पड़ोस की भाभी को संतुष्ट करने की रंगीन कहानी

हेलो दोस्तों! मैं देसी कहानी का नियमित पाठक हू. तो इसलिए मैने सोचा क्यूँ ना आप सब के साथ अपनी कहानी भी शेर करू. ये मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हू, तो आपको कहानी कैसी लगी और इसमे कुछ भी आपको ग़लत लगे, तो कृपया रहउलक्ष्य079@गमाल.कॉम पर अपनी फीडबॅक ज़रूर दे. आपकी फीडबॅक का मुझे इंतेज़ार रहेगा.

सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बताता हू. मैं एक सिंपल सा दिखने वाला लड़का हू. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंचस है, और मेरे लंड का साइज़ लगभग 7 इंच है. मेरा लंड बिल्कुल काला लंड है. अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए कहानी पर आते है.

ये बात तब की है जब मैने 12त पस्सौट की थी, और मैं आगरा सिटी से अपने गाओं वापस आया था. उस टाइम मेरी आगे 18 यियर्ज़ थी. उसी टाइम मेरे पड़ोस के भैया की शादी हुई थी. भैया आर्मी में है, इसलिए उनकी शादी एक बहुत ही सुंदर लड़की से हुई थी.

अब मैं आपको भाभी के बारे में बताता हू. भाभी का रंग एक-दूं दूध सा गोरा, और उनके बूब्स 34″, कमर 32″, और गांद 36″ की है. वो गाओं की सबसे सेक्सी लेडी थी. उनको कोई भी देखे, तो उसका लंड अपने आप हरकत करने लगेगा.

क्यूंकी भैया आर्मी में है, तो भाभी के बाहर के ज़्यादातर काम मैं ही कर देता था, और इसी कारण मेरा उनके घर आना-जाना लगा रहता था.

एक दिन मेरे घर वाले किसी काम से बाहर गये हुए थे. सुबा 10 बजे का टाइम था. मैं बातरूम से नहा कर बाहर निकला, और मैने बस एक टवल पहना हुआ था. तभी अचानक भाभी को कुछ काम था, तो वो मेरे घर आई.

उस टाइम यार, क्या लग रही थी वो. उनकी खुली हुई नाभि देख कर तो मेरा लंड टवल में ही पुर जोश में आ गया. ये बात उन्होने नोटीस कर ली. फिर जब मैने देखा, की वो मेरे लंड को घूर रही थी, तभी मेरे दिमाग़ मैं एक खुराफात आई.

फिर मैने जान-बूझ कर अपना टवल खोल दिया, और उनको अपना खड़ा लंड दिखा दिया. और फिर मैने ऐसे नाटक किया, की ये सब ग़लती से हुआ था, और वो वाहा से चली गयी. फिर थोड़ी देर बाद मैं भी कपड़े पहन कर उनके पास गया, और बोला-

मे: सॉरी भाभी, वो ग़लती से टवल गिर गया था.

फिर उन्होने कहा-

भाभी: देख रहे है देवर जी, आज-कल आपसे बहुत ग़लतियाँ हो रही है .

मे: नही भाभी ग़लती तो ग़लती है, कोई जान-बूझ कर थोड़ी ही करता है .

भाभी: वैसे आपकी कोई गफ़ है क्या?

मे: नही भाभी, मेरी कोई गफ़ नही है.

भाभी: ऐसा नही हो सकता. आप सिटी में रहते हो, तो ऐसे मैं कैसे मान लू?

मे: सच में भाभी, कोई नही है.

फिर भाभी ने जान-बूझ कर अपनी चाबियाँ नीचे गिरा दी, और उठाने के लिए नीचे झुकने लगी. इससे उनकी सारी का पल्लू नीचे गिर गया, और जब मैने उनको ये करते देखा तो देखता ही रह गया. उनके वो मिल्की बूब्स देख कर मेरा लंड फिर हरकत में आ गया. उस टाइम मैने लोवर पहना हुआ था. इस वजह से उन्होने ये देख लिया.

भाभी: देखो देवेर जी, मुझे लगता है वो ग़लती फिर से होने वाली है.

मे(हिचकिचाते हुए): नही भाभी, वो तो बस.

भाभी: मुझे बना लो अपनी गफ़ देवेर जी.

मे(शॉक्ड): आपको कैसे भाभी?

भाभी: क्यूँ, मैं आपको पसंद नही क्या देवर जी?

मे: ऐसा नही है भाभी.

भाभी: फिर कैसा है देवर जी?

मैं आयेज कुछ बोलता, इससे पहले ही भाभी ने मेरे लोवर के उपर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोली-

भाभी: नादान मत बनो देवर जी, मुझे पता है आपने वो जान-बूझ कर किया था.

ये कहते हुए वो मेरा लंड सहलाए जेया रही थी. और फिर मुझे भी जोश आ गया.

मे: हा भाभी, जब से आपको देखा है तभी से बस आपके नाम की ही मूठ मारता हू, और आपको छोड़ना चाहता हू.

भाभी: तो आप पहले ही बोल देते ना देवर जी. फिर मैं इतने दीनो से प्यासी क्यूँ रहती? आपके भैया तो 2-3 महीनो में घर आते है, और मैं प्यासी रह जाती हू.

मे: भाभी मुझे भी तो आपकी तरफ से कोई सिग्नल नही मिला था, और मैं डरता भी था.

भाभी: हा तो मुझे क्या पता था आपका इतना बड़ा और मस्त होगा.

