पति ने अपनी बीवी को मुझसे चुडवाया

सानिता के साथ काफ़ी देर तक चुदाई करने के बाद शाम को मैं अपने घर चला गया. काफ़ी तक गया था मैं सानिता को छोड़ कर इसलिए घर जाकर मैं डाइरेक्ट सो गया.

रात को मैं टीवी देख रहा था तभी मुझे सुनील भैया का फोन आया और उन्होने मुझे डिन्नर के लिए इन्वाइट किया. मैं उनके घर चला गया. देखा तो वो दोनो एकदम रेडी थे जैसे हम डिन्नर करने कही बाहर जाने वेल हो. मैं नॉर्मल ही था टशहिर्त और शॉर्ट्स मे उनके घर आया था.

नील: भैया डिन्नर के लिए बाहर जाने का प्लान है क्या?

सुनील: नही, ऐसा क्यू पूछ रहे हो?

नील: नही वो आप दोनो इस तरहा इतना साज धज के बैठे हो इसलिए

मेरी बात सुनकर वो दोनो हासणे लगे. उन्होने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और हम तीनो बैठ गये.

सुनील: आक्च्युयली आज हम दोनो बहुत खुश है

नील: वो तो आप दोनो रोज ही खुश रहते हो इसमे नयी क्या बात है?

सुनील (हेस्ट हुए): हन लेकिन आज की बात अलग है. शाम को मैं ऑफीस से आया तब सानिता ने मुझे सब कुछ बताया के तुमने उसे किस तरहा छोड़ा और उसने कितना एंजाय किया

उनकी बातें सुनकर मैं शर्मा गया.

नील: सानिता ये कोई बताने की बात होती है क्या!

सुनील: अरे शरमाओ मत… अक्चा हुआ इसने मुझे बताया. आज मुझे तुम्हारा नया रूप पता चला

नील: क्या भैया आप भी

सुनील: तुम्हे पता नही तुमने मेरे उपर से कितना बड़ा टेन्षन हटा दिया है. मुझे पता था सानिता मेरे साथ खुश है लेकिन उसकी सेक्षुयल नीड्स पूरी नही हो रही थी. और मैं हर बार उस टेन्षन मे रहता था

सानिता: हन… और जब आज मैने सुनील को सब बताया तो वो मुझसे भी ज़्यादा खुश था

नील: रियली?

सुनील: हन तो सोचा क्यू ना साथ मे डिन्नर करते है तुम्हारे साथ इसलिए तुम्हे बुलाया

नील: ओह

सुनील भैया एकदम फ़ॉर्माल्स मे थे जैसे किसी डिन्नर डटे पर जेया रहे हो. और सानिता ने ब्लॅक वन पीस डाली थी जो काफ़ी टाइट थी. उसके जिस्म का हिस्सा मैं सॉफ देख पा रहा था. बूब्स का उभर और उनके निपल्स, बाहर निकली हुई गांद, मुलायम चुतताड़ो के साथ वो गांद का च्छेद. उफ़फ्फ़ इंशॉर्ट बतौ तो सानिता ने सिर्फ़ नाम के लिए वो वन पीस डाली थी ताकि वो अपने उपर कुछ डाल ले. वो वन पीस इतनी स्लिम थी के मैं झटके मे उसे फाड़ सकता था.

नील: वैसे संजना कहा है?

सानिता: उसे कुछ दिन के लिए मेरी बहें निहारिका के घर छ्चोड़ दिया है.

सुनील: हन मैं चाहता था के तुम दोनो को कोई तकलीफ़ ना हो. तुम दोनो खुल के एंजाय करो. जहाँ जाना है जाओ, जो करना है करो मेरी तरफ से फुल पर्मिशन है.

नील: सच मे?

सुनील: हन… बस मेरी एक रिक्वेस्ट है.

सुनील भैया की इस रिक्वेस्ट के बारे मे शायद सानिता को भी पता नही था. मेरे साथ वो भी पूछने लगी.

नील आंड सानिता: और वो क्या है?

