प्यासी भाभी को तडपा कर चोदने की सेक्सी कहानी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम जॉनी है, और मेरी उमर 25 है. मैं मुंबई से हू. अगर कोई मुंबई और आमेडबॅड या कही और जगह से है, और अगर सेक्स में इंट्रेस्टेड हो, तो मेसेज करे मैल पे. और कोई लेज़्बीयन गर्ल है, और उसको लेज़्बीयन गर्ल चाहिए, तो भी मैल पे मेसेज कर सकता है. आंड फीडबॅक ज़रूर देना.

पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा की कैसे मैने निशा को नंबर दिया, और फिर उसने मुझे कॉल करके बात की. फिर उसने मुझे मिलने के लिए उसके घर पर बुलाया. वाहा वो मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी. और हा दोस्तों, निशा के बारे में बता डू. उसका फिगर 36-32-34 है. उसके बूब्स बहुत ही रसीले है, मानो के आम जैसे.

अब मेरे बारे में बता डू. मेरा नाम जॉनी है, और मेरी उमर 25 है, और मैं मंक में काम करता हू. मेरी बॉडी भी काफ़ी हॉट है, और लंड का साइज़ 6.5 इंच है.

मे: हा आज तुझे रंडी की तरह छोड़ूँगा. पूरी नंगी करके छोड़ूँगा. अगर आज तेरा बाप भी आ गया, फिर भी उसके सामने छोड़ूँगा रंडी को.

फिर मैं उसके बूब्स मसालने लगा, और होंठो पर किस करने लगा. दोस्तों क्या बतौ की क्या होंठ थे उसके. पूरी माल लग रही थी. ऐसा मॅन कर रहा था, की होंठो को काट के खा जौ. उसके होंठ मानो गुलाब के फूल की तरह सॉफ्ट-सॉफ्ट थे. उसकी कमर गड्राई हुई थी.

अगर कोई देख भी ले, तो भी वही उसका स्पर्म छूट जाए. क्या बतौ दोस्तों, क्या माल लग रही थी भाभी. उफ़फ्फ़ भाभी का गड्राया हुआ बदन. हाए-हाए ऐसा मॅन कर रहा था, की आज इसके सारे होल्स में मेरा स्पर्म भर डू.

मे: भाभी तुम बहुत हॉट और सेक्सी लग रही हो. बोल्लयऊूद की हेरोयिन भी तुम्हारे सामने फैल है जानेमन.

भाभी: भाभी नही निशा बुलाओ तुम.

फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा, और निपल्स को लॉलिपोप की तरह चूसने लगा. मेरी जीभ बाहर निकाल कर पागलों की तरह चूस रहा था.

भाभी: आह धीरे करो, आज ही सब चूस लोगे क्या?

मे: अर्रे निशा, मेरा मॅन तो कर रहा है की घोड़ी बना के यही छोड़ डू तुझे. और ऐसा छोड़ू की कल सुबह तू चलने के लायक ना रहे. घोड़ी बना के कमर पकड़ के रंडी की तरह. एक हाथ बूब्स पर, दूसरा हाथ गले पर, मेरा लंड तुम्हारी छूट फाड़ता हुआ, और तुम्हारी गर्दन पर किस करते हुए. सोचो निशा, आज तुम कैसे चूड़ोगी आहह.

भाभी: आह श जानेमन ऐसी बातें करते हो. मैं कही यही ना झाड़ जौ. मेरी छूट गीली नही पूरी भर चुकी है. अब ना तड़पाव. डाल दो तुम्हारा खड़ा लंड, और फाड़ दो इस रंडी छूट को. बहुत दीनो से नही चूड़ी है. प्लीज़ जॉनी, प्लीज़ जॉनी, छोड़ो मुझे घोड़ी बना के छोड़ो. अब और इंतेज़ार नही कर सकती मैं.

फिर मैं निशा को उठा के बेड पर ले गया, और वाहा जेया कर फेंक दिया. फिर उसके उपर जेया कर किस करने लगा. वो मुझे किस करने लगी, और मैं एक हाथ से उसकी छूट मसालने लगा. वो सिसकारियाँ लेने लगी.

भाभी: जॉनी ऐसे ही छोड़ो. और करो ना जान.

फिर मैने एक-दूं से मेरी 2 उंगलियाँ उसकी छूट में डाल दी. इससे वो उछाल पड़ी और चिल्लाई-

भाभी: आह श धीरे जॉनी.

पर मैने उसकी परवाह ना करते हुए उंगलियाँ तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा.

