पति ने नौकर से बीवी चुदाई

कैसे है आप सब दोस्तों? मैं रवि फिर हाज़िर हू एक नयी स्टोरी के साथ. ये स्टोरी मेरे एक देसीकाहानी लवर दोस्त ने मुझे भेजी है. तो आयेज की कहानी उसी की ज़ुबानी सुनते है.

हेलो दोस्तों, मेरा नाम जीतू है, और मैं देसीकाहानी लवर हू, और इसलिए मैं अपनी सॅकी कहानी आपके साथ शेर कर रहा हू. मेरी वाइफ का नाम संजू है. संजू की उमर अभी 29 साल की है, और फिगर 36-32-38 है. फिगर से आप लोग इमॅजिन कर सकते है की संजू के बड़े-बड़े बूब्स और मोटी गांद काफ़ी है हर मर्द को अपनी तरफ खींचने के लिए.

तो अब स्टोरी पर आते है. मेरे घर में मैं और मेरी बीवी ही रहते है, क्यूंकी मैं घर से अलग रहता हू काम के चक्कर में. बाकी सारे लोग गाओं में रहते है. मैं एक दुकान चलता हू कपड़े की, और मेरी दुकान पर एक लड़का काम करता है. उसका नाम रमेश है, और उसकी उमर लगभग 32 के आस-पास होगी.

वो एक पतला सा शरीफ लड़का है, पर मुझे बाद में पता चला की वो इतना भी शरीफ नही है. तो मैं रमेश को अक्सर अपने साथ घर ले जया करता था, क्यूंकी दुकान पर सारा माल नही आता था, तो मैं आधा माल घर पर रखता था.

इसलिए मैं और रमेश दोनो समान लेने अक्सर घर जाते रहते थे. या ज़रूरत पड़ने पर मैं रमेश को अकेला भी भेज देता था. मुझे रमेश पर पूरा विश्वास था, और वो संजू के साथ भी थोड़ी बहुत बात कर लेता था, जैसे की नमस्ते भाभी या भाभी पानी पीला दो बस इतना ही.

तो ये सब आज से 3 महीने पहले की बात है. अब मैं और रमेश जब भी घर जाते थे, तो वो सीधा संजू के पास किचन में या जहा भी संजू होती वाहा चला जाता था पानी पीने के बहाने. फिर वो संजू के साथ बातें करने लगता था. पहले ऐसा नही होता था, और ये चीज़ मैं 3-4 दिन से नोट कर रहा था. वो दोनो काफ़ी हस्स-हस्स के बातें किया करते थे, जैसे काफ़ी आचे दोस्त हो.

मुझे उन पर शक़ सा होने लगा था. तो मैने चेक करने का सोचा. फिर एक दिन जब संजू नहा रही थी, तो मैने उसका फोन चेक किया, और मेरा शक़ यकीन में बदल गया. क्यूंकी उसमे रमेश के साथ छत की हुई थी, और शायद संजू उसे डेलीट करना भूल गयी थी.

उस छत में बात ई लोवे योउ डार्लिंग, अकेली कब मिलॉगी, किस्सस, हार्ट्स जैसी चीज़े थी. तो मैं सोच में पद गया की संजू ने मुझसे धोखा क्यूँ किया. मैने सोचा शायद संजू मुझसे संत्ुस्त नही होती, क्यूंकी मेरा लंड तोड़ा छ्होटा है, और मेरा जल्दी भी छूट जाता है. संजू भी कई बार मुझे कह चुकी थी की कोई दवाई लेलो.

तो मैने संजू से कुछ नही बोला, और ये सब अपने दिल में ही समा लिया. क्यूंकी जो खुशी उसे मैं नही दे पा रहा था, शायद रमेश देदे. और कही ना कही मैं भी चाहता था की मेरे सामने संजू की छूट कोई और फेड.

फिर अगले दिन मैने रमेश को अकेले घर भेजा, और मैने दूसरे शहर जाने का बहाना बना दिया और बोला-

मैं: रमेश मैं दूसरे शहर जा अरहा हू. कुछ नये स्टाइल आए है कपड़ो के, वो देख कर आता हू. और तू घर से समान लाके बाहर सेट कर लेना.

रमेश: ठीक है भैया. अभी लेकर आता हू, आप जाओ आराम से.

तो जैसे ही रमेश घर जाने के लिए निकला, मैने भी उसका पीछा करना स्टार्ट कर दिया. फिर जैसे ही रमेश घर के अंदर घुसा, तो मैं उसके पीछे घर में घुस गया, और उस पर नज़र रखने लगा. मैं उनकी बातें सुनने लगा.

रमेश: जान कहा हो?

संजू: अर्रे आज आप अकेले आए हो? जीतू कहा है?

रमेश: अर्रे भैया काम से दूसरे शहर गये है, और मुझे मेरी जान के पास भेज दिया प्यार करने के लिए.

संजू: अछा जो, सॅकी बताओ कहा है जीतू, मज़ाक मत करो.

रमेश: अर्रे सॅकी, भैया बाहर गये है. मैं अकेला ही आया हू.

