पडोसी की बीवी को बड़ा हथियार दिया

padosan-ko-bade-lund-se-chodaमेरा नाम गणेश हे और मैं कुछ हफ्तों पहले ही एक नए डुप्लेक्स में मूव किया हे. और ये सब तब चालु हुआ जब मैंने अपने पडोसी की वाइफ को छत के ऊपर देखा. और वो मेरे बेडरूम के एकदम सामने थी. वो दिन में 4 से 5 के बीच में डेली वहाँ पर आती थी. और संडे के दिन वो दोपहर में 12 बजे के करीब वहां पर होती थी. वो अपने धुले हुए कपडे सुखाने के लिए वहां आती थी. और संडे के दिन वो एक बार छत को साफ करती थी. उसकी एक बेटी हे जो करीब 4 साल की हे.

उसका पति यानि की मेरा पडोसी एक आईटी कम्पनी में काम करता हे और अक्सर घर पर लेट आता हे. एक दिन मैं अपने बेडरूम में था तब वो छत पर आई. मैंने सोचा की आज तो भाभी को देख के मुठ मारने जितनी हवस भर लूँ अपने अन्दर. वैसे भी टिंटेड ग्लास थे मेरी डुप्लेक्स में. और अन्दर लाईट ओन ना होने पर बहार वाले को कुछ दिखना ही नहीं था. वो टाईट पेंट में आई थी और जब वो झुकती थी तो पीछे उसकी गांड एकदम क़यामत लगती थी! उसकी गांड के जैसे ही उसके बूब्स भी एकदम बड़े और सेक्सी थे.

और फिर मुझे आदत सी हो गई इस भाभी को ऐसे देखने की. वो छत पर आती और मैं विंडो के करीब जा के उसे देख के लंड को हिलाने का मसाला इकठ्ठा कर लेता था. एक दिन मैं दिन में 11 बजे के करीब उसके घर गया. हमारी कोलेज में एक चेरिटी इवेंट था और उसके लिए मुझे कुछ टिकिट बेचने थे. जब मैं वहां गया तो उसका पति और बेटी दोनों ही घर पर नहीं थे.

मैं वहां गया तो उसने ख़ुशी से मुझे घर में इनवाइट किया. और फिर उसने मुझे कोलेज के बारे में पूछा. और फिर मेरे लिए वो बिस्किट और चाय भी ले के आई. मैं तो उसे आज पहली बार इतने करीब से देख रहा था. चहरा एकदम चिकना था और बॉडी एकदम चोदने के लिए ही बनी थी उसकी. मैं उसका हसबंड होता तो बस दिनभर इस बदन को पूजता रहता! मैं जब टिकिट दिखाने के लिए खड़ा हुआ तो जानबूझ के मैंने बेलेंस बिगड़ने की एक्टिंग की और उसके ऊपर ही जा गिरा. उसने मुझे सहारा दिया और पूछा की लगी तो नहीं? मैंने कहा नहीं. वो बोली मैं आती हूँ.

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वो अपने कमरे में चली गई. मैं भी उसके पीछे चला गया. दरवाजा बंद था लेकिन मैंने कीहोल से अन्दर देखा तो वो कपडे चेंज कर रही थी. उसके बूब्स और गांड सच में एकदम सेक्सी थे. मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो गया और फिर मैं वापस बहार हॉल में जा के बैठ गया.  उसने मुझे देखा और बोली, तुम मेरे पीछे आये थे क्या?

मैंने कहा नहीं तो.

वो बोली मुझे ऐसा लगा.

मैंने कहा, सोरी वो तो मैं सिर्फ बाथरूम देखने के लिए उठा था.

उसने मुझे बाथरूम दिखाया. मै अंदर गया और उसके नाम की मुठ मारने लगा. फिर मेरी आत्मा ने मुझे कहा साले बहार वो हे और तू उसके नाम का हिला रहा हे. जा के ट्राय तो कर अगर पट गई तो जिन्दगी भर हिलाने से फुर्सत मिल सकती हे! मैंने फ्लश खिंचा लेकिन पानी नहीं आया. मैंने भाभी को आवाज दी तो वो आ गई. मैंने कहा फ्लश बिगड़ा हुआ हे क्या? वो बोली नहीं तो काम करता तो हे. और उसने फ्लश दबाया तो चालू था. लेकिन उसका हाथ मेरे लंड को टच कर गया और उसके अन्दर और भी जान आ गई थी जैसे. मेरा लंड बेताब था भाभी की चूत में घुसने के लिए.

हम बहार आ गए और वो मेरे पास ही बैठी थी. वो बार बार मेरे लंड के उभार को देख रही थी. मैंने उसके सामने लंड को पकड़ के नोचा. वो हंस पड़ी. और उसने मेरे लंड के ऊपर अपना हाथ रख दिया. मैंने उसे देखा तो वो बलश कर रही थी. और उसकी उंगलिया मेरे लंड की लम्बाई का जायजा ले रही थी. मैंने कहा क्या हुआ? वो बोली कुछ भी तो नहीं हुआ.

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मैंने कहा भाभी आप बहुत ही सुन्दर हो.

वो बोली, सच्ची?

मैं कहा हां सच में.

वो बोली, तुम्हारा हथियार भी काफी बड़ा हे.

और उतना कह के उसने मेरी पेंट की ज़िप को खोला और लंड को बहार निकाला. मी कहा, कैसा हे? वो बोली खतरनाक हे. फिर उसने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और मसलने लगी. भाभी ने लंड को हिलाते हुए कहा मेरी लाइफ में मैंने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा. मैंने कहा फिर उसे अपने होंठो से भी तो प्यार दे दो. वो निचे हो के मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने भाभी के कपडे निकाल दिए और उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.

उसके बूब्स एकदम परफेक्ट थे और चूत एकदम चिकनी. भाभी के बूब्स को मुहं में भर के मैं उसकी चूत को ऊँगली करने लगा. वो बोली, जल्दी करो मुझे अपनी बेटी को नर्सरी से लेने भी जाना हे. मैंने वही सोफे में भाभी को लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. भाभी ने मेरे लंड को पकड़ा और मैंने उसकी चूत में डाला. वो सिहर उठी. मैंने उसके बूब्स कोई चूसते हुए थोडा थोडा कर के पूरा लंड अन्दर कर दिया. वो एकदम उत्तेजित हो चुकी थी. और वो बोली, अह्ह्ह अह्ह्ह धीरे धीरे करो बहुत बड़ा हे ये तो.

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