ऑफिस में घोड़े जैसा बड़ा लोडा लिया

मैंने उसे पुकार कर कहा की ज़रा मेरी हेल्प कर दो. जब वो आया तो उसके शर्ट बहार थी पेंट से और उसकी बेल्ट खुली हुई थी. मैंने उसके लौड़े को देखते हुए पूछा सब ठीक तो हे ना? वो झेप गया और मैं कॉपी मशीन की तरफ मुहं कर के हसंने लगी.

वो धीरे से मेरे पीछे आ खड़ा हुआ. धीरे से मेरे करीब आ गया. उसका खड़ा हुआ लंड मेरी गांड में घुस रहा था जैसे. मैंने भी अपनी गांड को उसके लौड़े के उपर दबा दी.

उसने मुझे कमर से पकड के अपने पास खिंच लिया और अपना लौड़ा वो मेरी गांड के ऊपर रगड़ने लगा, उसके हाथ मेरे टॉप को खिंच के निचे करने लगे. अब मेरे चुंचे उसके हाथ में थे. वो उन्हें जोर जोर से दबा रहा था.

मैंने पलट के उसे चूमना चालू कर दिया. वो पागलों की तरह मेरे होंठो को चूस रहा था. उसकी जबान मेरी जबान से खेल रही थी. उसकी विशाल बॉडी मुझे दबोच रही थी. और ये सब में मुझे भी बहुत ही मजा आ रहा था.

धीरे से मेरे होंठो को छोड के वो चुन्ची की तरफ बढ़ा. उसने एक भूखे बच्चे की तरह मेरे चुचों को चुसना चालू कर दिया. वो उन्होंने मस्त चुस्ता गया. निपल्स को काटने भी लगा. हाय रे कितना प्लीजर फिलिंग हो रहा था मेरे को.

मैंने उसके सर अपने चुन्चो में दबा दिया उसने मुझे ऐसे उठा के साइड में टेबल पर लिटा दिया और पुरे जोर से अपने लौड़े को मेरी चूत पर रगड़ते हुए मेरे चुचें चूसने लगा. उसका एक हाथ मेरी स्कर्ट को खोलने में लगा हुआ था.

और मैं धीरे से उसकी ज़िप खोलके उसके लौड़े को निकाल रही थी. बाप रे उसका लंड तो गोधे के लौड़े जैसा था. अपनी चूत की हालत सोच के मैं एक मिनिट के लिए डर ही गई. पर मोटे लौड़े लेने का मज़ा कितना होता हे वो सोच के मेरी चूत गीलीं हो चुकी थी. उसकी एक ऊँगली अब मेरे दाने को सहला रही थी और मैं उसके बड़े लोडे को हिला रही थी. उसने इतनी जोर से मेरी पेंटी को निचे खिंचा की वो फट गई. पर सब कुछ भूल के वो बस मेरी चूत सहलाने में लगा था. मैं तो जैसे मजे से मरी जा रही थी.

यह कहानी भी पड़े  दो रंडियों को साथ में चोदा

झड़ने ही वाली थी की उसे दूर धकेल के निचे उतर कर मैंने उसके लोडे को अपने मुहं में ले लिया. और उसका लंड इतना बड़ा था की मेरे मुहं में पूरा आ नहीं रहा था. मैंने उसे जोर जोर से चाटना चालू कर दिया. खूब हिलाती खूब चाटती, सच में बड़ा मजा आ रहा थे इस बिग कोक को सक करने में.

वो भी अपनी गांड हिला हिला के मेरे मुहं को चोद रहा था. म्सिने उसके अन्डो को मुहं में ले लिया. वो मजे से चीख पड़ा और बोला, चाट लौड़े को और चाट मेरे अन्डो को साली छिनाल कितने दिनों से मुझे गरम कर रही थी आज तेरी चूत का चुतपुर कर दूंगा!

उसके मुहं से ये सब सुनके मुझे तो मजा आ रहा था. उसके लौड़े की नसें टाईट होने लगी थी. तो मैं समझ गई की वो झड़ने को हे. मैंने उसे कहा बोलो कहाँ निकालना हे अपने माल को. उसने मेरे बाल पकडे और अपने लौड़े मेरे मुहं में पूरा डाल के हिलाना चालू कर दिया. थोड़े ही धक्को में सारा माल निकल के मेरे मुहं को भरने लगा था. और मैंने उसके माल की एक एक बूंद को चाट लिया. उसने मुझे वापस टेबल के उअप्र लिटाया और मेरी चूत अपने मुहं में ले ली. मेरी मुनिया वैसे ही पानी पानी थी अब तो मैं पागल हो रही थी जैसे!

उसे अच्छी तरह से पता था की एक औरत की भूख को कैसे मिटाते हे. मैं चीखी जा रही थी वो अनसुना कर के मुझे चाटता रहा, और मेरे चूत के दाने को अपनी जबान से काट भी रहा था. मैं पुरे जोर से उसके मुहं में ही झड़ गई. वो सब पी गया. फिर उसने अपना लोडा मेरी चूत के मुहं पर रख के रगड़ना चालू कर दीया.

यह कहानी भी पड़े  गाओं की चंदा की कामुकता

मैं फिर से हिली होने लगी. मैं तैयार होती उसके पहले ही उसने पुरे जोर से अपना लोडा मेरी चूत में दे मारा. दर्द से मेरे तो आंसू निकल पड़े. पर उसने तो जैसे पागल हाथी की सवारी कर रखी थी. कुछ सुन ही नहीं रहा था ना ही वो मेरे पेन को देख रहा था.

बस चोदते जा रहा था. उसका एक एक झटका मेरी जान ले लेता था. थोड़ी देर बाद मेरी चूत ने उसके मोटे लोडे के लिए पूरी जगह बना ली. फिर क्या था हम दोनों पूरी रफ़्तार से चुदाई का मजा ले रहे थे. उसने मुझे गोद में बिठा लिया जिस से उसका लोडा मेरी चूत के अन्दर तक मारने लगा था. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे, और जोर जोर से चोदो, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आज अपने लंड से मेरी पुसी की भूख को मिटा दो. मैं चुदासी हो के उसे उकसा रही थी हार्ड फकिंग के लिए.

वो भी बोला, ले छिनाल ले मेरे घोड़ी को अपनी चूत में डलवा ले और भोसड़ा बनवा ले तेरी चूत का!

मैंने उचक उचक के चुद रही थी.

वो बोला, मेरा वीर्य छूटेगा, कहा लेना हे तुझे छिनाल.

मैंने कहा, अपने लोडे का पानी मेरी चूत को पिला दे बहुत गर्मी हो रखी हे उसके अन्दर.

और फिर कुछ ही पलों में हम दोनों एक साथ ही झड़ गए. उसके लंड से बहुत सारा पानी निकला और मेरी चूत भर गई.

कुछ देर हम एक दुसरे से चिपक के लेटे रहे. और फिर उसका लंड फिर से खड़ा हो गया, अब की उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से अपना घोड़े जैसा बड़ा लंड मेरी चूत में डाला. गर्मी और चुदाई की गर्मी की वजह से हम दोनों पानी पानी हो गए थे.

उसने मुझे घोड़ी बना के चोदा और बोला, आज रात को घर नहीं जाने दूंगा तुझे छिनाल. रात भर यही ऑफिस में तू मेरी रंडी बनी रहेगी. सुबह में जल्दी घर जायेंगे.

मेरे इरादे भी कुछ ऐसे ही थे!!!!

Pages: 1 2



error: Content is protected !!