताना चाहता हूँ। यह बात आज से एक साल पुरानी है, जब में गुजरात अपने भाई के पास रहने गया हुआ था। वैसे तो में लन्दन में रहकर अपनी पढ़ाई को पूरी कर रहा हूँ और में जब भारत आया था यह उस समय की कहानी है। दोस्तों में जब अपने भाई के घर रहता था। वो तो अपनी नौकरी पर चला जाता था और में उसके बाद में पूरा दिन घर में अकेला ही रह जाता, इसलिए में अपना समय बिताने के लिए इधर उधर घूमकर अपना समय बिताया करता या फिर में सेक्सी कहानियों को पढ़कर बड़े मज़े करता और मेरा समय कैसे निकल जाता मुझे इस बात का अंदाजा ही नहीं होता। एक दिन में दिन का खाना खाकर बड़े आराम से सो रहा था तभी मुझे अचानक से अपने लंड के पास हल्का सा दर्द हुआ, में उस दर्द की वजह से उठ गया और फिर मैंने ध्यान से देखा कि किसी जहरीले कीड़े ने मेरे लंड पर काट लिया था, जिसकी वजह से एक दिन बीतने के बाद मेरे लंड पर कुछ निशान हो गए जिसको देखकर में बहुत घबरा गया और डरने की वजह से में मन ही मन में सोच रहा था कि पता नहीं मुझे यह कौन सी बीमारी हो गई है अब पता नहीं मेरे साथ क्या होगा? यह सब इस गाँव में कैसे ठीक होगा और अगर में शहर में होता तो इसका इलाज में वहीं करवा लेता और यह बात मैंने शरम की वजह से किसी को नहीं बताई। फिर दूसरे दिन मुझे इधर उधर से पता चला कि हमारी ही उस कॉलोनी में एक राजस्थानी वैध जी रहते है, पहले तो मुझे बस वो सब बड़ा अटपटा सा लगा कि यह वैधहक़ीम सिर्फ़ नाम के होते है, लेकिन फिर में अपने मन में कुछ बातें सोचकर उनके पास चला ही गया।

फिर मैंने जाकर उनको अपना हाल खुलकर बता दिया, लेकिन उन्होंने मेरी पूरी बात को सुनकर कहा कि मेरे पास आपकी इस बीमारी की कोई भी दवा नहीं है और फिर उन्होंने मुझे बताया कि जब वो खुद 25 साल के थे तब ऐसे ही किसी जहरीले कीड़े के काटने से उनके लंड में भी बड़ी तकलीफ हुई वो भी इससे बड़े परेशान हुए उसके बाद उन्होंने भी पास वाले शहर में जाकर इसका इलाज करवाया था। तो उनके मुहं से यह बात सुनकर में बहुत डर गया और में घबराकर तुरंत वहाँ से उठकर चला आया। मेरे मन में ना जाने क्या क्या बातें आने लगी थी और अगले दिन जब में उनके घर के सामने से ही गुज़र रहा था, तब उनकी बीवी जो 30 साल की गोरे गदराए हुए बदन की बड़े आकार के बूब्स की औरत थी उसने मुझे धीरे से आवाज देकर अपने पास बुलाया और जब में उसके पास गया। तो उसने तुरंत ही दरवाजे को बंद कर लिया और अंदर जाने के बाद वो मुझसे कहने लगी कि मुझे बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुझे क्या बीमारी है, क्योंकि मैंने तुम दोनों की बातें चोरी छिपे सुन ली थी और तेरी इस बीमारी का इलाज मेरे पास है, लेकिन उस इलाज के बदले जो में चाहूँ वो मुझे फीस देनी होगी। तो मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है मुझे वो सब बातें मंज़ूर है आप बस कैसे भी मेरा इलाज कर दो और मेरी इस बीमारी को खत्म कर दो, में आपका यह अहसान कभी नहीं भूलूंगा, आप कैसे भी करके मुझे ठीक कर दो।

फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अपना औज़ार बाहर निकालो उसी समय मैंने तुरंत ही बिना किसी लाजशरम के अपनी पेंट को उतारकर बेड पर रख दिया और उसके बाद मैंने अपनी अंडरवियर को नीचे की तरफ सरका दिया। तो उसने मुझसे कहा कि अब तुम इसको भी पूरा उतार दो, तब मैंने उसके कहने पर तुरंत ही अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया में अपने इलाज की वजह से अपनी सारी शरम को भूल चुका था और मुझे बस अपने इलाज से मतलब था। दोस्तों यह सब, लेकिन पहली बार था जब में किसी औरत के सामने इतना नंगा हुआ था। मुझे थोड़ा सा अच्छा तो लग रहा था, लेकिन मेरा ज्यादा दिमाग पहले अपने इलाज को करवाने की तरफ कुछ ज्यादा था। फिर उसी समय उसने मेरा लंड अपने एक हाथ में लिया और वो उससे खेलने लगी। दोस्तों अपने लंड पर पहली बार किसी औरत का हाथ लगने से मेरा लंड सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा हो गया, वो मेरे मोटे लंबे लंड का असली रूप देखकर बिल्कुल दंग रह गयी और वो बहुत खुश हो चुकी थी और वो बोली कि वाह जय जलराम बप्पा मज़ा आ गया, आज तो मेरे मन की मुराद पूरी हो गयी। उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब वो किसी भी हाल में मेरा लंड ठीक जरुर करेगी और मुझसे यह बात कहकर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया। तो उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मुझे उस समय ऐसा लग रहा था कि जैसे में आसमान की सैर कर रहा हूँ मैंने भी उसके सर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया और मेरे मुहं से अब अह्ह्ह ऊव्वव्वव की आवाज़ें निकलने लगी में बीच बीच में उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही मसल रहा था। इतनी उम्र होने के बाद भी उसके बूब्स बड़े ही टाईट ऊँचे उठे हुए होने के साथ साथ वो बहुत लचीले थे। दोनों बूब्स को मैंने भी उसके चूसने के साथ बहुत मज़ा लिया और यह सब करने की वजह से हम दोनों कुछ देर में पूरी तरह से जोश में आ चुके थे और करीब दस मिनट के बाद जब में झड़ने लगा तो मैंने उसके सर को ज़ोर से पकड़कर अपना सारा लावा अपना गरम गरम वीर्य उसके मुहं में निकाल दिया। फिर वो पूरा लंड चाटकर चूसकर अपने मुहं को साफ करते हुए उठी और वो मुझसे कहने लगी कि आज की खुराक मैंने तुम्हे दे दी है तुम दो दिन तक इसी समय आना बस फिर तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे।

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दोस्तों में उसके पास दो दिन तक लगातार अपने लंड को चुसवाने गया और फिर उसके बाद मैंने ध्यान से अपने लंड को देखा तो अपने आप ही मेरे लंड की वो बीमारी खत्म होती चली गई, जैसे उसके मुहं में अमृत हो और तीन दिन के बाद जब में एकदम ठीक हो गया। तब मैंने उधर जाना ही बंद कर दिया और मैंने अपने मन में यह बात सोच कर कि मुझे उसकी फीस भरनी पड़ेगी में उधर की तरफ नहीं गया, लेकिन मन ही मन में उसके साथ सेक्स करने को अब बहुत तड़प रहा था। फिर करीब एक सप्ताह के बाद दिन में जब में दोपहर का खाना खाने के बाद लेटा हुआ था उसी समय दरवाजे की घंटी बजी और मैंने जब उठकर दरवाज़ा खोला तो देखा कि बाहर दरवाजे पर वो वैध की पत्नी एक लड़की के साथ बाहर खड़ी हुई थी। उसने अपनी बड़े गुस्से भरी नजर से मुझे देखते हुए कहा क्या रे इलाज की तो तुझे बहुत जल्दी थी और अब जब मेरी मेहनत का कर्जा देने के समय आया तो तू उधर दिखता भी नहीं। अब मैंने झूठ बोलते हुए उससे कहा कि में कुछ काम में व्यस्त हो गया था, इस वजह से में आपके पास नहीं आ सका बोलो तुम्हे मुझे तुम्हारी कितनी फीस देनी है? मेरे पास अभी सिर्फ़ 1000/- रुपये ही है अगर इसी में काम हो जाए तो बता दो नहीं तो में घर आकर बाद में दे जाऊंगा।

