फिर से जवानी आ गई – 2

phir se jawani aa gai part 1 थोडा वक्त इसी तरह से बीता . फिर अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे जननांग के अन्दर कोई झरना फूट रहा हो. मैंने अपनी टांगें दबाकर रोकने की कोशिश की. शायद ऐसा ही बेला को भी लगा. वो मुझ से लिपट गई. हम दोनों तड़पने लगी. हमारे दोनों के मुंह से आह, उई, सी सी की आवाजें आने लगी. बेला अचानक से ही उठकर मेरे ऊपर लेट गई. मैं चौंक गई. मैंने ऐसा कभी ना देखा था ना ही सुना था. बेला के बूब्स यानि की स्तन मेरे स्तनों के ऊपर सटकर चिपक गए. हम दोनों को हमारे बूब्स का इस तरह से एक दूजे से चिपकना बहुत अच्छा लगा. बेला का निचला हिस्सा मेरे हिस्से के ऊपर टच हो गया.

बेला ने मेरे जननांग पर अपने जननांग से दबाव बढ़ाया और मुझे चूमने लगी. मैंने भी गरमजोशी से बेला को जवाब देना शुरू किया. बेला ने मेरी टांगों को फैला दिया और अपने निचले हिस्से को मेरी जाँघों के बीच फंसा दिया. अब हम दोनों के जननांग एक दूजे से एकदम सट गए. हम दोनों को एक मखमली अहसास हुआ. बेला ने दो चार बार अपने जननांग को मेरे जननांग पर धेरे धीरे रगडा कि मेरे अन्दर का झरना बहने लगा. इसी वक्त बेला के भीतर से भी शायद झरना बहरकर बाहर आ गया. हम दोनों को उस जगह बहुत ही गीला मलाईदार रस महसूस हुआ. हम दोनों अचानक जोर से तडपी और एक दूजे से लिपट गई. आज की रात हम दोनों के जीवन की एक अनोखी रात थी.

सुबह जब मैं घर लौटने को हुई तो बेला ने कहा ” भाभी, तुम कभी कभी मेरे साथ इस तरह लेट जाना प्लीज. मेरी प्यास बुझ जायेगी. मैं रातों को बहुत तड़पती हूँ.” मैंने बेला को एक चुम्बन दिया गरदन के नीचे और कहा ” तुमने मेरे जीवन में फिर से जवानी लौटाई है. क्या मैं मेरी जान के लिए इतना भी नहीं करुँगी. सप्ताह में एक रात तुम्हारे साथ सो जाया करुँगी.” बेला बहुत ही खुश हो गई.
इसके बाद मैंने बेला के साथ अगले दो महीनों तक हर सप्ताह एक रात बितानी शुरू कर दी. बेला अब मेरे बिन नहीं रह पाती थी. जब भी समय मिलता वो मेरे पास आ जाती. धीरे धीरे ऐसा हो गया कि बेला जब भी मेरे घर आती या मैं उसके घर जाती तो बेला मुझसे लिपटकर ही बैठती.
मुझे ऐसा लगने लगा कि अब बेला का पति आयेगा तो ये मुझे किस तरह छोड़ेगी?

एक तरफ शेखर और मेरी जिंदगी रंगीन हो गई थी उर दूसरी तरफ बेला की जिंदगी भी रंगीन हो गई थी. मैं इन दोनों के बीच में बेलेंस शुरू शुरू में तो कर सकी मगर बाद में मेर बेलेंस डगमगाने लगा. कभी रात को शेखर के साथ इतनी थकान हो जाती तो दोपहर को बेला के साथ मेरा जोश कम होता तो बेला शिकायत कर देती. मेरे जवाब से वो झल्ला जाती मगर फिर मैं उसे चूमकर शांत कर देती. इसी तरह चलता रहा.