सुनील: मैं चाहता हूँ के आज रात हम थ्रीसम करे. ई नो सानिता बहुत हॉट है और मैं चाहता हूँ के हम दोनो मिलकर इसे छोड़ेंगे.

सुनील भैया की बात सुनकर सानिता और मैं एक दूसरे को देखने लगे. मैं शॉक मे था के उन्होने ये क्या बोल दिया, क्यू के जहाँ तक मैं उन्हे जनता हूँ वो सानिता से इतना प्यार करते है के सानिता किसी दूसरे से चुडवाए ये वो नही देख सकते. शायद सानिता भी इसी कारण शॉक मे थी.

सानिता: ये क्या बोल रहे हो सुनील?

सुनील: मैने ठीक ही कहा है.

सानिता: हन लेकिन ये सब क्यू कर रहे हो?

सुनील: क्यू मतलब? मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. और मुझे देखना है के नील जब मेरी बीवी को छोड़ रहा होगा तब तुम कैसे चुड़वति हो.

सानिता: ये सब करने की क्या ज़रूरत है?

सुनील: तुम नही समझोगी. जब से तुमने मुझे ये सब बताया है मुझे ये सुनकर बहुत मज़ा आ रहा है. आज हम दोनो मिलकर तुम्हे छोड़ेंगे.

सानिता: लेकिन तुम्हारे होते हुए मैं नील से कैसे चुड सकती हूँ?

सुनील: ये पहली बार है इसलिए तुम्हे लग रहा है. लेकिन ये सब आज के बाद बहुत बार होगा.

सानिता: ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगे.

फिर हम सब डिन्नर के लिए बैठ गये. सुनील और मेरे बीच मे सानिता बैठी हुई थी. वो मेरे लेफ्ट साइड मे थी और उसे देखकर मुझे उसे च्छेदने का मॅन कर रहा था.

डिन्नर करते हुए हम सब बातें करने लगे. अचानक से मैने अपने लेफ्ट हॅंड को सानिता के थाइस पर रखा और सहलाने लगा. उसने मेरी आँखों मे 3 सेकेंड के लिए देखा और चुपचाप खाना खाने लगी.

कुछ देर बाद मैने उसकी वन पीस के अंदर हाथ डाल के थाइस पर रखा और सहलाने लगा. सानिता की साँसे तेज होने लगी और वो मुझे आँखों से माना करने लगी. सुनील भैया को इसका कुछ पता नही था के उनकी बीवी को मैं च्छेद रहा था.

मैं सानिता के थाइस, लेग्स हर जगह सहलाने लगा. धीरे धीरे उसकी हालत खराब होने लगी. उसका बदन गरम होने लगा था. सानिता ने मेरे हाथ को हटा दिया और मुझे धीरे से ना करने के लिए कहा. वो गुस्से मे थी और उसका गुस्सा इतना कातिलाना था के अफ मुझे अंदर तक कुछ कुछ होने लगा था. मैने सोचा अकेले मे रोमॅन्स करने से ज़्यादा मज़ा तो इसमे आ रहा है तो मैं फिर से शुरू हो गया.

इस बार मैने उसकी पीठ पर हाथ रखा और प्यार से सहलाने लगा. मेरी हरकटो का असर सानिता पर काफ़ी जल्दी हो रहा था. उसे खाना खाने मे काफ़ी तकलीफ़ हो रही थी. मैने उसकी बॅक पर लगी हुई ज़िप को धीरे धीरे उतरने लगा.

सानिता की हालत खराब होने लगी और उसे पैर कपने लगे थे. मैं उसे आँखों से इशारा करके च्छेद रहा था. उसका गुस्सा बढ़ रहा था लेकिन वो गुस्से मे इतनी हॉट लग रही थी के उस वक़्त मैं उसे च्छेदने के लिए कुछ भी कर सकता था.

कुछ ही देर मे मैने उसकी ज़िप नीचे करके उसे बॅकलेस कर दिया. सुनील का ध्यान अपनी बीवी से ज़्यादा बातो पर था. वो अपनी जवानी के किससे सुनने मे लगा हुआ था और यहाँ मैं उसकी बीवी को आधी नंगी कर चुका था.

