पड़ोस की भाभी की हॉट चुदाई

हाई दोस्तों मेरा नाम रवि हे और मैं पंजाबी लड़का हूँ. लेकिन पिछले दो साल से मैं राजस्थान के कोटा में हूँ और अपनी पढाई कर रहा हूँ. मैं लम्बा, चौड़ा और सेक्सी लड़का हूँ मेरी हाईट 6 फिट हे और मेरा देसी लंड साड़े पांच इंच का हे. (जो लोग सेक्स की स्टोरीज़ में लिखते हे की मेरा लंड 8 इंच का, 7 इंच का शायद वो जानते ही नहीं की एक इंच कितना होता हे,. सालो तुम्हे जनता माफ़ नहीं करेगी!) आज की या कहानी मेरी और मेरे पड़ोस की भाभी अनीता के बिच में हुए प्यार और सेक्स की हे.

भाभी की स्माइल बड़ी ही सेक्सी हे और वो 29 साल की हे. भाभी की मेरिड लाइफ में उनको एक तिन साल का बेटा भी हे. भाभी का फिगर अंदाजे से 34-30-36 का होगा और वो थोड़ी मोटी हे. मुझे आशा हे की आप को मेरी और भाभी की ये कहानी पसंद आएगी.

दोस्तों ये बात तब बनी जब मैं कॉलेज की छुट्टियों में अपने घर पर आया हुआ था. मैं अनीता भाभी को तब से चाहने लगा था जब वो हमारे घर के सामने रहने के लिए आई थी. मेरी नजर भाभी के ऊपर पहले दिन से ही थी. पर कभी उनसे बात नहीं हुई. शायद मेरे अन्दर हिम्मत ही नहीं हो रही थी की भाभी से बात करूँ. साला जब उनको देखता तो मेरा ध्यान उन्के बड़े बूब्स और गांड में ही चला जाता था और आँखों में से हवस टपकने लगती थी. ऐसे में बात करता तो पकड़ा जाता इसलिए ख़ास तो हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. कभी कभी मम्मी भाभी के वहां का कुछ काम कहती तो मैं उन्के घर चला जाता था. और वो हमेशा ही मुझे देखकर स्माइल पास करती थी और मैं भी स्माइल का जवाब स्माइल से दे देता था.4

पर सच कहूँ तो मेरे से रहा नहीं जाता था. मैं रोज अनीता भाभी को चोदने के सपने देखता था और उन्के नाम की मुठ मारता था. साथ में मैं भाभी जी को चोदने के लिए प्लान भी बनाने लगा था. पर प्लान सही तरह लग नहीं रहे थे! वो जब भी अपने घर के बहार आती थी तो मैं अपने ऊपर के कमरे से छिप के उन्के पिक्स लेता था. और फिर भाभी जी के फोटो में उसके बड़े बूब्स और गांड को देख कर लंड पर हाथ मारता था. मैं माँ को पटाने के लिए भाभी के बेटे का सहारा लिया फिर. मैं रोज भाभी के बेटे को चोकोलेट देने लगा था. और मैं सोचता था की बेटे को खुश रखूँगा तो उसकी माँ भी मेरे से खुश ही रहेगी. ऐसे करते करते मेरी छुट्टियाँ खत्म हो गई और मैं भाभी को चोदने का सपना साथ में ले के वापस कोलेज भी चला गया. वहां पर भी अनीता भाभी के ख्यालों ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा. हॉस्टल में मैं बाथरूम में मोबाइल ले के जाता था और उसके नाम की मुठ मारता था.

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ऐसे ही मेरी पढ़ाई चलती रही और भाभी के नाम की मुठ भी. फिर मैं जब दोबारा अपने घर गया तो मुझे और भी चोदने की सनक लगी हुई थी. अब भाभी के बूब्स पहले से भी काफी बड़े लगते थे मुझे और गांड तो आज भी वैसी ही क़यामत थी जैसे पहले की छुट्टियों में थी. लगता था की भैया भाभी के साथ बिस्तर में बहुत महनत करते थे और उन्होंने ही भाभी की बॉडी को ऐसे फुला सा दिया था.

