पति ने जबरदस्त चुदाई कर दाली

हेलो गाइस इट्स नव्या अगेन. सो 4त पार्ट सुरू करते है. जैसे आप लोगो ने पढ़ा. काकु रहते हुए मैं कबीर से बातरूम मे चूड़ी. मेरी हालत खराब करके कबीर ने मुझे अकचे से न्हाया.

फिर मैं टवल लपेट कर बाहर आ गयी. कबीर शॉर्ट्स पहें कर मेरे पिच्चे आए. इतने मे काकु आ गयी और शर्मा के नीचयए देखते हुए यहा से निकल गयी. कबीर काकु को देख कर शॉक हो गये.

मैं कबीर को नॉटी स्माइल दे कर रूम मे भाग गयी. कबीर आए. और कपड़े पहने लगे. मैं कबीर के तरफ़ नही देख रही थी क्यूकी मुझे पता था कबीर गुस्सा हो गये है.

मैं चेंज करके रूम से निकल हे रही थी. तो कबीर ने मुझे पकड़ लिया.

कबीर- तुम्हे पता था काकु अंदर है फिर भी मुजसे ज़ुत बोला.

मैं- नही मुझे नही पता था.

कबीर – अक्चा तो तुम्हारा गाउन काकु ने कैसे फीना है. मैं चुप रही क्यूकी मेरी चोरी पकड़े गयी थी.

कबीर- अभी मुझे टाइम हो रहा है तुम्हे आ कर बतता हू. मैं दर गयी. कही जाड़ा तो नही हो गया. कबीर तिफ्फ़िं लेकर ऑफीस चले गये. और मैं काकु से शर्मा रही थी. और काकु मुजसे.एक अलग हे शांति थी घर पर. नून मे मैने खाना खाया और काकु को भी खाने के लिए पूचया.

मैं-बाप भी खाना खा लो.

काकु- नही.

मैं- अरे खा लो. काकु प्लेट लेकर डिन्निंग टेबल पर बैठी.

काकु-बाप बोहट अकचे हो नही तो काम करने वालो को कौन साथ मे बैठ कर खाना खिलाया है.

मैं – मैं वैसी नही हू. और आज के लिए सॉरी काकु.

काकु- मतलब.

मैं- आज जो बातरूम मे हुआ.

काकु – क्या हुआ.

मैं- आछा आपको जैसे पता हे नही है. मैने आपको वेंटिलेशन से देख लिया था जब आप ह्यूम देख रही थी. काकु घबरा गयी. उससे भी पता चल गया मैने उन्हे देख लिया. और वो खाना छोड़ड़ कर जाने वाली थी. मैने उन्हे रोक लिया.

मैं- दारिय मत. ये कामन बात है.

काकु – कैसे?

मैं- आप ह्यूम देख रही थी तब मुझे भी अक्चा लग रहा था.

काकु- मैं जाती हू.

मैं- कहा जा रहे हो. कल तो फिर से आपको आना हे होगा. काकु साँझ गयी.

काकु- मुझे माफ़ कर दीजिए. मुजसे रूखा नही गया और मैने आपको और साहब को देख लिया.

मैं- कोई बात नही. कैसा लगा आपको देख कर.

काकु – क्या आप भी कुछ भी पूछ रही हो.

मैं – अरे ब्ताओ. अब क्या शर्मा ना है.

काकु- आप दोनो बोहट जुंगली हो.

मैं- मतलब.

काकु- आप दोनो बोहट दूं लग कर करते हो.

मैं- हा वो कबीर करते टाइम बोहट पागल जैसा करते है.

काकु – हा वो मैने देखा.

मैं- आप ऐसे नही करते थे क्या.

काकु- कहा मेरा मर्द तो आता था और सारी उपर करके सुरू हो जाता था.

मैं- फिर तो आपको बिल्कुल भी मज़ा नही आता होगा.

काकु- नही ना.

हुँने ऐसे हे कुछ और बाते की. अब काकु मुझे खुल कर बाते करने लगी थी. ईव्निंग मे कबीर घर आए और काकु अब भी उन से शर्मा रही थी. हुँने खाना खाया मैं कबीर से जाड़ा बात नही कर रही थी.

कबीर अभी भी बोहट गुस्सा थे. उनके बिहेवियर से हे पता चल रहा था. कबीर ने खाना खा कर बाहर नाइट वॉक के लिए चले गये.

मुझे पता था कबीर घर आ कर मुझ पर गुस्सा करेगे इसलिए मैं जल्दी सोने का प्लान कर लिया. मैने बेबी डॉल सेक्सी ब्लॅक वाली निघट्य पहेनी और मैं सोने का नाटक कर रही थी. कबीर घर आए और मुझे सोता हुआ देख कर टीवी देखने लगे.

