पकड़े जाने के रिस्क पर बहन की चुदाई

तो मैने शिखा के बूब्स पकड़ कर उसे वही वॉशरूम की दीवार से सत्ता कर खड़ा कर दिया.

शिखा: यार भैया मान भी जाओ. सच में बहुत हरामी हो रहे हो आप. मेरी सुनते ही नही. यहा सब रिलेटिव्स है, कोई भी आया तो मा चुड जाएगी.

मैने गौर ही नही किया उसकी बात पर, और धीरे-धीरे बूब्स दबाने लगा. मैं उसके होंठो को चुम्मिया देने लगा. वो तोड़ा गुस्सा दिखा रही थी. फिर मैने एक हाथ से बूब दबाना चालू रखा, और एक हाथ धीमे से उसकी थाइस से घुमा कर छूट के उपर रख दिया कपड़ों के उपर से ही.

उसने आँखें बड़ी की, और मेरा हाथ पकड़ लिया. मुझे गुस्से से देखा, और ना में सिर हिलाया. मैने बूब्स छ्चोढ़ कर उसका गला पकड़ा, और उसके होंठो को किस किया, और फिर उन्हे चूसने लगा. 1-2 मिनिट में वो भी गरम होने लगी, और छूट वाले हाथ पर पकड़ ढीली हो गयी.

मैने उसकी ड्रेस उपर उतनी चालू कर दी. उसने दोनो हाथ मेरे सिर पर रखे, और आचे से मेरे होंठो को चूसने लगी, और एम्म एम्म करके आहें भरने लगी. अब मैने दोनो हाथो से उसकी ड्रेस उपर की, और अपनी पंत खोल कर लंड बाहर निकाला. फिर उसकी चड्डी को नीचे किया, और लंड पकड़ कर उसकी छूट पर रखा, और एक ही शॉट में दे मारा. उसने आहह करते हुए किस तोड़ी, और गुस्से से देख कर दबी आवाज़ में बोली-

शिखा: आहह मदारचोड़, मार दिया रे. आ भैया, माना किया था ना यार. और इतने टाइम से कोई लंड नही गया, तो अभी बहुत पाईं हो रहा है. उफफफ्फ़ मा, निकालो यार, नही कर पाएँगे अभी यहा.

मैने उसकी थाइस पकड़ी, और वही गोद में उठा लिया. अब वो दीवार से सट्टी, और मेरे गले में बाहें डाली, और छूट में लंड लिए गुस्से से देख रही थी. मैने लंड बाहर खींचा, और फिरसे दे मारा. उसने अपने होंठो को दबाया, और अपनी चीख कंट्रोल की.

शिखा: मान भी जाओ यार. हरामी मेरी मा मत छोड़ो भैया प्लीज़.

इतने में वॉशरूम में किसी के आने की आवाज़ आई. शिखा ने गुस्से में मेरे सीने पर मुक्का मारा.

शिखा (बहुत ही धीमी आवाज़ में): शीत भैया, मा चुड गयी अब पक्का. कोई आ गया है, अब पकड़े जाएँगे. माना किया था ना, पर नही.

वो बोले जेया रही थी, और मैने फिर एक शॉट पेल दिया छूट में. उसने एक्सपेक्ट नही किया था, सो एक दबी हुई चीख निकल गयी आअहह. फिर उसने जल्दी से अपना एक हाथ मूह पर रखा, और आवाज़ कंट्रोल की. अब वो भी समझ गयी थी की मैं क्या करने वाला था. इसलिए ना में सिर हिला कर मिन्नटे करने लगी.

मैने उसकी थाइस पर आचे से ग्रिप पकड़ी, और लंड धीरे-धीरे उपर अंदर-बाहर करने लगा. लंड अंदर जाता तो वो तोड़ा उपर खिसक जाती. अब मैने थोड़ी स्पीड पकड़ी, और लंड को तोड़ा स्पीड में अंदर-बाहर करने लगा. शिखा अपनी चीखें कंट्रोल कर रही थी, और गुस्से में मुझे देखते हुए अपनी छूट छुड़वा रही थी.

जब मैं डीप शॉर्ट मार देता, तो वो मुझे सीने पर मारने लगती. बहुत ही मज़ेदार चुदाई हो रही थी हम दोनो की. बाहर कोई दो आदमी दारू पीने के लिए आए थे. सो वो खड़े-खड़े किसी को गालियाँ बक रहे थे, और अंदर हम दोनो चुदाई का मज़ा ले रहे थे.

शिखा की हालत देखने लायक थी. एक तो छूट में लंड सता-सात अंदर-बाहर हो रहा था, और फिर पकड़े जाने का दर्र.

