पड़ौसी का फर्ज़

हाई फ्रेंड्स, आइ एम दीपक, मैं मुंबई मे रहता हूँ ओर मेरे घर के पास मे ही एक घर मे छोटा सा क्लीनिक है, क्लीनिक नीचे है ओर उपर के हिस्से मे क्लीनिक के डाक्टर रहते है, उनका नाम सुनील है, उनके उम्र कोई ३०-३२ के आस पास होगे, उनके पहले एक शादी हो चुके थी लेकीन उनके बीच मे डाइवोर्स भी हो चुका था

अभी १ साल पहले उन्होने दुसरी शादी की है अपने पसंद से, उनके वाइफ सच मे बहुत खूबसूरत है, क्योंकी उनका घर मेरे घर के बगल मे ही है तो मैं अक्सर उनको देख हे लेता हूँ, शादी के बाद ४-६ महीने तक तो वो घर से बाहर आती ही नही थी लेकीन धीरे धीरे आने लगी है,

उनके घर मे हज़्बेंड वाइफ ओर एक नौकरानी रहते है, सुनील कहने को है तो डाक्टर लेकीन बहुत ही पतले दुबले आदमी है, ओर उनकी वाइफ उनकी अपोजिट है उनका जिस्म बहुत ही हेल्ती है, ओर उनके बूब्स की उचाईयां उनकी खूबसूरती को ओर भी बढ़ा देती है. चुकी वो घर के बगल मे रहते थी इसलिए बात चीत तो होते ही रहती थी, मैं उन्हें स्वाती भाभी कहता था.

शादी के कुछ दीनो तक तो सब कुछ नॉर्मल था लेकीन कुछ ही टाइम के बाद उन दोनो मे टेंशन होने लगी थी. हां एक बार ओर बता दूं की उनकी छत मेरी छत के बराबर है लेकीन उनकी छत पर भी एक रुम बना हुआ है, अभी ३ महीने पहले की बात है गरमियों मे हमलोग छत के उपर सोने चले जाते थे, एक दिन मैं जब छत पर सोने गया तो देखा की बगल की छत पर डाक्टर साहब की वाइफ (उनका नाम स्वाती था) छत पर खडी थी, उस टाइम उन्होने नाइटी पहन रखी थी, बहुत हलकी नाइटी थी, जिससे उनके सरीर के अंदर भी देखा जा सकता था, लेकीन छत पर रौशनी कम होने की वजह से मैं उनके शरीर को ठीख से देख नही पा रह था.

तब मैंने उनसे पूछा कि- स्वाती भाभी खाना खा लिया आपलोगों ने! तो उन्होने कहा- हां खाना तो हो गया है बस सोने की तयारी हो रहे है, तब मैंने पूछा कि क्या आप लोग छत पर ही सोते है. तब उन्होने कहा- हां, कभी कभी जब गरमी जयादा होते है तो छत पर ही सोते है. मैं कहा कि सुनील भाई कहाँ है क्या वो नीचे है या कही गए है, तो उन्होने कहा कि वो तो अपनी सिस्टर के यहाँ गए हुए है वो कल मोर्नींग मे आएंगे, तब मैंने कहा तो क्या आप घर मे अकेले है… बोली-हां, तब मैंने कहा कि क्या आपको अकेले डर नही लगता है… तब स्वाती भाभी ने कहा कि नीचे डर लग रह था तो छत पर चली आई, ओर अब नींद भी नही आ रही है… मैंने कहा नींद तो मुझे भी नही आ रही है, तब उन्होने कहा की मेरी छत पर आ जाये थोड़े देर बैठ कर बाते करते है उसके बाद जब नींद आने लगे तो चले जाइयेगा ओर मैं उनके छत पर चला गया.