सानिता की नंगी पीठ पर हाथ घूमते हुए कभी मैं उसे अपने नाख़ून चुभाते हुए और सिड्यूस करने लगा. जब मुझे लगता था के और ज़्यादा करूँगा तो वो झाड़ जाएगी तब मैं रुक जाता था. सानिता थोड़ी नॉर्मल होने के बाद फिर से उसे सिड्यूस करने लगता था.

अपने साथ होने वेल खेल को देखकर सानिता की हवस उसे पागल कर रही थी. सुनील भैया वहाँ ना होते तो पक्का वो मेरी गोद मे बैठकर मुझसे छुड़वा रही होती. कोई भी हिन्दुस्तानी औरत अपने पति के सामने किसी दूसरे मर्द से छुड़वाने मे शरमाएगी और वही शरम उसे ये करने से रोक रही थी.

जैसे तैसे करके हुँने डिन्नर कर लिया. सुनील और मैं हॉल मे बातें करने लगे. सानिता जल्दी से अपना काम निपटा कर वापस आ गयी.

सानिता वापस आने के बाद अलग ही मूड मे लग रही थी. वापस आने के बाद वो अपने पति के पास जाकर बैठने की जगह वो मेरी तरफ आने लगी. तभी मुझे डाउट हुआ के वो कुछ ना कुछ ऐसा करेगी जिससे सुनील जेलस होगा और उसने अपनी बीवी के ऐसे अवतार को कभी देखा नही होगा. मैने सोचा था वैसा ही हुआ.

सानिता मेरे पास आई और डाइरेक्ट मेरी गोद मे बैठ गयी. ये देखकर सुनील की बोलती बंद हुई और वो अपनी बीवी की बोल्डनेस भरे आटिट्यूड को देखने लगा. सानिता को सिड्यूस करते करते मैं भी गरम हो चुका था और मेरा लंड मेरी शॉर्ट मे तंबू बनाए बैठा था.

सुनील: नील आज तुम्हारी वजह से मैं अपनी बीवी का अलग ही रूप देख रहा हूँ

नील: भैया ये तो शुरुवत है आज आप ऐसा कुछ देखने वेल है जिससे देखने के बाद आप खुद सोचोगे के काश आप मेरी जगह होते

सुनील: सच मे? फिर तो बड़ा मज़ा आएगा. आज की रात मेरी बीवी के नाम

सानिता: सुनील आयेज जो होगा उसके लिए हिम्मत रखना. मेरे साथ बहुत कुछ ऐसा होगा जो तुमने सोचा भी नही होगा

सुनील: मैं वो सब देखना चाहता हूँ जो तुम्हारे साथ कोई दूसरा मर्द करना चाहता है.

सुनील को उस वक़्त मज़ा आ रहा था और साथ ही थोड़ी जेलासी भी हो रही थी. सानिता आज तक कभी उसकी गोद मे नही बैठी लेकिन एक ही दिन मे वो किसी जवान लड़के की गोद मे जाकर बैठी थी ये बात सुनील को एक मीठा दर्द देने लगी.

मैने सानिता की जाँघो को सहलाते हुए उसे किस करने लगा. उसके नाज़ुक से होंठों को मैं बुरी तरहा से चूस रहा था. सानिता सुनील की वजह से पहले कुछ नही कर रही थी लेकिन जब उसने देखा के सुनील को ये सब देखकर अक्चा लग रहा है तब उसने अपनी अंदर की शरम को उतार के कांवासना का साथ दिया.

सानिता भी मेरे होंठों को चूसने लगी. हम दोनो एक दूसरे मे डूब गये थे. मैने उसके बूब्स को मसलना शुरू किया. उसकी सिसकारियाँ निकालने लगी थी. मैं उसके निपल्स को हल्के से दबा देता और वो ज़ोर से चिल्लती उसकी दर्द भारी आवाज़ से मुझे जोश आ जाता था.