तो फिर रमेश ने जाके संजू को हग कर लिया, और लीप किस करने लगा. संजू भी उसका साथ देने लगी. मैं इतने में उन दोनो के सामने आ गया और बोला, ‘ये क्या कर रहे हो तुम दोनो’? तो वो दोनो मुझे देख कर एक-दूं हैरान हो गये और दोनो दर्र गये.

फिर संजू मेरे पास आई और माफी मागने लगी, की मुझसे ग़लती हो गयी मुझे माफ़ कर दीजिए. मैने संजू को बोला-

मैं: देखो मैं तुम्हे संतुष्ट नही कर पाता मुझे पता है, और तुम्हारी कोई ग़लती नही है इसमे. अगर तुम्हे रमेश पसंद है तो तुम इसके साथ सेक्स कर सकती हो. मुझे कोई दिक्कत नही है. तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है, पर शर्त ये है की मेरे सामने करना होगा.

संजू: नही ये नही कर सकती. मैं आपके सामने नही, ऐसे शरम आएगी मुझे.

मैं: अगर मैं नही आता तो भी करती ना? अब भी कर लो. देखो धोखा तुमने दिया है, और अब मान भी नही रही हो. मैं ये तुम्हारी ही खुशी के लिए कर रहा हू अपने दिल पत्थर रख कर.

तो मेरे ऐसे ब्लॅकमेल करने पर संजू मान गयी, और रमेश हमारी सारी बातें सुन रहा था. वो तो मान ही गया एक ही बार में. तो फिर हम तीनो बेडरूम में आ गये, पर संजू अभी भी शर्मा रही थी. फिर मैने उसे लीप किस किया और कपड़ों के उपर से उसकी छूट को रगड़ने लगा.

इससे संजू थोड़ी गरम हो गयी. फिर मैने रमेश को इशारा किया, और उसने आ कर संजू को लीप किस किया, और फिर गर्दन पर किस करने लगा. इससे संजू खुद ही बेड पर लेट गयी, और रमेश ने किस्सस करना चालू रखा.

फिर रमेश ने संजू के सूट की कमीज़ उतार दी, और अपनी त-शर्ट भी. तो अब संजू रमेश के सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में थी, और उसका गोरा बदन चमक रहा था. फिर रमेश ने संजू की ब्रा खोल कर साइड में फेंक दी, और बड़े-बड़े बूब्स देख कर वो उन्हे मसालने लगा, और संजू सीईईईई सीईइ करने लगी. फिर रमेश ने बूब्स को चूसना स्टार्ट कर दिया.

संजू इतनी प्यासी थी की वो खुद बूब्स पकड़ कर रमेश को पिलाने लगी, और ह सीईईई करने लगी. ऐसे ही 5 मिनिट बूब्स चूसने के बाद रमेश ने संजू की सलवार का नाडा खोल दिया, और सलवार नीचे करके छूट को पनटी के उपर से रगड़ने लगा. मैने देखा की संजू की पनटी पूरी गीली हो चुकी थी.

फिर रमेश ने संजू की पनटी भी उतार दी, और वो अब रमेश के सामने बिल्कुल नंगी लेती थी. उसकी चिकनी छूट देख कर रमेश से रहा नही गया, और उसने छूट चाटनी स्टार्ट कर दी. जैसे ही रमेश के लिप्स संजू की छूट पर लगे, तो उसे तो जैसे करेंट सा लग गया, और वो ज़ोर-ज़ोर से सीयी अहह सीयी करने लगी और मचलने लगी.

मेरा तो ये सब देख कर ही छूट गया. पर रमेश अभी भी छूट चाट रहा था, और संजू भी अब फुल मज़े ले रही थी. वो रमेश का सिर पकड़ कर अपनी छूट में दबा रही थी. फिर रमेश 5 मिनिट ऐसे ही छूट चाटने के बाद उठा, और संजू को उसने बेड पर बिता दिया, और खुद खड़ा हो गया संजू के मूह के सामने. संजू समझ गयी उसे अब क्या करना था.

संजू ने जैसे ही रमेश की पंत और अंडरवेर नीचे किया, तो उसका पूरा तन्ना हुआ 7 इंच का लंड उछाल कर संजू के मूह पर लगा. इतना बड़ा लंड देख कर मैं हैरान हो गया, क्यूंकी मुझे उम्मेड नही थी की इस पतले से लड़के का इतना बड़ा लंड होगा. पर संजू लंड देख कर खुश लग रही थी. फिर उसने लंड को हाथ में लिया और हिलने लगी.

फिर रमेश ने लंड पकड़ कर संजू के लिप्स पर मारा दो-टीन बार. संजू ने मूह खोल कर लंड की टोपी को चूसना शुरू कर दिया और उसपे जीभ फिरने लगी. फिर रमेश ने संजू के हाथ अपनी जांघों पर रखे, और उसके बाल पकड़ के आधे से ज़्यादा लंड मूह में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा. गल्प-गल्प की आवाज़े आने लगी संजू के मूह से, और फिर उसने एक-दूं पूरा लंड मूह में डाल दिया. संजू की साँसे रुक गयी, और वो ख़ासने लगी. फिर बेड पर लेट गयी.

