पैसों के लिए सील तुड़वाने की मज़ेदार कहानी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुरभि है आंड ई होप आपको इस स्टोरी का पार्ट 1&2 पसंद आया होगा.

आपको जो स्टोरी बता रही हू वो एक फॅंटेसी है मेरी, जो मेरे अंदर बचपन से बोल्लयऊूद मूवीस देख के डेवेलप हुई. एस्पेशली ओल्ड मूवीस जिसमे महफ़िल में एक डॅन्सर जिसको अपने डॅन्स और आर्ट पर घमंड होता है, और वो डॅन्स करती है.

मेरे बारे में बता डू. मैं एक लोवर-मिड्ल क्लास फॅमिली से बिलॉंग करती हू. मेरे घर में पापा, मम्मी, दादा, और मेरी बड़ी सिस्टर है. मैं दिखने में फेर हू, आंड हाइट 5’1″ है. अभी का फिगर 32सी-30-34(पनटी) है.

मेरे अंदर भी ये फॅंटेसी थी, आंड मुझे डॅन्स का कक़फी शौंक है बचपन से. मैं भी चाहती थी की मधुरी के जैसे हरा सलवार कमीज़ पहन कर मार डाला पर डॅन्स करू.

बस उसी फॅंटेसी को सेक्स से जोड़ते हुए ये स्टोरी बनाई है. उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी. इफ़ ना भी आए, तो आप मैल पर बता देना, मैं नही लिखूँगी आयेज के पार्ट.

अब मोटी सेठ का काला लंड मेरे रेड लिपस्टिक लगे हुए होंठो से टकरा के अंदर जेया रहा था. कमरे के हर एक मर्द की नज़र मेरे बदन पर थी. सब अपने आप को मोटी सेठ इमॅजिन कर रहे थे, की इतनी कमसिन काली का मूह छोड़ने को मिले तो मज़ा आ जाए.

इतने में मोटी सेठ मेरे हेर्स को ज़ोर से पकड़ कर अपने पेट पर दबाता है, जिससे उसका लंड मेरे गले तक फील होता है, और मुझे मेरे गले के अंदर एक गरम गाढ़ा लिक्विड फील होता है, जो मेरे अंदर मेरे पेट तक जलन दे रहा था.

मैं हाथो से मार्टी हू, झटपटती हू, लेकिन वो हरामी मेरा सर नही छ्चोढता और हर एक बूँद मेरे पेट तक जाए ये मेक शुवर करता है.

अब मेरे मूह में उसका लंड छ्होटा हो गया था, आंड ढीला हो गया था, और वो बाल पकड़ के मेरा मूह पीछे करता है. इससे मेरे मूह से तोड़ा सा कम और लार गिरती है, जिसको देख वो हस्स के बोलता है-

मोटी सेठ: साली लीला भी ऐसे नही चूस्टी जैसे तूने चूसा है. पूरा सूखा दिया लंड.

और अपने दोस्तों को इशारा करके कहता है: देख क्या रहे हो? इसके मूह का मज़ा अलग है, छोड़ कर देखो.

अब किशोरे आता है और मुझे कहता है: चल लेट जेया.

मैं सीधा लेट जाती हू. अब मैं जिस कमर के बाल लेती थी उस पोज़ में इतने मर्दों के सामने, जो मैने सोचा था की अपने पति के सामने सुहाग के बिस्तर पर लेटुंगी. लेकिन आज ये सब मेरे सुहाग थे, और इन सब के सामने मेरी सुहग्रात.

किशोरे कुछ नया करता है. वो मेरे उपर आता है, लेकिन उसका मूह मेरी छूट पर और उसका लंड मेरे मूह पर था. और पहली बार कोई मर्द मेरी गरम गीली छूट पर अपने होंठ रखता है, जिससे मैं सिसकारी भारती हू. इससे कमरे के हर मर्द की आँखों में चमक आती है.

फिर प्रेम कहता है: साली एक-दूं गरम है, और रेडी है चूड़ने के लिए.