सानिता: आहह आहह ऑश एस्स बाबयी आहह ऐसे ही करो..

सुनील भैया सामने बैठकर हम दोनो के रोमॅन्स को देख रहे थे. सानिता को वो पहली बार इस रूप मे देख रहे थे इसलिए वो काफ़ी जल्दी गरम हो चुके थे. उनका खड़ा लंड पंत मे तंबू बनाए खड़ा था.

मैं सानिता की निघट्य उतरने वाला था के उसने मुझे रोकते हुए कहा-

सानिता: नील यहाँ नही. अंदर चलते है.

फिर मैने उसे अपनी गोद मे उठाया और बेडरूम की तरफ हम चले गये. सुनील भैया हुमारे पीछे पीछे आ गये. बेडरूम मे जाते ही मैने सानिता को बेड पर लिटा दिया. उसने मुझे इशारा करते हुए अपने उपर बुलाया. मैं उसके उपर लेट गया और उसे हर जगह चूमने लगा.

सानिता का चेहरा, गाल, होंठ, गर्दन मैं हर जगह उसे चूम रहा था. उसका दूध जैसा गोरा बदन देखकर मेरा लंड रोड की तरहा हो चुका था. सुनील भैया हम दोनो को देखकर बहुत गरम हो चुके थे. वो पंत के उपर से ही लंड को सहलाने लगे. मैं सानिता को डीप किस करने लगा जहाँ वो मेरी जीभ चूसने लगी थी.

कुछ देर बाद मैने उसकी निघट्य को उतार दिया. वो हम दोनो के सामने बिल्कुल नंगी लेती हुई थी. उसका भरा हुआ बदन बेहद खूबसूरत लग रहा था. नारियल जैसे बूब्स उसके शरीर की सुंदरता को बढ़ावा दे रहे थे.

सुनील भैया ने सानिता का ये अवतार देखकर झट से अपने कपड़े उतार दिए और वो हुमारे सामने नंगे हो गये. उनका लंड आवरेज साइज़ का था. उन्होने झट से सानिता के उपर हमला बोल दिया और उसे हर जगह चूमने लगे. कुछ देर के बाद वो साइड मे हट गये और मैं सानिता के उपर आ गया.

मैने उसके दोनो हाथों को पकड़ के बेड के साइड मे रखा और उसपर टूट पड़ा. उसके कामदेवी जैसे जिस्म को मैं पागलो की तरहा प्यार करने लगा.

मैं उसे हर जगह प्यार कर रहा था. उनके गुलाबी होंठों को लगातार चूमने लगा. उसके बूब्स मसालने लगा तो कभी उन्हे मूह मे लेकर चूसने लगा. तोड़ा सा नीचे जाकर मैं उसका पेट और नाभि को प्यार करने लगा, जीभ से चाटने लगा. सानिता काफ़ी गरम हो चुकी थी. उसकी धड़कने तेज हो गयी थी और उसका बदन काप रहा था.

सुनील: चलो अब सानिता को छोड़ते है वो काफ़ी गरम हो गयी है.

नील: इतनी जल्दी क्या है अभी तो इसे और प्यार करना बाकी है.

सुनील भैया मुझे देखने लगे के मैं क्या करने वाला हूँ. मैं झट से उसके पैरो के बीच गया और उसकी छूट को चूमने लगा. सानिता ने एकदम से सिसकारियों की आवाज़ तेज कर दी. छूट से कमरस काफ़ी ज़्यादा बह रहा था. सुनील भैया मुझे देख रहे थे और मैं लगातार छूट को चूम रहा था.

मैं छूट के होंठों को उंगली से च्छेद रहा था तो कभी उन्हे फैलाकर चूसने लगता था. कुछ ही देर बाद सानिता की आवाज़ इतनी तेज हो गयी के उसे रोकना मुश्किल हो गया. मैं छूट को चाटने लगा तब उसने मेरे सिर को छूट पर दबाया. मैने काफ़ी देर तक छूट को अकचे से प्यार किया.