एक दिन मैं बेला के बेडरूम में एक किताब पढ़ रही थी जिसमे सेक्स की कई तस्वीरें थी और कई कहानीयाँ भी थी. तभी एक कहानी मैंने पढ़ी जिसमे दो सहेलीयां एक ही लड़के के साथ रहती है क्यूंकि वे दोनों सहेलियां एक दूसरे से अलग नहीं रहना चाह रही थी. वो लड़का बाद में दोनों को एक साथ अपने साथ रहने के लिए बुला लेता है. इस कहानी में बाद में दूसरी लड़की को भी उस लड़के से और लड़के को दूसरी लड़की से प्यार हो जाता है और तीनों बाद में एक ही बेडरूम शेयर करना शुरू कर देते हैं. इस कहानी में बाद में तीनों एक साथ किस तरह सेक्स करते हैं यह बहुत ही उत्तेजित करने वाले तरीके से बताया गया था. इस कहानी में कई ऐसी तस्वीरें भी थी जिस में तीन लोग ( एक मर्द और दो औरतें ) एक साथ सेक्स करते दिखाई दे रहे थे. मैं कहानी पढ़ते पढ़ते खुद को और बेला को दो सहेलीयां और शेखर को वो लड़का समझने लगी. ऐसा सोचते सोचते मेरे दिल में यह ख़याल भी आ गया कि बेला की स्थिति वैसी ही है. वो अब मेरे बिना नहीं रह पा रही है. मुझे भी बेला बहुत पसंद थी और उसका बिस्तर में साथ बहुत ही मीठा लगने लगा था. विशेषकर उसके बूब्स के साथ खुद के बूब्स का सहलाना मुझे किसी दूसरी दुनिया में पहुंचा देता था.
मेरे मन में आया कि अगर बेला हमारे साथ ही रहने लगेगी तो बहुत सही हो जायेगा. बस शेखर को ही मनाना पड़ेगा. शेखर वैसे भी बेला को कई बार थेंक्स कहते रहते थे कि तुम ने हम दोनों की दुनिया बदल दी है. मैंने सोचा यह बात मदद करेगी बेला को हमारे साथ रहने में.
मैंने एक रात को मौका देख शेखर को सब बात बता दी. शेखर एक बार तो भयंकर गुस्सा हो गए मगर बाद में मेरे दिल को चोट ना पहुंचे मुझसे पुछा ” जानूं, ये सब तुम अपने दिल की आवाज से कह रही हो या बेला के हिसाब से!” मैंने जवाब दिया ” मैंने अपने दिल के अन्दर जो ख़याल आया उसी हिसाब से मैंने कह दिया है. बेला की तड़प को नहीं देखा जा सकता मुझ से. मैंने पिछले पांच छह दिन से लगातार इस बात को लेकर सोचा है और फिर फैसला किया है.” शेखर बोले ” अगर बेला का पति आ गया तो!” मैंने कहा ” बेला को उसके आने के आसार नहीं लग रहे . उसका पति अब उसे ख़त भी नहीं लिखता और ना ही बेला के ससुराल वाले उस से मिलने आते हैं.”
शेखर ने मेरे गाल चूमे और बोला ” मगर तुम बेला को सहन कर पाओगी जब वो हम दोनों के साथ रहेगी तो?”
मैंने जवाब दिया ” मैंने और बेला एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके हैं शेखर. हम में आपस में इतनी अंडरस्टेंडिंग है कि हम दोनों एक दूसरे को लेकर कभी अलग अलग सोच नहीं रखेंगी और कोई जलन वाली बात हो ही नहीं सकती. मगर तुम को किसी बात का बुरा ना लगे.”
शेखर ने मेरी सब बातें बहुत ध्यान से सुनी और दो दिन का समय माँगा जो मैंने शेखर के होंठ चूमकर दे दिया.
अगले दिन दोपहर को बेला मेरे घर पर थी और हम दोनों पलंग में एक साथ सो रही थी. मैंने बेला को उस कहानी से लेकर, मेरे कई दिन तक सोचने और बाद में शेखर को सब बताने और शेखर का दो दिन का समय मांगने तक की सारी बात बता दी. बेला मुझे देखती रही कितनी ही देर तक. बाद में बेला ने मुझे कसकर बाहों में लिया और बोली ” मेरे लिए आपने जो सोचा है वैसा शायद आज तक दुनिया में किसी ने नहीं सोचा होगा. मैं वादा करती हूँ कि अगर मैं आप दोनों के स्थ रहने आई तो मैं आप दोनों के बीच कभी दीवार नहीं बनूँगी.” मं बेला की बात से बहुत खुश हुई.