मुझे नींद तो नही आ रही थी इसलिए मैं इधर उधर हो रही थी. शायद कबीर साँझ गये मैं सोने का नाटक कर रही हू. कबीर ने टीवी बंद किया और कपबोर्ड से कुछ निकाला और मेरे साइड मे आ कर लेट गये. मैने आख बंद करके लेती थी.

कबीर – मुझे पता है तुम सोई नही हो.

मैं आख बंद करके नाटक करते रही. कबीर ने 2-3 बार और बोला फिर भी मैं नाटक कर रही थी. कबीर ने अचानक मेरी बूब्स पकड़ लिए और मुति मे ज़ोर से दबा दिए.

मैं इस हमले के लिए रेडी नही थी तो मेरी चीख निकल गयी. कबीर पर इसका कोई असर नही हुआ. वो मेरे निघट्य के उपर से हे निपल पिंच कर रहे थे. इतनी ज़ोर से पिंच किया की मेरे आसू निकल गये.

मैं- क्या कर रहे हो यार.

कबीर- क्यू तुम्हे तो दूसरो के सामने चूड़ने का बोहट शोक आ रहा था ना.

मैं-नही कबीर ऐसा मत करो.

कबीर – क्यू ना करू. दूसरो के सामने तो गंद फैला कर चुड रही थी. अब क्या हो गया.

कबीर ने इतनी ज़ोर से मेरी निघट्य खीची निघट्य की पूरी सिलाई निकल फट गयी. और निघट्य के 2 टुकड़े हो गये. अब मैं सिर्फ़ लेस वाली पनटी मे थी इसमे मेरी छूट छुपाने से भी नही चुप रही थी. कबीर ने मेरी पनटी पर हाथ रखा. और खिचने के लिए रेडी हो हे गये थे.

मैं- क्या हो गया है आपको, ऐसे जनवरो ऐसे क्यू कर रहे हो.

कबीर ने कुछ नही सुनना और मेरी पनटी खिच ली. जिससे पनटी के दोनो नाट खुल गये. पनटी की पिच्चे का हिस्सा मेरी गंद मे फस गया था. कबीर ने फिर से ज़ोर लगाया तो मैने अपनी गंद हे उपर कर ली.

कबीर ने 2 उंगलिया मेरी छूट मे डाली. मेरी छूट गीली भी नही थी इसलिए मुझे बोहट जलन हो रही थी. मैने कबीर का हाथ पकड़ और उन्हे रोका और कबीर ने एक हाथ से मेरे लेफ्ट बूब पकड़ लिया और अपने डाट से मेरे निपल्स पकड़ लिया.

मुझे बोहट पाईं हुआ. ऐसा लग रहा था कबीर को टप्पड़ मार डू पर अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. ईवन मेरी छूट भी अब गीली होने लगी थी. कबीर ने ये फील कर लिया था और उंगलिया निकल कर देखने लगे.

कबीर ने फिर से कौंतीनुए मेरी छूट मे उंगली करना सुरू कर दी. मेरी छूट से अब पानी निकालने लगा. कबीर ने उंगलिया निकली और मेरी हे छूट का पानी मेरे लिप्स पर लगा दिया और ज़ोर से लीप किस करना सुरू कर दिया मेरे लीप मेरी छूट के पानी से गीले हो गये थे.

उन्होने ऐसे ज़ोर दार किस से मैं काप गयी और मैने अपनी ज़ुबान निकल कर कबीर के मूह मे दल दी. कबीर की ज़ुबान से खेलने लगी. उन्होने मेरे लिप्स दाटो मे दबा लिए. कबीर वाइल्ड होते जा रहे थे. कबीर ने मेरे लिप्स छोड़े और मेरे रिघ्त बूब पर ज़ोर दर टप्पड़ मारा. मेरे जान हलाक मे सा गयी.

कबीर – साली तू तो एंजाय करने लगी.

मैं- तो मैं क्या करू आप ने इतना गरम जो कर दिया है. कबीर प्ल्ज़ अपना लंड मेरे हाथ मे दो. मैं देखना चाहती हू.

कबीर बैठ गये और अपनी शॉर्ट्स निकली. मैं देखा कबीर का लंड कोई नाग जैसा दिल रहा था. मैं लेती थी तो कबीर बिल्कुल मेरे मूह के पास लंड लेकर मिशनरी पोज़िशन मे आ गये. कबीर के लंड मे और मेरे मूह मे सिर्फ़ नाख़ून इतना डिस्टेन्स था.

मैं कबीर के लंड पर किस किया और लंड के टॉप पर किस करने लगी. मैं कंटिन्यू कबीर के लंड को आयेज पिच्चे कर रही थी अगर कबीर का पानी निकलता था तो डाइरेक्ट मेरे मूह मे हे जाता था. लंड हिलाते हुए मुझे 5 मीं हो हे गये थे, कबीर उठे और मेरे छूट पर मूह रख दिया.