फिर मैने भी भाभी के होंठो पर किस कर दिया, और उनके गुलाब की पंखुड़ियों की तरह मुलायम होंठो का रस्स चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी, और थोड़ी देर ऐसे किस करने के बाद उन्होने मेरी त-शर्ट और लोवर निकाल दिया. मैने भी उनकी सारी, ब्लाउस और पेटिकोट निकाल दिए.

अब मैने एक नज़र उनको देखा तो लगा जैसे कोई हुस्न की पारी आके मेरे सामने खड़ी हो गयी हो. अब हम दोनो अपने अंडरगार्मेंट्स में ही एक-दूसरे को किस कर रहे थे, और मैं उनकी ब्रा के उपर से ही उनके बूब्स दबा रहा था.

करीब 10 मिनिट के बाद मैने उनको पूरी तरह नंगा कर दिया, और अपना अंडरवेर भी निकाल दिया. फिर जब मैने उनको देखा, तो यार उनकी छूट एक-दूं सॉफ थी. उसको देखते ही मैं एक-दूं मदहोश हो गया.

फिर जब मुझे होश आया, तो मैं सीधा उनके बूब्स पर टूट पड़ा. मैं उनका एक निपल अपने मूह में लेके चूसने और काटने लगा, और दूसरा काज़ के दबाने लगा.

भाभी: उम्म्म आ, राहुल आह आह आराम से करो, मुझे दर्द हो रहा है.

मुझे कहा होश था. मैं बस उनके बूब्स ही चूस्टा रहा. फिर मैं अपना एक हाथ उनकी छूट पर ले गया, तो मेरे हाथ पर चिपचिपा सा कुछ आने लगा. वो उनकी छूट का रस्स था. फिर मैं तोड़ा आयेज बढ़ा, और उनकी छूट को सहलाने लगा. वो पूरी मदहोश हुई जेया रही थी.

भाभी: आ अफ आ राहुल, करते रहो, रूको मत, आ आ अफ.

फिर मैने भाभी को छ्चोढा, और अपना लंड उनके मूह के सामने कर दिया, और चूसने को बोला.

भाभी: ची! मैं ऐसा नही करूँगी.

मे: भाभी प्लीज़ करो ना, मैने देखा है ऐसा करने में बहुत मज़ा आता है.

भाभी: नही मुझे घिंन आती है.

मेरे बहुत बोलने पर वो मानी, और बिना मॅन के तोड़ा लंड अपने मूह में लिया, और चूसने लगी.

पहली बार कोई लड़की मेरे लंड को चूस रही थी. मैं तो जैसे सातवे आसमान पर था. थोड़ी देर बाद लंड चूसने में उनको भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उनको 69 पोज़िशन में आने को कहा तो वो मान गयी.

उसकी छूट की महक मुझे वैसे ही पागल कर रही थी. और फिर वो मेरा लंड भी चूस रही थी, तो मैं जैसे पागल सा हो गया, और उसकी छूट से आए रासा को पीने लगा. उसकी छूट का नमकीन रास मानो मेरे जिस्म में कोई नयी जान डाल रहा हो. करीब 10 मिनिट 69 करने के बाद हम दोनो झाड़ गये.

भाभी: वाह देवेर जी, लगा तो नही आपका पहली बार है.

मे: बस भाभी, आपको देख कर सब अपने आप ही हो गया.

भाभी: तुम्हारे भैया ने कभी ऐसे नही किया. वो तो बस सीधा छोड़ने लग जाते है.

कुछ देर ऐसे ही बात करने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा. फिर भाभी ने तो तुरंत लंड अपने मूह में ले लिया. थोड़ी देर लंड चूसने के बाद भाभी बोली-

भाभी: अब और मत तड़पाव राहुल, अब छोड़ दो मुझे.

इतना सुनते ही मैने भाभी को नीचे लिटाया, और उनकी छूट पर लंड रगड़ने लगा.

भाभी: आह आह इतना क्यू तडपा रहे हो राजा? छोड़ दो मुझे, डाल दो अपना लंड मेरी छूट में.

इतने में ही मैने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी छूट में डाल दिया. मेरे इस वार से उनकी एक चीख निकल गयी. उनकी छूट सच में बहुत टाइट थी, और मैं भी किसी लड़की को पहली बार छोड़ रहा था, तो मेरे लंड में भी दर्द होने लगा.

फिर थोड़ी देर रुकने के बाद मैने उनको छोड़ना शुरू किया, और अपना लंड धीरे-धीरे आयेज पीछे करने लगा.

भाभी: आह आह उफ़फ्फ़ आह हा राहुल, छोड़ो मुझे अफ आ.

उनकी सिसकियाँ सुनते ही मुझे और जोश आने लगा, और मैं तेज़-तेज़ झटके लगाने लगा.

भाभी: उफ़फ्फ़ आआहह अहहह हा राहुल, छोड़ो हा. बना लो मुझे अपनी उउउफफफफ्फ़ आअहह.

मैं उन्हे छोड़ते हुए उनके बूब्स दबाने लगा, और उनकी छूट मैं ज़ोर्दाक़र झटके लगाने लगा. करीब 10 मिनिट की चुदाई के बाद वो झाड़ गयी, और मैने उन्हे छोड़ना जारी रखा. उनकी छूट से रास आने की वजह से पच-पच की आवाज़े आने लगी.

करीब 5 मिनिट के बाद मैं भी उनकी छूट में ही झाड़ गया, और भाभी के उपर उनकी छूट में लंड डाले हुए ही लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद हम उठे, और खुद को सॉफ किया, और कपड़े पहन लिए. और फिर मैं अपने घर आ गया.

अब जब भी हमे मौका मिलता है, तो चुदाई कर लेते है. तो कैसी लगी दोस्तों ये कहानी अपना फीडबॅक पर ज़रूर भेजे.

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