ही, मेरा नाम रुबीना है, आंड मैं देसी कहानी की काफ़ी पुरानी और डेली रीडर हू. मेरी आगे 27 है, आंड मैं देल्ही से बिलॉंग करती हू. मेरी स्टोरी मेरे फॅवुरेट टीवी शो तारक मेहता की बहुत बढ़िया फॅंटॅस्टिक स्टोरी है. वैसे आपने स्टोरीस ट्ंकॉक और काई अलग-अलग नाम से पढ़ी होंगी. लेकिन ये तोड़ा अलग है. तो शुरू करते है.
दया इस समय आमेडबॅड गयी हुई है. जेता, बापू जी आंड टप्पू घर पे काफ़ी टाइम से अकेले है, और परेशन हो गये है तिफ्फ़िं खा-खा कर. वो दुकान पर जाता है, और वाहा बगहा से कहता है-
जेता: बगहा हम लोग घर पे रोज़ तिफ्फ़िं का खाना खा कर तक गये है. कुछ कर.
बगहा बोलता है: सेठ जी तिफ्फ़िं ना माँगा कर भोजनालया पे आ जया करो.
जेता गुस्सा में बोलता है: बगहा!
बगहा: अर्रे मैं तो मज़ाक कर रहा था. आप बताओ सेठ जी मैं क्या करू? मेरे लायक काम बताओ.
जेता बोला: ऐसे कर कोई घर पे खाना बनाना वाला ढूँढ. वही रोज़ बना दिया करेगा ताज़ा-ताज़ा.
बगहा बोला: ठीक है सेठ जी. मैं अभी फोन करके पूछता हू. आप गोडोवन् में जाओ और आराम करो.
जेता गोडोवन् में आता है और बोलता है: दया अब आ भी जेया, कब तक मूठ मारु? छूट भी मारनी है.
थोड़ी देर बाद बगहा आता है, और बोलता है: सेठ जी खाना बनाने का इंतेज़ां हो गया. वो एक लेडी है, और वो थोड़ी देर में आ जाएँगी.
जेता ने ओक बोला, और चेर पे आराम से बैठ गया. थोड़ी देर बाद बगहा आता है, और जेता से कहता है-
बगहा: सेठ जी, ये आ गयी जो आपके घर पे खाना बनाएगी. मैं चलता हू दुकान पर. आप आराम से बात करो.
जेता ने देखा तो वो 28-30 साल की लड़की थी, बबिता जी से भी सुंदर. उसने सारी पहनी थी, और ब्लाउस डीप गले का था. उसने नमस्ते कहा, और जेता ने जवाब दिया और बोला आपका नाम क्या है? उसका नाम रेखा था.
वो बोली: आप मत बोलो सेठ जी, तुम या रेखा बोलो अपना-पन्न लगता है.
जेता ने सोचा बड़ी मॉडर्न थी वो तो और बोला: तुम बताओ सब अपने बारे में.
उसने बोला: मैं डिवोर्स्ड हू. मैं नागपुर की हू, और डाइवोर्स का बाद मुंबई आ गयी. मेरी आगे 38 है.
जेता ने सोचा इसका फिगर कमाल है.
वो बोली: आपके घर का खाना बर्तन सब करूँगी. पहले जहा रहती थी, वो लोग 1 महीने पहले अमेरिका चले गये. वो लोग 10 हज़ार देते थे और खाना. आप जो चाहो दे देना. कम भी चलेगा. काम नही है मेरे पास. मकान का भाड़ा देना पड़ता है.
जेता ने बोला: कम नही तुम 12 हज़ार लेना. लेकिन टाइम और काम में कोई शिकायत नही होनी चाहिए.
वो बोली: काम में कोई शिकायत नही होगी.
जेता ने ओक कहा.
फिर वो बोली: आप घर पे 3 लोग हो. भाभी जी कहा है?
जेता ने कहा: वो आमेडबॅड गयी है. 3 साल से वही है. कभी कही जाती है, कभी कही, अपनी मा के साथ.
उसने बड़ी धीमी आवाज़ में कहा: तो छूट किसकी मारते हो? रंडी की, या मूठ से काम चलता है?
जेता ने कहा: आवाज़ नही आई (लेकिन उसने सुन ली थी).
वो बोली: कुछ नही सिर जी. सेठ जी मैं आपका पूरा ध्यान रखूँगी नाश्ता से लंच का, और डिन्नर का भी. और अगर आप कहो तो उसके बाद का भी.
फिर वो शर्मा गयी. जेता भी हल्के से हस्सा, पर कुछ बोला नही.
उसने कहा: मैं कल आपके घर आ जौंगी. बता देना आप घर में 7 बजे अवँगी.
जेता ने कहा: मैं 9 बजे उठता हू. लेकिन बापू जी उठ जाते है आ जाना कोई नही.
वो बोली: आप अपना नंबर दे दो.
और उसने बिना पूछे जेता का मोबाइल उठा लिया, और अपने नंबर पे कॉल करी. जेता ने देखा की उसका फोन उसके ब्लाउस के अंदर था.
जेता हस्सा और बोला: आज तक यहा पैसे रखते देखा है. आज मोबाइल भी देख लिया.