मैने दोनो हाथो से कबीर के बाल पकड़ कर छूट पर दबाने लगी. कबीर ज़ुबान निकल निकल कर मेरी छूट चाटने लगे. कबीर ज़ुबान से मेरी छूट छोड़ रहे थे मुझे अक्चा लगने लगा मैने पिल्लो कोब्कास कर पकड़ लिया और कबीर कंटिन्यू मेरी छूट मे अपनी ज़ुबान अंदर बाहर कर रहे थे.

कुछ 6-7 मीं बाद मेरा पानी निकल गया जो कबीर मूह लगा कर पी रहे थे. मैं लाश की टरगमह बेड पर पड़ी थी. कबीर उठे और टॅबलेट पर से बॉटल उठाई जो उन्हिने कपबोर्ड से निकली थी. मैं कबीर को देख रही थी कबीर ने बॉटल से आयिल निकल कर अपने लंड पर लगा सुरुबकर दिया. अंदर मे भी कबीर का लंड चमक रहा था.

मैं- आयिल लगने की क्या ज़रूरत है. वैसे हे डालो ना.

कबीर ने कुछ नही कहा और मेरे पाओ के पास आ गये. और मेरे दोनो पाओ पकड़ कर मुझे फ्लिप कर दिया. मेरी गंद उपर हो गये और मैं पेट के बाल लेती थी. कबीर आयिल निकल कर मेरी गंद पर लगाने लगे. मीन्स मेरी गंद के होल पर. मैं दर गयी. कही कबीर मेरी गंद तो नही मरने वेल है. मैने आज तक कभी ये नही किया. मेरी गंद बिल्कुल कुवारि है.

मैं- नही कबीर गंद मे नही. बोहट दर्द होगा.

कबीर कुछ बोले नही और सैइटानी स्माइल दी. अब मैं पक्का शुवर हो गयी कबीर मेरी गंद मरने वेल है. मैं अपने हाथ पाओ बेड पर मरने लगी पर कबीर पर कोई असर नही हुआ.

मैं कबीर से भीक माँगने लगी. मत कर पर वो नही माने और 2 पिल्लो लेकर मेरे पेट के नीचयए रख दिए. अब मेरी गंद बोहट उपर आ गयी और मेरा फेस बेड पर . था.

कबीर ने मेरी गंद . और लंड बिल्कुल मेरे गंद के होल पर रखा. लंड . कर मेरी छूट को . हुआ. कबीर ने फिर से . किया पर फिर से लंड . गया. कबीर ने लंड अपने हाथ पर रखा और गंद के होल पर रख कर लंड अंदर . सिर्फ़ लंड का टॉप हे अंदर गया और काप ..

ऐसा लग रहा था गंद के अंदर गरम . की . अंदर जा रही हो. मैने कस कर पिल्लो पकड़ ली. मेरे आसू . नही रहे थे.

मैं- प्ल्ज़ कबीर बाहर . मैं नही . पा रही हू. कबीर ने मेरे दोनो हाथ अपने हाथो से पकड़ लिए.

. ये था मैं बेड पर उल्टी लेती हू और मेरी गंद उपर और कबीर मेरे उपर अपना लंड मेरे गंद मे . हुए. मैने . सुरू कर दिया.

कबीर ने अपने हाथ से मेरी . पकड़ ली और लंड अंदर दल रहे थे. लंड . हे अंदर गया होगा मैने अपने पाओ . सुरू कर दिया. कबीर ने अब . . सुरू किया ये दर्द तो . सामने कुछ भी नही था . दर्द कबीर के कंटिन्यू . मे था.

मैं तो रो थी और कबीर मुझे छोड़ रहे थे. मुझे इसमे मज़ा नही आ रहा था क्यूकी दर्द का मैं बीटीये नही स्क्ति हू. कबीर कुछ 10 मीं तक मुझे छोड़ते रहे और अपना पानी निकल कर लेट गये. मैं रो रही थी.

कबीर की तरफ़ देखा भी नही और अपने हाथ से गंद पर ले गयी. मेरी गंद का होल अब भी खुला था. ऐसा लग रहा था किसने रोड दल कर निकाला हो. कुछ 1 घंटा बाद मैं उठी तो कबीर मेरी तरफ़ देख रहे थे. मैने बिना बात किए हे उठी तो मेरे पाओ काप रहे थे. मैं दीवार से सहारे बातरूम गयी. मुजसे चलना भी नही हो रहा था.

आज के लिए इतना हे. आगे की स्टोरी के लिए बने रहिए. अभी ये स्टोरी की रियल हेरोयिन की एंट्री होने मे टाइम है इसलिए स्टोरी पढ़ते रहिए.

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