रमेश भी संजू के उपर लेट गया, और फिरसे बूब्स चूसने लगा, और संजू भी फिरसे सीयी अहह करने लगी. फिर रमेश ने लंड को छूट पर सेट किया, और छूट के उपर रगड़ने लगा बूब्स चूस्टे-चूस्टे. रमेश के ऐसे करने से संजू तड़पने लगी और बोली-

संजू: मत तड़पाव, अब डाल भी दो ना.

तो फिर रमेश ने लंड को छूट पर सेट करके एक धक्का मारा, और आधा लंड अंदर चला गया. संजू औच अहह करने लगी, और रमेश के पेट पर हाथ लगा कर उसे रोकने लगी. फिर रमेश ने दर्द कम करने के लिए संजू की गर्दन पर काटना शुरू कर दिया. संजू ने जैसे ही अपने हाथ हटाए पेट से, तो रमेश ने दूसरा धक्का मारा, और लंड पूरा अंदर चला गया.

संजू ने अपनी गर्दन पीछे की तरफ कर ली, और दर्द सहने की कोशिश करने लगी. क्यूंकी मेरा लंड छ्होटा होने की वजह से छूट अभी टाइट ही थी, और इतना बड़ा लंड वो पहली बार ले रही थी. फिर रमेश ने धीरे-धीरे धक्के देने शुरू किए, और अब संजू भी उसका साथ देने लगी ह एस जान बोलने लगी. फिर रमेश ने धक्के तेज़ कर दिए और बोला-

रमेश: जान तेरी छूट तो अभी भी बहुत टाइट है.

तो संजू ने इसका कोई जवाब नही दिया, और अपनी आँखें बंद करके ज़ोर से सीयी सीयी करने लगी. रमेश उसको गालियाँ देने लगा-

रमेश: साली रॅंड की छूट आज पूरी फाड़ दूँगा.

और संजू का मूह पकड़ कर पूछने लगा-

रमेश: साली चुडवाएगी ना रोज़ मुझसे? बनेगी ना मेरी रॅंड? साली को रोज़ इतना बड़ा लंड दूँगा, बोल साली चूड़ेगी ना?

संजू ने अपना सिर हा में हिलाया, और रमेश की उंगली चूसने लगी. वो नीचे से खुद धक्के मारने लगी, और उसकी छूट ने पानी छोढ़ दिया. ये सब देख कर मैं समझ गया की संजू को पूरा वाइल्ड गालियों वाला सेक्स पसंद था, और मेरे लंड ने फिरसे पानी छ्चोढ़ दिया.

पर रमेश रुकने का नाम नही ले रहा था. शायद वो पूरा पक्का खिलाड़ी था इस खेल का. फिर रमेश ने अपना लंड बाहर निकाला, और संजू को डॉगी स्टाइल में कर लिया. जैसे ही संजू डॉगी स्टाइल में हुई, तो मैने देखा की उसकी छूट लंड के साइज़ जितनी खुल चुकी थी, और थोड़ी सूज भी गयी थी.

फिर रमेश संजू के पीछे आया, और उसकी बड़ी गांद पर 3-4 थप्पड़ मार के गांद लाल कर दी. फिर छूट और लंड पर थूक कर लंड एक-दूं पूरा अंदर डाल दिया. संजू का मूह खुला रह गया, और उसने अपनी आँखें बंद कर ली, और अपना मूह पिल्लो में दबा लिया. वो ह अहह उसके हर धक्के के साथ करने लगी. फिर जैसे ही लंड अंदर जाता, तो उसकी छूट से पुसी फेर्ट्स की आवाज़ आती फर्रर फर्रर करके.

ऐसे ही 10 मिनिट और छोड़ने के बाद रमेश ने फुल स्पीड में धक्के देना शुरू कर दिया. उसने संजू की छूट में ही अपना सारा माल छ्चोढ़ दिया, और उसके गरम लावे से संजू की छूट ने भी पानी छ्चोढ़ दिया. रमेश ऐसे ही संजू के उपर लेट गया. फिर रमेश जैसे ही उठा, तो संजू भी उठ के बातरूम में चली गयी रमेश का माल सॉफ करने. और मैने रमेश को भी दुकान पर जाने के लिए बोला.

मैं: चल अब दुकान पर चला जेया, और ये बात हम तीनो में रहनी चाहिए. अगर बात बाहर गयी, तो नौकरी भी जाएगी और सहेली भी. अगर ये मज़ा बार-बार चाहिए तो बस मूह बंद राखियो अपना.

रमेश: अर्रे भैया, चिंता मत करो, ये बात हम तीनो में रहेगी. मैं भी संजू से आपके जितना ही प्यार करता हू.

और वो चला गया और अब कभी-कभी रमेश मेरे साथ रात को घर पर ही आ जाता है, और हम दोनो संजू को बीच में सुला लेते है और थ्रीसम का मज़ा करते है. वो कहानी अगले पार्ट में बतौँगा.

तो दोस्तों कैसी लगी संजू की चुदाई की कहानी? अची लगी तो कॉमेंट ज़रूर करना.

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