अब किशोरे लंड नीचे करके मेरे मूह में डाल देता है, और उधर मेरी छूट लीक कर रहा होता है. इससे मैं सब होश खो देती हू, की मैं कहा थी, और कितने मर्द थे. बस ऐसा लग रहा था, जैसे मैं सातवे आसमान पे थी. थोड़ी देर में मेरे पेट में अकड़न होती है, और मैं झाड़ जाती हू.

फिर किशोरे हास के कहता है: लो साली इतनी गरम है.

अब वो उठता है, और मेरे बाल पकड़ के मेरा मूह लंड पर लाता है, आंड मैं इस बार आयेज से सक करने लगती हू.

तभी मोटी सेठ कहता है: वाह किशोरे, साली तेरा लंड कैसे चूस रही है. हमारे में काँटे लगे है क्या?

किशोरे हस्स के बोलता है: साली को यौवन का तोड़ा सा सुख चखाया है, तो इतने मज़े से चूस रही है. अभी तो इसको औरत बनाना बाकी है. लेकिन कुछ भी कहो, साली लीला को टक्कर दे रही है चूसने में.

सब ज़ोर से हेस्ट है. तभी किशोरे मेरा सर पकड़ता है, और अपने थाइस में दबा लेता है, और एक और लंड मेरे मूह के अंदर डिसचार्ज होता है. इस बार फिरसे मेरे अंदर तक जलन होती है, और मैं झटपटती हू, जिसे देख के सब हेस्ट है.

अब मेरे फेस से सारा मेक उप उतार चुका होता है, बाल बिखरे हुए होते है, लिप्स आंड नेक पर कम के निशान और होंठो पर लिपस्टिक हॅट चुकी होती है.

जैसे ही किशोरे मुझे छ्चोढता है, मैं वही ज़मीन पर गिर जाती हू तक के. सब मर्दों की नज़र मेरे बदन पर थी, और सब मेरी टांगे खोल कर अपने मॅन में अपना लंड मेरी कुँवारी छूट में डाल कर जीवन भर के लिए मेरे यौवन पर उनका नाम लिख रहे थे.

तभी प्रेम कहता है: अब मेरी बारी. लेकिन इसका मूह तो इतना चुड गया है. मैं इसकी सील तोड़ूँगा.

और वो मेरी तरफ बढ़ता है. मैं दर्र जाती हू. तभी मोटी सेठ हरकत में आता है और कहता है-

मोटी सेठ: इस रंडी की सील तो मेरी है. पहले मैं फिर तू.

और ज़ोर से हस्ता है. मेरे बारे में, और मेरी सील के बारे में ये सुन के मुझे बहुत शरम आती है खुद पर. तभी सब नौकर लोग हूटिंग करते है मोटी सेठ के लिए.

उनमे से ड्राइवर बोलता है: सेठ जी, आप ही छोड़ो इस रंडी को. साली को पता तो चले की मर्द क्या चीज़ है. साली इतना भाव खा रही थी गाड़ी में बैठने से, जैसे कही की रानी हो. अभी देखो नंगी पड़ी है और इंतेज़ार कर रही है.

ये सुन के मोटी सेठ कहता है: जितना आटिट्यूड इसने दिखाया ना तुझे, उतनी ही चीखें निकालूँगा इसकी कुवारि छूट फाड़ के.

अब मोटी सेठ मेरी तरफ बढ़ता है और कहता है: डार्लिंग, अब अपनी मा की तरह आचे से टांगे खोल.

मैं लेग्स क्रॉस कर लेती हू, और कहती हू: प्लीज़ नही, वाहा नही.

इतने में मोटी सेठ गुस्से में आता है, और कहता है: पैसे लिए है, चल टांगे खोल. टांगे तो तू ही खोलेगी, और सब के सामने. वरना एक पैसा नही दूँगा.

ये सुन के मैं टेन्षन में आ कर टांगे खोलती हू, और मोटी सेठ मेरे शोल्डर्स पकड़ के खिड़की के सामने घुमा देता है. इससे सब मर्दों को मेरी शेव्ड कुवारि चमकती हुई छूट दिखती है.

