हेलो फ्रेंड्स ! काफ़ी टाइम से सोच राह था की कोई स्टोरी लिखू , सो अब जाके टाइम मिल पाया है I मेरा नाम रोहित है मैं उत्तर प्रदेश गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ.I मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. बॉडी भी मस्त है I मेरा लंड इतना बड़ा है की मैं किसी भी लड़की की ज़रूरत को पूरा कर सकता हू I मैं जIनता हू की सभी लड़कियो को और भाभी जी को उत्सुकता होगी मेरे लंड के साइज़ को जानने की सो बता देता हू . मेरा लंड 8 इनचसे बड़ा है 3.5 इंच मोटा है I
अब कहानी पार आते है I हमारे पड़ोस मे एक फॅमिली रेंट पर रहने आयी , उनका सामान मैंने खली होते हुए देखा ऑफिस जाते टाइम I अगले दिन शानिवार था उस दिन मेरी शानिवार की छुट्टी होती है I मुझे शाम के समय घर की छत पर जाना पसंद है और दोस्तों से बात करना भी I मै छत पर गया और अपने दोस्त समीर से बाते करने लगा तभी देखा की कोई बहुत ही सुन्दर सी लड़की छत पर कुछ सामान रखने के लिए आयी. मै उसको देखता ही रह गया वो बहुत ही सुन्दर लड़की थी मैंने आज तक इतनी सुन्दर लड़की नहीं देखी थी मै उसको देखता ही रहा अपनी सुध बुध सी खो गया अब वो मुझे देखने लगी और फिर चली गयी मई फिर उसके पीछे पीछे आया तो देखा की वो हामरे पास वाले फ्लैट मै रहने आयी है I
अब मै आपको उसकी परिबार के बारे मै बता दू , वो चार लोग थे. एक अंकल और आंटी थीं और उनकी बेटी और बेटा था I शनिवार को मैंने अंकल को नहीं देखा शायद उनका ऑफिस होगा अगले दिन रविवार था तो मेरी छुट्टी थी इसलिए मैं घर पर था और अकेले बोर हो रहा था I मैं अभी उन्हें देख ही रहा था, तभी उस लड़की के पापा ने मुझे बुलाया और कहा- बेटा क्या आप हमारी थोड़ी हेल्प कर दोगे?
मैंने हां में सर हिलाकर उनकी मदद करने लगा.
थोड़ी देर बाद वह कुछ सामान लेने के लिए चले गए.
फिर उनकी बेटी यानि उस लड़की ने मुझको बुलाया और कहा- तुम इस बॉक्स को रखवाने में मेरी थोड़ी हेल्प कर दोगे प्लीज़.
मैंने ओके कहा और उसकी हेल्प की.
उसने मेरा नाम पूछा, तो मैंने अपना नाम बताते हुए उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है?
उसने अपना नाम रिया बताया और कहा- रोहित यह टेबल नीचे से पकड़ कर रहना, मैं इसके ऊपर चढ़ रही हूँ.
मैंने टेबल को पकड़ा और वह टेबल पर चढ़ गई. वो सामान रखने लगी, तभी उसका पैर लड़खड़ाया और वह गिरने लगी. मैंने उसे पकड़ लिया, वह मेरी बांहों में थी.
उसका भाई और मम्मी कमरे के बाहर थे और हम दोनों रिया के रूम में थे.
वो मुझको और मैं उसे, हम दोनों आंखों में आंखें डाल कर देखते रह गए.
फिर उसने चुटकी बजायी और कहा- मुझे नीचे तो उतारो.
मैंने उसे नीचे उतारा और कहा- क्या तुम ठीक हो … और सॉरी तुम्हें मैं गिरने से नहीं बचा पाया.
रिया- मैं ठीक हूँ रोहित … मुझको तुम्हें थैंक्स कहना चाहिए कि तुमने अपनी गोद में लेकर मुझे बचा लिया है वर्ना आज कुछ भी हो सकता था I
ये कह कर उसने कदम आगे बढ़ाया तो वो लड़खड़ा गई और उसके मुँह से निकला- आउच …
मैं- क्या हुआ?
