Pahli Girlfriend Ki Pahli Chut Chudai

ज्यादा देर न करते हुए मैंने उसके दोनों चूचे ज़ोर से भींच लिए और लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ज़ोर का धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड उसकी मखमली चूत को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया।
उस वक़्त मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैंने अपना लौड़ा किसी जलती हुई भट्टी में डाल दिया हो।

और वो भी धक्का लगते ही ऊपर को सरक गई पर मैंने उसको कस कर पकड़ लिया जिससे लौड़ा चूत के अंदर ही रहे।
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वो रोने लगी, उसकी आँखों से दोनों तरफ आंसू बहने लगे थे और बोल रही थी- प्लीज़ अपना लौड़ा बाहर निकाल लो! मुझे नहीं चुदना, मुझे बहुत तेज़ दर्द हो रहा है।

मुझे पता था कि अगर इस वक़्त लौड़ा बाहर निकाल लिया तो फिर यह लड़की कभी मेरे लंड के नीचे नहीं आएगी।
मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और लंड को बिना हिलाये ऐसे ही उसे चूमता रहा और उसको समझाने लगा- थोड़ा सब्र रखो, कुछ ही देर में सब ठीक हो जाएगा!

वो दर्द के मारे छटपटा रही थी पर मैंने भी उसको छोड़ा नहीं और उसको चूमता रहा और उसकी चूचियों को भींचने लगा। फिर थोड़ी देर बाद वो कुछ नार्मल सी होने लगी थी तो मैंने भी धीरे धीरे अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया था।

और मैंने फिर मौका देखकर अपना लौड़ा हल्का सा बाहर को खींचा और पूरी जान लगा कर एक और तगड़ा धक्का लगा दिया जिससे मेरा लौड़ा उसकी गर्म गर्म चूत में बिल्कुल अंदर तक चला गया।

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वो अचानक से हुए इस हमले से बिल्कुल हिल गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, चीखने चिल्लाने लगी तो मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को जकड़ लिया और उसने लंड को अपनी चूत से बाहर निकालने की खूब कोशिश की पर मैंने उसको कस कर पकड़ रखा था जिससे वो निकल नहीं पाई और उसने भी मेरी कमर में अपने नाखून गड़ा दिए थे पर मैंने भी उसे नही छोड़ा।

और ऐसे ही लंड को बिना हिलाये उसके होंठों को चूमने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा।
कुछ देर बाद उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दूसरी को हाथ से धीरे धीरे दबाने लगा।

थोड़ी ही देर बाद उसका दर्द कम होने लगा और वो अब अपनी कमर को नीचे से हल्के-2 हिलाने लगी थी तो मैंने भी अपने लंड को हल्के हल्के हिलाना शुरू कर दिया और फिर धीरे धीरे अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाने लगा।

अब उसका भी दर्द काफी कम हो चुका था और अब वो दर्द मजे में बदलने लगा था और उसके मुँह से आअह्ह्ह… आअह्ह ह्हह्हह… इस्सस्स स्सस्सस आह्ह्ह ह्ह्ह्ह्… म्म्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह… ऊऊह्हह… ऊओह्ह की मादक आवाज़ें निकलने लगी थी।

मैंने अब अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी जिससे कमरे में हम दोनों की चुदाई करने की आवाज आ रही थी पर मेरा ध्यान तो बस उसकी चूत चोदने पर था।

कुछ ही देर में उसका बदन अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि यह लड़की अब झड़ने वाली है और वो झटके खा खा कर ज़ोर ज़ोर से झड़ने लगी, उसने मुझे कस कर भींच लिया था तो मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी, मैं उसकी चूत में तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगा।

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15-20 धक्कों के बाद मेरा भी लंड झड़ने वाला था तो मैंने उसको पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो!

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