उन्होने रुम के अंदर से एक फोल्दींग बेड निकला ओर कहा की बैठिए, बैठ कर बाते करते है. ओर मैं फोल्दींग बेड पर बैठ गया. वो मेरे बगल मे आकर बैठ गई ओर हम लोग पहले तो ऐसे ही बाते करते रहे, फिर अच्चानक उन्होने पूछा की ये बताइए आप की कितनी गर्ल फ्रेंड्स है, मैंने कहा – कि अगर सच बताऊ तो मेरी गर्ल फ्रेंड एक भी नही है, तब उन्होने पूछा की- इसका मतलब आपने कभी लाइफ मे ऎन्जॉय नही कीया है, मैंने कहा नही ऐसे बात नही है, लाइफ मे ऎन्जॉय तो बहुत कीया है. तो फीर वो बोली किस तेरह का ऎन्जॉय किया है जरा हमे भी तो बताये- उनके सवाल को सुनकर मैं थोडा शर्मा गया ओर अपना सर नीचे झुका लीया, तो बडे प्यारे से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहा- अरे तुम तो मुझसे शर्मा रहे हो, तुम तो मुझे भाभी कहते हो तो फिर मुझसे कैसी शर्म… उनका हाथ धीरे धीरे मेरे सर से मेरे गालो पर आ गया था वो बडे प्यार से मेरे गालो पर अपना हाथ फेर रही थी, उनके हाथ बहुत ही सॉफ्ट थे, जब उन्होने मेरे गालो को टच कीया तो मेरे अंदर एक अजीब से सनसनी होने लगी ओर मैं थोडा सा पीछे हटकर बैठ गया ओर समझ गई की मैं शर्मा रहा हूँ, तब उन्होने फिर पूछा की क्या आपने कभी कीसी लडकी या औरत को नंगा देखा है तो मैंने कहा- हां देखा तो है, लेकीन कभी जीं भर कर नही देख पाया, ओर वैसे तो अडल्ट मूवीस मे कितनी बार देखा है लेकीन जो मजा सामने सामने देखने मे है वो मूवी मे कहाँ, मेरी बाते सुनकर वो हसते हुए बोले – बाते तो बहुत अच्छे करते है आप.

मैं कहा की अगर आप जैसी खूबसूरत औरत सामने हो तो बाते खुद ही अच्छी हो जाती है. बाते करते करते स्वाती भाभी का हाथ मेरे गालो से होते हुए मेरे सीने तक आ गया था ओर वो मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए बडे प्यार से बोली – क्या तुमने कभी कीसी के साथ चुदाई की है. स्वाती भाभी के मुह से अचानक चुदाई जैसे शब्द सुनकर मैं तो चौक गया, ओर घबरा कर मैंने अपना सर नीचे कर लीया, उसके बाद वो मेरी जान्घो पर हाथ फेरते हुए बोली- मैं बहुत दीनो से अकेली हूँ, क्या आप मेरा साथ देंगे, तब मैंने पहले बार भाभी की आंखो मे आंख डालकर उनकी तेरफ देखा सच मे उनके चहरे मे अजीब ही कशिश थी उस वक़्त… मैं बिना कुछ कहे भाभी के चहरे को अपने हाथो से अपनी तेरफ खीचते हुए उनको होंठो पर किस कीया, तो उन्होने अपनी आंखें बंद करके अपने आप को बिल्कुल फ्री छोड़ दीया, तब मैं समझ गया की आज की रात जन्नत की सेर करने को मेलेगी… फीर मैं बडे आराम से स्वाती भाभी के होटों को चूसने लगा ओर अपने हाथ उनके बालो मे फेरने लगा मैं बहुत मजे से उनके होंठो को चूस रहा था फीर भाभी ने धीरे से अपने आंखे खोल दी ओर मेरे मुह मे अपने जीभ देकर बहुत मजे से मेरे होटो को चूसना स्टार्ट कर दीया ओर अपने हाथ से मेरी जाँगो का सहलाने लगी, स्वाती भाभी की नाइटी बहुत ही हलकी थी जिससे मुझसे उनका पुरा जीस्म अब साफ साफ देख रह था, फीर मैंने अपने हाथ उनके बालो से हटाकर उनकी चुचीयो पर रखकर उनको सहलाने लगा तो वो हलके से आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् जोर से दाबो ओर फीर मैं बीना कुछ कहे उनकी चुचीयो को जोर से दबाते हुए उनकी नाइटी के उपर का हीस्सा नीचे कर दीया ओर अब उनके चुचीया मेरी आंखो के सामने थी, बड़ी बड़ी चुचीया ओर उसके गुलाबी निप्पल को देखकर तो मैं अपने काबू मे नही रहा ओर जल्दी से उनकी चुचियो को अपने होटो से चूसने लगा, पहले तो मैं उनके निप्पल केसाथ खेलता रहा ओर फीर जब मैंने उनकी चूचियों को चूसना स्टार्ट कीया तो वो आआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्छ ओर जोर से चुसो पुरा रस चूस लो , ओर जोर से आआआआऊऊ फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ाआआअ चूसते रहो.

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उनके चुचीया इतनी अच्छी थी की क्या बताऊ मैं उनको बहुत देर तक चूसता रह फीर मैं अपना हाथ उनकी चुत पर उपर से रखा ओर उनके चुत को हल्का हल्का सहलाने लगा, थोड़े देर मे ही मुझे अह्सास हुआ कि उनके चुत गीली हो चुकी है फीर मैं बिना टाइम वेस्ट किए मैंने पुरी नाइटी खोल दी, मैं जैसे ही नाइटी खोली तो स्वाती भाभी बोल- यहाँ नही रुम मे चलो यहाँ कीसी ने देख लिए तो मेरे लिए तो बहुत मुशीबत हो जाएगी.

