पड़ोस की लड़की से मुहब्बत भरा सेक्स

फिर रास्ते में कभी-कभी हमारी बातें हो जातीं.. और ये बातें धीरे-धीरे बढ़ने लगीं।

आई लव यू
मैंने उससे एक दिन उसका पर्सनल नम्बर माँगा तो उसने कहा- आप अपने मुझे दे दीजिए.. मुझे लगेगा तभी कॉल कर लूँगी।
मैंने उसे अपना नम्बर दे दिया।

एक दिन कॉल आया.. वो भी रात को… वो बोली- क्या बात करनी है बोलिए?
मैंने तुरंत ‘आई लव यू’ बोल दिया..
उधर से फोन रख दिया गया।

अब तो मेरी फट गई… मैंने सोचा यार ये तो अब बात भी नहीं करेगी।

ऐसा हुआ भी.. उसने दो महीने तक बात नहीं की।
फिर मैंने ही सॉरी बोला और बात करने के लिए कहा।

वो मान गई.. फिर वो खुद एक दिन ‘आई लव यू’ बोली और फिर हमारी रोज फोन पर बातें होने लगीं।
धीरे-धीरे हमारी बातें फोन सेक्स तक पहुँच गई।

पहला चुम्बन
फिर एक दिन मैंने उसे उसी के घर में किस कर दिया।
उसके मम्मी-पापा उस दिन घर पर नहीं थे।

वो गुस्सा हो गई बोली- यहाँ करने की क्या जरूरत थी?
वो मुझे बाहर जाने को कहने लगी..
तो मैं सॉरी बोल कर थोड़ा उदास होकर बाहर चला आया।

वो खुद कुछ देर बाद मेरे पास आई और बोली- किस करने के लिए मना थोड़े किया है.. पर वहाँ नहीं करना चाहिए।

अब वो मेरे कमरे में थी.. मैंने तुरंत फिर उसे किस करना शुरू कर दिया। इस बार वो मेरा साथ दे रही थी।
मैंने उसके मम्मे छूना चाहा.. तो पहले मना कर रही थी.. फिर मेरा हाथ खुद ले जाकर वहाँ ज़ोर से दबवाने लगी।

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कुछ मिनट के जोरदार किस के बाद उसने मुझे कहा- मुझे तुम्हारा वो देखना है।
मैंने भी कहा- मुझे भी देखना है।
तो उसने कहा- पहले तुम..

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चूत चुदाई की शुरूआत
मैंने अपने लोवर में से निकाल कर दिखाया।
बोली- इतना बड़ा..
वो छूने लगी..
तो मैंने कहा- तुम भी दिखाओ।

अब तो मना करने लगी।
मैं भी नहीं माना.. वो स्कर्ट पहने हुई थी।

मैंने मय पैन्टी के धीरे से नीचे कर दिया। मेरे सामने पहली बार किसी लड़की चूत थी।
वो भी ऐसे बिल्कुल क्लीनशेव चूत थी
मेरी तो हालत खराब हो गई।

दोस्तो, मैंने तुरंत उस पर किस किया.. पर उसका टेस्ट अच्छा नहीं लगा। सच कहूँ तो लेकिन जो महक आ रही थी.. वो मुझे एकदम मस्त कर रही थी।

ये सब इतनी तेज़ी से हो रहा था कि मैं कुछ कह नहीं सकता था।
वो अभी भी मेरे लण्ड को हाथ में लेकर देख रही थी।

मैं उससे एक बार चोदने के लिए कह रहा था.. पर उसका कोई उत्तर नहीं मिला.. तो मैंने ‘हाँ’ समझ कर उसे चूमना शुरू कर दिया।
वो भी मेरा साथ देने लगी।

कुछ ही पलों में सारे कपड़े कहाँ थे.. हम दोनों को पता ही नहीं चला।
हम दोनों एक-दूसरे पर चुम्बन की बौछार कर रहे थे।

मैं उसके ऊपर था, अपना लंड मैंने उसकी चूत पर टिकाया, मैंने बस उसकी तरफ एक बार देखा और एक बार झटका दिया.. पर अन्दर नहीं गया.. दूसरा दिया फिर भी तीसरी बार एक जोरदार धक्के के साथ दोनों की चीखें निकल गईं।

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उसकी चूत से हल्का-हल्का खून निकलने लगा था।
मैं रुकना चाहता था.. पर उसने मना कर दिया।

फिर धीरे-धीरे हमारी चुदाई अंतिम चरण में चली गई।
एक झटके के साथ मेरा सारा बदन अकड़ गया और उसका भी हम दोनों का एक साथ हो गया।
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमा।
वो जल्दी से कपड़े पहन कर चली गई।
यह सारा खेल आधा घंटे का ही था।

मैं वैसे ही सो गया.. जब जागा तो देखा चादर पर खून लगा था। उसको जल्दी से हटाया और शाम को उसे अकेले में एक आईपिल लाकर दी.. और खाने को बोल दिया।

फिर एक दिन मैंने उससे शादी का प्रस्ताव भी रखा उसने हामी भी भर दी। अभी मुझे उसके और अपने घर वालों से बात करनी बाकी है।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी पहली चुदाई.. प्लीज बताएगा जरूर।

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