रिया- मुझे कमर में दर्द हो रहा है … आउच … कमर की नस चढ़ गई शायद … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- चलो, मैं तुम्हें अस्पताल ले चलता हूं.
तभी रिया की मम्मी आ गईं और बोलीं- अरे क्या हुआ बेटी … तुम चिल्लाई क्यों?
मैं- आन्टी, रिया को कमर में चोट लग गयी है.
रिया की मम्मी- अरे कैसे चोट लगी?
मैं- टेबल पर से गिरने से.
रिया की मम्मी- अरे … इसे अस्पताल लेकर जाओ … जल्दी I
मैं- ठीक है आंटी I
फिर मैंने रिया की कमर पर हाथ रखा, तो उसने मेरे सामने देख कर स्माइल की और मेरे कंधे पर हाथ रख कर चलने लगी I
मैंने उससे कहा- थोड़ी देर रुको, मैं कार की चाभी लेकर आता हूं I
चाभी लेकर आने के बाद हम दोनों सीढ़ियां उतर रहे थे क्योंकि फ्लैट की लिफ्ट खराब थी I
रिया ने एक स्टेप उतर कर कहा- आह … मैं सीढ़ियां नहीं उतर पाऊंगी I
मैंने उसे अपनी बांहों उठा लिया तो रिया ने हंसते हुए कहा- चांस मार रहे हो क्या?
मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने उसे नीचे उतार दिया और कहा- जाओ अपने आप उतर जाओ सीढ़ियां , उसने कहा कि सॉरी यार … मजाक कर रही थी. प्लीज़ उठा लो न फिर से!
मैंने उसे फिर से उठा लिया और कहा- बहुत नटखट हो तुम , वो हंसने लगी I
फिर नीचे पार्किंग में पहुंच कर मैंने अपनी कार का दरवाजा खोला और रिया को बिठा दिया. मैं भी गाड़ी में बैठ गया और हम दोनों अस्पताल चले गए.
मैंने अस्पताल पहुंच कर रिया को सहारा देकर नीचे उतारा और कहा- तुम यहीं रुको … मैं कार पार्क करके आता हूंI मैं गाड़ी पार्क करके रिया के पास आ गया और उसकी कमर में हाथ डाल कर चलने लगा I वह मेरे सामने ही देखे जा रही थी और हल्का सा मुस्कुरा रही थी I
मैंने कहा- तुम चोट लगी है और मुझके देख कर मुस्कुरा क्यों रही हो? मैं क्या जोकर लग रहा हूँ.
रिया ने मुझसे हंसते हुए कहा- बस यूं ही हंस रही हूँ यार … और हां तुम जोकर ही लग रहे हो.
उसकी बात पर मैं भी हंस दिया , बाद में हम दोनों डॉक्टर के पास आ गए I
वहां डॉक्टर भी रिया को देख कर लाइन मार रहा था I
पता नहीं क्यों पर मुझे उस डॉक्टर का ये व्यवहार जरा भी पसंद नहीं आया I
फिर जब डॉक्टर ने उसकी जांच करने को कहा, तो रिया ने मुझसे कहा- तुम साथ आ जाओ.
मैंने कहा- नहीं, तुम अकेली चली जाओ.
उसने तेज स्वर में कहा- नहीं, तुम साथ आओ.
तभी डॉक्टर ने भी कहा- हां हां … आप भी अपनी पत्नी के साथ साथ आइए.
यह सुन कर रिया ने कहा- हां जी, आप भी आइए ना!
मुझे तो रिया की बात पर हंसना आ रहा था.
मगर मैं फिर भी शांत रहा और उसके साथ अन्दर आ गया.
डॉक्टर ने रिया को उल्टा सोने को कहा और कहा कि अपनी टी-शर्ट ऊपर कर लो , उसने काफी कोशिश की शायद दर्द की बजह से वो नहीं कर पा रही थी ,फिर रिया बोली कि सुनो … तुम टी-शर्ट ऊपर कर दो ना
मैंने रिया की टी-शर्ट ऊपर की.
