पहले बेडरूम में और फिर किचन में चुदाई की कहानी

सुबा के 5 बाज रहे थे. अमन बेड के किनारे लेता रेखा की दोनो टाँगो के बीच में अपना मूह गुसाए उसकी छूट छाते जेया रहा था. और रेखा इसका मज़ा लेते हुए मोन कर रही थी.

रेखा: आ बेबी आहह. मज़ा आ रहा है. आहह बस करो अब. अब सो भी जाओ यार आहह.

अमन: हा बस 2 मिनिट.

रेखा: ये 2 मिनिट तुम 12 बजे से बोल रहे हो आहह. और तब से मैं इतनी बार झाड़ चुकी हू. अब और झड़ने की हिम्मत नही है बेबी मुझमे आहह.

अमन: बस एक लास्ट एम्म्म.

और देखते-देखते रेखा एक बार फिरसे झाड़ जाती है. और उसकी छूट से निकलता पानी अमन नींबू पानी की तरह से चाट कर पी जाता है.

फिर वो बेड के उपर आ कर रेखा की बगल में आ कर लेट जाता है. तभी रेखा बोलती है-

रेखा: तुम पहले आदमी हो जिसको छूट चाटने में मज़ा आता है. जब की बाकी मर्दों को ब्लोवजोब करवाना पसंद होता है, और गांद मारने में मज़ा आता है.

अमन: हमारी शादी के 2 साल हो गये है. तुझे अभी तक पता नानी चला की मुझे गरम छूट ज़्यादा पसंद है, और वो भी अपने मूह से गरम की हुई.

रेखा: और 2 बच्चे की तैयारी करे?

अमन: कर लेंगे, अभी तो मौज कर ले. बच्चा पैदा करना तो होता ही रहेगा.

रेखा: चलो अब सो जाओ. कल मम्मी के घर जाना है. पापा की बरसी है.

अमन: वैसे यार 6 तो बजने ही वाले है. और 10 बजे हमारी फ्लाइट है.

रेखा: तो क्या?

अमन: मेरी जेब में तुम्हारा फॅवुरेट चॉक्लेट फ्लेवर कॉंडम भी रखा है.

रेखा: लेकिन आज गांद नही मारोगे पहले ये प्रॉमिस करो.

अमन: ओक प्रॉमिस करता हू.

फिर वही बेड पे रेखा घोड़ी बनने से पहले अपने हाथो से अमन के लंड पे कॉंडम चढ़ा कर उसके लंड को चूमती है. और फिर वो लंड की तरफ गांद करके घोड़ी के पोज़ में आ जाती है.

अमन रेखा की छूट की झिल्ली पे लंड मसालते हुए लंड छूट में घुसा कर चुदाई चालू कर देता है. अपनी छूट में लंड लिए हुए मचलती रेखा अपने बूब्स को मसालने लग जाती है.

वही अमन रेखा के बाल पकड़ कर फुल जोश में धक्के पे धक्का दिए जेया रहा था. उसके धक्को की वजह से पुर कमरे में पच पच पच की आवाज़ गूंजने लग गयी थी.

अब सुबा 7 बाज गये थे. बेड पर रेखा और अमन दोनो नंगे लेते एक-दूसरे को देख कर हानफते जेया रहे थे. वही एक साइड पे ज़मीन पे 2 चॉक्लेट फ्लेवर कॉंडम फटते हुए पड़े थे.

एक दूसरे को देखते-देखते थोड़ी ही देर में अमन की जैसे आँख लग गयी. रेखा निघट्य निकाल कर नंगे बदन पे डाल कर कमरे से बाहर निकल कर खाने की तैयारी में लग गयी. तभी पीछे से सेखार आ कर उससे चिपक उसके बूब्स को दबाने लग जाता है.

रेखा: आह पापा जी, छ्चोढिए ना. मैं बहुत तक गयी हू.

सेखार: सारा प्यार मेरे बेटे को दे डोगी, तो मेरा क्या होगा रेखु डार्लिंग?

रेखा: पापा जी, कसम से अमन ने आज पूरी रात जगा के रखा था. इतनी तक गयी हू मैं, की हिम्मत नही हो रही है. उपर से आज पापा जी बरसी के लिए मम्मी के पास भी जाना है.

