पापा और मम्मी की चुदाई

मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी पर आने के लिए आपका थॅंक योउ. तो दोस्तों कैसे है आप सब? उमीद करता हू की आचे होंगे.

ये मेरी कहानी का 3र्ड पार्ट है, और अगर अपने इसके पहले के 2 पार्ट्स नही पढ़े है, तो मैं सजेस्ट करूँगा पहले वो पढ़ लीजिए. अब आयेज बढ़ते है.

जैसा की आपने पढ़ा की मम्मी ने मुझे डरे दिया था की आज रात अगर मैं चाहु तो उनके कमरे में अंदर जेया कर उन्हे देख सकता था सेक्स करते हुए. तो जैसे ही शाम हुई, हम सब ने डिन्नर ख़तम किया, और थोड़ी बातें करके हम अपने-अपने कमरे में चले गये. मैने सोचा थोड़ी देर बाद जाना सही होगा.

पापा की मौजूदगी की वजह से हिम्मत मेरी नही हो पा रही थी. लेकिन मैने सोचा अगर मम्मी ने बोला था, तो कुछ सोच समझ कर ही बोला होगा. तो मैं करीब 20 मिनिट बाद मम्मी-पापा के कमरे के बाहर गया. रोज़ की तरह आज भी उनका डोर लॉक नही था.

मैने चुपके से अंदर देखने की कोशिश की. तो देखा की लाइट्स बंद थी. लेकिन जो छ्होटी-छ्होटी लाइट्स होती है ना, बस वो आज चालू थी. लेकिन बेड पर सिर्फ़ पापा लेते हुए थे. मैने कुछ देर वेट किया तो देखा की मम्मी बातरूम से नहा कर निकली थी, और उन्होने आज ब्लॅक कलर की निघट्य पहनी हुई थी, स्लीव्ले ही, जैसा मम्मी पहनती है. उनके बाल थोड़े थोड़े गीले थे. फिर वो सीधे बेड पर चली गयी, और पापा के दोनो पैरों के उपर बैठ गयी.

फिर मम्मी पापा के उपर लेट गयी, और शायद उन्हे किस कर रही होंगी. लेकिन उनका ध्यान भी वहीं था की मैं देख रहा था या नही. इतने में मम्मी ने दरवाज़े की तरफ देखा, और फिर मुझे देखा. उसके बाद उन्होने हाथ से इशारा किया की मैं अंदर अओ और बेड के पास में रखे हुए सोफा चेर पे बैठू, बिना किसी आवाज़ के.

मैं ठीक वैसे ही बिना किसी आवाज़ के अंदर गया, तो मैने देखा की पापा की आँखों पर आइ मास्क लगा हुआ था, और शायद ये मम्मी का प्लान था. फिर मम्मी-पापा किस करने लगे, और दोनो एक-दूसरे के होंठो को चूम रहे थे.

श्रुति: जान, आज पूरी रात आपकी आँखों पर ये आइ मास्क लगा रहेगा.

पापा: श्रुति, अचानक क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग़ में?

श्रुति: बस यूँ समाज लीजिए की नयी फॅंटेसी है. और सवाल-जवाब नही. मैं देखना चाहती हू की आप बिना देखे भी कितनी अची तरह से मेरी मार सकते है (फिर पापा को प्यार से किस करते हुए).

पापा (मम्मी की आस पे हाथ रखा): लेकिन मैं देखूँगा नही, तो करूँगा कैसे जान?

श्रुति: वो सब आप मुझ पर छ्चोढ़ दीजिए. आज जो करना है मैं करूँगी. बस आपके लंड को सोने मत देना.

इतना कहते ही मम्मी ने मेरी तरफ देख कर स्माइल किया, और फिर पापा के लिप्स चूस्टे हुए दोनो टंग किस करने लगे. कभी पापा मम्मी की टंग को अपने मूह में लेके चूस्टे, तो कभी मम्मी पापा की जीभ को चूस्टी.