फिर डॉक्टर ने स्टेथोस्कोप से उसको चैक किया और कहा कि मैं तुम्हें एक दवाई लगाने को देता हू इससे अपने पति से लगवा लो
उसका पति यानि मैं … मुझे तो बहुत हंसी आ रही थी I
फिर मैंने डॉक्टर के कहने मुताबिक दवा ली और रिया की कमर में लगाना चालू कर दी.
तभी किसी ने डॉक्टर को बुलाया तो वह बाहर चले गए.
मैं रिया की कमर पर दवाई लगा रहा था.
तब उसने कहा- थोड़ी नीचे भी लगाओ न पतिदेव.
मैं हंस पड़ा.
उसकी कमर बहुत मुलायम थी और दूध जैसी सफेद थी.
मैंने उससे कहा- यहां दर्द हो रहा है क्या?
उसने कहा- नहीं रोहित … जरा और नीचे.
मैं- औऱ नीचे तो तुम्हारी शॉर्ट है.
रिया ने कहा- हां … उसे थोड़ी नीचे उतार दो.
मैंने उसकी शॉर्ट नीचे को सरका दी. मैं वहां भी दवाई लगाने लगा. मेरा हाथ बार बार उसकी पैंटी से टकरा रहा था I
थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- चलो अब घर चलते हैं … यहां ही सोना है क्या?
उसने मुझे कहा- मुझको उठने में मदद तो करो.
मैं उसे सहारा दिया और हम दोनों अस्पताल के बाहर आ गए.
फिर मैं कार ले आया और कार का दरवाजा खोल कर रिया को बिठा कर उसके बाजू में बैठ गया.
मैंने रिया की तरफ देखा और पूछा- चलें या कुछ और दिक्कत है?
उसने कहा- अब चलो.
मैं कार चलाने लगा. आगे सड़क के किनारे एक बर्फ का गोला वाला खड़ा था I
उसे देख कर रिया ने मुझसे कहा कि मुझे बर्फ का गोला खाना हैI
मैंने कार रोकी और मैं उसके लिए गोला ले आया. हम दोनों ने गोला खायाI
वो बोली- रोहित कहीं बैठते हैंI
मैंने ओके कहा और रास्ते में खाली जगह देख कर कार से उतरे और बैठ गए I
हम दोनों एक दूसरे के बारे में पूछने लगे , उसके बाद हमने अपने मोबाइल नंबर एक्सचेंज किये. और फिर घर आ गए I
उसके बाद हमारी बाते होने लगी ,अब हम अचछे दोस्त बन गए थे I मुझे रिया बहुत पसंद थी पर मैं अपनी दिल की बात उसे बता नहीं पाता था I कभी कभी मुझको लगता था कि वो भी मुझको पसंद करती हैI
एक दिन मैंने हिम्मत की और रिया को अपने एक घुटने पर बैठ के प्रपोज़ कर दिया I
मैंने उससे कहा- रिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँI
रिया को आश्चर्य हो रहा था. वह बहुत खुश हो गयी और उसने मेरा प्रपोज़ल स्वीकार कर लियाI
उसने कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूंI
मैंने कहा- मैं तो तुम्हें पहली बार देखते ही प्यार करने लगा थाI
उसने कहा- बुद्धू … अब तक बताया क्यों नहीं. मैं भी यही राह देख रही थी कि कब तुम मुझे प्रपोज़ करोI
अब तो हम सचमुच के कपल थे अब रिया ज्यादातर मेरे ही फ्लैट में रहती थी I
हम दोनों कभी कभार चुम्मा चुम्मी भी कर लेते थे , पर इसमें कहां मजा आने वाला था I
अब मैं कहानी के मुख्य पार्ट पर आता हूँ I ये बात जून 2021 की है जब एक दिन मेरे माँ डैड को किसी काम से २ दिन के लिए बहार जाना पड़ा और मै अकेला रह गया मेरे खाने पीने का ज़िम्मेदारी मेरे पेरेंट्स अब रिया के घरवाओंको दे गए I
तभी रिया की नानी की डेथ हो गयी , अंकल और रिया की मम्मी , भाई को जल्दी मे जाना पड़ा अब रिया भी अकेली थी और मै भी I रिया के क्लास टेस्ट थे इसलिए वो नहीं गयी I
रिया के घर में कोई नहीं था तो वो मेरे घर चली आई और उस दिन मैंने उसके लिए और अपने लिए बहार से माँगा लिया I फिर हम दोनों ने साथ में डिनर किया.