सानिता शांत होने से पहले मैं साइड मे हो गया. कुछ बाद जब वो नॉर्मल हुई उसके सामने हम दोनो खड़े थे. सुनील भैया नंगे थे इसलिए उसे पहले उनका लंड चूसना शुरू किया. कुछ देर तक लंड चूसने के बाद भैया बहुत गरम हो गये इसलिए सानिता ने उनका लंड हिलने लगी और वो वही झाड़ गये.

सानिता: अब तुम अपना लंड बाहर निकालो..

मैने कपड़े उतरना शुरू कर दिए और भैया मुझे देखकर घूर्ने लगे. मेरी आत्लीट बॉडी देखकर उनके होश उडद गये थे. मेरा लंबा और दमदार लंड देखकर उनका मूह खुला का खुला रह गया.

सानिता (सुनील को): इसे कहते है असली लंड जो मेरी जैसी औरत को शांत कर सके.

सुनील: सच मे ये काफ़ी बड़ा और मोटा है. अब पता चला के मेरी बीवी ने कितना एंजाय किया होगा तुम्हारे साथ.

सानिता झट से घुटनो पर बैठी और मेरा लंड चूसने लगी. वो लंड को काफ़ी अंदर तक लेते हुए चूसने लगी. लंड चूस्ते वक़्त उसके चेहरे की खुशी देखकर सुनील को जेलासी होने लगी थी. अब वो अपने मॅन मे सोच रहे थे के काश सानिता उनका लंड इस तरहा से चुस्ती.

कुछ देर तक लंड चूसने के बाद मैने उसके सिर को पकड़ा और धक्के लगाने लगा. मेरा लंड उसके गले तक जेया रहा था. सानिता भी अपना मूह छुड़वाने लगी. मेरे धक्को की रफ़्तार तेज होने लगी और काफ़ी देर तक मैने उसका मूह छोड़ा. कुछ देर बाद मैने लंड बाहर निकाला.

सुनील: तुम्हारा स्टॅमिना बहुत ज़्यादा है. मैं ऐसा कभी नही कर सका उसके साथ.

नील: भैया आप नही कर पाए तभी आपकी बीवी को छोड़ने का मौका मुझे मिला है. वरना हुमारी ऐसी किस्मत कहा जो ऐसी अप्सरा जैसी बीवी मिले.

मेरी बात सुनकर सानिता मुझे देखकर शरमाने लगी.

सुनील: हन सच मे सानिता बिल्कुल अप्सरा जैसी है. बस मैने ही उसपर ध्यान नही दिया.

सानिता: कोई बात नही सुनील अभी भी वक़्त है, तुम मुझे छोड़ सकते हो. मैं तुमसे सॅटिस्फाइ तो नही हो जौंगी लेकिन तुम्हारी तमन्ना और अपना बीवी होने का रिश्ता निभौँगी. लेकिन मैं नील से रोज चड़वौनगी.

सुनील: ठीक है.

सुनील ने भले ही हन बोल दिया था लेकिन उसके अंदर जेलासी थी के उसकी बीवी पति के होते हुए दूसरा लंड ले रही थी. ये सब बर्दाश करने के अलावा उसके पास कोई रास्ता नही था. क्यू के उसने ही सानिता को पर्मिशन दे दी थी जिससे वो अपनी लिमिट क्रॉस करवाते हुए छुड़वा रही थी.

आपको क्या लगता है सानिता मुझे और अपने पति को एक साथ झेल सकेगी? सुनील अपनी बीवी को मुझसे चुड़वते हुए देखेगा तब उसका क्या हाल होगा? इस थ्रीसम के खेल का क्या रिज़ल्ट होगा? आप अपने विचार मुझे मैल करके ज़रूर बताना.

लड़कियाँ और मॅरीड लॅडीस भी मुझे मैल करके अपने एक्सपीरियेन्सस शेर कर सकती है या फिर नॉटी चट्स के लिए भी मैल करे. आपकी प्राइवसी का ख़याल रखा जाएगा.

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