पति और पत्नी की चूत और गांद चुदाई की कहानी

नमस्कार दोस्तों, आशा करती हू आप सब खुशल होगे. मैं आपकी दोस्त सुनीता फिरसे हाज़िर हू अपनी एक और प्यारी सी सेक्स स्टोरी लेकर.

दोस्तों, मेरी पहली स्टोरी ‘गाओं में मिला देसी लंड’ को आप सब ने खूब सराहा. बहुत से फँस ने मुझे सराहना के एमाइल्स भी भेजे. मैं आप सब की तहे दिल से शूकारगुज़ार हू. बस ऐसे ही मेरी स्टोरीस पढ़ते रहना, और हमेशा अपने प्यार से मुझे मोटीवेट करते रहना.

पहली स्टोरी गाओं में मेरी पोस्टिंग के बारे में थी. जिसके दौरान सरपंच जी के बेटे आनंद के साथ मेरे कॅषुयल यौन संबंध बने थे. ये सब जान कर बहुत से रीडर्स को ये जिगयसा हो रही थी. वो जानना चाहते थे की मेरे पति-देव के साथ मेरी सेक्स लाइफ कैसी है.

जैसे की मैने उस स्टोरी में बताया था, मेरा वैवाहिक जीवन काफ़ी खुश-हाल है. और मैं और मेरे पति-देव सेक्स को खूब एंजाय करते है. आज उन्ही के साथ मेरे जीवन के एक यादगार पल की स्टोरी लेकर आई हू. आशा करती हू आप सब को पसंद आएगी.

दोस्तों, जैसे की आपने पढ़ा, मैं एक 27 यियर्ज़ की शादी-शुदा औरत हू. मेरे पति अजय बॅंक में असिस्टेंट मॅनेजर है, और मैं खुद सरकारी जॉब करती हू. मेरा फिगर 34-30-34, रंग गोरा और हाइट 5’5” है. हमारी अरेंज मॅरेज थी, और अभी तक हमारे कोई बच्चे नही है.

5 साल के वैवाहिक जीवन में हमने सेक्स को बहुत एंजाय किया है. मिशनरी, कॉवगिरल, लॉलिपोप, डॉगी, 69 इत्यादि काई एक्सपेरिमेंट्स किए है. कहने की ज़रूरत नही है, की इन 5 सालों में पति-देव ने मेरी छूट और गांद के सारे धागे खोल दिए है.

तो चलो अब कहानी पर आते है. ये कहानी 4 साल पहले की है, जब हमारी शादी को 1 साल हो चुका था, और हम दोनो ही देहरादून में पोस्टेड थे.

सनडे मॉर्निंग थी, तो मेरी आँख देर से खुली. मैने बिस्तर में पास में देखा तो पति-देव नही थे. मैने अपने मोबाइल को खोला तो उसमे पति-देव का मेसेज था-

मेसेज: डार्लिंग, मैं ज़रा नाश्ता और ब्रेड लेकर आता हू.

मैने सोचा जब तक वो आते है, मैं किचन में जेया कर छाई बना लेती हू. सॅटर्डे नाइट को हमने देर रात तक मज़ेदार सेक्स किया था, और उसके बाद हम दोनो नंगे ही सो गये थे. तो अभी भी मैं नंगी ही थी. अजय घर को आचे से लॉक करके गये थे, तो मैने सोचा की कपड़े बाद में पहन लेती हू, और पहले किचन में जेया कर छाई बना लेती हू.

मैं नंगी ही किचन में चली गयी, और थोड़ी सी क्लीनिंग करके फ्रिड्ज से दूध निकाल लिया. मैने अपने खुले बालों का जूड़ा बना लिया, और गॅस को स्टार्ट करके छाई रखने लगी. जूड़ा बनाने की वजह से मेरी नंगी गोरी पीठ और गोरी गोल गांद का नज़ारा पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रहा होगा.

तभी अचानक किसी ने पीछे से आ कर मुझे जाकड़ लिया. जी हा, वो मेरे पति-देव अजय ही थे. चुपके से कब दरवाज़ा ओपन करके वो किचन तक चले आए थे, ये मुझे पता भी नही चला. अजय पीछे से ही मेरे गालो पर, गर्दन पर, पीठ पर चूमने लगे, और मुझे स्मूच करने लगे.

