दोस्तो,
मैं काफी समय से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ रही हूँ और अच्छा महसूस कर रही हूँ।
आज पहली बार अपना अनुभव आपके साथ बाँट रही हूँ।
मैं 24 साल की खूबसूरत सेक्सी बदन वाली लड़की हूँ। फिगर की बात करूँ तो मेरे गदराये हुए मम्मे किसी को भी पागल कर सकते हैं, चूतड़ भी आप कल्पना कर सकते हैं।
मुझे चुस्त कपड़े पहनना पसंद है जिनमें मेरी ब्रा और पैंटी अलग से दिखाई देती है।
बात है अब से करीब पाँच साल पहले की जब मैं स्नातक के बाद एक फैक्ट्री मैं अकाऊंट असिस्टैंट के पद पर काम कर रही थी।
मैं शुरू से थोड़े खुले विचारों वाली लड़की रही हूँ। सहेलियों के साथ गंदे मज़ाक करना, उनके बूब्स दबा देना, चूत पर हाथ मार देना या गांड में उंगली कर देना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
कभी जब मौका मिलता था तो मैं कंप्यूटर पर ऑनलाइन ब्लू फिल्म भी देख लिया करती थी।
ऑफ़िस में ब्लू फ़िल्म
एक दिन शनिवार की दोपहर मैं अपने ऑफिस में थी।
काम भी कम था और सैकिंड सैटरडे की वजह से काफी कम लोग आये थे।
मेरे ऑफिस में मेरे अलावा और कोई नहीं था।
अब यह तो सबको पता है कि ख़ाली दिमाग शैतान का घर होता है, मेरे दिमाग में भी कुछ और घूम रहा था।
मैंने एक पोर्न साईट खोलकर देखना शुरू कर दिया, जिसमे एक लड़की किचन में बैठकर चूत में उंगली डाल रही थी।
जैसे-जैसे मैं मूवी देख रही थी, वैसे-वैसे मुझे अजीब सा नशा चढ़ता जा रहा था।
फिर मैंने खुद को संभाला और मूवी बंद कर दी।
एक बार बाहर निकलकर देखा कि कोई आस-पास तो नहीं है, उसके बाद वापस आकर मैं बाथरूम में गई, स्कर्ट उठाकर अपनी पैंटी उतार दी और सूसू करने लगी।
दिमाग में वही लड़की थी जो अपनी चूत रगड़ रही थी।
सूसू करने के बाद मैंने पैंटी को ड्रॉअर में डाल दिया और वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गई और वही मूवी वापस चालू कर दी।
अब मैं बेफिक्र थी, आस-पास कोई नहीं था।
मेरी गर्म चूत
मूवी में लड़की को चूत सहलाते देखकर मेरी चूत में भी सनसनी सी होने लगी थी, पहले मैं स्कर्ट के ऊपर से चूत को सहला रही थी लेकिन चूत की आग भड़कती जा रही थी।
मैंने स्कर्ट को थोड़ा और ऊपर किया और चूत को ऊपर से मसलने लगी।
उंगली अभी भी चूत के आस-पास के बालों में उलझी हुई थी।
उस लड़की ने अब एक वाइब्रेटर ले लिया था जिसे वो अपने चूत के दाने पर रगड़ रही थी।
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मुझे भी अब कुछ चाहिए था चूत में डालने के लिए… सामने टेबल पर ही परमानेंट मारकर मिल गया।
यही था मेरी चूत का साथी जो मज़ा भी पूरा देता था और कोई डर भी नहीं।
अब तक चूत पूरी गीली हो चुकी थी, मारकर को गीला करने की ज़रूरत नहीं थी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि शायद लण्ड भी चला जाता लेकिन लण्ड लेने का अभी सोचा नहीं था।
मैंने धीरे-धीरे मारकर को अपनी चूत में सरका लिया और उससे अपनी चूत को चोदने लगी।
पूरा मारकर मेरी चूत में समा चुका था और मैं अब उसे उतनी ही तेज़ी से चूत में अंदर बाहर कर रही थी जितना वो लड़की अपनी चूत पर वाइब्रेटर!
दूसरे हाथ से अपने मस्त मम्मे को दबाते हुए निप्पल रगड़ रही थी।
नशा छा रहा था और बढ़ता ही जा रहा था।