अब सेखार धीरे से उसकी निघट्य उठा कर अपना हाथ उसमे डाल कर उसकी छूट तक ले जेया चुका था.

सेखार: ब्रेकफास्ट की चिंता मत ले. मैं ब्रेकफास्ट बना दूँगा. तू बस मुझे फ्रेश कर दे.

तब तक रेखा भी अपना एक हाथ सेखार के पाजामे में घुसा कर उसका लंड पकड़ कर हिला-हिला कर खड़ा कर चुकी थी. फिर वही बैठ कर सेखार ने पाजामे का नाडा खोल कर उसको नीचे गिरा दिया.

रेखा भी लंड को मूह में पूरी तरह से भर के मस्त सेखार को ब्लोवजोब का मज़ा दे रही थी.

सेखार: ऑश रेखु डार्लिंग, तेरी ब्लोवजोब में वो मज़ा है, जो साला किसी रांड़ के छूट में भी नही है. आहह आ बस ऐसे ही करती जेया आ आ आ.

रेखा अपने हाथो से लंड हिला-हिला कर मूह में लंड आयेज-पीछे किए जेया रही थी. वो कभी पूरा लंड मूह में भर कर रुक जाती, तो बाकी लंड पे थूक मसल कर वापस बाहर निकालती, और फिर दोबारा से अपने मूह में भर लेती.

कुछ मिंटो बाद सेखार के लंड ने एक ज़ोरदार धार छ्चोढी, जो जाके रेखा के चेहरे पर जेया गिरी. इससे रेखा का सारा फेस गाढ़ा-गाढ़ा वाइट-वाइट हो गया.

फिर रेखा मूह ढोने के लिए सींक की तरफ जाके जैसे ही झुकी, तभी सेखार दोबारा लंड खड़ा करके आया, और वही रेखा की गांद में लंड घुसा कर और झुका कर धक्के देने लग जाता है.

रेखा: पापा जी, ये आप आहह. अमन आ जाएँगे, तो दिक्कत हो जाएगी.

सेखार: मैने सुना वो सो रहा है. और ये भी की कमरे से बस छूट की चुदाई की आवाज़ आ रही थी, गांद की चुदाई की नही, तो इसीलिए.

रेखा: आपको लगा गांद खाली है इसलिए? अछा और क्या सुना?

सेखार: बोल के बतौ या तुझे एक बार और प्रेग्नेंट करके दिखौ?

रेखा: पूरी रात कमरे के बाहर ही थे क्या?

सेखार: हा यार.

रेखा: वैसे ये सोचना बंद कीजिए की बच्चा सिर्फ़ आपका है. उसमे अमन का माल भी है.

सेखा: मैं माल नही झाड़ता तो उसका माल नही पहुँचता.

इसी तरह उनकी बातें चलती रही, और चुदाई भी. और आख़िर में सेखार भी झड़ने पे आ ही गया, और लंड गांद से निकालते-निकालते ही झाड़ता गया. रेखा गांद में हाथ लगा के सेखार का माल फील करते हुए बोली-

रेखा: पापा जी, मैं नहा की आती हू. आप तब तक ब्रेकफास्ट बना के रखिए .

सेखार: वासे अभी 3 घंटे बाकी है. एक रौंद और हो जाएगा.

रेखा: पापा जी, आप भी कोई कम नॉटी नही हो. आप अब चुप करके ब्रेकफास्ट बनाइए. मैं अमन को जागती हू, और नहा के आती हू.

10 बजने में 1 घंटा बाकी था. रेखा और अमन ब्रेकफास्ट करके निकल गये.

एरपोर्ट पे पहुँच के लगा की जैसे वो लाते जो जाएँगे. लेकिन फ्लाइट खुद 30 मिनिट लेट थी, और आख़िर में दोनो फ्लाइट में बैठे गये.

अगर कहानी अची लगे तो कॉमेंट ज़रूर करे.

यह कहानी भी पड़े  मामा-भांजी की ज़बरदस्त चुदाई की कहानी


error: Content is protected !!