मनोज अपने डेस्क पे काम कर रहा है. तभी दीक्षा, जो नयी ज़ोइनी है, एंटर करती है. उसका स्टाइल काफ़ी फॅशनबल है – सिल्की टाइट शर्ट जो उसकी कुवर्व्स को हाइलाइट कर रही थी, और टाइट फिटिंग पॅंट्स.
मनोज (अपने आप से) (तोड़ा मुस्कुराते हुए): ये क्या चीज़ है भाई! न्यू फेस नही, पूरा बॉम्ब है (दीक्षा अपने डेस्क तक जाती है, जो मनोज के डेस्क के पास है.).
दीक्षा: ही, मैं दीक्षा, नयी जाय्न की हू. अभी से यहाँ काम कर रही हू.
मनोज: ही दीक्षा. वेलकम (मनोज फिर अपने कंप्यूटर की तरफ देख के काम करने लगता है. लेकिन तोड़ा सा उसका ध्यान दीक्षा पर भी है.)
ऑफीस ऑलमोस्ट एंप्टी हो चुका था. दीक्षा अपना स्टफ पॅक कर रही होती है. मनोज अपने डेस्क पे काम कर रहा होता है.
मनोज: तो दीक्षा, ऑफीस कैसा लगा पहला दिन?
दीक्षा: अछा है. हे, मुझे तोड़ा हेल्प चाहिए. अगर आप टाइम दे सके तो?
मनोज: ऑफ कोर्स, क्या चाहिए मदद?
दीक्षा: बस, तोड़ा ऑफीस के डाइनमिक्स समझने में मदद चाहिए. कुछ टिप्स दे सकते हो?
मनोज: शुवर, मैं मदद कर सकता हू. तुम जल्दी समझ जाओगी.
दीक्षा: थॅंक्स, मनोज. आपको देख के लगता है आप सब समझते हो यहाँ.
मनोज: कुछ ख़ास नही. बस काम कर रहा हू.
दीक्षा: कुछ ख़ास नही? लगता है तुम यहाँ के ‘गो-तो गाइ’ हो.
मनोज: तुम समझ जाओगे, यहाँ सब का अपना रोल है.
कुछ दिन बाद- लंच ब्रेक में, मनोज ने अपना चान्स लिया.
मनोज (सॉफ्ट्ली, फ्लर्टेशस्ली): दीक्षा, तुम्हारे जैसे इंटेलिजेंट और ब्यूटिफुल लड़की को देख कर, मैं अपने आपको लकी फील करता हू.
दीक्षा (पज़िंग, सर्प्राइज़्ड): क्या? ये तो नया है!
मनोज (कॉन्फिडेंट्ली, लीनिंग फॉर्वर्ड): जब कोई इतनी स्मार्ट और अट्रॅक्टिव हो, तो उसे प्रेज़ करना तो बनता है.
दीक्षा (स्माइलिंग, शेकिंग हेर हेड): स्टॉप इट, मनोज. आप बहुत ओवर कर रहे हो.
मनोज (स्माइलिंग मिस्चेवस्ली): ओवर? बिल्कुल नही. तुम खुद भी जानती हो की मैं सच कह रहा हू.
दीक्षा तोड़ा सर्प्राइज़्ड हो जाती है उसके चर्म से. लेकिन वो जल्दी से अपनी मुस्कान के साथ उसे इग्नोर करती है, और वहाँ से चली जाती है.
ऑफीस फंक्षन दे-
लॅविश ऑफीस हॉल में लोग बातें कर रहे है, और इवेंट का मज़ा ले रहे है. डिकॉर फेस्टिव है, बेलून्स और लाइट्स से सजता हुआ.
दीक्षा ने एक सिल्क फॉर्म-फिटिंग गोलडेन ड्रेस पहनी है, वित आ डीप व-नेक और पतली स्ट्रॅप्स. उसने हाइ-हील्ड रेड शूस और उसने बोल्ड रेड लिपस्टिक लगा रखी है. उसका बाल लूस, वल्यूमिनस वेव्स में स्टाइल्ड है.
दीक्षा कॉलीग्स के साथ बात कर रही थी, हास रही थी, अपनी ड्रेस अड्जस्ट कर रही थी. बिल्कुल रेडियंट लग रही थी. उसकी नज़र मनोज पर पड़ती है, जो डोर से उसे देख रहा होता है. उनकी आँखें एक छ्होटे से पल में मिलती है.