और वो दोनो हस्स पड़े. वैसे रेखा के पास मोबाइल काफ़ी महँगा था. रेखा ने जेता के मोबाइल में अपना नंबर रेखा के नाम से सवे किया, और रेखा ने अपने में सेठ जी के नाम से. फिर रेखा ने जेता का फोन ग़लती से ब्लाउस में डाल लिया, और खुद का टेबल पर छ्चोढ़ गयी.
फिर वो बोली: चलती हू.
तभी जेता को फोन का ध्यान आया, और वो बोला: फोन तो डेडॉ.
रेखा ने पलट के बड़ी प्यारी नज़र से देखा और बोली: मेरे पास नही है.
फिर उसने अपने फोन देखा तो बोली: लो, मैं अपना छ्चोढ़ के जेया रही थी.
फिर वो अपने अंदर रखा मोबाइल बाहर निकालने लगी, और जेता को बोली: सेठ जी, मोबाइल ग़लती से अंदर रख लिया आपका.
मोबाइल अब काफ़ी अंदर था. उसने जान कर बोला-
रेखा: सेठ जी मेरा हाथ नही जेया रहा. बड़ा टाइट है, आप निकालना ज़रा.
जेता सोच में पद गया.
फिर वो बोली: निकालो ना.
जेता न्स आयेज बढ़ कर उसके ब्लाउस में हाथ डाला, और मोबाइल निकालने लगा. करीब 3 साल बाद किसी के बूब्स च्छुए थे उसने. बड़ा अछा लगा जेता को. उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया. रेखा ने देख लिया, और वो ऐसा ही चाहती थी.
उसने हल्के से कमर पीछे की, और मोबाइल तोड़ा और अंदर चला गया. जेता का हाथ अब दोनो बूब्स के बीच में था. लेकिन मोबाइल बूब्स के उपर.
फिर रेखा बोली: सिर यही पास में है मोबाइल.
जेता को बड़ा अजीब लगा. लेकिन क्या करता उसका हाथ नही जेया रहा था. फिर रेखा ने बाहर से जेता का हाथ पकड़ा, और अपने बूब्स पे रख दिया. वो भी दूसरे बूब पे जहा मोबाइल नही था. अब वो जेता का हाथ अपने हाथ से दबाना लगी.
बड़ा मज़ा आ रहा था जेता को. फिर रेखा ने अपना दूसरा हाथ जेता के लंड पे रखा, जो पहले ही खड़ा था. वो उसे मसालने लगी. जेता कुछ नही बोला, और मज़ा लेना लगा. वो जेता के पास आई और उसके होंठ चूसने लगी.
जेता से भी कहा रुका गया. 3 साल की आग लगी थी. उसने भी होंठ चूसना चालू कर दिया, और मोबाइल गया तेल लेने. अब रेखा ने मोबाइल तो खुद निकाल दिया स्टाइल से, और जेता का दूसरा हाथ दूसरे बूब पे दबाने लगी. उसने अपना ब्लाउस और ब्रा खोल दी, आंड हम दोनो साइड में हो गये फ्रिड्ज की, जिससे कोई आ जाए तो पता ना चले.
रेखा ने जेता के होंठ चूसने बंद किए, और उसके मूह को उसके बूब्स पे रख दिया. जेता ज़ोर-ज़ोर से बूब्स चूसने लगा. वो अपने होश खो चुका था. रेखा का एक हाथ जेता के सर पे था, जो सर को बूब्स पे दबा रहा था. दूसरा हाथ उसके लंड पे था. जेता का भी एक हाथ उसके बूब पे, और दूसरा उसकी छूट पे था.
बड़ा मज़ा आ रहा था दोनो को. कुछ देर बाद ऐसे ही रेखा झाड़ गयी पनटी में, और जेता का भी मामला पूरा था. वो समझ गयी और जेता की पंत की ज़िप खोली और लंड बाहर निकाला. फिर नीचे बैठ कर चूसने लगी.
जेता तो जन्नत में था. कुछ देर बाद उसका माल झाड़ गया रेखा के मूह में और वो सतक गयी. उसने जेता का लंड सही से छाता, और ज़िप लगा दी. जेता की आइज़ अभी भी बंद थी. वो खड़ी हुई और अपने कपड़े पहने. फिर टाय्लेट में जेया कर फ्रेश हुई. जेता अब भी वही खड़ा था आइज़ बंद करके.
फिर वो जेता के पास आई, और उसके कान में बोली: सेठ जी, 3 साल की प्यास, और काम, और टाइमिंग सही लगी ना?
जेता हड़बड़ा गया और बोला: क्या बोली?
रेखा: अब तो नौकरी पक्की?
जेता ने पता नही क्यूँ, लेकिन उसे अपनी तरफ खींचा, और एक ज़ोरदार स्मूच किया, और बोला: पक्की क्या पर्मनेंट. मुझे इतना मज़ा आया पूछो मत. रेखा तू अब मेरी रंडी है समझी? मैं अब तेरी रोज़ चुदाई करूँगा नये-नये स्टाइल में.
रेखा: कोई दिक्कत नही मलिक.
जेता और वो दोनो हस्स पड़े.
वो बोली: अब मैं चलती हू. ऐसे ही आपकी सेवा और कम करती रहूंगी. बस भूलना मत आप. कल मिलते है
आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में, की कैसे रेखा ने गोकुलधाम की लॅडीस को जेता का लंड चखाया.
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