मे: अब धीरे-वीरे नही. तुझे रंडी की तरह चूड़ना था ना, ले अब. मेरे लोड से पहले मेरी उंगलियों का मज़ा चख. ले छिनाल, रंडी बहनचोड़.

भाभी: मदारचोड़ अपनी बेहन को भी ऐसे ही छोड़ता है क्या? कितनी ताक़त है तेरे अंदर. ये लंड बहुत तगड़ा है. आज तक ऐसा लंड मुझे कभी नही मिला. छोड़ो, और ज़ोर से छोड़ो. मेरी गांद फदड दो. खून निकाल दो मदारचोड़ सेयेल.

मे: बेहन का तो पता नही पर तुझे बेहन की लोदी बना के ज़रूर छोड़ूँगा. आज तुझे सारा सुख दूँगा. ऐसा सुख जो तेरे पति ने भी कभी तुझे दिया नही होगा. चुड मेरे लंड से, और ले मज़ा. जब तक तब तुम जैसी औरतों की ऐसे ना छोड़ो, तब तक तुम लोगों को मज़ा कहा आता है. लेले और ले. आज तुझे कुटिया बना के छोड़ूँगा. बाल पकड़-पकड़ के छोड़ूँगा आह निशा.

भाभी: हा छोड़ और ज़ोर से छोड़. छूट चाहे फटत जाए, खून निकल जाए, पर तू रुकना नही. छोड़ डाल इस रंडी छूट को. मदारचोड़ सेयेल, कुटिया की तरह छोड़. दिखा आज तेरे अंदर कितनी ताक़त है. दिखा तेरी मर्दानगी आज.

फिर मैने निशा को लिटा दिया, और जांघों पर किस करने लगा. उसके बूब्स के निपल्स को पिंच करने लगा. फिर उसकी छूट पर चाटना चालू किया. आह, क्या छूट थी उसकी. मज़ा ही आ गया मुझे. पिंक दाना था उसका. मैं तो कुत्ते की तरह चाट रहा था उसकी छूट को.

भाभी: आह ऐसे ही छातो ना जान, छातो. चाट-चाट कर सॉफ कर दो. प्लीज़ मत छ्चोढो मुझे, आज मेरी छूट को चाट-चाट कर सॉफ कर दो जॉनी.

मैं उसकी छूट चाट रहा था, और एक उंगली डाल कर अंदर बाहर भी कर रहा था आह. फिर मैं उठा, और उसको किस किया, घोड़ी बनाया, और मेरा लंड सेट करने लगा.

भाभी: और मत तड़पाव प्लीज़ जॉनी, अब डाल भी दो ना.

मे: नही जान, आज तुझे नही छोड़ूँगा.

भाभी: अर्रे क्यूँ, प्लीज़ जॉनी. मुझे जहा छोड़ना है छोड़ो, पर छोड़ो. मुझे और मत तड़पाव. रंडी की तरह छोड़ो. मार-मार कर छोड़ो, पर छोड़ो अपनी रंडी को.

इतना बोलते ही मैने उसकी छूट में एक-दूं से लंड डाल दिया. इससे वो चीख उठी, और ज़ोर की आवाज़ निकाल दी जॉनी की.

मे: ले अब ले. आज तू गयी रंडी.

फिर मैने धीरे-धीरे स्पीड तेज़ की, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. कुछ 5 मिनिट छोड़ने के बाद मैने पोज़िशन चेंज की, और फिर मिशनरी में लाया उसको. उसके बाद मैने उससे लंड चुस्वाया. फिर लंड तोड़ा चटवाने के बाद फिरसे सेट किया, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा.

भाभी: छोड़ो जान, और छोड़ो. फाड़ दो इसे. अब ये छूट तुम्हारी ही है.

फिर वो शेक करने लगी, और बोलने लगी: मैं झड़ने वाली हू.

उसके बाद वो चिल्लाते हुए झाड़ गयी. उसका चिल्लाना देख कर मैं भी झाड़ गया. लेकिन उसके मूह में. फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही लेते रहे. हमने पूरी रात 3-4 राउंड्स किए.

तो ये थी मेरी स्टोरी. अब अगले पार्ट में पढ़िए की कैसे मैने उसकी एक दोस्त को पटाया, और फिर हम तीनो ने थ्रीसम किया.

इस स्टोरी की फीडबॅक ज़रूर देना, और कोई गर्ल या भाभी या आंटी और कोई लेज़्बीयन हो, वो मेसेज कर सकते है मेरी ईद पर.

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