दीक्षा मुस्कुराती है, और अपने चेहरे को तोड़ा मोड़ करके वहाँ से चली जाती है. मनोज गहरी साँस लेता है, अपने आप को मेंटली प्रिपेर करता है.
मनोज (मॅन में): आज नही तो कभी नही!
हे वॉक्स ओवर तो हेर, और जैसे ही वो उसके पास पहुँचता है, थे ड्ज अनाउन्सस-
ड्ज (थ्रू मिक): आज रात, हमारे ऑफीस फंक्षन की स्पेशल पर्फॉर्मेन्स के लिए, लेट’स गेट तीस पार्टी स्टार्टेड!
आंड नाउ, जॅज़ का बीट ज़ोर से बजने लगता है, और भीड़ क्रेज़ी हो जाती है. मनोज, तोड़ा हेज़िटेंट, लेकिन अपने कॉन्फिडेन्स के साथ, दीक्षा की तरफ आयेज बढ़ता है. उसने अपनी स्माइल के साथ दीक्षा को देखा, और कहा-
मनोज: चलो दीक्षा, डॅन्स करते है!
दीक्षा पहले तोड़ा नर्वस थी. वो अपना हाथ मनोज की तरफ बढ़ती है, और मनोज ने उसे एक झटके में अपने पास खींच लिया. वो उसका हाथ पकड़ता है, और दोनो डॅन्स फ्लोर के सेंटर में जेया कर खड़े हो जाते है. जैसे ही म्यूज़िक का बीट तेज़ होता गया, मनोज ने दीक्षा के पास स्लोली आयेज बढ़ते हुए स्टेप्स लिए.
म्यूज़िक के तेज़ बीट्स पे मनोज ने दीक्षा के साथ स्विंग शुरू किया—एक हाथ उसकी कमर पे, दूसरा उसका हाथ पकड़ के. दीक्षा भी जोश में आ गयी. वो अपने हिप्स को शेक करते हुए मनोज के साथ ताल मिलने लगी. मनोज दीक्षा को स्पिन करता है. फिर मनोज दीक्षा का हाथ उठता है, और उसे अपनी तरफ खींचता है.
मनोज दीक्षा को कार्टवील्स, फ्लिप्स देते हुए उसके एक हाथ को पकड़ कर से फर्श से कुछ इंच उपर से दो बार गोल घूमता है. फिर एक स्पिन करवा के उसको छ्चोढ़ दिया. दीक्षा स्पिन करते हुए आयेज गयी, और अपने आप को बॅलेन्स करते हुए रुक गयी.
मनोज भागते हुए दीक्षा के पास जाता है. फिर दोनो ने स्विंगिंग आर्म्स आंड किक्किंग लेग्स किया. उनका हर स्टेप फास्ट और रिदमिक होता है. दीक्षा एक एलिगेंट सीरीस ऑफ टर्न्स और ट्वर्ल्स एक्सेक्यूट करती है. फिर वो टॅंगो-इन्स्पाइयर्ड होल्ड, अपनी बॉडी को क्लोज़ रखते हुए करती है. मनोज और दीक्षा हाइ किक्स पर्फॉर्म करते है. उनकी लेग्स एर में हाइ हो जाती है.
मनोज अपने जॅज़ हॅंड्ज़ का उसे करता है. उसने दीक्षा को फिर से स्पिन करवाया. उसके बाद मनोज ने दीक्षा को स्पिन करते हुए उपर फेंक दिया. मनोज ने दीक्षा को कार्टवील्स, फ्लिप्स देते हुए दीक्षा को हवा में अपने कंडे पर उठाया, और गोल घूमते हुए लिफ्ट करता है.
दीक्षा आर्म्स और लेग्स को ग्रेस्फुली स्ट्रेच करती है वाइल बीयिंग लिफ्टेड. मनोज लिफ्ट को ड्रमॅटिक दीप से दीक्षा को पीछे से घूमते हुए अपनी टाँगों से निकालता है. जब डॅन्स का मोमेंट अपने पीक पर होता है, मनोज की स्ट्रेंत से वो स्पिन एफर्टलेस्ली करता है. वो दीक्षा को घूमता है और फिर हवा में उछालता है.