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फिर उसने एकदम गुस्से से कहा कि तू रख ले अपना यह पैसा, मुझे नहीं चाहिए तेरा पैसा, में इस लड़की को तेरे पास छोड़कर जा रही हूँ जो यह कहे इसको फीस समझकर तू दे देना और फिर मैंने डरते हुए उस लड़की को घर के अंदर बुलाकर उस औरत को विदा किया और उसके बाद झट से दरवाजा बंद कर लिया। दोस्तों में उस समय सिर्फ़ अंडरवियर में था, में उसको अपने बेडरूम में ले गया और दरवाज़ा बंद कर लिया। फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मुझे वंदना बताया वो उसी गाँव की रहने वाली थी। मैंने उसको ध्यान से देखा तो वो पांच फीट की गोरी सुंदर उठे हुए बड़े बड़े बूब्स वाली गदराए बदन की लड़की थी। उस समय उसने पतले कपड़े सलवार कमीज़ पहना हुआ था, जिससे उसकी लाल रंग की ब्रा साफ साफ नजर आ रही थी में उसको लगातार देखकर थोड़ा सा उसकी तरफ प्रभावित हुआ इसलिए मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और उस समय उसकी नजरे अंडरवियर के अंदर खड़े होकर टेंट बने मेरे लंड पर ही टिकी हुई थी।

फिर में उठा और मैंने टीवी में एक सेक्सी कहानी वाली ब्लूफिल्म को लगा दिया और उसके बाद में बेड पर लेट गया। तो वो भी उसी बेड पर ही बैठकर टीवी देखने लगी फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि वो भी लेट मेरे पास जाए तो उसने कहा कि नहीं ऐसे ही ठीक है और फिर जब कुछ देर बाद उस फिल्म में चुदाई वाले द्रश्य आने शुरू हुए तो उसने इधर उधर देखना शुरू कर दिया। फिर मैंने जब उसकी इस बात पर गौर किया तब मैंने लेटे हुए ही अपना अंडरवियर उतार दिया, जिसकी वजह से मेरा सात इंच लंबा लंड बाहर आकर खड़ा हो गया। फिर कुछ देर बाद जब उसने पलटकर मेरे लंड की तरफ देखा तब मैंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया जैसे कि में सो रहा हूँ, लेकिन में बीच बीच में थोड़ी थोड़ी देर बाद मौका देखकर अपनी आखों को खोलकर उसकी तरफ देख भी रहा था। फिर मैंने कुछ देर बाद देखा कि वो अब मेरे एकदम पास में सरककर मेरे लंड को अपनी चकित नजरो से घूरकर देख रही थी और उसके बाद मैंने उसका नरम मुलायम हाथ अपने लंड पर महसूस किया तभी मैंने अपनी आखों को खोल दिया और में उठकर खड़ा हो गया। उसके बाद मैंने टीवी को बंद किया।

फिर मैंने उसके पास आकर उसके गरम गरम होठों पर अपने होंठ रख दिए और अब में पागलों की तरह उसके होठों का रस चूसने लगा था। मेरे ऐसा करने से हम दोनों को बड़ा ही मस्त मज़ा आ रहा रहा था और मैंने उसके चेहरे को देखकर महसूस किया कि उसको मेरे साथ वो सब करना है जिसके लिए वो यहाँ आई है उसको मेरे लंड अपनी चूत में चाहिए और मुझे भी उसकी चुदाई के जमकर मज़े लेने है, में मन ही मन में ठान चुका था कि मुझे कैसे भी करके आज इसके साथ बहुत कुछ करना है जिसकी वजह से यह हंसी ख़ुशी अपने घर चली जाए। फिर मैंने जोश में आकर उसके कपड़े एक एक करके उतारने शुरू किए, लेकिन उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया जिसकी वजह से मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और उसकी कमीज को उतारने के बाद मैंने उसकी ब्रा और सलवार को भी उतारकर उसके जिस्म से उसको भी अलग कर दिया।