उसके फेस के एक्सप्रेशन्स देख कर मुझे इतना जोश आ रहा था, की साली को पटक कर छोड़ू. पर ना तो वाहा बेड था, ना पताकने की जगह. पर मैं लगा रहा उसे पेलने में.

फिर उसकी छूट से लंड निकाला, और गांद के च्छेद पर टीकाया, तो शिखा ने मुझे अपने पास खींच लिया.

शिखा: प्लीज़ प्लीज़ भैया, गांद नही प्लीज़ मेरे आचे भैया. प्लीज़ गांद नही, यहा नही. मेरी गांद फटत जाएगी, और चिल्लाई तो पकड़े जाएँगे. भैया प्लीज़ समझो यार. मज़े अपनी जगह पर है, सिचुयेशन भी तो देखो. मैं हाथ जोड़ती हू प्लीज़ नही. मान जाओ आज प्लीज़.

मैं उसकी सिचुयेशन देख हासणे लगा, और फिर वो भी मुझे सीने पर मार कर हासणे लगी. तक गया था उसे गोद में उठाए हुए, सो आराम से बिना आवाज़ किए उसे नीचे उतरा और पलट कर खड़ा किया.

शिखा: कितनी देर और भैया? गोली खा कर आए थे क्या छोड़ने के लिए भैया, सच बताना?

विवेक: अर्रे नही मेरी जान, कोई गोली नही खाई. वो तो बस इतने दीनो बाद मिली है छूट तेरी, और इतने दीनो से लंड तड़प रहा था. तो पूरी प्यास बुझा रहा है अपनी.

शिखा: अछा चलो अब जल्दी ख़तम करो प्लीज़. ज़्यादा देर गायब रहूंगी तो सब ढूंढ़ेंगे.

मैने पीछे से छूट में लंड पेला, और छोड़ने लगा. शिखा अपने होंठो को दांतो से दबाए हुए लंड के मज़े ले रही थी, और अपनी आहें कंट्रोल कर रही थी. उसने पीछे पलट कर मुझे देखा तो उसके होंठो को किस किया, और उसके होंठो को पीने लगा, और लंड पेलता रहा.

वो मेरे मूह में अपनी आ आहह एम्म एम्म छ्चोढने लगी. मैं भी लंड ज़ोर से पेलने लगा. शिखा के पैर काँपने लगे और वो झाड़ गयी. मैने अपने हाथो से उसके बूब्स पकड़े और लंड फिरसे पेल कर ज़ोरदार झटके दे-दे कर छोड़ने लगा. 5 मिनिट बाद मुझे लगा मेरा होने वाला था.

विवेक: शिखा मेरी जान, मेरा होने वाला है. पिएगी एनर्जी ड्रिंक अपना?

वो कुछ बोली नही और पलट कर कमोड पर बैठ गयी, और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर स्माइल करते हुए मुझे देखने लगी. उसने एक किस किया लंड पर, और गुप से निगल गयी पूरा लंड. उफ़फ्फ़ कितना तरसा था मेरा लंड इस मूह के लिए, इस गर्मी के लिए.

उसने अपने होंठ कस्स कर बंद किए, और पूरा लंड बाहर की तरफ किया. फिर अंदर की तरफ. फक बहनचोड़, ऐसा लगा जैसे छूट पेल रहा था. उसने आचे से लंड चूसा, और मैं झड़ने लगा. लंड का सारा माल उसने अपने मूह में भर लिया, और मुझे देखने लग गयी. मुझे देखते-देखते मेरा माल गतक गयी. फिर उसने चूस कर लंड सॉफ किया. वो खुश दिख रही थी काफ़ी.

शिखा: वैसे तो बहुत गुस्सा आया था आप पर भैया. पर बहनचोड़ छूट के झाड़ते ही सारा गुस्सा ख़तम हो गया. थॅंक्स भैया मेरी एक भी बात ना सुन कर मुझे छोड़ने के लिए. वरना तो सूखी छूट लेकर ही वापस कॉलेज जाना पड़ता.

अब हम दोनो वही बैठे इंतेज़ार में थे, की कब वो दोनो शराबी निकले तो हम निकले. करीब 10 मिनिट बाद वो दोनो गये. तो पहले मैं निकला, और चेक किया कोई और था या नही. फिर जब रास्ता सॉफ देखा, तो उसे निकाला.

उसे जाते देखा, और उस टाइट ड्रेस में उसकी गांद मटकती देखी, तो फिरसे मूड बन गया. पर पता था अब नही मिलेगी तो मॅन मार कर फ्लॅट पर वापस आ गया.

आयेज के आड्वेंचर्स आयेज के पार्ट में. तब तक हिलाते रहो.

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