दीक्षा का चेहरा एक एग्ज़ाइट्मेंट और सर्प्राइज़ से भरा होता है, और फिर मनोज ने उसे कॅच करता है. मनोज दीक्षा को पीछे से घूमते हुए वापस लेके आता है. वाउ! क्या मोमेंट बन गया. दीक्षा, लिफ्ट होने पर, तोड़ा शॉक हो जाती है, लेकिन वो काफ़ी एंजाय करती है. वो हासणे लगती है. मनोज चीकी स्माइल के साथ उसका फेस अब दीक्षा के पास है. मनोज झुक जाता है, और मनोज दीक्षा की आँखों में देखता है, और फिर उसकी लिप्स के पास अपना फेस लाता है और एक टाइट किस करता है.
ये किस इनटेन्स और पॅशनेट होता है. उनके डॅन्स के फाइनल स्टेप का एक पर्फेक्ट क्लाइमॅक्स. दीक्षा इनिशियली सर्प्राइज़्ड होती है. लेकिन फिर वो अपने एमोशन्स को फुल इंटेन्सिटी से रेसिप्रकेट करती है. सब लोग तालियाँ मार रहे थे, और पार्टी का माहौल एक-दूं लाइव्ली हो गया था.
दीक्षा को फील हुआ की ऑफीस में नये कॉलीग्स के साथ मज़ा भी आता है, और वो डॅन्स मोमेंट पूरी पार्टी का हाइलाइट बन गया. इस डॅन्स के बाद दीक्षा ने सोचा, ये तो एक-दूं अमेज़िंग एक्सपीरियेन्स था.
एक कोलीग (हस्स कर): अर्रे, मनोज, तूने तो दीक्षा को पूरा नाचा दिया!
दूसरा कोलीग (टीज़िंग): और क्या! क्या किस किया तूने! बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में!
तीसरा कोलीग (मिस्चेवस्ली): ये तो नया है! लगता है ऑफीस का एन्वाइरन्मेंट भी चेंज हो गया!
दीक्षा डॅन्स के बाद काफ़ी खुश होती है. उसका चेहरा चमक रहा होता है, और वो मनोज के पास जेया कर उससे बोलती है-
दीक्षा (स्माइलिंग, एग्ज़ाइटेड्ली): मनोज, तुमने तो कमाल कर दिया! तुम्हारा डॅन्स बिल्कुल पर्फेक्ट था, मज़ा आ गया! तुम्हारे मूव्स काफ़ी इंप्रेस्सिव थे!
मनोज (तोड़ा सर्प्राइज़्ड, स्माइलिंग): थॅंक्स, दीक्षा! तुम भी अची थी!
दीक्षा तोड़ा और खुश हो कर उससे और बात करने लगती है, लेकिन फिर ऑफीस के कॉलीग्स की गॉसिप सुन कर उसका चेहरा तोड़ा बदल जाता है.
दूसरा कोलीग (टीज़िंग टोने में): लगता है मनोज को फुल कंट्रोल मिल गया दीक्षा के साथ. क्या बात है!
दीक्षा ये सुन कर तोड़ा अनकंफर्टबल हो जाती है. उसका चेहरा पहले जैसा ब्राइट और हॅपी नही रह पाता. वो अपने आपको तोड़ा ऑक्वर्ड महसूस करती है, और उसका कॉन्फिडेन्स तोड़ा ब्रेक हो जाता है.
दीक्षा (अपने आप से): मुझे ये सब नही चाहिए था. क्या कर दिया मैने?
पार्टी ख़तम होने के बाद, सब लोग एक-एक करके अपनी कार्स में चल पड़ते है. दीक्षा को अपनी कॅब का इंतेज़ार करते हुए तोड़ा वक़्त हो गया था. लेकिन कोई भी कॅब नही मिल रही थी. सब लोग देख कर तोड़ा टीज़िंग मूड में बोलते है.
एक कोलीग (हस्स कर): दीक्षा, कैसे जाओगी? मनोज के साथ ही जेया लो, उसकी कार में.
दूसरा कोलीग (छ्होटी सी मुस्कान के साथ): हा, वही बेस्ट ऑप्षन लग रहा है, दीक्षा.