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फिर मैंने उसको बेड पर बैठाकर उसको मेरा लंड अपने मुहं में लेने के लिए कहा और उसने तुरंत ही किसी आज्ञाकारी रंडी की तरह मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया। दोस्तों उस समय वो मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे किसी भूखे बच्चे को दूध की बोतल किसी ने उसके हाथ में दे दी हो मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आने लगा था जैसे कि में स्वर्ग में गोते लगा रहा हूँ और जब में झड़ने के करीब पहुँचने वाला था तब मैंने उससे अपना मुहं हटाने के लिए कहा, लेकिन उसने अपने मुहं से मेरे लंड को बाहर नहीं निकाला और फिर मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं के अंदर ही निकाल दिया, जिसको वो बड़े मज़ा लेकर पी रही थी। फिर कुछ देर बाद हम दोनों बेड पर लेट गये और वो मुझसे बातें करने लगी तब उसने मुझे बताया कि तुम दूसरे मर्द हो जिसने मुझे इस तरह पूरा नंगा किया है क्योंकि बचपन में जब वो 14 साल की थी तब वैध जी ने उसका बलत्कार किया था तब में चुदाई के काम में एक बिल्कुल नादान खिलाड़ी थी, में इसके इसके बारे में कुछ भी नहीं जानती थी, लेकिन मेरी पहली चुदाई के बाद से मुझे इस काम में बड़ा मज़ा आने लगा और मैंने अपनी बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और अब यह मेरी एक बहुत गंदी आदत बन चुकी है मुझे लंड लिए बिना रात को नींद नहीं आती, चुदाई करवाना मेरी एक जरूरत बन चुकी है और इसको करने में मुझे बड़ा मज़ा आता है।

फिर मैंने उसको बताया कि वो आज पहली लड़की है जिसकी में चुदाई करूंगा और मेरे मुहं से यह बात सुनकर एक बार फिर से उसने मेरा लंड पूरा अंदर लेकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने के साथ साथ चूसना शुरू कर दिया और मैंने उसके ऊपर लेटकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया। वो गरम होकर कुछ देर में सिसकियाँ लेने लगी और फिर मैंने उसके बूब्स की निप्पल को काटना चूसना शुरू कर दिया दर्द की वजह से वो आह्ह्ह्ह आऊच आईईईईई माँ मर गई की आवाज निकाल रही थी। फिर जब मैंने देखा कि वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है और मेरा लंड भी तनकर सरिये की तरह सख़्त हो गया तो मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर जगह बनाई और उसकी क़मर के नीचे मैंने एक तकिया रख दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत ऊपर उठकर पूरी तरफ से खुल गई।

मुझे उसके अंदर तक भी नजर आने लगा। अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर कर दिया उसके बाद लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर शुरू किया, पहले तो मैंने धीरे धीरे धक्के मारे और फिर एकदम से ज़ोर का एक झटका मारकर अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल जिसकी वजह से उसके मुहं से एक बहुत तेज चीखने की आवाज़ निकली आहह ऊऊहह आईईइ। फिर मैंने उसी समय अपने होंठो से उसके होंठो को दबा लिया जिसकी वजह से उसकी आवाज बाहर ना निकले और में अब लगातार हल्के धक्के देने लगा और फिर जब उसको मज़ा आना शुरू हुआ। तो उसने मुझसे कहा कि हाँ और ज़ोर से हाँ ऐसे ही ज़ोर से करो आह्ह्ह ऊफ्फ्फ आज तुम फाड़ दो मेरी इस चूत को, वो वैसे ही मेरा जोश बढ़ाती रही और में उसको धक्के देता चला गया। फिर करीब दस मिनट के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया। उन धक्को के बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी और चेहरे से एकदम शांत संतुष्ट नजर आ रही थी।

फिर हम दोनों थोड़ी देर तक वैसे ही नंगे एक दूसरे के साथ लिपटकर लेटे रहे और उस दिन हम दोनों ने दो बार सेक्स के मज़े किया। एक बार झड़ जाने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर दोबारा खड़ा करके चुदाई के लिए तैयार किया और मैंने कुछ देर आराम करने के बाद उसकी जमकर चुदाई करना शुरू किया और उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया, जिसकी वजह से मेरा जोश पहले से ज्यादा बढ़ गया। मैंने उसको पहली चुदाई से भी ज्यादा तेज धक्के देकर करीब बीस मिनट से भी ज्यादा देर तक चोदा, जिसकी वजह से हम दोनों खुश हो गए और में मन ही मन उसकी प्यासी चूत की चुदाई करके बड़ा प्रसन्न था और वो अपनी प्यासी चूत की आग को बुझाकर पूरी तरह से संतुष्ट थी। दोस्तों हमारी उस पहली चुदाई के बाद भी हम दोनों ने वैसे ही अच्छे मौके का फायदा उठाकर करीब चार पांच बार मिलकर बहुत जमकर चुदाई के वैसे ही मज़े किए, जिससे वो भी खुश थी और में भी मैंने उसको बहुत तरह से चोदा क्योंकि वो इस काम में बड़ी अनुभवी थी, इसलिए उसने ज्यादा नाटक नहीं किया बस हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ दिया ।।



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