उनके इस अचानक के अटॅक से पहले तो मैं चौंक उठी, पर तुरंत ही मैने अपने आप को संभाला और उनका साथ देने लगी. उन्होने अब मुझे स्मूच करते-करते ही अपने दोनो हाथो को मेरे स्टान्नो तक पहुँचा दिया. स्मूद और धीमे हाथो से वो मेरे दोनो स्टान्नो को सहलाने और मसालने लगे.

उनके दोनो हाथो में मेरे दोनो स्टअंन थे, और उनकी इस प्यारी सी स्मूछिंग और पुशिंग से मेरे निपल्स तंन गये और मेरी सिसकारियाँ निकालने लगी. अब धीरे-धीरे उन्होने अपने हाथो से मेरे फ्लॅट पेट और पतली सी कमर को सहलाना शुरू किया और मेरे कान के नीचे किस करने लगे.

अब मुझसे रहा नही जेया रहा था, तो मैं बोल उठी: अजय, सिर्फ़ मुझे ही नंगा रखने का इरादा है, या खुद भी कुछ निकलोगे?

मेरी बात सुन कर वो हस्स पड़े, और तुरंत ही सारे कपड़े उतार फेंके. मैं अब भी किचन प्लॅटफॉर्म की तरफ मूह करके खड़ी थी, और उन्होने फिरसे मुझे पीछे से आ कर जाकड़ लिया. अब उनके होंठ मेरे कान और गर्दन पर किस कर रहे थे. उनकी नंगी छाती मेरी नंगी पीठ से चिपकी हुई थी. उनके हाथ मेरे स्टान्नो को टटोल रहे थे, और उनका मोटा सा लंड मेरी गांद की दरार को सहला रहा था.

धीरे-धीरे उन्होने एक हाथ को स्टअंन से हटता कर मेरी छूट पर रख दिया और उसे सहलाने लगे. एक हाथ से स्टान्नो को, दूसरे हाथ से छूट को, लंड से गांद को, और होंठो से गर्दन को रब करके उन्होने मुझे जैसे पागल ही बना दिया. मेरी सिसकारियाँ अब गरम आहों में बादल चुकी थी, और मेरी छूट खूब पानी छ्चोढ़ रही थी. मैं पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.

अब अजय ने अपना लंड जो की मेरी गांद की दरार को सहला रहा था, उसे मेरी गांद के च्छेद पर सेट किया. मैं समझ गयी अब क्या होने वाला था. एक साल में उन्होने मेरी गांद को काई बार मारा था, तो अब मुझे गुडमैथून की आदत हो चुकी थी. उन्होने एक हल्का सा धक्का मारा और लंड मेरी गांद में उतार दिया.

मेरे मूह से एक आ सी निकल गयी. अब वो खड़े-खड़े ही पीछे से मेरी गांद को मारने लगे. अभी भी उनका एक हाथ मेरे स्टान्नो को, दूसरा मेरी छूट को, होंठ मेरी गर्दन और कान को, छाती मेरी पीठ को तो सहला ही रही थी. उन्होने अपना लंड मेरी गांद में चलना शुरू कर दिया था, और मेरी सिसकारियाँ बढ़ रही थी.

थोड़ी ही देर में उन्होने स्पीड पकड़ ली, और मेरी गांद फाड़ चुदाई करने लगे. मैं भी पूरी तरह से उनका साथ दे रही थी, और अपनी गोरी सॉफ्ट गांद को उनके लंड पर पटक रही थी. अब उन्होने दोनो हाथ मेरे कुल्हो पर घूमने शुरू कर दिए, और उन्हे सहलाने लगे.

10 मिनिट्स के गुडमैथून के बाद मैने कहा: अजय, आज सिर्फ़ गांद का ही प्लान है, या छूट भी मारोगे?