खाने के बाद हम दोनों एक रोमांटिक फिल्म देखने लगे I उसमें चुम्मा चाटी और सेक्स के सीन आने की वजह से हम दोनों गर्म हो गएI
रिया को मेरी गोदी मे बैठना अच्छा लगता था आज भी वो मेरी गोदी में बैठी हुई थी I
मेरा लंड खड़ा होने के कारण उसकी गांड पर लग रहा था.
रिया ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर कहा- ये क्यों अकड़ रहा है. इसको समझाना पड़ेगा.
मैंने हास कर कहा की समझा दो इस्को आज मौका भी है I
मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.
हम दोनों गर्म होने लगे थे I हम दोनों एक दूसरे को चूमे ही जा रहे थेI
मैंने उसकी एक चूची को पकड़कर जोर से दबाया तो उसका पूरा शरीर कांप गया।
वो प्यासी नजरों से मुझे देखने लगी तो मैंने इंतजार नहीं किया और अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डालकर ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा।
तो मैं वक्त बर्बाद ना करते हुए दोनों हाथों से उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो वो कसमसाई।
जब वो कसमसाई तो मैंने उसकी आंखों में देखा।
उसकी आंखों में एक अजीब तरह की मस्ती थी।
मैंने फिर से कोशिश की और उसकी टी-शर्ट उतार दी, इस बार उसने मुझे नहीं रोका।
काली ब्रा में कैद उसकी गोरी-गोरी बड़ी चूचियां मुझे पागल कर रहीं थीं।
मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर उसकी ब्रा को खोलकर उतार दिया।
वो शरमा गई और अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को छुपा लिया।
मैं मुस्कुराकर खड़ा हो गया और एक झटके में अपनी सैंडो और टी-शर्ट उतार दीं।
और मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया
वो मुझे नंगा देख कर चौंक गई और मेरा लंड उसकी गोरी, तनी हुई चूचियां देखकर फनफना गया था।
लंड को फड़कता देख रिया की आंखें फैल गईं।
वो बोली- इतना बड़ा!!
इतने में मैंने उसके दूधों के बीच में लंड को दबा दिया और उसकी चूचियों को चोदने लगा।
मेरा लंड उसके होंठों को छूता और वापस आ जाता।
धीरे धीरे मैं उसके होंठों पर लंड को फिराता रहा। उसको भी ये ठीक लगा।
उसने मुंह खोल लिया था। अब मैंने धीरे से उसके मुंह में लंड दे दिया और उसको चुसवाने लगा।
पहले तो वो मरे मन से चूस रही थी लेकिन बाद में उसने अच्छे से चूसना शुरू कर दिया।
अब मैं जन्नत की सैर करने लगा।
मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और अंदर तक पेलने लगा।
मेरा लंड काफी लम्बा था तो उसको उल्टी होने लगी और वो मेरे हाथों पर मारकर छुड़ाने लगी।
उसके बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया।
अब मैं उसके बगल में बैठा और उसे खड़े होने के लिए कहा।
कुछ सोचकर वो खड़ी हुई तो मैंने उसकी स्कर्ट को पकड़कर उसके घुटनों तक खींच दिया। और उसको निकल के फैक दिया
और अब उसकी कुंवारी चूत मेरी आंखों के सामने थी।
फूली हुई गोरी चूत जिस पर छोटे-छोटे सुनहरे रोंये थे! बीच में एक पतली सी गुलाबी लकीर!
मैंने तुरंत उसकी चूत को चूमा और अपने होंठों में भरकर चूसने लगा तो रिया बेकाबू होने लगी।
मैं इस मौके को मिस नहीं करना चाहता था तो उसे सोफे पर लिटाकर उसकी चूत को पागलो की तरह चाटने लगा I
वो पागल हो उठी और तेज़-तेज़ आहें निकलने लगीं उसके मुंह से!