कुछ नौकर कहते है: छूट देखो साली की, एक-दूं गुलाबी.

अब मोटी सेठ कपड़े उतारता है, और मैं देखती हू उसका लंड और बड़ा लग रहा था. वो मेरे उपर लेट जाता है, और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल कर किस करता है. उसके मूह से शराब की बदबू आ रही थी, और मैं उसका साथ नही देती. फिर वो मेरी टाँग को थाइ से पकड़ के हवा में करता है. उसके बाद वो मेरी छूट पर लंड रगड़ता है जिससे मैं मादक होती हू, और आँखें बंद कर लेती हू.

अब वो ऐसे ही लंड रगड़ता है, और थोड़ी देर में ना चाहते हुए भी मेरी छूट गीली होती है, और मोटी सेठ हसा के कहता है-

मोटी सेठ: क्या हुआ साली? अभी तो नाटक कर रही थी. लेकिन तेरी छूट तो एक-दूं रेडी है इस लंड के लिए.

मैं शर्मा के मूह फेर लेती हू, और सब मर्द हेस्ट है. अब मोटी सेठ बॉडीगार्ड को इशारा करता है, और दोनो बॉडीगार्ड्स मेरे टांगे पकड़ के हवा में करते है, और इतना खोलते है मेरी टाँगो को, की मोटी सेठ को बस एक धक्का देना था, और उसका लंड मेरे अंदर.

अब मोटी सेठ ज़्यादा देर ना करते हुए अपनी कमर हिलता है, और एक ज़ोर से धक्का देता है. और धक्के के साथ ही कमरे में मेरी चीख सुनाई देती है-

मैं: आआआआः मुम्मा, एयाया निकालो आआआः.

और मेरे आँसू आ जाते है.

मोटी सेठ कहता है: वाह साली कितनी टाइट है. इतनी टाइट तो आज तक नही ली.

और एक और धक्का देता है, जिससे मेरी और चीख निकलती है. लेकिन वो नही मानता, और धक्के देते रहता है, और उसका पूरा लंड मेरी कुवारि छूट की सील फाड़ता हुआ मेरे गर्भ में जेया कर टकराता है. मेरी हालत ऐसे रहती है, जैसे किसी ने मेरी छूट सिसर से काट दी हो.

अब वो किस करता है, और कहता है: लीला ने क्या माल जाना है.

थोड़े देर वैसे रहने के बाद जैसे ही मेरा पाईं कम होता है, अब वो पुश करना शुरू करता है. फिर थोड़ी देर में उसका आराम से अंदर-बाहर होता है, आंड मैं भी धीरे-धीरे मूड में आती हू, और हर पुश का साथ देती हू.

अब कमरे में मेरी यंग चिकनी गोरी थाइस से उसकी मज़बूत काले बालों से भारी थाइ के टकराने से पच-पच की आवाज़ आ रही थी. और साथ में हर पुश में मेरे मूह से निकली सिसकियों ”अया, अफ, आउच, आ धीरे करो प्लीज़” की आवाज़ आ रही थी.

मैं अब नज़र फेरती हू कमरे में. सब मर्द कपड़े उतार चुके थे, और बाहर भी सब के तनने हुए लंड दिख रहे थे, ख़ास कर बॉडीगार्ड्स के. मेरी नज़र उस 10 इंच के लंड पर जेया रुकती थी, जिसे देख कर मोटी सेठ एक ज़ोर से धक्का देता है, और मैं कहती हू-

मैं: अया, क्या कर रहे हो?

और उसकी तरफ देखती हू. तभी मोटी सेठ चिल्ला के बोलता है-

मोटी सेठ: साली बड़े लंड लेगी? कैसे घूर रही है. टेन्षन मत ले, आज वो भी जाएगा तेरी छूट में. ताकि कल तू चलने लायक ना रहे, और तेरी मा लेने आए अपनी बेटी को.

