पहली चुदाई मैंने अपनी टीचर के साथ की

फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उनको किस करते हुए उनके 34 के चुची दबाने लगा और वो भी अब पूरी गर्म हो चुकी थी। और आहें भर रही थी।
मैंने उनके ब्रा के हुक को खोल दिया और उनकी चुची को आज़ाद कर दिया। मेरी आँखें चमक उठी और मैं उनकी चुची पर टूट पड़ा। उनकी एक चुची को मैं दबाने लगा और दूसरी को चूसने लगा। वो काफी बड़ी थी, सॉफ्ट और कसी हुई भी।

मैं- तुम्हारी चुची बहुत मस्त हैं रुखसाना। मन ही नहीं करता छोड़ने को!
वो- आह आह… तो फिर चूसते रह ना मैंने थोड़ी रोका जय!
मैंने उनके निप्पल को काटा तो वो बोली- आउच… बड़े बेशर्म हो तुम जय!

फिर मैंने चुची दबाते हुए मैम के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसको उतार दिया। उसने मेरी शर्ट को भी उतार दिया। मेरा लंड कब से खड़ा होकर सलामी दे रहा था। अब उनके पीछे जाकर मैंने उनको गोद में बिठाया और उनकी चुची दबाने लगा और उनकी गांड पर मेरे लंड का उभार महसूस हो रहा था उनको।

फिर वो मुझसे अलग हुई, मेरा पैंट उतार दिया और मेरी चड्डी में से मेरे लंड को निकाल कर अपने मुंह में रखते हुए बोली- ये तो काफी बड़ा है, मजा आएगा।
यह कहकर वो उसको चूसने लगी।

मेरे मुँह से आह आह की आवाज़ निकल रही थी, मैम ऐसे चूस रही थी जैसे उसको इसमें महारथ हासिल हो।
मैंने उनका सर पकड़ा और स्पीड बढ़ा दी। मुझे काफी मजा आ रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ।

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मैं झड़ने वाला था तो उसे बोला, तो उसने मुँह में ही झड़ने को बोला। और मैं झड़ गया, वो मेरा माल पी गई, मेरे लंड को चाट चाट के साफ़ कर दिया।

मैं- तुम तो बहुत अच्छा चूसती हो मैडम, मजा आ गया!
वो- अब तुम मुझे सिर्फ रुखसाना ही कहो क्योंकि अब हम दोनों के बीच टीचर स्टूडेंट की सीमा टूट गई है। और तुम्हारा लंड काफी बड़ा है। इतना तो मेरे शौहर का भी नहीं है। आज लंड चूसने का मजा आया।

कहानी जारी रहेगी।

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