जल उठी थी वो सेक्स की ख्वाहिश में!
मेरी अपनी हालत भी कोई अलग नहीं थी।
फर्क सिर्फ ये था कि उसका ये पहली बार था और मैंने ये सब कई बार किया था।
लेकिन ये चूत तो मेरे लिए भी नई थी।
मैं रिया की चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा.
उसकी चुत में अपनी जीभ डाल कर उसे अन्दर तक चाटने लगा.
वो एकदम से चुदासी हो गई थी तो वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और कमर हिला कर मेरा साथ देने लगी.
उसकी कामुक सिसकारियां बढ़ने लगी थीं और वो कहने लगी थी- अह … और करो रोहित … और जोर से अह हआआ … मजा आ रहा है … अआह्हा जोर जोर से करो.
वो अकड़ने लगी थी तो मुझे समझ आ गया था कि जल्दी ही उसका पानी निकल जाएगा.
मैंने उसी पल चुत चाटना छोड़कर उसे खड़ा कर दिया और अपनी बांहों में भरकर उसे चूमने लगा.
वो बोली- अभी लिटाने का टाइम है रोहित … जल्दी से मेरे अन्दर समा जाओ.
मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसने लगा.
हम दोनों सिसकारियां कर रहे थे.
रिया- आह हआआ … उहह अन्दर करो रोहित … जल्दी से अन्दर करो अहआ आआआ!
मैंने लंड को चूत में सैट किया औऱ सुपारे को जोर जोर से उसकी चूत पर घिसने लगा.
वो नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड अन्दर लेने को मचलने लगी.
मैंने लंड हटाया और उसकी चूत में उंगली डालकर उसकी चूत का चिकना पानी निकाला.
वो कहने लगी- क्या कर रहे हो रोहित… मुझे रहा नहीं जाता प्लीज़!
मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और उंगली में चूतरस लगाकर उसके मुँह में अपनी उंगली डालकर उसे चखाया.
वो मेरी उंगली चाटने लगी.
मैंने फिर से चूत में उंगली डाली और खुद भी उसकी चूत की रबड़ी को चख लिया.
कुछ देर बाद मैंने उसकी गीली चूत पर अपना लंड रखकर दबाया और जैसे ही थोड़ा सा लंड उसकी चूत में गया कि वो दर्द से चिल्लायी और रोते हुए बोली- रोहित , मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
ये सुनते ही मैंने अपना लंड वापस बाहर खींच लिया … लेकिन पूरी तरह से नहीं, सुपारा उसकी चूत में था।
मैं बोला- अभी दर्द खत्म हो जाएगा।
कहते हुए उसकी चूचियां दबाता हुआ किस करने लगा मैं!
कुछ ही देर में रिया आहें भरने लगी।
अब मैंने एक जोरदार झटका देकर लगभग आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया।
वो फिर चिल्ला उठी
मुझे चुदाई मई लड़कियों की चीखे सुनना बहुत पसंद है उनकी चीखे मुझे और भी कामुक करती है I
फिर मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और पहले से ज्यादा ज़ोर लगाकर अंदर धकेल दिया।
अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस चुका था।
ओह!