मैंने कहा ठीक है ओर फीर मैंने उनको अपने गोद मे उठाकर अंदर के रुम मे ले गया, अंदर बेड पड़ा था, उसके बगल मे एक टेबल रखी थी जिस पर कुछ अडल्ट बुक्स रखी थी, नंगी चुदाई की तस्वीर थी उसमे, तो मैं पूछा की क्या आपने रखी है तो वो बोल नही, सुनील का लंड इतनी जल्दी खड़ा नही होता है तो वो ये देखकर अपना लंड खड़ा करते है ओर फीर २ मिनट मे हलके हो जाते है.

फीर मैं बिना कुछ बोले उनको बेड पर लीटा कर उनके बगल मे जाकर उनकी चुचीया फीर से चूसने लगा ओर वो मेरे सर को अपने चुचीयो पर जोर से दबा राहे थी ओर बदबदा रही थी चूस लो आज पुरा चूस लो आया आआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ चूसते रहो. अब स्वाती भाभी पुरी तेरह से मस्त हो चुकी थी, मैंने बिना टाइम वेस्ट कीये उनकी चुत को अपने हाथो से सहलाने लगा ओर फीर धीरे से एक ऊँगली उनकी चुत के अंदर डाल दीया, उनकी चुत पुरी तेरह से गील्ली थी इसलिए मेरी पुरी ऊँगली अंदर चली गई फीर मैंने २-३ ऊँगली एक साथ अंदर डाली लेकीन चुत गील्ली होने की वजह से वो भी बडे आराम से अंदर चली गई अब मैं अपनी ऊँगली उनकी चुत मे अंदर बाहर करने लगा तो उन्होने मेरे हाथ को पकड़ कर रोक दीया तो मैं समझ गया की भाभी कुछ जयादा एग्ज़ाइटेड हो गई है फीर मैंने झट से अपना मुह भाभी की सॉफ्ट ओर मुलायम चुत पर रख कर पहले तो चुत के चारो तरफ कीस कीया ओर फीर हलके से जीभ निकालकर भाभी की चुत के छेद पर लाकर उसे चूसने लगा भाभी पुरी एग्ज़ाइटेड होकर उन्होने मेरे मुह को अपनी चुत पर जोर से दबाते हुए हलके से धक्के मारते हुए बोले जा रही थी आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् मजा आ रहा है ऐसे ही चूसते रहो ऊऊऊऊऊऊऊऊफ़्फ़्फ़् फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ओर जोर से ओर जोर से ऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ चूस लो मेरी चुत को पुरा रस चूस लो ओर मैं ओर जोर जोर से उनके चुत को चूसने लगा ओर स्वाती भाभी धक्के लगा लगाकर मेरा साथ दे रही थी तभी अचानक भाभी के धक्को की स्पीड तेज हो गई ओर ऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआआआआआआअ आःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह्ह्छ ओर अपने हाथ से मेरे मुह को अपनी चुत मे जोर से दबा दीया ओर फीर देखते ही देखते भाभी हलकी हो गई .. उनकी चुत से निकलने वाले रस को मैंने बडे मजे से पुरा चूस लीया वो वोइसे ही लेटी हुई थी.

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मैं उनके बगल मे जा कर लेट गया, फीर वो मेरी तेरफ घूमी ओर मेरी बनियान को मेरे शरीर से अलाग कर दीया ओर मेरे पाजामे को भी अब मेरा लंड पुरी तेरह से टाइट होकर आज़ाद हो गया था, भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथो मे लेते हुए बोला लंड हो तो ऐसा, देखते ही मजा आ गया. ओर फीर वो हलके हलके मेरे लंड को हिलाने लगे. ओर फीर मेरे उपर आकर मेरे सीने पर कीस करने लगी तो मैं ओर भी जयादा एग्ज़ाइटेड होकर उनसे लिपट गया पहले वो मेरे सीने पर कीस करती रही फीर वो कीस करते करते मेरे पेट ओर फीर मेरी जाँघो पर कीस करने लगी ओर फीर मेरे लंड को अपने हाथो से हिलाते हुए अपने मुह के पास ले जाकर मेरे लंड पर एक कीस कर लीया, उनके होटो का स्पर्श पा कर तो मानो मेरा लंड ओर भी जयादा टाइट हो गया फीर बडे प्यार से स्वाती ने अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरे लंड पर फिराने लगी जब वो अपनी जीभ मेरे लंड पर फिरा रही थी तब तो मैं अपने काबू से बाहर होने लगा था, तब उन्होने मेरी हालत देखकर मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर उसे चूसने लगी, पहले तो उन्होने मेरा आधे लंड को अपने मुह मे लीया फीर मैंने एक झटका मारा की मेरा पुरा लंड उनके मुह मे घुस गया ओर वो गूगूऊऊ करने लगी फीर मैंने थोडा से लंड बाहर निकाला तो भाभी अपनी जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी अब मेरा कण्ट्रोल खोने लगा था ओर लगा कि अब झाड़ जाऊँगा तभी भाभी ने लंड को अपने मुह से निकाल कर मुझे देखते हुए बोल अच्छा लग रहा है या नही.

