अब बेकाबू होने की मेरी बारी थी, खुद पर नियंत्रण करना सम्भव ही नहीं रहा, मैंने सुनीता को लिटा कर सवारी कर ली। कभी उसकी गर्दन पर.. जीभ से प्यार किया.. कभी उसकी गोलाइयों को दांतों से.. होंठों से.. हाथों से मसला.. किस किया.. हौले से दबाया और अपने हरिबाबू को उसकी योनि छिद्र पर रख दिया और दबाव दे दिया।
बस इतने से ही उसके होश उड़ने लगे।
मैंने देखा कि सुनीता के चेहरे पर एक डर का सा भाव आ गया था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने अपने लिंग को सुनीता के योनि मुँह से हटाया और उससे डर का पूछा।
सुनीता ने ज़वाब दिया- आपने जैली नहीं लगाई है.. मुझको बहुत दर्द होगा। आपका साइज़ तो मेरे पति से भी अधिक है।
मैंने उसको समझाया- तुम्हारी चूत खुद इतनी गीली है कि जैली की ज़रूरत ही नहीं है, बस थोड़ा सहन कर लेना।
उसने कुछ नहीं कहा.. पर ‘मौनम स्वीकृति लक्षणम्’ के सिद्धांत पर मैंने फिर से अपने हरिबाबू को उसकी पूसी के ऊपर रख कर दबाव डाला.. तो लगभग आधा लिंग बिना किसी परेशानी के अन्दर घुस गया।
उसकी चूत बहुत गीली थी.. कोई परेशानी नहीं हुई.. न उसको.. न मुझको।
फिर थोड़ा सा बाहर निकाल कर अगले दबाव के साथ हरिप्रसाद पूरा अन्दर हो गया।
‘धीरे-धीरे करना…’ सुनीता ने मेरे कान में कहा और मैंने शुरू में धीरे-धीरे ही किया।
कुछ शायद दो-तीन मिनट्स में ही सुनीता ने सीत्कार भरी और मुझको ज़ोर से पकड़ लिया.. वो झड़ गई।
अभी मेरा काम-तमाम नहीं हुआ था.. मैंने अन्दर-बाहर का सफ़र चालू रखा।
कुछ झटकों के बाद फिर सुनीता की योनि तैयार हो गई।
कुछ देर के बाद मैंने सुनीता के पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और अब पूरा का पूरा हरिबाबू अन्दर जा रहा था।
अन्दर जाने के बाद मुझको साफ़ महसूस हो रहा था कि हरिप्रसाद सुनीता के गर्भाशय पर चोट कर रहा था। इस एहसास ने मुझमें अतुलनीय संचार कर दिया और कुछ मिनट के बाद मैंने अपने अपने वीर्य सुनीता के अन्दर ही खाली कर दिया।
कुछ देर ही पड़े रहे.. फिर मैं ऊपर से उठ कर सुनीता के बाज़ू में लेट गया।
वासना का भूत उतर जाने के बाद सुनीता भी मुझसे लिपट कर लेटी रही।
फिर उसकी आँखों में आंसू आ गए, उसने मुझसे कहा- सर शादी के बाद आज पहली बार मुझको सम्बन्ध बनाने में न तो दर्द हुआ और न ही डर लगा। आपको थैंक यू..
दोस्तो, मेरी शादी-शुदा ज़िंदगी का यह न तो पहला.. और न ही आखिरी सम्बन्ध था.. पर यह है कि इसके बाद मैंने सुनीता के साथ कई बार सम्बन्ध बनाए। हर सम्बन्ध में मेरा प्रयास रहा कि फीमेल पार्टनर को पूरा सुख और संतोष मिले।
यदि कोई मुझसे बात करना चाहे तो मुझे ईमेल कर सकता है।
कहानी अच्छी या बुरी कुछ भी लग सकती है.. यदि आप मेरी ईमेल पर अपनी प्रतिक्रिया दें.. तो मेहरबानी।