कुछ देर में मम्मी ने पापा की त-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिए. पापा ने नीचे कुछ नही पहना था, क्यूंकी रात का समय था. पापा का लंड तो रियल में काफ़ी तन्डरस्ट और मोटा लग रहा था. पूरी शेव्ड बॉडी और लंड पे थोड़े से बाल. करीब 6.5 इंच लंबा तो ज़रूर होगा, और मोटा भी काफ़ी था.

फिर मम्मी पापा के घुटनो पे बैठ गयी, और झुक कर पापा का लंबा काला लंड हाथ में लेकर उसपे काफ़ी सारा थूक निकाला. उसके बाद मम्मी लंड चूसने लगी और इतनी आवाज़े निकाल रही थी, जैसे मान लो मुझे दिखाने के लिए ही कर रही हो. फिर चूस्टे-चूस्टे मम्मी अपने हाथो से लंड के फॉरेस्किन को घूमती, और जितना भी प्रेकुं निकला होता था उनके मूह में वो फिरसे लंड पे थूक के, उसे चूसने लगती थी.

जैसे ही पापा का लंड पूरा खड़ा हो गया, मम्मी पापा के थाइस पे बैठ गयी. फिर उन्होने मेरी आँखों में देखते-देखते अपनी मॅक्सी को धीरे-धीरे उठना शुरू किया, और थाइस तक उठा कर उन्होने अपनी पनटी उतार दी. पनटी फिर मेरी तरफ फेंकी, और स्माइल की.

मम्मी ने अंदर ब्लॅक कलर की थॉंग्ज़ वाली पतली स्ट्रॅप वाली पनटी पहनी थी. जैसे ही मैने स्मेल की तो मुझे पता चल गया ये बिल्कुल फ्रेश वाली मम्मी ने अभी-अभी नहा कर पहनी थी. क्यूंकी उसमे अभी भी धुले हुए कपड़ों वाली महक आ रही थी.

फिर मम्मी ने अपने हाथो में थूक लिया, और अपनी मॅक्सी उठा कर अपनी टाँगो के बीच कुछ सेकेंड्स के लिए रब किया, और फिर पापा का लंड पकड़ कर उसको सेट करके उसके उपर बैठी गयी. दोस्तों यहा तक भी मुझे साइड से मम्मी की गोरी टांगे, और थाइस ही नज़र आ रही थी. फिर मम्मी मुझे देखते-देखते लंड पे राइड करने लगी, और मुझे इशारा किया की मैं भी अपने कपड़े उतार डू.

खैर अब तो इशारे भी समझ आने लगे थे, और वो समझते ही मैने मम्मी के सामने कपड़े उतारने शुरू किए, और बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया. इस बीच मम्मी की एक भी बार नज़र नही हटी थी. और पापा के उपर तो वो लंड पे बैठी हुई थी ही.

फिर मम्मी ने इशारा किया की मैं सोफा चेर पे बैठ जौ, और हिलने लागू. जैसे ही मैने अपना लंड हिलना शुरू किया, मम्मी पापा के उपर पूरी लेट गयी, और दोनो किस करते-करते सेक्स करने लगे.

पापा का हाथ बार-बार मम्मी की मॅक्सी उतारने के लिए बढ़ा. लेकिन मम्मी ने हर बार रोक दिया था. कुछ देर ऐसे चलने के बाद अचानक मम्मी लंड पे ही बैठी रही और रुक गयी.

पापा: क्या हुआ श्रुति? रुक क्यूँ गयी?

श्रुति: जान, मुझे ऐसा लगा की राहुल हमे च्छूप-च्छूप के देख रहा है.

सच बतौ तो मैं बिल्कुल टेन्षन में आ गया और हिलना रोक दिया, की कही भागना ना पद जाए.

पापा: ऐसा कुछ नही होगा जान. आज कल के बच्चो को प्राइवसी मिलती है, तो वो अपने कमरे में ही पॉर्न देख कर हिला कर सो जाते है. वैसे भी हॉस्टिल में रह कर आया है, तो ये सब तो सीख ही गया होगा.

श्रुति: लेकिन अगर वो हमे देख रहा होगा तो? और मुझे लग रहा है मैं आज भी दरवाज़ा लॉक करना भूल गयी.