भाभी के ज्युसी लिप्स और बूब्स को देख के मेरी तो हालत ख़राब हो रही थी. और मेरा मन करता था की भाभी को वहीँ पर पकड़ कर चोद दूँ उन्हें. पर मेरे बस में नहीं था ना ऐसा करना!

मैं इस बार भी भाभी की कुछ और पिक्स ले ली और अपने लंड हिलाने के काम को चालु रखा. कुछ दिन के बाद अनीता भाभी मेरी माँ के पास कुछ काम के लिए आई थी. तब उन्होंने रेड कलर की सलवार पहनी हुई थी और उसके अन्दर भाभी की गांड को देखने का मजा ही कुछ और था. मैं उन्हें ही देखता रहा. और उन्होंने भी मुझे देख के स्माइल दे दी. और फिर मैं उसके बाद तो पूरी रात सो नहीं पाया और बस यही सोचता रहा की कैसे भी कर के अनीता भाभी की चूत में अपने लंड का झंडा गाद दूँ बस. और सोच सोच के आखिर में मैंने एक प्लान बनाया.

मैंने बाजार से एक 5 स्टार चोकोलेट लिया और एक सिल्क भी. और फिर हिम्मत कर के सुबह में भैया के जाने के बाद भाभी के घर चला गया. मैं जानबूझ के ऐसे टाइम पर ही गया था की भाभी घर पर अकेली हो. उसका बेटा भी अपने केजी में था उस वक्त और भैया ऑफिस में. मैंने भाभी के घर में घुस के देखा तो वो हॉल में बैठ के टीवी देख रही थी. मैंने जानबूझ के अपने पाँव को सोफे के पास में पड़ी हुई स्टूल में फंसा दिया और गिरने की एक्टिंग करता हुआ सीधे ही अनीता भाभी की गोद में जा गिरा. फिर मैंने ऐसे नाटक किया जैसे मेरे पैर में मोच आ गई हो और मैं भाभी को देखने लगा. अनीता भाभी ने भी मेरी तरफ देखा. और तभी मैने हिम्मत कर के उन्के लिप्स के ऊपर एक किस कर दिया और वो मुझे बोली, अरे बाप रे ये क्या कर रहे हो तुम?

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मैं कुछ नहीं बोला और भाभी को किस करता रहा. उनको थोडा पसीना आ गया था. मैंने फिर भाभी के गर्दन के पास अपनी जीभ लगा के चाटना चालू कर दिया उन्के पसीने को. वो थोडा सा मचलने लगी थी और बेड की चद्दर को नोंचने लगी थी. मुझे पता था की अभी हमें कोई रोकनेवाला नहीं था घर में इसलिए मैं किस को चालू रख के अपने एक हाथ से भाभी के देसी बूब्स भी मसलने लगा.

भाभी सिहर उठी और वो मुझे अब कुछ नहीं कह रही थी और जो कर रहा था वो करने दे रही थी. मैंने खड़े हो के जल्दी से दरवाजा बंद किया और वापस आ के भाभी के बूब्स मसलते हुए कहा, अनित भाभी आई लव यु सो मच!

भाभी ने भी मेरे लंड को मुठी में पकड़ के कहा, आई लव यु टू लेकिन तुमने तो बहुत वेट करवाई मुझे!

मैंने कुछ नहीं कहा और फिर से अपने होंठो को भाभी के बदन के ऊपर लगा के उन्हें किस करने लगा. भाभी के गले के ऊपर किस करते करते मैं निचे गया और उन्के नावेल यानी की नाभि के बटन को चूमना स्टार्ट कर दिया. भाभी तडप रही थी और सिस्कारियां ले रही थी अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह जल्दी से अपना लंड मेरे अन्दर डाल दो अब. बहुत दिनों के बाद किसी का लंड मिलेगा मुझे.

मैंने कहा, भैया आप को नहीं चोदते हे क्या भाभी?

वो बोली, अरे उनका बहुत छोटा हे इसलिए सिर्फ बूब्स दबाते हे और गांड के ऊपर चाट देते हे. चूत की गर्मी से लंड एक मिनिट में ही पिगल जाता हे उनका.

मैंने भाभी के बूब्स चूसते हुए कहा,. भाभी आज आप के भोसड़े की आग को मैं दूर कर दूंगा अपने लौड़े से.

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