उसकी चूत कितनी टाइट और गर्म थी मैं लफ्जों में बयां नहीं कर सकता।
मैं तो जन्नत में पहुंच चुका था।
… चाहता था कि जिंदगी इसी तरह खत्म हो जाए।
… रिया की चूत में मेरा लंड ऐसे ही हमेशा के लिए घुसा रहे।
कुछ देर बाद मैंने थोड़ा सा लंड बाहर निकाला और फिर अंदर डाल दिया।
मैं बार-बार ऐसा करता रहा तो उसका दर्द काफी हद तक कम हो गया था और वो अपनी तेज़ हो चुकी सांसों को काबू करने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
मैंने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया।
उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ा तो मैं समझ गया कि अब वो चुदने के लिए बिलकुल तैयार है।
अब मैं तेज-तेज उसकी चूत में लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
मेरा मन जन्नत की सैर कर रहा था।अब दोनों के मुंह से आह्ह … आह्ह … करके सिसकारियां निकल रही थीं और पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाजों से गूंज रहा था।
मैंने भी ज्यादा से ज्यादा देर तक उसे चोदते रहने की कोशिश की और लगभग बीस मिनट तक उसकी जबरदस्त चुदाई की।
इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी और हर बार जोर-जोर से आहें भरने के बाद कहती थी- रोहित बस कीजिए, मैं थक गई हूं।
लेकिन मेरा लंड तो जैसे उसकी चूत का दीवाना हो चुका था। वो कहां रुकने वाला था जब तक उसका लावा बाहर नहीं आता?
खैर, अब मैंने भी झड़ने का फैसला किया और लंड को तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा।
और आखिर में कुछ जबरदस्त झटकों के साथ मेरा लंड उसकी चूत को अपने लावे से भरने लगा।
इस बार उसका पूरा जिस्म कांप रहा था।
मैं थोड़ी देर उसके ऊपर ही लेटा हुआ उसके जिस्म को चूमता रहा।
करीब आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
खड़ा लंड देख कर रिया इस बार मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट करके बैठ गई.
हमारी चुदाई ‘दे दनादन …’ फ़िर से शुरू हो गयी.
मैंने सोचा कि यही मौका है इसकी गांड मारने का भी।मैंने जानबूझकर उसकी चूत से लंड को निकाल कर गांड पर सटाया और टोपा अंदर कर दिया।
वो चिल्ला उठी और मुझे हटाने लगी।
मैं बोला- जान … अगर आज तुमने रोका तो कभी नहीं ले पाओगी पीछे! इसमें और भी ज्यादा मजा है, बस पहली बार में ही दर्द होता है।
वो फिर भी मना करती रही लेकिन मैं उसको मनाता रहा।मैंने कहा- बस एक मिनट करने दो, फिर मैं खुद निकाल लूंगा। वो किसी तरह मान गई।
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड में लंड को घुसाना शुरू किया।
आधा लंड ही जा पाया और उसके बाद लंड फंस गया।
मैंने वहीं पर उस हॉट गर्ल के साथ एनल फकिंग शुरू कर दिया।
वो लगातार निकालने के लिए कहती रही लेकिन मैं नहीं रुका।
मैंने दो मिनट का बोलकर उसकी 15 मिनट तक गांड चुदाई कर डाली; उसकी गांड का उद्घाटन कर दिया।
इस बार चुदाई 40 मिनट तक चली. उसके बाद हम दोनों झड़ गए.
इस तरह से उस रात कई बार चुदाई हुई.
अगले दिन जब में 9 बजे जगा तो रिया बाथरूम में थी.
मैं बाथरूम में गया और रिया को पीछे से उठाकर दीवार की ओर करके रिया को अपनी बांहों में उठा लिया और अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
वो जब तक समझ पाती तब तक मैंने पूरा लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया.
वो आंह करके मेरे लंड को गड़प कर गई.
उसने मुझे अपने दोनों पैरों से लॉक कर लिया और ऊपर नीचे होकर मेरा साथ देने लगी.
लगभग 15 मिनट बाद हम दोनों झड़ गए.
इस तरह उस दिन भी हम दोनों ने कई बार चुदाई की.
अब रिया पक्की चुदक्कड़ हो गई और मेरे लंड को जब मर्जी लेने लगी I
मैं भी उसे हचक कर चोद देता हूँI
अब कहानी का अंतिम पड़ाव आ चूका है और मै जल्दी ही बापस आऊंगा अपने लंड की एक नई कहानी लेकर तब तक अपनी तड़पती मचलती चुतो को संभाल कर रखो और उनको मेरी तरफ से बहुत बहुत प्यार देना I
आपका अपना रोहित
आपको मेरी XXX सेक्स कहानी कैसी लगी. अपना सुझाव जरूर दें , आपके सुझाबो का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा
[email protected]