दीक्षा तोड़ा ऑक्वर्ड महसूस करती है. लेकिन फिर वो हेसिटेशन के साथ मनोज की तरफ देखती है. मनोज तोड़ा कॉन्फिडेंट हो कर बोलता है.
मनोज (स्माइलिंग): दीक्षा, कोई टेन्षन नही. तुम मेरे साथ आ सकती हो. मैं तुम्हे घर ड्रॉप कर दूँगा.
दीक्षा तोड़ा हेज़िटेंट होती है, लेकिन फिर वो सिचुयेशन को समझ कर अपनी शाइनेस को साइड में रखती है. वो बोलती है-
दीक्षा (ऑक्वर्ड्ली, स्माइल के साथ): ठीक है, मनोज. थॅंक्स!
मनोज कार का डोर खोलता है, और दीक्षा को अंदर बैठने के लिए कहता है. दीक्षा तोड़ा नर्वस थी. लेकिन वो कार में बैठती है, और दोनो सीटबेल्ट लगा कर निकल पड़ते है. कार में बैठते ही चल पड़ते है, लेकिन थोड़ी देर बाद कार में कुछ टेक्निकल प्राब्लम आ जाती है. मनोज की कार बंद होती है, और मनोज एंजिन के साथ कुछ चेक करने लगता है.
मनोज (फ्रस्टरेटेड, कार के बॉनेट को देखते हुए): ये क्या हो गया? लगता है कुछ इश्यू है. कोई मेकॅनिक नज़र नही आ रहा.
दीक्षा (नर्वस): क्या? तो अब क्या करेंगे? इतनी रात हो गयी है, और ये कहाँ आ गये हम?
मनोज (तोड़ा काम हो कर): पहले तो चिल कर, सब ठीक हो जाएगा. एक होटेल मिलेगा तोड़ा आयेज.
दोनो कार से निकल कर वॉक करने लगते है. थोड़ी देर बाद एक स्माल होटेल दिखाई देता है. रात हो गयी थी, और कोई और ऑप्षन नही था, तो दोनो होटेल के रिसेप्षन पर जाके रूम बुक करते है. होटेल का रूम तोड़ा बेसिक होता है, लेकिन दोनो के पास कोई और चाय्स नही थी.
रात का वक़्त था और होटेल की रोशनी कम थी, जो रूम को तोड़ा रोमॅंटिक और कोज़ी बना रही थी. होटेल रूम में दोनो तोड़ा ऑक्वर्ड फील कर रहे होते है. दीक्षा बेड के पास खड़ी रहती है, और मनोज तोड़ा हेसिटेशन के साथ डोर बंद करता है. वो दोनो एक-दूसरे से तोड़ा डिस्टेन्स मेनटेन करते है.
तोड़ा अनकंफर्टबल साइलेन्स होता है. मनोज अपनी जॅकेट को उतारता है. दोनो थोड़ी देर के लिए साइलेन्स में रहते है. फिर मनोज का अटेन्षन दीक्षा की तरफ चला जाता है.
“चलो तोड़ा रिलॅक्स हो जाते है,” मनोज ने कहा और ड्रिंक्स ऑर्डर की. दीक्षा तोड़ा सोच कर, फिर हा कहती है. दोनो ने एक ड्रिंक ली, और मनोज धीरे से उससे बात करता है, “तुम तोड़ा रिलॅक्स्ड फील कर रही हो?”
दीक्षा: हा, तोड़ा.
दीक्षा, जो पहले तोड़ा अनकंफर्टबल थी, ड्रिंक्स के बाद तोड़ा ज़्यादा रिलॅक्स्ड महसूस कर रही थी.
वो बोली: मैं सोने जेया रही हू.
दीक्षा अपनी सीट से उठ कर बेड की तरफ बढ़ती हुई. मनोज ने तोड़ा पॉज़ करके उसे देखा. फिर धीरे से बोला-
मनोज: दीक्षा, एक मिनिट.
मनोज धीरे से उसके करीब आता है, और अपने हाथ से उसका चेहरा सॉफ्ट्ली टच करता है. फिर मनोज ने अपने लिप्स को उसके कान के पास रखा, और उससे सॉफ्ट्ली विस्पर किया-
मनोज: तुम बिल्कुल पर्फेक्ट हो.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.