पहले प्यार का पहला सच्चा अनुभव-1

ऐसा पूछने में कोमल की आवाज में एक अलग सी बेसब्री की सी फीलिंग आ रही थी, जैसे कोई वो किसी चीज मिलते मिलते रह गई हो!
उसने दोबारा मुझे अपने ऊपर खींचा, अबकी बार कोमल ने मुझे थोड़ा सा जोर से भींच कर अपनी ऊपर खींचा जैसे कोई मुझे यह पूछ रही हो कि आपने मुझे ऐसे क्यों छोड़ा!

फिर मैंने भी प्यार जताते हुए कहा- ओ के जान, आई लव यू… आई लव यू… आई लव यू!
कोमल ने भी ‘आई लव यू टू!’ कहा और हम एक दूसरे से लिपट गए।

क्या पल था… क्या समय था… जब से होश संभाला, तब से चाह थी कि किसी प्यार करने वाली लड़की से लिपटूँ, किस करूँ, आज मुझे वो पल मिले!

मैंने अपने होंठ कोमल के नर्म नर्म गुलाब की पंखड़ियों से होंठों पर रख दिए और होंठों का रसपान करने लगा। एकदम झनझनाहट सी हुई दोनों के शरीर में कम्पकपी सी छुटी, एक अलग अनुभव… जो आज तक नहीं हुआ था, एक अलग सा मजा जिसका कोई नाम नहीं बस मुख से एक कामुक सी आवाज निकली- शीह आहः उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीं हां हआ ओअहा आहः हा ओह

फिर मैंने अपनी जीभ को कोमल के मुँह में डाल दी और कोमल ने उसे खूब चूसा, फिर कोमल ने अपनी जीभ मेरे हवाले कर दी, मैंने जी भर कर कोमल की जीभ को चूसा।
उस समय हमें ये नहीं मालूम हो रहा था कि साँस ले कौन रहा है और छोड़ कौन रहा है क्योंकि आनन्द ही इतना आ रहा था जिसका कोई ठिकाना नहीं था।

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हमारी आँखे बंद हो गई, चाह कर भी नहीं खोल पा रहे थे हम दोनों!

धीरे धीरे मेरे हाथ अपने आप कोमल की चुची पर चले गए, मैं हौले हौले शर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा और कोमल हल्का हल्का सा छटपटाने लगी और विरोध सा करने लगी पर मैंने कोई जल्दबाजी नहीं की, अपना हाथ हटा लिया क्योंकि लड़की की मर्जी के खिलाफ कुछ भी करना गलत है।

अब कोमल उठ कर बाहर चली गई तो मैंने सोचा कि अब सोने में ही भलाई है।
कहानी जारी रहेगी।

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