ये सुन कर वो रुके और धीरे से अपना लंड मेरी गांद से निकाला. अब उन्होने मुझे अपनी और घुमाया, और मेरे होंठो को अपने होंठो से चूमने लगे. उन्होने मुझे कस्स के पकड़ लिया, और अपनी पूरी बॉडी से मेरी बॉडी को रब करने लगे.

थोड़ी देर की रब्बिंग और पुशिंग के बाद अब उन्होने मुझे गोद में उठाया, और साइड प्लॅटफॉर्म पर लिटा दिया. उन्होने मेरे दोनो पैरों को चौड़ा किया, और मुझे खींच कर ऐसी पोज़िशन में सेट किया, की जिससे मेरी छूट प्लॅटफॉर्म के बॉर्डर तक आ जाए. अब वो मेरी चौड़ी की हुई टाँगो के बीच जेया पहुँचे, और नीचे झुक कर मेरी छूट को किस करने लगे.

मेरी छूट तो पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी, और उनकी इस किस की गुदगुदी से सिकुड़ने लगी. उन्होने धीरे-धीरे अपनी टंग को मेरी छूट पर घुमाया, और उसे वापस खोल दिया. मेरी सिसकारियाँ तो रुकने का नाम ही नही ले रही थी.

5 मिनिट्स ऐसे ही ओरल सेक्स के बाद उन्होने अब अपने लंड को मेरी छूट पर सेट किया, और बड़े प्यार से उसे अंदर तक पेल दिया. उन्होने मेरी दोनो टांगे अपने दोनो हाथो से पकड़ कर चौड़ी करके उन्हे उठा लिया, और खड़े-खड़े ही मिशनरी पोज़िशन में मेरी चुदाई करने लगे. उनका लंड इस पोज़िशन में अंदर तक जेया रहा था, और काफ़ी सुकून दे रहा था.

धीरे-धीरे उन्होने स्पीड बधाई और अपनी गांद को हिला कर मेरी छूट को अपने लंड से धक्के देने लगे. मैं भी गांद उठा-उठा कर उनका लंड लेने लगी. अब उन्होने मेरे पैरों को छ्चोढ़ दिया, और मैने पैरों को उनकी कमर से लिपटा दिया.

थोड़ी देर इसी पोज़िशन में छोड़ने के बाद अचानक अजय ने मेरी कमर को अपने हाथो से पकड़ा और हवा में उठा लिया. अब मेरे पैर उनकी कमर से लिपटे थे. मेरे हाथ उनके कंधो पर लिपटे थे. मैं अपने हाथो से अपने बालों को सहलाती और स्टान्नो को मसालती उनके होंठो को अपने होतो से किस कर रही थी. तो वो मुझे ऐसे ही हवा में उठा कर अपने लंबे लॉड से मेरी छूट को छोड़ रहे थे.

थोड़ी देर के बाद उन्होने फिर मुझे साइड प्लॅटफॉर्म पर लिटा दिया, और अब मैने अपने पैर उनके कंधो पर रख दिए. उन्होने अब मेरी छूट को धमाकेदार स्पीड से छोड़ना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में मैं झाड़ कर निढाल हो गयी, और उनके लंड ने भी झाड़ कर मेरी छूट को स्पर्म से भर दिया.

हम उसी पोज़िशन में थोड़ी देर के लिए पड़े रहे. फिर उन्होने मुझे, मेरी छूट, और गांद को क्लीन किया, और खुद भी क्लीन हो गये. फिर मुझे साइड प्लॅटफॉर्म से गोदी में उठा कर वो बातरूम में ले चले. हमने साथ में बात लिया और एक घंटे तक बात टब में नंगे ही साथ में गरम पानी में पड़े रहे. पूआ समय मैं उनसे लिपटी रही, और उस पल का आनंद लेती रही.

फिर हमने कपड़े पहने. उसके बाद तैयार हो कर बाकी का सनडे एंजाय करने के लिए देहरादून की पहाड़ियों में बिके पर निकल पड़े. किचन सेक्स का ये हमारा पहला और बहुत ही रोमांचक अनुभव था. जो की आज 4 साल के बाद भी मुझे खूब याद है.

आशा करती हू, की आपको कहानी पसंद आई होगी.

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