मैंने कहा बहुत अच्छा लग रहा है ओर फीर मैंने उनको अपने उपर खीच लिया ओर उनके होटो पर जोर से कीस करने लगा ओर फीर उनको अपने नीच करके मैं उनके दोनो पैरो के बीच मे जा कर उनके दोनो पैरो को उठकर अपने कंधे पर रख लिया अब उनकी चुत का छेद बिल्कुल मेरे लंड के सामने था. फीर मैं भाभी की चुत मे पहले २ ऊँगली डाल कर उसे अंदर बाहर करने लगा.

फीर मैंने अपनी ऊँगली निकालकर उनकी चुत के छेद पर अपना लंड रखकर के जोर का धक्का मारा तो मेरा पुरा लंड भाभी की चुत मे चला गया ओर जोर से चिल्ला उठी ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ आआआ मर्र्र्र्र्र्र्र्र गए ऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ ऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआआआआआआअ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ हा मर गई मैं, मैंने फीर जोर का एक झटका ओर मारा ओर अपने लंड को उनकी चुत मे अंदर डालकर २ मिनट ऐसे ही रूक गया ओर वो आआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्हाआआआआआअ आआआआआआआआ अ फीर वो धीरे धीरे सिसकने लगी व्व्व्व्व्व्व्व्व्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ अआया उसके बाद मैंने अपने लंड को थोडा सा बाहर निकालकर फीर से धक्का मारा तो भाभी कह उठी हां दीपक फाड़ दो मेरी चुत को आज, २ महीने से प्यासी हू मेरी चुत की प्यास भुजा दो साहिल, ओर जोर से चोदो मेरी चूत को, ये सुनकर मेरे अंदर ओर जोश आ गया ओर मैं ओर जोर से उनकी चुत को चोदने लगा ओर स्वाती भी अपना क़मर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी फीर थोड़ी देर बाद उनकी कमर उपर उठाने की स्पीड बहुत तेज होकर बंद हो गई तो मैं समझ गया की स्वाती झाड़ चुकी है लेकीन मैं नही झाड़ा था ओर मैं जोर जोर से उनकी चुत मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा ओर फीर थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने के स्टेज मे आ गया तो मैंने उनसे कहा कि मैं झड़ने वाला हू तो उन्होने कहा कि कोई बात नही अपना वीर्य मेरी चुत मे ही गिरा दो ओर फीर मैं देखते ही देखते झाड़ गया. झड़ने के बाद २-४ मिनट तक तो मैं उनके उपर ही लेटा रहा फीर उठ कर बगल मे आकर लेट गया तो स्वाती ने अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ कीया ओर फीर वो बाथरूम चली गई. मैं वही थोड़ी देर तक तो लेटा रहा ओर जब स्वाती आई तो मैंने कहा की मैं अब अपनी छत पर जा रहा हूँ ओर जब घड़ी की तेरफ देखा तो ३.३० बजे थे.

ओर मैं अपने छत पर जाने लगा तो स्वाती ने कहा कि आप रोज रात मे छत पर ही सोते है. मैंने कहा कभी कभी आ जाता हूँ. तो वो बोली कल फीर आना रात को छत पर तो मैंने कहा ठीक है लेकीन मेरी एक बात मानेंगे, तो स्वाती बोली क्या- मैंने कहा कि जब आपकी चुत इतनी मस्त है तो आपकी गांड कैसी होगे, मैं आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ तो हँस कर बोली-बस इतनी सी बात तो मैंने कहा कि क्या सुनील भाई ने कभी आपकी गांड मारी है तो वो बोली अरे वो ठीक से चोद तो पाते नही है तो गांड क्या मारेंगे. ओर ये कहते हुए मुझे अपनी तरफ खीच कर मेरे होटो पर कीस कर लिया.

दोस्तो उम्मीद करता हूँ कि आपको ये कहानी पसंद आई होगी



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