दो दिन बाद शेखर ने मुझे बेला को हमारे साथ आने का कह दिया. मैंने बेला को यह खबर सुना दी. उसी दिन शाम बेला के घर का सारा सामान हम हमारे घर ले आये तीनों मिलकर. हम सभी रात को पहली बार एक ही पलंग पर सोने के लिए आये. मैंने शेखर को बीच में लिटाया , मैं और बेला दोनों शेखर के एकदम करीब आकर उस से लिपटकर लेटी. पहली रात हमने कुछ नहीं किया बस इसी तरह से सो गए.
अगले दिन शाम को मैं और बेला हमेशा की तरह साथ साथ थे. उस दिन गर्मी बहुत ज्यादा थी इसलिए हम दोनों सभी कपडे उतारकर बाथरूम में एक साथ फव्वारा चलाकर नहा रही थी. हमें समय का पाता ही नहीं चला क्यूंकि पानी में हमें बहुत मज़ा आ रहा था. आपस में लिपटकर लगातार एक दूजे के गीले जिस्म को चूमना मन को भा रहा था.
शेखर आ गए. शेखर के पास हमेशा बाहर के दरवाजे की एक चाबी रहती है. वे दरवाजा खोलकर अंदर आ गए. हम नहीं दिखे तो उन्होंने सोचा शायद हम कहीं बाहर गए होंगे. वे हमेशा की तरह बाथरूम में नहाने के लिए जैसे ही मेरे बेडरूम में आये, उन्हें बाथरूम में फव्वारे चलने की आवाज सुने दी और साथ ही मेरी और बेला ले नहाने के साथ साथ एक दूजे को चूमने से निकल रही सी सी और आह की आवाजें सुनाई दी. वे सब समझ गए. उन्होंने अपने कपडे उतारे और बाथरूम का दरवाजा खटखटाया. मैंने शेखर के आवाज सुनकर बेला से लिपटे हुए ही बाथरूम का दरवाजा खोल दिया. शेखर ने हम दोनों को पहली बार इस तरह से देखा. वो हम दोनों को देखने लगे. बेला ने मेरे होंठों को अपने गीले होंठों से चूमना जारी रखा. शेखर इस मुद्रा से बेहद उतेजित हो गए और हम दोनों के पास आ गए. मैंने और बेला ने शेखर को अपने साथ मिला लिया. हम दोनों ने शेखर को अब हर जगह चूमना शुरू किया. शेखर ने भी इसी तरह जवाब दिया. शेखर ने भी मुझे और बेला को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया. हम तीनों ने इस के बाद फव्वारा बंद कर दिया. हम तीनों बाहर आ गए. मैं कुछ थकान महसूस करने लगी थी इसलिए सोफे पर बीत गई. शेखर ने बेला को अपने से लिपटा लिया और उसी सोफे पर आकर बैठ गए दोनों लिपटे हुए. शेखर ने मुझे अपने पास आने का इशारा किया मगर मैंने कुछ देर बाद आने का कहा. शेखर बेला के ऊपर लेट गए और बेला ने तुरंत अपनी टांगें फैला दी. पता नहीं क्यूँ मुझे उन दोनों को इस तरह से लेता देख बहुत अच्छा और मीठा लगा. थोड़ी देर की मेहनत के बाद शेखर बेला के जननांग के भीतर अपने कड़क और लम्बे और गरम हो चुके लिंग को घुसा चुके थे. मैं उन दोनों के पास जाकर लेट गई. शेखर ने मेरी तरफ अपना मुंह बढाया और मेरे होंठ चूम लिए. मैंने शेखर के बाद बेला के होंठ चूमे. शेखर बेला की मर्द्वाली प्यास बुझा रहा था. बेला को जबरदस्त मजा आ रहा था. वो बार बार मुझे और शेखर को चूमती और मुझे अपनी तरफ खींचकर अपने को चूमने को कहती. मैं बेला को चूम चूमकर उसके मजे को और बढ़ा रही थी. थोड़ी देर में शेखर ने बेला को आजाद कर दिया. बेला ने अपनी जगह मुझे लेटने को कहा.
