ऑफ़िस में ब्लू फिल्म और हस्तमैथुन

मारकर ने भी अपनी स्पीड बढ़ दी थी, छोटा सा मारकर किसी लण्ड से कम नहीं लग रहा था। सेक्स अपनी चरम सीमा पर था।

और फिर वो समय आया जब उस अनोखे आनन्द का एहसास होता है। लड़कियाँ जानती हैं कि इस समय खुद को रोक पाना किसी के बस की बात नहीं है।

मेरा भी वही हाल था बस इसके बाद 10-15 स्ट्रोक और, बस इसके साथ ही चूत ने सारा पानी उगल दिया जो मेरी चूत के बालों को भिगोता हुआ मेरी गांड तक जा पहुँचा।

सब होने के बाद मैंने खुद को साफ किया और आस-पास देखा तो पैरों तले ज़मीन निकल गई…
शीशे के उस पार कोई था जिसने शायद मुझे वो सब करते देख लिया था!

कौन है वो?

फिर सोचा कोई भी हो, मुझे क्या करना… मैंने तो कुछ किया ही नहीं है… मैं किसी से क्यों डरूँ?

मेरी कहानी आपको कैसी लगी बताना ज़रूर।
आप बताओगे तो अपनी बाकी कहानी भी ज़रूर बताऊँगी।

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