और मीं शरम से पानी-पानी हो जाती हू. मैने ये सोचा की मैं कितनी बेशरम हू. खैर अब औरत हू क्या करू. मोटी सेठ 2-3 धक्के बाद कहता है-

मोटी सेठ: ले मेरा पानी तेरे अंदर.

और झाड़ जाता है. मेरी छूट में फर्स्ट टाइम एक गरम लावा जैसा लिक्विड जो पूरी छूट को जला रहा था फील होता है. लेकिन साथ में मुझे औरत होने के एहसास और मेरी कमी को पूरा करता है.

झाड़ते ही मोटी सेठ मेरे उपर गिर जाता है, और फिर लंड निकालता है तो लंड पर उसका पानी और खून लगा था. वो इसकी फोटो लेता है. मेरी छूट पर नीचे से स्वेल्लिंग हो चुकी थी, और उस पर ब्लड के निशान थे, यानी मेरी सील टूटने का प्रूफ.

मोटी सेठ कहता है: लीला को दिखौँगा की उसकी बेटी की सील किसने तोड़ी.

अब मैं वही ऐसे टांगे खोल के पड़ी रहती हू, मेरी चिकनी छूट चमक रही थी खून और वीर्या के निशान से. इतने में किशोरे आता है, और कहता है-

किशोरे: अभी तो रात शुरू हुई है रानी. काफ़ी मर्दों का बिस्तर गरम करना है तुझे.

मैं कहती हू: नही, तोड़ा रुक जाओ प्लीज़.

इतने में वो मेरी कमर पकड़ के घुमा देता है. अब मैं पेट के बाल लेती थी, और मेरी गोरी-गोरी सॉफ्ट आस उसके और सब मर्दों की तरफ थी, जो की थोड़ी देर पहले हर मर्द ल़हेंगा में से मटकती हुई देख रहा था.

अब किशोरे कहता है: अब बनेगी तू घोड़ी.

और इतने में वो मुझे कमर से खींच के डॉगी बना देता है. अब मेरे बूब्स एक-दूं गाए जैसे लटक रहे थे, और मेरी गांद उसके लंड पर टच हो रही थी.

किशोरे मेरे बाल पकड़ता है और लंड अड्जस्ट करके एक झकता देता है, और मैं चिल्लती हू-

मैं: अयाया माआ मॅर गयी, निकालो इसको उफ़फ्फ़.

मेरी छूट में बहुत दर्द हो रहा होता है, आंड जलन भी. मैं बस ये दुआ कर रही थी की कैसे भी ये मेरे अंदर से बाहर आ जाए. लेकिन वो कमीना हर एक पुश में उसको मेरे गर्भ में और अंदर डाले जेया रहा था.

अब वो मेरे बाल छ्चोढता है, और मैं राहत की साँस लेती हू. लेकिन तभी मेरी छ्होटी सी गोरी गांद पर एक ज़ोर से थप्पड़ पड़ता है, और मैं दर्द में आआआआः करके चिल्लती हू, और सब हेस्ट है.

किशोरे सब को कहता है: देखो तो साली कितनी गोरी है. एक थप्पड़ में लाल हो गयी है गांद.

मैं बस वाहा घोड़ी बनी हुई एक रंडी जैसे पैसों के लिए उन मर्दों का लंड ले रही थी. जिन्होने ना जाने कितनी बार मेरी मा को भी घोड़ी बनाया, और ना जाने कितनो के सामने. मैं सारी शरम भूल कर वही रंडी बन चुकी थी.

अब मेरी कमर पकड़ के वो मशीन के जैसे धक्के देना स्टार्ट कर देता है. मेरी बॉडी का रोम-रोम उसके धक्को के साथ हिल रहा था. बूब्स हवा में तेज़ी से हिल रहे थे, मेरी थाइस दर्द कर रही थी. मेरी आस लाल हो चुकी थी. हर एक पुश पर उसकी बॉल्स मेरी आस पर टकराती है.

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