अब शेखर मेरे ऊपर था और शेखर का लिंग मेरे जननांग में एकदम भीतर गहराई तक. अब बेला मेरे मजे को मेरे को चूमकर बढ़ा रही थी. जब हम दोनों ही थके तो अलग हो गए. कुछ देर तीनों आराम से वहीँ लेट गए. मुझे उस किताब में पढ़ी कहानी का एक सीन याद आ गया. मैंने शेखर और बेला को वो सीन समझाया. हम सब तैयार हो गए.
मैं पलंग पर लेट गई और बेला को मेरे ऊपर लिटा लिया. हम दोनों के बूब्स आपस में मिल गए. अब हम दोनों एक साथ अपनी टाँगें जितना हो सका फैला दी. शेखर खड़े रहे और खुद को हम दोनों की टांगों के बीच में फंसा लिया. अब शेखर के लिंग के सामने हम दोनों के जननांग खुले हुए थे. शेखर ने कंडोम लगा लिया और चिकने के बढ़ने से वो बारी बारी से हम दोनों के जननांगों के अंदर अपना लिंग डाल देते और हम दोनों एक साथ मजा लेने लगे शेखर के लिंग से. हम तीनों को खूब मजा आया इस सेक्स के तरीके से. जब हम तीनों ही उत्तेजित हो गए तो शेखर ने मेरे कहने से लिंग पर से कंडोम हटा दिया. अब शेखर का लिंग मेरे और बेला के जनांगों के आपस में टच होनेवाली जगह के बीच में था., हम दोनों को एक साथ शेखर का लिंग आगे पीछे होता महसूस होने लगा. मुझे और बेला को बहुत गुदगुदी होने लगी. शेखर को भी यह तरीका बहुत ही जोरदार लगा. अब अचानक शेखर के लिंग में से जो मलाई बाहर आई तो उसका गेलापन हम दोनों को महसूस हुआ और ठंडक देने लगा. हम तीनों ने तय किया कि ये सेक्स करने का तरीका हम रोजाना अपनाएंगे..
बेला ने अब अपने पति को तलाक दे दिया है. हम तीनों एक साल से एक साथ रह रहे हैं. हर रोज सेक्स करते हैं. कभी दो तो कभी तीनों एक साथ. मिलजुलकर. कोई जलन नहीं है और तीनों ही बहुत खुश हैं.
मैं आपसे भी कहूँगी जिंदगी में एक बार इस थ्रीवे सेक्स का मजा जरुर लिजिय वरना सेक्स की जिंदगी अधूरी है. कामसूत्र भी यही कहता है. तो फिर आपको इसमें आपत्ति क्यूँ हो. हाँ मगर एक बात है…इस में औरत को ही आगे होकर दूसरी औरत को मनाना पड़ता है क्यूंकि किसी मर्द के कहने से दूसरी औरत कभी तैयार नहीं होती. ऐसा भी किया जा सकता है कि अप अपने पति से ऐसी पसंद पूछ सकती हो जिसे आप आसानी से पता सकती हो. मगर कीजिएगा जरुर कम से कम एक या दो रात के लिए. आपको जिंदगी में सेक्स का मजा पूरा तभी होगा वरना जिंदगी आखिर तक अधूरी रहेगी एक मर्द और दो औरतों के सेक्स बिना.
हेप्पी थ्रीवे सेक्स.
आज ही से दूसरी औरत खोजना शुरू करो दोनों मिलकर और औरत तैयार रहे दूसरी औरत को मानाने के लिए. लाज शर्म भूल जाइए. वरना आप जिंदगी का सबसे हसीं लम्हा खो बैठेंगी.
मिल जाओ तीन और
कर लो सेक्सी जिंदगी रंगीन.

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