पापा: कोई नई श्रुति, देखता है तो देखने दो. आख़िर उसे भी तो पता चले उसके मम्मी पापा आज भी रोमॅंटिक है, और उमर की वजह से बुड्ढे नही हुए (हेस्ट-हेस्ट).

फिर पापा ने इतना कहते ही मम्मी को प्यार से साइड में लिटा दिया, और खुद मम्मी के उपर आ गये. उसके बाद पापा ने एक हाथ नीचे ले जेया कर अपना लंड मम्मी की छूट में डाला, और पापा-मम्मी को मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगे. मुझे तो खैर ज़्यादा कुछ नही, इस बार मम्मी की गोरी-गोरी थाइस दिख रही थी, और पापा उपर थे तो उनकी गांद दिख रही थी. मम्मी ने मेरी तरफ देख कर आँख मारी और फिर पापा से पूछा-

श्रुति: अछा जी, मुझे तो लगा की आप उसको दांटोगे, चिल्लाओगे. आप तो काफ़ी चिल्ड पापा हो (पापा को लीप किस करते हुए), और अगर आपको कोई ऐतराज़ ही ना हो, तो मैं उसे कह देती हू की जब मॅन चाहे आ कर उसके मम्मी-पापा को देख सकता है (हेस्ट-हेस्ट मम्मी पापा से बातों-बातों में उनके ख़याल जानने की कोशिश कर रही थी).

पापा: अगर तुम्हे कोई ऐतराज़ नही तो मुझे क्यूँ प्राब्लम होगी भला.

इसी दौरान उनका सेक्स तो चालू ही था. धीरे-धीरे मैने देखा मम्मी पापा को ज़ोर से हग करने लगी, जैसे उन्हे अब सेक्स में मज़ा आने लगा था. दोनो काफ़ी सेक्सी-सेक्सी आवाज़े निकाल रहे थे.

मैं तो साइड से देख रहा था, लेकिन आज लाइट्स में इतने नज़दीक से देखने की वजह से मैं जल्दी ही झाड़ गया. ये मम्मी जान चुकी थी, लेकिन मैं देखता रहा. वहाँ उनकी ज़ोर-ज़ोर से चुदाई चालू ही थी. इतने में मम्मी ने उनका एक पैर पापा के उपर रॅप कर लिया.

मुझे तो मम्मी का अब तक कुछ भी देखने का मौका नही मिला था. लेकिन सच बतौ तो ऐसे आधा-आधा देखने का भी अलग ही मज़ा है. फिर थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई करते-करते मम्मी की मॅक्सी थोड़ी उपर उठ चुकी थी, और उनकी मस्त गोरी-गोरी आस को मैं साइड्स से देख पा रहा था. मतलब साइड व्यू दिख रहा था, और उपर से पापा थे की रुकने का नाम ही नही ले रहे थे.

काफ़ी देर तक ऐसे चुदाई करने के बाद मम्मी ने ज़ोर-ज़ोर से पापा की पीठ पे ताप किया. शायद ऐसा कुछ इशारा होगा की मम्मी संतुष्ट हो चुकी थी, जो उनके एक्सप्रेशन्स से और चेहरे की मुस्कान से समझ आ रहा था. उनके फेस पे हल्का-हल्का पसीना था और सांसो को नॉर्मल करने की कोशिश कर रही थी. इतने में पापा ने भी लंड बाहर निकाला, और हिलाते-हिलाते मम्मी के पेट पे पूरा पानी निकाल दिया. करीब 1 मिनिट बाद पापा मम्मी के उपर ही लेट गये, और दोनो एक-दूसरे को हग करने लगे.

इतने में मम्मी ने मुझे देखा और जाने का इशारा किया. जिसके बाद मैने अपने कपड़े उठाए, और हम सब सो गये.

तो दोस्तों आपको ये मा की चुदाई वाली कहानी कैसी लगी? मुझे कॉमेंट्स करके और नीचे दी गयी मैल ईद पे मैल करके ज़रूर बताए. शुक्रिया, आपके कॉमेंट्स और मैल का इंतेज़ार रहेगा.

यह कहानी भी पड़े  जीजी बहुत ही प्यारी है

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